विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं अभिनेता एम.आर.पी. प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती छोटे-छोटे मंचों में अभिनय करते-करते फिल्मी पर्दे तक का सफर तय किया मुकेश राम प्रजापति ने अभिनय ऐसा की लोगों को मंत्रमुग्ध कर दे इनकी यही अदाकारी ने इन्हें मुकेश राम प्रजापति से एम.आर.पी. बना दिया अब लोग इन्हें प्यार से एम.आर.पी. कहते हैं। मुकेश राम प्रजापति मूलतः लोहरदगा के निवासी हैं इनका जन्म लोहरदगा में एक निर्धन परिवार में हुआ था। एम.आर.पी. के एक छोटे भाई और एक छोटी बहन हैं।माता राधा देवी गृहिणी व पिता बलराम महतो मिट्टी के बर्तन बना-बेच परिवार का भरण-पोषण करते थे।पिता के अथक प्रयास के बाद वर्ष 2000 में पीयून के पद पर उद्योग विभाग में बहाल हुये।उसके बाद वर्ष 2003 में जिला उद्योग केंद्र हजारीबाग में स्थानातंरण होकर पहुंचें और फिर हजारीबाग के ही हो गये।वर्तमान समय में बाबा पाथ, हुरहुरु हजारीबाग में मकान बना कर रह रहे हैं। मुकेश राम प्रजापति का सफर मुश्किलों से घिरा रहा ये एक पैर से दिव्यांग हैं इनका बांया पैर घुटने के पास से नहीं मुड़ता सीधा ही रहता है।परंतु इन्होंने कभी अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बनने दिया और अपने विलक्षण अभिनय प्रतिभाग के बदौलत नाटक और फिल्मों में अपनी एक अलग जगह व पहचान बनाई। एम.आर.पी. मंच और फिल्म के साथ-साथ स्थानीय एच.बी. लाईव न्यूज़ चैनल से जुड़ कर लंबे समय तक काम किया और पत्रकारिता के कुछ गुण वरिष्ठ पत्रकार श्री विस्मय अलंकार से सीखा। यही नहीं एम.आर.पी. सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेते रहे हैं शहर के मुर्दा कल्याण समिति के सदस्य रहे हैं और इन्होंने टीम के साथ मिल कर 500 से अधिक अज्ञात शवों का दाह संस्कार भी किया है। एम.आर.पी. स्कूल के समय से ही नाटकों में भाग लेते रहे हैं और पढ़ाई में समान्य थे पर मैट्रिक परीक्षा के दौरान ऐसा मेहनत किया की अपने स्कूल श्री कृष्ण आरक्षी बाल उच्च विद्यालय, हजारीबाग में सेकंड टॉपर हुये। फिर इंटर में विज्ञान पढ़ने की सूझी और संत कोलंबा महाविद्यालय, हजारीबाग में नामांकन लिया और यहीं मित्र बने धनंजय कुमार (डी.के.) और धनंजय ने इन्हें रंग गुरु श्री तापस चक्रवर्ती से मिलवाया और मुकेश को गुरु का सानिध्य मिला फिर क्या अभिनय की गाड़ी ने तेजी पकड़ ली यहीं राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) से जुड़े और यहाँ से इनकों अनेक मंच मिला और ये मंझते चले गये उस समय एन.एस.एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सरिता सिंह व विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने इनके काम को काफी सराहा। एम.आर.पी का कलाकारी मन विज्ञान में नहीं लगा और फेल हो गये फिर पुनः इंटर आर्ट्स की पढ़ाई मार्खम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, हजारीबाग, स्नातक की पढ़ाई अन्नदा कॉलेज, हजारीबाग और स्नातकोत्तर (एम.ए. इन थियेटर आर्ट) की पढ़ाई राँची विश्वविद्यालय,रांची से किया। राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (एन.टी.ए.) यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यू.जी.सी.) द्वारा आयोजित नेट की परीक्षा में परफार्मिंग आर्ट विषय में जे.आर.एफ. रैंक प्राप्त किया व जिला का पहला व्यक्ति बन जिला और राज्य का मान बढ़ाया। उस वर्ष दिव्यांग कोटे में परफार्मिंग आर्ट विषय पर पूरे देश भर में एम.आर.पी. अकले थे। देश के नामी भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ एवं सरकारी व गैर सरकारी अनेकों संस्थाओं द्वारा आयोजित नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाल में भाग लिया और अभिनय के गुण सीखे और वर्तमान समय में एम.आर.पी. डॉ. सुबोध कुमार सिंह (शिवगीत) के निर्देशन में “इक्कीसवीं सदी के प्रमुख हिन्दी नाटक और रंगमंच:संवेदना एवं शिल्प” विषय पर पीएच.डी. कर रहे हैं। एम.आर.पी मुख्य रूप से अभिनय करने और सिखाने का कार्य करते हैं। इनके कार्यों को इनके यूट्यूब चैनल मुकेश राम प्रजापति के प्लेलिस्ट में देखा जा सकता है। एम.आर.पी. ने अबतक छोटी-बड़ी लगभग 35 से अधिक फ़िल्मों में काम किया है - एक गुलेलबाज़, पुनर्जागरण, द हाउंटिंग ऑफ़ पलाना, एहे तो जीवन, देवन मिसिर, पिक्चर अभी बाक़ी है, फुलमनिया, एड्स का जहर, कौन हो तुम, जगतगुरु श्रीरामकृष्ण, ब्लैक, सोने की चिड़ियाँ, कमीज़, ए कल्ट इन टाइम, एंड ही लॉस्ट, भ्रम, गौरी इन लव, जुआ, एन.एच. 99, डिजिटल रिपब्लिक (अंग्रेजी फ़िल्म), द गेस्ट, के.जी.एफ. द डार्क स्टोरी (बंगला फिल्म) इत्यादि अनेक फिल्म, लघु फिल्म व विज्ञापन सामिल है। एम.आर.पी. ने अनेकों मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका निभाई है। इन्हें राज्यस्तरीय बिरसा मुंडा ज्योति सम्मान, विश्वविद्यालयों व अन्य संस्थाओं द्वारा अनेकों सम्मान प्राप्त हुए हैं।इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई सूरज कुमार, बहन अनु कुमारी, पत्नी नेहा कुमारी बेटा अभिनय प्रजापति, गुरु श्री तापस चक्रवर्ती, श्री अजय मलकानी, श्री राकेश गौतम, श्री प्रवीण जायसवाल अपने वरिष्ठ रंगकर्मी भाइयों, मित्र धनंजय कुमार, अशोक गोप, सुमित सिन्हा और शुभचिंतकों को दिया।
विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं अभिनेता एम.आर.पी. प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती छोटे-छोटे मंचों में अभिनय करते-करते फिल्मी पर्दे तक का सफर तय किया मुकेश राम प्रजापति ने अभिनय ऐसा की लोगों को मंत्रमुग्ध कर दे इनकी यही अदाकारी ने इन्हें मुकेश राम प्रजापति से एम.आर.पी. बना दिया अब लोग इन्हें प्यार से एम.आर.पी. कहते हैं। मुकेश राम प्रजापति मूलतः लोहरदगा के निवासी हैं इनका जन्म लोहरदगा में एक निर्धन परिवार में हुआ था। एम.आर.पी. के एक छोटे भाई और एक छोटी बहन हैं।माता राधा देवी गृहिणी व पिता बलराम महतो मिट्टी के बर्तन बना-बेच परिवार का भरण-पोषण करते थे।पिता के अथक प्रयास के बाद वर्ष 2000 में पीयून के पद पर उद्योग विभाग में बहाल हुये।उसके बाद वर्ष 2003 में जिला उद्योग केंद्र हजारीबाग में स्थानातंरण होकर पहुंचें और फिर हजारीबाग के ही हो गये।वर्तमान समय में बाबा पाथ, हुरहुरु हजारीबाग में मकान बना कर रह रहे हैं। मुकेश राम प्रजापति का सफर मुश्किलों से घिरा रहा ये एक पैर से दिव्यांग हैं इनका बांया पैर घुटने के पास से नहीं मुड़ता सीधा ही रहता है।परंतु इन्होंने कभी अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बनने दिया और अपने विलक्षण अभिनय प्रतिभाग के बदौलत नाटक और फिल्मों में अपनी एक अलग जगह व पहचान बनाई। एम.आर.पी. मंच और फिल्म के साथ-साथ स्थानीय एच.बी. लाईव न्यूज़ चैनल से जुड़ कर लंबे समय तक काम किया और पत्रकारिता के कुछ गुण वरिष्ठ पत्रकार श्री विस्मय अलंकार से सीखा। यही नहीं एम.आर.पी. सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेते रहे हैं शहर के मुर्दा कल्याण समिति के सदस्य रहे हैं और इन्होंने टीम के साथ मिल कर 500 से अधिक अज्ञात शवों का दाह संस्कार भी किया है। एम.आर.पी. स्कूल के समय से ही नाटकों में भाग लेते रहे हैं और पढ़ाई में समान्य थे पर मैट्रिक परीक्षा के दौरान ऐसा मेहनत किया की अपने स्कूल श्री कृष्ण आरक्षी बाल उच्च विद्यालय, हजारीबाग में सेकंड टॉपर हुये। फिर इंटर में विज्ञान पढ़ने की सूझी और संत कोलंबा महाविद्यालय, हजारीबाग में नामांकन लिया और यहीं मित्र बने धनंजय कुमार (डी.के.) और धनंजय ने इन्हें रंग गुरु श्री तापस चक्रवर्ती से मिलवाया और मुकेश को गुरु का सानिध्य मिला फिर क्या अभिनय की गाड़ी ने तेजी पकड़ ली यहीं राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) से जुड़े और यहाँ से इनकों अनेक मंच मिला और ये मंझते चले गये उस समय एन.एस.एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सरिता सिंह व विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने इनके काम को काफी सराहा। एम.आर.पी का कलाकारी मन विज्ञान में नहीं लगा और फेल हो गये फिर पुनः इंटर आर्ट्स की पढ़ाई मार्खम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, हजारीबाग, स्नातक की पढ़ाई अन्नदा कॉलेज, हजारीबाग और स्नातकोत्तर (एम.ए. इन थियेटर आर्ट) की पढ़ाई राँची विश्वविद्यालय,रांची से किया। राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (एन.टी.ए.) यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यू.जी.सी.) द्वारा आयोजित नेट की परीक्षा में परफार्मिंग आर्ट विषय में जे.आर.एफ. रैंक प्राप्त किया व जिला का पहला व्यक्ति बन जिला और राज्य का मान बढ़ाया। उस वर्ष दिव्यांग कोटे में परफार्मिंग आर्ट विषय पर पूरे देश भर में एम.आर.पी. अकले थे। देश के नामी भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ एवं सरकारी व गैर सरकारी अनेकों संस्थाओं द्वारा आयोजित नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाल में भाग लिया और अभिनय के गुण सीखे और वर्तमान समय में एम.आर.पी. डॉ. सुबोध कुमार सिंह (शिवगीत) के निर्देशन में “इक्कीसवीं सदी के प्रमुख हिन्दी नाटक और रंगमंच:संवेदना एवं शिल्प” विषय पर पीएच.डी. कर रहे हैं। एम.आर.पी मुख्य रूप से अभिनय करने और सिखाने का कार्य करते हैं। इनके कार्यों को इनके यूट्यूब चैनल मुकेश राम प्रजापति के प्लेलिस्ट में देखा जा सकता है। एम.आर.पी. ने अबतक छोटी-बड़ी लगभग 35 से अधिक फ़िल्मों में काम किया है - एक गुलेलबाज़, पुनर्जागरण, द हाउंटिंग ऑफ़ पलाना, एहे तो जीवन, देवन मिसिर, पिक्चर अभी बाक़ी है, फुलमनिया, एड्स का जहर, कौन हो तुम, जगतगुरु श्रीरामकृष्ण, ब्लैक, सोने की चिड़ियाँ, कमीज़, ए कल्ट इन टाइम, एंड ही लॉस्ट, भ्रम, गौरी इन लव, जुआ, एन.एच. 99, डिजिटल रिपब्लिक (अंग्रेजी फ़िल्म), द गेस्ट, के.जी.एफ. द डार्क स्टोरी (बंगला फिल्म) इत्यादि अनेक फिल्म, लघु फिल्म व विज्ञापन सामिल है। एम.आर.पी. ने अनेकों मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका निभाई है। इन्हें राज्यस्तरीय बिरसा मुंडा ज्योति सम्मान, विश्वविद्यालयों व अन्य संस्थाओं द्वारा अनेकों सम्मान प्राप्त हुए हैं।इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई सूरज कुमार, बहन अनु कुमारी, पत्नी नेहा कुमारी बेटा अभिनय प्रजापति, गुरु श्री तापस चक्रवर्ती, श्री अजय मलकानी, श्री राकेश गौतम, श्री प्रवीण जायसवाल अपने वरिष्ठ रंगकर्मी भाइयों, मित्र धनंजय कुमार, अशोक गोप, सुमित सिन्हा और शुभचिंतकों को दिया।
- Canary hills1
- हज़ारीबाग मे धूम धाम से मनाया गया नये साल का पहला दिन 1 जनवरी 20251
- हज़ारीबाग :-"एक आचार्य कभी सेवानिवृत नहीं होता है1
- *उपायुक्त द्वारा जरुरतमंदों के लिए कंबल वितरण अभियान* *उपायुक्त भीषण शीतलहरी से प्रभावित लोगों के बीच पहुंची,वृद्ध एवं असहयों को दिया कंबल* *जिले में चल रही है शीतलहरी घरों में रहे सतर्क रहें: उपायुक्त* *रात को बंद कमरे में ना करें अंगीठी का प्रयोग, हो सकता है घातक: उपायुक्त* हजारीबाग में चल रही भीषण शीतलहरी के कारण जन जीवन पर असर पड़ रहा है। बढ़ती ठंड से सड़क किनारे अपने जिंदगी गुजर बसर करने वाले लोगों के इस समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी के दृष्टिगत आज 2 जनवरी को उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने ठंड से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न गांवों में कंबल वितरण अभियान का नेतृत्व किया। यह अभियान तिलरा गांव (बिरहोर टोला), चंपानगर नवाडीह पंचायत, इचाक और रोमि गांव (पदमा) में आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग को ठंड से बचाने के लिए सहायता प्रदान करना था। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने बिरहोर समुदाय समेत ग्रामीणों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक प्राथमिकता से पहुंचे। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा, “प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि समाज के कमजोर वर्ग को हर संभव सहायता मिले। ठंड के इस मौसम में कंबल वितरण केवल राहत प्रदान करने का प्रयास है।” *सामाजिक समर्पण और सहभागिता का अद्भुत उदाहरण* कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, पुलिस बल और स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों के बीच जाकर कंबल वितरित किए और उनका हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने बच्चों के बीच चॉकलेट का भी वितरण किया। बिरहोर टोला जैसे दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह की पहल ने प्रशासन की सक्रियता और प्रतिबद्धता को दर्शाया। *जिला प्रशासन का एक मानवीय कदम* इस अभियान के तहत सैकड़ों जरूरतमंद परिवारों को कंबल दिए गए, जिससे उन्हें कड़कड़ाती ठंड में राहत मिली। विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को इस वितरण से लाभ पहुंचा। उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी हरसंभव मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगा। उन्होंने स्थानीय समुदाय से भी अपील की कि वे ऐसे कार्यों में प्रशासन का सहयोग करें और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में अपना योगदान दें। कंबल वितरण अभियान का यह प्रशासनिक प्रयास केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं होते, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक समर्पण का प्रतीक भी होते हैं। हजारीबाग प्रशासन की यह पहल समाज के वंचित वर्ग को राहत पहुंचाने और उनकी भलाई के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उपायुक्त ने ठंड के प्रकोप को देखते हुए सभी प्रखंडों के महत्वपूर्ण स्थानों में अलाव की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि ठंड बढ़ गयी है इसलिए घरों में रहे,सतर्क रहें। बढ़ती ठंड को देखते हुए जिले के प्रमुख चौराहों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन जरूरतमंद लोगों को कंबल मुहैया करा रहा है। इस मौके पर उप विकास आयुक्त श्री इश्तियाक अहमद, अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिंह,जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज तिवारी,जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री प्रदीप कुमार तथा संबंधित प्रखंड के सीओ और बीडीओ मौजूद रहे। *ठंड के बाबत आमलोगों लोगों से कुछ सावधानियां बरतने की उपायुक्त की अपील* *इन बातों का ध्यान रखें:* ऊनी कपड़े पहनें। सिर, गर्दन, हाथ, और पैरों को ढककर रखें। टोपी, दस्ताने, स्कार्फ़, और इंसुलेटेड, वाटरप्रूफ़ जूते पहनें. गर्म पेय पिएं। *मौसम का ध्यान रखें* मौसम के पूर्वानुमानों का पालन करें. शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं विटामिन सी युक्त फल और सब्ज़ियां खाएं. घर में ठंडी हवा रोकें,दरवाज़ों और खिड़कियों को ठीक से बंद रखें तथा सबसे महत्वपूर्ण बंद कमरे अंगीठी जलाकर रात में न सोएं।4
- *साल का शुरूआती दिन चरही से चार पांच दोस्तों के मौत की खबर बेहद हृदयविदारक* साल 2025 के प्रथम दिन की शुरुआत ही हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के चरही पंचायत के एक बेहद हृदयविदारक घटना और मनहूस खबर से हुई। नव वर्ष की खुशियां इस इलाके में मातम में बदल गया जब घर में पत्नी से हुए मामूली विवाद में चरही पंचायत के ग्राम सरवाहा निवासी सुंदर करमाली बाइक के साथ कुआं में कूद गए और जान गवां बैठे। उन्हें बचाने कुआं में उनके चार दोस्त इसी गांव के रहने वाले राहुल करमाली, सूरज भुइयां, विनय करमाली और पंकज करमाली भी जान से हाथ धो बैठें और इस प्रकार आवेश में लिया गया एक गलत निर्णय ने पांच मित्रों की इहलीला हमेशा के लिए शांत कर दी और सभी भगवान को प्यारे हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक कुआं में पेट्रोल का गैस बनने के कारण सभी पांचों दोस्त की मौत हो गई । इस अत्यंत दुखद घटना के बाद मृतक परिवारों के साथ उनके गांव और आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी। नव वर्ष का खुशनुमा माहौल ग़म में बदल गया। इधर घटना की जानकारी के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मृतकों को शव के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है । इस घटना पर हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने गहरा शोक जताते हुए ईश्वर से अमृत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवारजनों को इस विकट दुःख से उबरने का अदम्य साहस प्रदान करने की कामना की। सांसद मनीष जायसवाल ने खुशियों के माहौल में इस प्रकार की नादानी नहीं करने और परिवार के साथ ही खुशियां मनाने की क्षेत्र वासियों से अपील भी किया । Hazaribag Today News1
- *उपायुक्त द्वारा जरुरतमंदों के लिए कंबल वितरण अभियान* *उपायुक्त भीषण शीतलहरी से प्रभावित लोगों के बीच पहुंची, वृद्ध एवं असहयों को दिया कंबल* *जिले में चल रही है शीतलहरी घरों में रहे सतर्क रहें: उपायुक्त* *रात को बंद कमरे में ना करें अंगीठी का प्रयोग, हो सकता है घातक: उपायुक्त* हजारीबाग हजारीबाग में चल रही भीषण शीतलहरी के कारण जन जीवन पर असर पड़ रहा है। बढ़ती ठंड से सड़क किनारे अपने जिंदगी गुजर बसर करने वाले लोगों के इस समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी के दृष्टिगत आज 2 जनवरी को उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने ठंड से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न गांवों में कंबल वितरण अभियान का नेतृत्व किया। यह अभियान तिलरा गांव (बिरहोर टोला), चंपानगर नवाडीह पंचायत, इचाक और रोमि गांव (पदमा) में आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग को ठंड से बचाने के लिए सहायता प्रदान करना था। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने बिरहोर समुदाय समेत ग्रामीणों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक प्राथमिकता से पहुंचे। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा, “प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि समाज के कमजोर वर्ग को हर संभव सहायता मिले। ठंड के इस मौसम में कंबल वितरण केवल राहत प्रदान करने का प्रयास है। कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, पुलिस बल और स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों के बीच जाकर कंबल वितरित किए और उनका हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने बच्चों के बीच चॉकलेट का भी वितरण किया। बिरहोर टोला जैसे दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह की पहल ने प्रशासन की सक्रियता और प्रतिबद्धता को दर्शाया। इस अभियान के तहत सैकड़ों जरूरतमंद परिवारों को कंबल दिए गए, जिससे उन्हें कड़कड़ाती ठंड में राहत मिली। विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को इस वितरण से लाभ पहुंचा। उपायुक्त नैंसी सहाय ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी हरसंभव मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगा। उन्होंने स्थानीय समुदाय से भी अपील की कि वे ऐसे कार्यों में प्रशासन का सहयोग करें और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में अपना योगदान दें। कंबल वितरण अभियान का यह प्रशासनिक प्रयास केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं होते, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक समर्पण का प्रतीक भी होते हैं। हजारीबाग प्रशासन की यह पहल समाज के वंचित वर्ग को राहत पहुंचाने और उनकी भलाई के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उपायुक्त ने ठंड के प्रकोप को देखते हुए सभी प्रखंडों के महत्वपूर्ण स्थानों में अलाव की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि ठंड बढ़ गयी है इसलिए घरों में रहे,सतर्क रहें। बढ़ती ठंड को देखते हुए जिले के प्रमुख चौराहों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन जरूरतमंद लोगों को कंबल मुहैया करा रहा है। इस मौके पर उप विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद, अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिंह, जिला योजना पदाधिकारी पंकज तिवारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार तथा संबंधित प्रखंड के सीओ और बीडीओ मौजूद रहे। *ठंड के बाबत आमलोगों लोगों से कुछ सावधानियां बरतने की उपायुक्त की अपील* ====================== *इन बातों का ध्यान रखें:* ऊनी कपड़े पहनें। सिर, गर्दन, हाथ, और पैरों को ढककर रखें। टोपी, दस्ताने, स्कार्फ़, और इंसुलेटेड, वाटरप्रूफ़ जूते पहनें. गर्म पेय पिएं। *मौसम का ध्यान रखें* मौसम के पूर्वानुमानों का पालन करें. शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं, विटामिन सी युक्त फल और सब्ज़ियां खाएं. घर में ठंडी हवा रोकें, दरवाज़ों और खिड़कियों को ठीक से बंद रखें तथा सबसे महत्वपूर्ण बंद कमरे अंगीठी जलाकर रात में न सोएं।1
- उपायुक्त हजारीबाग के द्वारा कंबल वितरण के कुछ पल1
- इचाक में कार व बाइक की टक्कर में पांच घायल, गंभीर इचाक नेशनल हाईवे 33 इचाक मोड़ टर्निंग प्वाइंट के पास हुई सड़क हादसा में चार युवक समेत एक किशोर गंभीर रूप से घायल हो गए।1