*करवा चौथ यानी सुहाग का दिन, एक दूसरे का साथ निभाने का दिन, पत्नि का ख्याल रखने का दिन* *रिपोर्टर पवन मेहर भैंसरोड़गढ़* भैंसरोड़गढ़ पंचायत समिति के सहायक विकास अधिकारी धर्म सिंह पॅवार की सगाई श्रीमती चंचल से वर्ष 2005 के श्रावन माह मैं हुई। शादी नहीं होने पर भी श्रीमती चंचल पॅवार को उनकी मोसी द्वारा करवा चौथ का व्रत रखने हेतु प्रेरित किया। यह बात उन्होने श्री पॅवार को फोन पर बताई तो श्री पंवार ने कहा कि क्या पत्नि ही पति के लिये करवाचौथ का व्रत रख सकती है पति नही। इस पर उन्होने कहा दोनो रख सकते है। फिर क्या दोनो ने फोन पर ही करवाचौथ का व्रत रखने की सहमति लेकर 2005 से ही करवाचौथ का व्रत रखने का संकल्प लिया ओर शुरू हुआ व्रत। श्री पंवार पहले ग्राम विकास अधिकारी होने से दिनभर क्षैत्र भ्रमण के कारण निर्जल रहकर व्रत रखना उन्हे बहुत कठिन लगा पंरतु करवाचौथ के व्रत की पावनता कहे या माताजी का आशीर्वाद दिनभर दौड धूप के बाद भी व्रत सकुशल पूरा हुआ। ओर दोनो ने चन्द्रमा के दर्शन के बाद वीडियो काल करके अपना व्रत पुरा किया। 2006 मे भी यही सिलसिला चला। फिर क्या वह घडी भी आई ओर 2007 मे 25 नवंबर को दोनों दांपत्य जीवन मे बंधे। दोनो का शुभ विवाह हुआ। ओर 2008 मे जब पहला करवाचौथ का व्रत दोनो ने एक साथ किया तो करवाचौथ के दिन श्री पंवार घर के काम मे भी सहयोग करके अपनी पत्नि का हौसला बढाया। 2010 मे जब श्रीमती चंचल पॅवार गर्भवती हुई तो घर वालों और सभी की ज़िद्द की वजह से उन्होंने करवा चौथ का व्रत तो रखा परंतु घर वालों के दबाव की वजह से निर्जला व्रत नहीं रख सकी। निर्जला व्रत नहीं रखने के कारण ही उनके पति ने निर्जला व्रत करने का संकल्प लिया पुरा ओर स्वयं निर्जल रहकर व्रत रखकर उनका सहयोग किया। और उन्होंने उनके लिए निर्जला व्रत रखना प्रारंभ किया। वर्ष 2010 में जो सिलसिला चला वह आज तक लगातार चला आ रहा है। श्रीमती चंचल पॅवार एवं उनके पति श्री धर्म सिंह पॅवार द्वारा करवाचौथ पर निर्जला व्रत रखकर एक दूसरे का सहयोग कर व्रत रखते हैं। दोनो करवाचौथ के दिन घर का सारा काम मिलजुलकर करते है। क्योंकि पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए है। एक सिक्के के दो पहलु होते हैं एवं परिवार में पति-पत्नी के सहयोग,समर्पण और समर्थन के बिना खुशियां नहीं आ सकती है। हर वर्ष करवाचौथ पर पति पत्नि सायंकाल को घर के कामो मे अपना बराबर-बराबर योगदान देते है ओर व्रत का संकल्प चन्द्रमा के दर्शन करके एक दुसरे को करवे से जल पिलाकर व्रत पुरा करते है। हर वर्ष जब श्रीमति चंचल जब करवाचौथ की तैयारी के लिये जब हाथो पर मेहन्दी लगाती है तो भी उनके पति ही उन्हे करवाचौथ की पूर्व सन्ध्या पर अपने हाथो से खाना खिलाते है। 2024 में श्रीमति चंचल पंवार का जब आपरेशन हुआ तो चिकित्सक ने 3 यूनिट रक्त की आवश्यकता बताई तो सबसे पहले उनके पति श्री पॅवार द्वारा एक यूनिट रक्त का रक्तदान करके अपना पतिधर्म निभाया। श्रीमति चंचल पॅवार हर माह की चौथ को भी चौथमाता का व्रत रखती है।
*करवा चौथ यानी सुहाग का दिन, एक दूसरे का साथ निभाने का दिन, पत्नि का ख्याल रखने का दिन* *रिपोर्टर पवन मेहर भैंसरोड़गढ़* भैंसरोड़गढ़ पंचायत समिति के सहायक विकास अधिकारी धर्म सिंह पॅवार की सगाई श्रीमती चंचल से वर्ष 2005 के श्रावन माह मैं हुई। शादी नहीं होने पर भी श्रीमती चंचल पॅवार को उनकी मोसी द्वारा करवा चौथ का व्रत रखने हेतु प्रेरित किया। यह बात उन्होने श्री पॅवार को फोन पर बताई तो श्री पंवार ने कहा कि क्या पत्नि ही पति के लिये करवाचौथ का व्रत रख सकती है पति नही। इस पर उन्होने कहा दोनो रख सकते है। फिर क्या दोनो ने फोन पर ही करवाचौथ का व्रत रखने की सहमति लेकर 2005 से ही करवाचौथ का व्रत रखने का संकल्प लिया ओर शुरू हुआ व्रत। श्री पंवार पहले ग्राम विकास अधिकारी होने से दिनभर क्षैत्र भ्रमण के कारण निर्जल रहकर व्रत रखना उन्हे बहुत कठिन लगा पंरतु करवाचौथ के व्रत की पावनता कहे या माताजी का आशीर्वाद दिनभर दौड धूप के बाद भी व्रत सकुशल पूरा हुआ। ओर दोनो ने चन्द्रमा के दर्शन के बाद वीडियो काल करके अपना व्रत पुरा किया। 2006 मे भी यही सिलसिला चला। फिर क्या वह घडी भी आई ओर 2007 मे 25 नवंबर को दोनों दांपत्य जीवन मे बंधे। दोनो का शुभ विवाह हुआ। ओर 2008 मे जब पहला करवाचौथ का व्रत दोनो ने एक साथ किया तो करवाचौथ के दिन श्री पंवार घर के काम मे भी सहयोग करके अपनी पत्नि का हौसला बढाया। 2010 मे जब श्रीमती चंचल पॅवार गर्भवती हुई तो घर वालों और सभी की ज़िद्द की वजह से उन्होंने करवा चौथ का व्रत तो रखा परंतु घर वालों के दबाव की वजह से निर्जला व्रत नहीं रख सकी। निर्जला व्रत नहीं रखने के कारण ही उनके पति ने निर्जला व्रत करने का संकल्प लिया पुरा ओर स्वयं निर्जल रहकर व्रत रखकर उनका सहयोग किया। और उन्होंने उनके लिए निर्जला व्रत रखना प्रारंभ किया। वर्ष 2010 में जो सिलसिला चला वह आज तक लगातार चला आ रहा है। श्रीमती चंचल पॅवार एवं उनके पति श्री धर्म सिंह पॅवार द्वारा करवाचौथ पर निर्जला व्रत रखकर एक दूसरे का सहयोग कर व्रत रखते हैं। दोनो करवाचौथ के दिन घर का सारा काम मिलजुलकर करते है। क्योंकि पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए है। एक सिक्के के दो पहलु होते हैं एवं परिवार में पति-पत्नी के सहयोग,समर्पण और समर्थन के बिना खुशियां नहीं आ सकती है। हर वर्ष करवाचौथ पर पति पत्नि सायंकाल को घर के कामो मे अपना बराबर-बराबर योगदान देते है ओर व्रत का संकल्प चन्द्रमा के दर्शन करके एक दुसरे को करवे से जल पिलाकर व्रत पुरा करते है। हर वर्ष जब श्रीमति चंचल जब करवाचौथ की तैयारी के लिये जब हाथो पर मेहन्दी लगाती है तो भी उनके पति ही उन्हे करवाचौथ की पूर्व सन्ध्या पर अपने हाथो से खाना खिलाते है। 2024 में श्रीमति चंचल पंवार का जब आपरेशन हुआ तो चिकित्सक ने 3 यूनिट रक्त की आवश्यकता बताई तो सबसे पहले उनके पति श्री पॅवार द्वारा एक यूनिट रक्त का रक्तदान करके अपना पतिधर्म निभाया। श्रीमति चंचल पॅवार हर माह की चौथ को भी चौथमाता का व्रत रखती है।
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- Post by रमेश सिंह1
- Jaipur Vaishali Nagar traffic is very dangerous1
- Ajmer news Ajmer news2
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- jodhpur :- जोधपुर से बड़ी खबर, जोधपुर के नयापुरा सैटेलाइट अस्पताल में इंसानों के अलावा कुत्तों का भी इलाज होता हैं, सैटेलाइट अस्पताल में खुलेआम एक आवारा कुत्ता घूमता हुआ नजर आया, प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा हैं, अगर ये आवारा कुत्ता किसी काट लेता हैं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा प्रशासन से निवेदन है कि समय रहते इन चीजों पर विशेष ध्यान देंवें ।1
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