सफलता की कहानी “इरादे अगर नेक हों तो बदलाव संभव है।” चुरचू प्रखंड के नगड़ी गांव के बिरहोर टोला के परिवर्तन की कहानी। हजारीबाग जिले का चुरचू प्रखंड स्थित नगड़ी गांव,जहाँ बिरहोर समुदाय के लोग वर्षों से न्यूनतम अभाव में गुज़ारा कर रहे थे। न रहने को व्यवस्थित घर था,बरसात के दिनों में दीवारों से रिसता पानी, अंधकार, गंदगी और सर्दियों में बच्चों की तकलीफ़… यह सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। कठिन परिस्थितियाँ थीं, पर आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं। इसी बीच एक दिन उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह अपने प्रशासनिक भ्रमण के दौरान नगड़ी गांव पहुँचे। गाँव की स्थिति देखकर वे चिंतित हुए। बच्चों के चेहरे पर मासूमियत, घरों की बदहाली और समुदाय की असहाय स्थिति ने उन्हें तुरंत कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए, “इन घरों को रहने योग्य बनाना हमारी प्राथमिकता है।” उपायुक्त के निर्देश के बाद बदलाव की शुरुआत हुई। सीएसआर मद से एनटीपीसी द्वारा घरों के मरम्मति का कार्य तत्काल प्रारंभ किया गया। धीरे-धीरे जर्जर दीवारें मजबूत होने लगीं, टूटे छप्पर बदले गए, कमरों को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप दिया गया। कुछ ही समय में गांव की तस्वीर बदलने लगी। जहाँ कभी बारिश की बूंदें दीवारों से रिसती थीं, अब वहाँ मजबूत छतें खड़ी हैं। जहाँ घरों में अंधेरा था, अब रोशनी और स्वच्छता का माहौल है। जहाँ सर्दियों में बच्चे ठिठुरते थे, अब गर्माहट भरे कमरों में चैन की नींद ले रहे हैं। सबसे सुखद बदलाव बिरहोर बच्चे अब खिलखिला रहे हैं, व्यवस्थित कमरों में बैठकर पढ़ रहे हैं, सपने देख रहे हैं। यह सिर्फ घरों की मरम्मत नहीं; यह गरिमा, सुरक्षा और उम्मीद की पुनर्स्थापना है। नगड़ी गांव में आया यह परिवर्तन दिखाता है कि सही दिशा में उठाया गया एक निर्णय पूरा भविष्य बदल सकता है। और इस बदलाव के केंद्र में हैं, माननीय मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार की सकारात्मक सोच,जिसके निर्देश पर हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह, जिनकी संवेदनशीलता, तत्परता और दृढ़ संकल्प ने एक पूरी समुदाय के जीवन में नई रोशनी ला दी। “इरादे अगर नेक हों,तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। नगड़ी गांव इसका जीता-जागता उदाहरण है।” #Team_Prd
सफलता की कहानी “इरादे अगर नेक हों तो बदलाव संभव है।” चुरचू प्रखंड के नगड़ी गांव के बिरहोर टोला के परिवर्तन की कहानी। हजारीबाग जिले का चुरचू प्रखंड स्थित नगड़ी गांव,जहाँ बिरहोर समुदाय के लोग वर्षों से न्यूनतम अभाव में गुज़ारा कर रहे थे। न रहने को व्यवस्थित घर था,बरसात के दिनों में दीवारों से रिसता पानी, अंधकार, गंदगी और सर्दियों में बच्चों की तकलीफ़… यह सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। कठिन परिस्थितियाँ थीं, पर आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं। इसी बीच एक दिन उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह अपने प्रशासनिक भ्रमण के दौरान नगड़ी गांव पहुँचे। गाँव की स्थिति देखकर वे चिंतित हुए। बच्चों के चेहरे पर मासूमियत, घरों की बदहाली और समुदाय की असहाय स्थिति ने उन्हें तुरंत कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए, “इन घरों को रहने योग्य बनाना हमारी प्राथमिकता है।” उपायुक्त के निर्देश के बाद बदलाव की शुरुआत हुई। सीएसआर मद से एनटीपीसी द्वारा घरों के मरम्मति का कार्य तत्काल प्रारंभ किया गया। धीरे-धीरे जर्जर दीवारें मजबूत होने लगीं, टूटे छप्पर बदले गए, कमरों को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप दिया गया। कुछ ही समय में गांव की तस्वीर बदलने लगी। जहाँ कभी बारिश की बूंदें दीवारों से रिसती थीं, अब वहाँ मजबूत छतें खड़ी हैं। जहाँ घरों में अंधेरा था, अब रोशनी और स्वच्छता का माहौल है। जहाँ सर्दियों में बच्चे ठिठुरते थे, अब गर्माहट भरे कमरों में चैन की नींद ले रहे हैं। सबसे सुखद बदलाव बिरहोर बच्चे अब खिलखिला रहे हैं, व्यवस्थित कमरों में बैठकर पढ़ रहे हैं, सपने देख रहे हैं। यह सिर्फ घरों की मरम्मत नहीं; यह गरिमा, सुरक्षा और उम्मीद की पुनर्स्थापना है। नगड़ी गांव में आया यह परिवर्तन दिखाता है कि सही दिशा में उठाया गया एक निर्णय पूरा भविष्य बदल सकता है। और इस बदलाव के केंद्र में हैं, माननीय मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार की सकारात्मक सोच,जिसके निर्देश पर हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह, जिनकी संवेदनशीलता, तत्परता और दृढ़ संकल्प ने एक पूरी समुदाय के जीवन में नई रोशनी ला दी। “इरादे अगर नेक हों,तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। नगड़ी गांव इसका जीता-जागता उदाहरण है।” #Team_Prd
- Satendra PandeyChauparan, Hazaribagh🙏18 hrs ago
- Satendra PandeyChauparan, Hazaribagh🙏18 hrs ago
- User1384Rajasthan😤1 day ago
- दीवानराम, नैनीताल उत्तराखंडDhari, Nainital👏1 day ago
- इंद्रा जंगल में पुलिस का बड़ा एक्शन, पाण्डेय गिरोह के 7 शातिर अपराधी हथियारों संग धराए डकैती की साजिश नाकाम, अवैध हथियार, गोलियां व सात मोबाइल बरामद; रंगदारी नेटवर्क पर कसा शिकंजा हजारीबाग पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाण्डेय गिरोह से जुड़े कुल सात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 17 दिसंबर 2025 की रात करीब 12:10 बजे की गई, जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि चरही–बादम सड़क के पास ग्राम इंद्रा के जंगल में कुछ अपराधी हथियारों के साथ बड़ी डकैती की योजना बना रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक हजारीबाग के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विष्णुगढ़ श्री वैद्यनाथ प्रसाद के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया। टीम ने चरही थाना क्षेत्र के इंद्रा जंगल में छापेमारी की, जहां पुलिस को देखकर अपराधी भागने लगे, लेकिन जवानों ने तत्परता दिखाते हुए सभी को घेराबंदी कर पकड़ लिया। तलाशी के दौरान आलोक राज और लक्ष्मण पासवान के पास से एक-एक देशी हथियार लोडेड अवस्था में बरामद किया गया, जबकि अन्य आरोपियों के पास से मोबाइल फोन मिले। पूछताछ में सभी ने स्वीकार किया कि वे कुख्यात पाण्डेय गिरोह के लिए काम करते हैं और गिरोह के सक्रिय सदस्य ओमप्रकाश उर्फ प्रकाश साव के निर्देश पर बड़कागांव, केरेडारी, पगार, गिद्दी और पतरातु क्षेत्रों में रंगदारी वसूली के लिए धमकी देते थे। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार सभी अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास रहा है और वे पूर्व में कई संगीन मामलों में जेल जा चुके हैं। छापेमारी के दौरान एक देशी कट्टा, एक देशी पिस्टल, कुल चार जिंदा गोलियां और सात एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इस कार्रवाई में हजारीबाग पुलिस के वरीय अधिकारियों समेत विभिन्न थानों के पुलिस पदाधिकारी एवं तकनीकी शाखा की अहम भूमिका रही। पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है। इस सफलता को जिले में संगठित अपराध पर बड़ी चोट के रूप में देखा जा रहा है।1
- *भाजापा द्वारा मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना राजनीति से प्रेरित : जय प्रकाश भाई पटेल* हजारीबाग : जिला कांग्रेस के तत्वावधान में भाजपा द्वारा महत्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी ( मनरेगा ) से महात्मा गांधी के नाम हटाए जाने के विरोध में पुराना समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री सह जिला अध्यक्ष जय प्रकाश भाई पटेल ने कहा कि मनरेगा से महत्मा गांधी का नाम मिटाना सोचा-समझा राजनीति से प्रेरित है । उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने का सचेत निर्णय वैचारिक है । गांधी जी की श्रम की गरिमा, समाजिक न्याय और सबसे गरीबों के प्रति राज्य की नैतिक जिम्मेदारी के प्रतीक है । यह नाम परिवर्तन गांधी जी के मुल्यों के प्रति भाजापा-आरएसएस की दीर्घकालिक असहजता और अविश्वास को दर्शाता है तथा एक जन केन्द्रित कल्याणकारी कानून से राष्ट्रपिता के जुड़ाव को मिटाने का प्रयास है । प्रस्तावित नया विधेयक उस कानूनी काम के अधिकार को समाप्त कर देता है जो, मनरेगा ने प्रदान किया था । यह मांग आधारित, वैधानिक अधिकार की जगह एक केन्द्र नियंत्रित योजना लाता है, जिसमे न तो रोजगार की कोई कानून लागू की जा सकने वाली गारंटी है न सार्वभौमिक कबरेज और न ही यह आश्वासन कि आवश्यकता के समय लोंगो को काम मिलेगा । वस्तुत: काम के अधिकार को ही समाप्त किया जा रहा है । मनरेगा के तहत मजदुरी के वित्तपोषण की प्राथमिक जिम्मेवारी केन्द्र सरकार की थी, जिससे यह एक वास्तविक राष्ट्रीय रोजगार गारंटी बनाती थी । नया विधेयक इस जिम्मेदारी से पिछे हटना चाहती है, बोझ राज्यों पर डालता है, आवंटनों पर सीमा लगता है और मांग आधारित कार्यक्रम की बुनियाद को कमजोर करता है । इससे संघवाद कमजोर होता है और वित्तीय बाधाओं के कारण राज्यों को काम की मांग दबाने के लिए मजबूर होना पड़ता है । गांधी जी की विरासत, श्रामिकों के अधिकार और संघीय जिम्मेदारी पर यह संयुक्त हमला भाजापा-आरएसएस की उस बड़ी साजिश को उजागर करता है, जिसके तहत अधिकार आधारित कल्याण को समाप्त कर केन्द्र नियंत्रित दया-दान की व्यव्स्था से बदला जा रहा है । जिला कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष निसार खान ने बताया कि मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष भीम कुमार प्रदेश महासचिव बिनोद कुशवाहा पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह पूर्व जिला अध्यक्ष विजय कुमार यादव वरिष्ठ कांग्रेस अशोक देव, विरेन्द्र कुमार सिंह, बिनोद सिंह, रजी अहमद, निजामुद्दीन अंसारी, राजू चौरसिया, साजिद अली खान, जावेद इकबाल, बाबर अंसारी, राजीव कुमार मेहता, कैलाश पति देव, जय कुमार महतो, विजय कुमार सिंह, रंजीत यादव, ज्ञानी प्रसाद मेहता, मनोज मोदी, अब्बास अंसारी, नौशाद आलम, अजित कुमार सिंह, प्रदीप मंडल, रविन्द्र गुप्ता, निसार अहमद भोला, ओमप्रकाश गोप, सदरूल होदा, वासुदेव महतो, उपेन्द्र यादव, अनिल कुमार राय, विकास कुमार, अनिल कुमार भुईया, मोहम्मद वारिस, बाबु खान, सैयद अशरफ रफी, रिंकू कुमार के अतिरिक्त सैकड़ो कांग्रेसी उपस्थित थे।4
- Post by Dabang bihari Pandey ji1
- @dgpjh महोदय दो छोटे बच्चों की खेल में गेंद से चोट लगने पे उसके अंकल ने दूसरे बच्चे को बेदर्दी से पीटा, पीड़ित के आवेदन के बाद बरही पुलिस ने दोषी अंकल को पैसे ले कर छोड़ दिया @HemantSorenJMM बच्चों को अमानवीय तरीके से पीटने पर संज्ञान ले। @JharkhandPolice @HazaribagPolice2
- 25 december 2025 मै दुनिया खत्म हो जाएगी, इसलिए एक भाई हजारों नाव बना रहे है ताकि सभी लोग सुरक्षित रहे।1
- Post by Boltajharkhand1
- दो मामलों में अभियुक्त गिरफ्तार, भेजे गए जेल1
- भाजापा द्वारा मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना राजनीति से प्रेरित : जय प्रकाश भाई पटेल हजारीबाग | जिला कांग्रेस के तत्वावधान में भाजपा द्वारा महत्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) से महात्मा गांधी के नाम हटाए जाने के विरोध में पुराना समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री सह जिला अध्यक्ष जय प्रकाश भाई पटेल ने कहा कि मनरेगा से महत्मा गांधी का नाम मिटाना सोचा-समझा राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने का सचेत निर्णय वैचारिक है। गांधी जी की श्रम की गरिमा, समाजिक न्याय और सबसे गरीबों के प्रति राज्य की नैतिक जिम्मेदारी के प्रतीक है। यह नाम परिवर्तन गांधी जी के मुल्यों के प्रति भाजापा-आरएसएस की दीर्घकालिक असहजता और अविश्वास को दर्शाता है तथा एक जन केन्द्रित कल्याणकारी कानून से राष्ट्रपिता के जुड़ाव को मिटाने का प्रयास है। प्रस्तावित नया विधेयक उस कानूनी काम के अधिकार को समाप्त कर देता है जो, मनरेगा ने प्रदान किया था। यह मांग आधारित, वैधानिक अधिकार की जगह एक केन्द्र नियंत्रित योजना लाता है, जिसमे न तो रोजगार की कोई कानून लागू की जा सकने वाली गारंटी है न सार्वभौमिक कबरेज और न ही यह आश्वासन कि आवश्यकता के समय लोंगो को काम मिलेगा। वस्तुत: काम के अधिकार को ही समाप्त किया जा रहा है। मनरेगा के तहत मजदुरी के वित्तपोषण की प्राथमिक जिम्मेवारी केन्द्र सरकार की थी, जिससे यह एक वास्तविक राष्ट्रीय रोजगार गारंटी बनाती थी। नया विधेयक इस जिम्मेदारी से पिछे हटना चाहती है, बोझ राज्यों पर डालता है, आवंटनों पर सीमा लगता है और मांग आधारित कार्यक्रम की बुनियाद को कमजोर करता है। इससे संघवाद कमजोर होता है और वित्तीय बाधाओं के कारण राज्यों को काम की मांग दबाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गांधी जी की विरासत, श्रामिकों के अधिकार और संघीय जिम्मेदारी पर यह संयुक्त हमला भाजापा-आरएसएस की उस बड़ी साजिश को उजागर करता है, जिसके तहत अधिकार आधारित कल्याण को समाप्त कर केन्द्र नियंत्रित दया-दान की व्यव्स्था से बदला जा रहा है। जिला कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष निसार खान ने बताया कि मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष भीम कुमार प्रदेश महासचिव बिनोद कुशवाहा पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह पूर्व जिला अध्यक्ष विजय कुमार यादव वरिष्ठ कांग्रेस अशोक देव, विरेन्द्र कुमार सिंह, बिनोद सिंह, रजी अहमद, निजामुद्दीन अंसारी, राजू चौरसिया, साजिद अली खान, जावेद इकबाल, बाबर अंसारी, राजीव कुमार मेहता, कैलाश पति देव, जय कुमार महतो, विजय कुमार सिंह, रंजीत यादव, ज्ञानी प्रसाद मेहता, मनोज मोदी, अब्बास अंसारी, नौशाद आलम, अजित कुमार सिंह, प्रदीप मंडल, रविन्द्र गुप्ता, निसार अहमद भोला, ओमप्रकाश गोप, सदरूल होदा, वासुदेव महतो, उपेन्द्र यादव, अनिल कुमार राय, विकास कुमार, अनिल कुमार भुईया, मोहम्मद वारिस, बाबु खान, सैयद अशरफ रफी, रिंकू कुमार के अतिरिक्त सैकड़ो कांग्रेसी उपस्थित थे।1