Shuru
Apke Nagar Ki App…
sabalgarh ke nagar palika ke Safai karamchariya ka bartab bahut kharab hai Safai ke naam par dukan daro ki patiyo ko jaanbuch kar tode dete or unse kaho to kahte abi to AK tuti jyada bologe sari todnge ase karamchariya par karyawahi honi chahiye jai hind jai bharat
Vishal Goyal
sabalgarh ke nagar palika ke Safai karamchariya ka bartab bahut kharab hai Safai ke naam par dukan daro ki patiyo ko jaanbuch kar tode dete or unse kaho to kahte abi to AK tuti jyada bologe sari todnge ase karamchariya par karyawahi honi chahiye jai hind jai bharat
More news from Dholpur and nearby areas
- सर मथुरा के पास रीछरा गांव के पास सेंचुरी बनने वाली है टाइगर ट्रैकिंग भरत सिंह मीणा ने किया निरीक्षण मोनेटाइज भरत सिंह मीणा मोठिया पूरा गांव का लड़का है1
- राजस्थान सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की जानकारी देने के लिए गुरुवार को विकास रथ काचरोली पहुंचा4
- सोशल मीडिया पर एक मज़ेदार वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बिल्ली मुंह में कबूतर दबाकर सड़क पार कर रही होती है। तभी कार सवार व्यक्ति के अचानक हॉर्न बजाने से बिल्ली घबरा जाती है और उसका शिकार छूट जाता है। कबूतर उड़ जाता है, जबकि बिल्ली का गुस्से भरा रिएक्शन लोगों को खूब हंसा रहा है। #ViralVideo #FunnyAnimals #CatVideo #UnexpectedMoment #InternetLaughs #AnimalReels #TrendingNow1
- धौलपुर निवासी कांग्रेस प्रवक्ता भूदेव शर्मा ने कहा मनरेगा से बीजेपी को हमेशा खतरा रहा है किसानों को मनरेगा ने मजबूत किया था मोदी सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं देखिए राजपथ न्यूज़ पर....1
- कई वर्षों से अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के संस्थापक अरविंद चौहान जी के द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग में गरीबों की कर रहे निस्वार्थ सेवा...........👀🌹 ग्वालियर महाराज बाड़ा पर ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रोड पर सोए हुए ग़रीब जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण ....। अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के द्वारा संस्थापक:- अरविंद चौहान ।1
- ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?1
- आज दोपहर 2 बजे कुम्हेर में सुशासन रथ पहुंचा पूर्व मंडल अध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत, लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि बीजेपी चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों में से 70% हमने किए पूर्ण, नदी जल समझौता, नकल माफिया पर रोक, सरकारी एवं निजी क्षेत्र में साढ़े तीन लाख रोजगार दिए, ऑनलाइन ठगी के मामलों में 40% की कमी, लूटपाट #politics #national1
- ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?1