हरकी पैड़ी - भीमगोड़ा मार्ग पर बारिश के चलते आज सुबह से भूक्षरण हो रहा है। देर-रात भी पहाड़ से काफी मलबा नीचे सड़क पर आ गया। लगातार ऊपर से रुड़क कर आ रहे पत्थरों के कारण नीचे कुछ देर मार्ग बंद भी करना पड़ा। पुलिस भी इस दौरान सड़क से गुजरने वालों से सावधानी बरतने की अपील कर रही है। दरअसल हरकी पैड़ी के सामने से लेकर भीमगोड़ा कुंड तक पहाड़ बेहद कमजोर है।ठीक इसके नीचे रेलवे टनल भी है। जिसके नीचे से रोज करीब चालीस ट्रेनों का आवागमन होता है। पहाड़ी से लुढ़कते पत्थरों से वर्ष 2005-07 में तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। इससे कई बार नीचे ट्रेनों का आवागमन भी बाधित होता रहा है हालांकि गतवर्ष रेलवे ने क्षेत्र में गार्डर डालकर ट्रेनों के लिए सुरक्षा बंदोबस्त कर लिया था। लेकिन इस पहाड़ के नीचे रह रही आबादी, सड़क पर होने वाला आवागमन, हरकी पैड़ी के किनारे बने हुए होटल, धर्मशालाएं खतरे की जद में हैं। ऊपर से होने वाली लैंड स्लाइड्स के कारण कई बार नीचे स्थित प्राचीन काली मंदिर और पौराणिक भीमगोड़ा मंदिर क्षतिग्रस्त हो चुका है। पिछले दिनों भीमगोड़ा कुंड के पास बनी भीम की प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। वर्ष 2008 में लगातार हो रही लैंड स्लाइडिंग के बाद प्रशासन ने पहाड़ी का सर्वे कराया था तब एजेंसियों ने रिपोर्ट दी थी कि पानी के जमाव के कारण पहाड़ी दो हिस्सों में बंट रही है। जिससे पहाड़ कमजोर हो रहा है हालांकि इसके बाद इस दिशा में फिर कोई काम नहीं हुआ। (-कुमार दुष्यंत)
हरकी पैड़ी - भीमगोड़ा मार्ग पर बारिश के चलते आज सुबह से भूक्षरण हो रहा है। देर-रात भी पहाड़ से काफी मलबा नीचे सड़क पर आ गया। लगातार ऊपर से रुड़क कर आ रहे पत्थरों के कारण नीचे कुछ देर मार्ग बंद भी करना पड़ा। पुलिस भी इस दौरान सड़क से गुजरने वालों से सावधानी बरतने की अपील कर रही है। दरअसल हरकी पैड़ी के सामने से लेकर भीमगोड़ा कुंड तक पहाड़ बेहद कमजोर है।ठीक इसके नीचे रेलवे टनल भी है। जिसके नीचे से रोज करीब चालीस ट्रेनों का आवागमन होता है। पहाड़ी से लुढ़कते पत्थरों से वर्ष 2005-07 में तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। इससे कई बार नीचे ट्रेनों का आवागमन भी बाधित होता रहा है हालांकि गतवर्ष रेलवे ने क्षेत्र में गार्डर डालकर ट्रेनों के लिए सुरक्षा बंदोबस्त कर लिया था। लेकिन इस पहाड़ के नीचे रह रही आबादी, सड़क पर होने वाला आवागमन, हरकी पैड़ी के किनारे बने हुए होटल, धर्मशालाएं खतरे की जद में हैं। ऊपर से होने वाली लैंड स्लाइड्स के कारण कई बार नीचे स्थित प्राचीन काली मंदिर और पौराणिक भीमगोड़ा मंदिर क्षतिग्रस्त हो चुका है। पिछले दिनों भीमगोड़ा कुंड के पास बनी भीम की प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। वर्ष 2008 में लगातार हो रही लैंड स्लाइडिंग के बाद प्रशासन ने पहाड़ी का सर्वे कराया था तब एजेंसियों ने रिपोर्ट दी थी कि पानी के जमाव के कारण पहाड़ी दो हिस्सों में बंट रही है। जिससे पहाड़ कमजोर हो रहा है हालांकि इसके बाद इस दिशा में फिर कोई काम नहीं हुआ। (-कुमार दुष्यंत)
- जय श्री कृष्णा राधे राधे2
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