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PM Modi at ceremonial reception of Russian President Putin at Rashtrapati Bhavan
Manoj Kumar
PM Modi at ceremonial reception of Russian President Putin at Rashtrapati Bhavan
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- अभी हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा (दिसंबर 2025) के दौरान राहुल गांधी की उनसे मुलाकात न होने पर काफी राजनीतिक बहस हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी को पुतिन से क्यों नहीं मिलवाया, इसके पीछे पक्ष और विपक्ष दोनों के अलग-अलग तर्क हैं: 1. सरकार और भाजपा का तर्क (प्रोटोकॉल और विदेशी मेहमान की मर्जी): मेहमान का निर्णय: सरकार का कहना है कि आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा विदेशी मेहमान किससे मिलते हैं, यह पूरी तरह उस देश के प्रतिनिधिमंडल (Visiting Delegation) की मर्जी पर निर्भर करता है। दखल से इनकार: विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सरकार केवल आधिकारिक बैठकों की व्यवस्था करती है और वह यह तय नहीं करती कि विदेशी नेता विपक्ष के नेता से मिलें या नहीं। आंकड़े: सरकार ने अपने बचाव में यह भी कहा कि जून 2024 के बाद से मलेशिया, मॉरीशस और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्रियों ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिससे यह साबित होता है कि सरकार उन्हें नहीं रोक रही। 2. राहुल गांधी और कांग्रेस का आरोप (असुरक्षा और परंपरा का उल्लंघन): असुरक्षा की भावना: राहुल गांधी ने संसद के बाहर बयान दिया कि मोदी सरकार "असुरक्षा" (Insecurity) के कारण विदेशी मेहमानों को विपक्ष के नेता (LoP) से मिलने से रोक रही है। परंपरा टूटना: राहुल गांधी का कहना है कि वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों के दौरान यह परंपरा थी कि विदेशी राष्ट्राध्यक्ष विपक्ष के नेता से भी मिलते थे ताकि उन्हें देश का दूसरा नजरिया भी मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अब विदेशी मेहमानों को यह "सुझाव" देती है कि वे विपक्ष से न मिलें। संक्षेप में: कोई आधिकारिक 'नियम' नहीं है जो पीएम को विपक्ष के नेता को विदेशी मेहमान से मिलवाने के लिए बाध्य करे, लेकिन यह एक पुरानी संसदीय परंपरा रही है जिस पर अब दोनों पक्षों में मतभेद है। #RahulGandhi #PMModi #PutinInIndia #IndianPolitics #ForeignPolicy #LoP #IndiaRussiaRelations #PoliticalDebate1
- Post by K.R.N Mahapatra1