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ब्रेकिंग धार : मोहन टॉकीज स्थित शिवानी होटल में खरगोन के थाना प्रभारी करण सिंह रावत की लाश मिली, मौके पर पहुंचे धार एसपी मयंक अवस्थी और अन्य अधिकारी।
Indore Local
ब्रेकिंग धार : मोहन टॉकीज स्थित शिवानी होटल में खरगोन के थाना प्रभारी करण सिंह रावत की लाश मिली, मौके पर पहुंचे धार एसपी मयंक अवस्थी और अन्य अधिकारी।
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- बाबा नारायण दास जी की पावन भूमि खरगोन जिले के गांव कातोरा मे केसरीनंदन ग्रुप कातोरा हैं,,, इनके द्वारा पिछले 150 दिनों से डेली गांव के प्राचीन श्रीहनुमान जी महाराज के मंदिर मे प्रातः ब्रह्ममुहूर्त मे 4 बजे से साढ़े 5 बजे तक अलौकिक चोला श्रृंगार किया जाता हैं एवं राम धुन हरिनाम संकीर्तन व भजन किये जाते हैं,,,और साथ ही इस ग्रुप के द्वारा सुंदरकांड भी किया जाता हैं,,, इनका संकल्प समस्त जनमानस मे राम नाम की अलख जगा के धर्म कर्म से जोड़ना हैं एवं युवाओं को प्रेरित करना व संघठन शक्ति से समाज मे एकजुटता समभाव समरसता बनाये रखना हैं ,, और इस ग्रुप मे जुड़कर नशामुक्ति अभियान के तहत कई युवा साथियों ने अपने व्यासनों का त्याग किया हैं और गांव और समाज के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बने हैं,,,,1
- जिले के खिवनी अभ्यारण में पहली बार दिखा सोन कुत्ता, दूसरे चरण के बाघ आकलन के पहले दिन बाघ भी आया नजर देवास, देवास व सीहोर जिले में फैले खिवनी अभ्यारण में पहली बार वन अमले को सोनकुत्ता (एशियन वाइल्ड डॉग) नजर आया है इसके साथ ही एक अन्य स्थान पर कर्मचारियों को बाघ भी दिखा जिसे अधिक दूरी से मोबाइल फोन के कमरे में कैद किया गया है सोनकुत्ता की उपस्थिति को लेकर अभ्यारण प्रबंधन भी उत्साहित है क्योंकि यह विलुप्त हो रही प्रजाति में शामिल है यह दोनों वन्य जीव गुरुवार को उस समय नजर आए जब अभ्यारण की टीम अखिल भारतीय बाघ गणना के दूसरे चरण के पहले दिन गुरुवार को जंगल भमण कर रही थी अभ्यारण प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले तक जहां पर गांव की बसाहट थी वहां बाद में झाड़ियां की सफाई आदि करके घास लगाई गई थी वर्तमान में यहां घास का मैदान है गुरुवार को जब टीम इस क्षेत्र में पहुंची तो दो सोनकुत्ते अलग-अलग नजर आए जिनके जोड़ा होने की संभावना है वहीं अभ्यारण के एक नाले में बाघ भी पानी पीते वह विचरण करते हुए वन अमले को नजर आया है इसे कैमरे में कैद किया गया है खिवनी अभ्यारण कन्नौद के रेंजर भीम सिंह सिसोदिया ने शुक्रवार सुबह 11:00 बजे बताया कि अभ्यारण के फोटोग्राफिक रिकॉर्ड में पहले कभी सोनकुत्ता का उल्लेख नहीं है संभव है की यह घने जंगलों में रहे होंगे किसी को नजर नहीं आए या फिर नौरादेही या सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ओर से आए हो अभ्यारण की 18 बीट में लगाई है 18 टीमेः खिवनी अभ्यारण में कुल 18 बीट है बाघ गणना के दूसरे चरण के लिए प्रत्येक बीट में एक-एक टीम को लगाया गया है दूसरा चरण एक सप्ताह तक चलना प्रस्तावित है, पहले दिन सोन कुत्ता बाघ के अलावा कई अन्य प्रजातियों के वन्य जीव भी नजर आए हैं लुप्त प्रजाति का कुशल शिकारी कुत्ता झुंड में रहना पसंद, वन अधिकारियों के अनुसार सोन कुत्ता कुशल शिकारी होता है सामान्यतःवह अकेले नहीं रहता पांच से लेकर कई बार 30 से अधिक तक का झुंड रहता है इसे सोन कुत्ता ढोल भारतीय जंगली कुत्ते के साथ ही विसलिंग डाग भी कहा जाता है यह कई बार सिटी जैसी आवाज निकालता है कुछ क्षेत्रों में इसे ढोल भी कहा जाता है इसके प्रति जागरूकता व संरक्षण के लिए हर साल 28 मई को सोन कुत्ता दिवस भी मनाया जाता है,2
- Post by User10231
- Post by Kedar purbiya1
- भोपाल आरिफ मसूद फैन्स क्लब के नेतृत्व में पार्षद लईका रफीक कुरैशी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिजाब मामले को लेकर थाना तलैया में FIR दर्ज के लिए ज्ञापन दिया1
- किसान भाइयों रोजाना कोटा भामाशाह मंडी में सभी फसलों के भाव देखिए और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिए लिंक पर जाकरhttps://youtu.be/1-LE8wSPxN4?si=o2866p8B8ni42eQc1
- Pratap Singh1
- कन्नौद मे है मुक्ति धाम जहा मिलती है आध्यात्मिक शांति और जीवन से मुक्ति कन्नौद,मध्यप्रदेश के देवास जिले का कन्नौद नगर मैं चार इंसान के अंतिम विश्राम के स्थान है जहां नगर के नगरवासी अपने प्रियजनों के अंतिम विदाई देने आते हैं। इन चारों जीवन मुक्ति के स्थान में एक है भूतेश्वर मुक्ति धाम जहां इस आधुनिक युग में वह सब समुचित व्यवस्था मिलती है जो अंतिम विदाई के समय लगती है। अपने प्रियजन को कांधे पर रखकर लाने के लिए सीढ़ी , कपाल क्रिया से लेकर दाह संस्कार के लिए नाम मात्र के शुल्क पर लकड़ी उपलब्ध होती है। कोई पांच एकड़ भूमि में फैले यह धाम में गुलाव वाटिका,पितृ पर्वत,पक्की सिमेंट की सडक ,चारों तरफ हरियाली,शब रखने और श्रृद्धांजलि देने का बड़ा हाल , दो शिवालय , अस्थियां रखने का लाकर, चौबीस घंटे चौकीदार, गर्म और ठंडे पानी की मशीन,तीन जलस्त्रोत आमजन को गर्मी के समय गला तर करने की बड़ी पानी की टंकी,के साथ बहुत कुछ सुविधाएं आज यहा पर आप देख सकते हैं। सन 1976 तक उजाड़ पड़ा यह स्थान नगर की प्रगति का उपहास का केंद्र रहा पर उसके बाद नगर से ही तीन लोगों ने इसको संवारने के लिए मुक्ति धाम में अमावस की काली रात में सत्यकथा रखी और इस स्थान को संवारने का काम शुरू किया अनेक बाधा को पार करते हुए इस भूमि को चारों तरफ से तार फेंसिंग किया यह स्थान नगर से वाहर होने से इमारती लकड़ी चोरी से ले जाने का रास्ता रहा कारण इस भूमि के तीन ओर शासकीय सड़क मार्ग है। मुख्य गेट के सामने इन्दौर बेतूल मार्ग,एक तरफ पुराने स्टेट के समय हरदा से इन्दौर जाने का झुनझुना मार्ग तक जाने का मार्ग और पीछे ना झुनझुना मार्ग जो सीधे पानीगांव होते हुए कमलापुर जाता था इस मार्ग का उपयोग चोरी से माल परिवहन होता था इस कारण मुक्ति धाम उन लोगों की शरणार्थी रहा है उनको रोकना भी अनेक बार सीधे मौत से साक्षात्कार था किन्तु किसी नेक काम का हौसला हो तो मौत से भी लड़कर जीत हो सकती है और हुआ भी यही । इस भूमि को अपराधियों से मुक्त कराने में तत्कालीन पुलिस अधिकारीयो का सहयोग आज की शान बनी है।इस भूमि पर आज हरे भरे छायादार और फलदार वृक्ष लगे हुए हैं। इस भूमि के संरक्षण में तीन से दो हुए फिर भी अविरल यह कारवां चलता रहा और सन दो हज़ार में नगर के कुछ लोग इस पुनीत सेवा में आगे बढ़े जिसमें प्रमुख रूप से श्री जोरावरसिह फौजी जो तभी से आज तक समिति के अध्यक्ष हैं श्री रमेशचन्द्र डाबी,श्री नरसिंह धूत,श्री राधेश्याम खत्री वार्ड पार्षद,श्री शंकरलाल दलवी लेखा-जोखा अधिकारी,श्री रमेश डाबी मुख्य पर्यावरण,श्री रमेश राठौर , श्री मधुर अग्रवाल, बृजेश धूत ,श्री संतोष पंडा ,पंडित प्रमोद मेहता आज इस अभियान के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस भूमि के देखरेख नगर पंचायत अधिकारी श्री अनिल जोशी का सदैव विशेष सहयोग बना हुआ है। इस तरह से एक समिति के सदस्य तन-मन-धन से कार्यरत हैं। इस समिति के कुछ सदस्य पूर्व में अपने जीवन काल तक जुड़े रहे उसमें श्रीरामचंद्र जी अग्रवाल,श्री ब्यकंटेश सिंगी का सहयोग आज उनकी स्मृति करा रहा है। इसी के साथ असंख्य उन दानवीर भामाशाह पुरुष जिन्होंने इस समिति पर भरोसा कर अपनी ओर से अनेक सुविधाएं संस्था के नाम की है। भूतेश्वर मुक्ति धाम की अलौकिक यात्रा की एक झलक इस समाचार के साथ सभी के समक्ष साझा की जा रही है।1