सिसई : *सिसई की बेटी ने फिजियोथैरेपी में शोध कर बनाई अपनी एक अलग पहचान* *किया पूरे प्रखण्ड व जिले का नाम रौशन* सिसई (गुमला)। प्रखण्ड मुख्यालय सिसई स्थित रहने वाले सुरेश कुमार सिंह की 21 वर्षीय बड़ी पोती नेहा रंजन जो की पंजाब से बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी में डिग्री का कोर्स कर रही है,ने फिजियोथैरेपी में शोध करते हुए "लाइफ स्टाईल एंड बिहेवियर" कॉन्टेंट फिजिकल एंड इनएक्टिविटीज ऐज विजियो पर 33 पन्नों का आर्टिकल लिखा है और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहा बचपन से ही मेधावी छात्रा रही है उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिसई के संत मैरिज स्कूल से प्राप्त किया है और वहीं से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रांची के पुंदाग स्थित एसआर डी ए वी पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया फिर उन्होंने अपने दादा जी के मार्गदर्शन पर फिजियोथैरेपी का कोर्स करने पंजाब चली गई और कोर्स करने के दौरान ही अनियमित दिनचर्या जिसमें समय से भोजन न कर पाना भी शामिल है की वजह से उनकी शारीरिक गतिविधि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा और वो अस्वस्थ्य रहने लगी तब उन्होंने मसाज थैरेपी को जाना फिर फिजियोथैरेपी को गहराई से समझा और इसी से प्रेरणा लेते हुए शोध किया और मात्र तीन माह के दरम्यान ही उन्होंने 33 पन्नों का आर्टिकल लिखा जिसे उनके महाविद्यालय ने अवॉर्ड के लिए नामांकित किया है। नेहा बताती हैं कि उनके दादा जी उनके लिए सबसे बड़े प्रेरणास्रोत रहे हैं उनके ही मार्गदर्शन से वे इस क्षेत्र में आईं और बहुत ही कम उम्र एवं बहुत ही कम समय में फिजियोथैरेपी के क्षेत्र में सिसई जैसे छोटे शहर की बेटी ने सफलता का कीर्तिमान स्थापित कर पूरे प्रखण्ड का नाम रौशन किया है उनकी इस सफलता पर पूरा प्रखण्ड क्षेत्र गर्व महसूस कर रहा है। नेहा रंजन ने आगे बताया कि उनकी इस सफलता में उनके दादा जी तो मेंटर हैं ही इसके अलावे दादी उर्मिला सिंह,माता रीना रंजन, पिता ज्योति रंजन सिंह, चाचा दीपक सिंह, चाची दीपांजलि सिंह के साथ ही उनके शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है जो समय समय पर उन्हें प्रेरित करते रहे हैं। आगे वे फिजियोथैरेपी में ही अपना कैरियर बनाना चाहती हैं और लोगों का सेवा करना चाहती हैं वहीं अपने क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों से कहना चाहती है कि मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल किया जा सकता है।
सिसई : *सिसई की बेटी ने फिजियोथैरेपी में शोध कर बनाई अपनी एक अलग पहचान* *किया पूरे प्रखण्ड व जिले का नाम रौशन* सिसई (गुमला)। प्रखण्ड मुख्यालय सिसई स्थित रहने वाले सुरेश कुमार सिंह की 21 वर्षीय बड़ी पोती नेहा रंजन जो की पंजाब से बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी में डिग्री का कोर्स कर रही है,ने फिजियोथैरेपी में शोध करते हुए "लाइफ स्टाईल एंड बिहेवियर" कॉन्टेंट फिजिकल एंड इनएक्टिविटीज ऐज विजियो पर 33 पन्नों का आर्टिकल लिखा है और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहा बचपन से ही मेधावी छात्रा रही है उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिसई के संत मैरिज स्कूल से प्राप्त किया है और वहीं से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रांची के पुंदाग स्थित एसआर डी ए वी पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया फिर उन्होंने अपने दादा जी के मार्गदर्शन पर फिजियोथैरेपी का कोर्स करने पंजाब चली गई और कोर्स करने के दौरान ही अनियमित दिनचर्या जिसमें समय से भोजन न कर पाना भी शामिल है की वजह से उनकी शारीरिक गतिविधि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा और वो अस्वस्थ्य रहने लगी तब उन्होंने मसाज थैरेपी को जाना फिर फिजियोथैरेपी को गहराई से
समझा और इसी से प्रेरणा लेते हुए शोध किया और मात्र तीन माह के दरम्यान ही उन्होंने 33 पन्नों का आर्टिकल लिखा जिसे उनके महाविद्यालय ने अवॉर्ड के लिए नामांकित किया है। नेहा बताती हैं कि उनके दादा जी उनके लिए सबसे बड़े प्रेरणास्रोत रहे हैं उनके ही मार्गदर्शन से वे इस क्षेत्र में आईं और बहुत ही कम उम्र एवं बहुत ही कम समय में फिजियोथैरेपी के क्षेत्र में सिसई जैसे छोटे शहर की बेटी ने सफलता का कीर्तिमान स्थापित कर पूरे प्रखण्ड का नाम रौशन किया है उनकी इस सफलता पर पूरा प्रखण्ड क्षेत्र गर्व महसूस कर रहा है। नेहा रंजन ने आगे बताया कि उनकी इस सफलता में उनके दादा जी तो मेंटर हैं ही इसके अलावे दादी उर्मिला सिंह,माता रीना रंजन, पिता ज्योति रंजन सिंह, चाचा दीपक सिंह, चाची दीपांजलि सिंह के साथ ही उनके शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है जो समय समय पर उन्हें प्रेरित करते रहे हैं। आगे वे फिजियोथैरेपी में ही अपना कैरियर बनाना चाहती हैं और लोगों का सेवा करना चाहती हैं वहीं अपने क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों से कहना चाहती है कि मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल किया जा सकता है।
- सिसई : *सिसई प्रखण्ड क्षेत्र के चिन्हित 57 राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं का "सीनी टाटा ट्रस्ट" गुमला के द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ सम्पन्न* सिसई (गुमला)। सिसई प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय सभागार में "सीनी टाटा ट्रस्ट" गुमला के द्वारा प्रखण्ड क्षेत्र के चिन्हित 57 राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को एफएलएन एवं पुस्तकालय पर कराए गए दो दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। इस प्रशिक्षण को "सीनी टाटा ट्रस्ट" के प्रशिक्षक तरुण कुमार, सुशील तीड़ू, ओमप्रकाश, पल्टन तिर्की, वैष्णवी मिश्रा के द्वारा कराया गया। दूसरे दिन की प्रशिक्षण में पुस्तकालय के महत्व के बारे में ,कैसे बच्चों में पढ़ने की कौशल को विकसित करना है और बताया गया कि पुस्तकालय संचालन पर पुस्तकालय कमिटी बनाना है जिसका संचालन बाल संसद सदस्य और विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के सहयोग से करना है जिसमें बाल संसद के दो बच्चे, विद्यालय प्रबंधन समिति के एक सदस्य एवं एक शिक्षक होंगे साथ ही पुस्तकालय संचालन के लिए समय सारणी, विद्यालय में पुस्तकालय की आवश्यकता, संचालन समिति, भाषा सीखने में पुस्तकालय की भूमिका, गतिविधि, पुस्तकों का रखरखाव सहित विभिन्न बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रखण्ड क्षेत्र के 57 राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।4
- 28 साल की इस बिल्ली ने दुनिया का ध्यान खींच लिया है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, वह दुनिया की सबसे उम्रदराज़ जीवित बिल्ली बन गई है। उम्र इंसानी हिसाब से देखें तो करीब 150 साल के बराबर होती! इतनी लंबी उम्र ने वैज्ञानिकों और पालतू प्रेमियों दोनों को चौंका दिया है। लोग उसके देखभाल के रहस्य जानने को उत्सुक हैं।#ViralNews #AmazingFacts #RecordBreaker #OldestCat #TrendingNow1
- अयंग चाला डंडी पाड़ी,चोआ-चोआ ब ई नमन भैरो...@AdivasiAkesh12 #sarnaworld #adivasiculture #sarna1
- भारतीय राजनिती धार्मिक बहुसंख्यकवाद हो गया है,AIMIM अल्पसंख्यक मुस्लिमो का राष्ट्रीय राजनितिक आवाज बन रहा है:केपी अहमद1
- राँची। अनगड़ा थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े एक जेवर दुकान से लाखों के गहनों से भरा बैग अपराधी उड़ा ले गए।1
- मुआवजा की मांग रोने लगे पीड़ित परिवार उसके बाद #viralnews #viralvideo #lohardaga_updates #jharkhand1
- Tujhe Na Dekhu to chain mujhe Ata nahi hai Farmaish Song Marriage Track Singing Ramgarh 😊🙏1
- सिसई : *प्रखंड परिसर के शौचालय से दुर्गंध आने से कर्मी और आम जनता परेशान* *वाटिका के प्रांगण में चारों ओर फैला है कूड़ा और कचरा* सिसई (गुमला)। प्रखंड सह अंचल कार्यालय सिसई के परिसर में साफ सफाई दूर दूर तक नजर नहीं आ रही। झारखंड राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां साफ सफाई, गीत संगीत, वेशभूषा,आदि को दिखाते हुए नाट्य मंचन और दीवार लेखन का कार्य भी किया गया। बावजूद सिसई प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर स्थित सार्वजनिक शौचालय का साफ सफाई नहीं रखा जा रहा। जिसके कारण शौचालय से निकलने वाली दुर्गंध से कर्मी और ग्रामीण परेशान हैं। कार्यालय घुसने से लेकर शौचालय तक परिसर के चारों ओर गमला में पौधा लगाया गया है। जहां पान गुटका, तंबाकू, खाकर लोग थूक देते हैं और परिसर को गंदा कर रहे हैं। इन सभी चीजों को देखते हुए अंत में प्रशासन को एक तख्ती पर "प्रखंड परिसर में यहां वहां थूकना सख्त मना है" लिख कर लगाना पड़ा। बताते चले कि प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में पंचायत समिति फंड से बिरसा मुंडा, अम्बेडकर वाटिका का निर्माण कराया गया है। लेकिन साफ सफाई का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है चारों ओर कूड़े कचरे बिखरे पड़े हैं वहीं वाटिका प्रांगण में पौधे लगाए गए हैं। जो पानी नहीं मिलने से सुख रहे हैं और मरने के कगार पर हैं। साथ ही प्रखण्ड परिसर में आम जनता को "पीने का पानी" की भारी समस्या है परिसर में पंचायत समिति फंड से स्वच्छ पेयजल के लिए नल लगाया गया है परन्तु नल से पानी नहीं आती है जिससे लोगों को पानी पीने के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है। इस विषय पर जब प्रखंड कर्मियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एक सप्ताह से अधिक समय से पानी का मोटर खराब है। जिसके कारण पानी के लिए समस्या हो रही है वहीं पौधों का भी पटवन नहीं हो पा रहा है।4