आज जगह जगह असत्य पर सत्य की विजय का पर्व मनाया गया। हरिद्वार की जिला जेल रोशनाबाद में भी अपराध और बुराइयों के प्रतीक के रूप में रावण का पुतला दहन किया गया। इससे पूर्व कारागार में रामलीलाओं का मंचन भी किया गया और रावण वध के उपरांत प्रभु राम ने विभीषण की सलाह पर उसकी नाभि में तीर मारकर रावण को धराशाई किया। इसके बाद रावण का पुतला धू-धू कर जला। जिसके बाद कैदियों और जेल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों ने भगवान राम का जयघोष किया। इससे पूर्व पांच दिन तक कारागार में लीलाओं का मंचन किया गया, जिसमें राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान,भरत, सुग्रीव आदि सभी पात्रों का किरदार कैदियों ने ही अदा किया। उल्लेखनीय है कि गतवर्ष जिला जेल में रामलीला का फायदा उठाकर दो कैदी दीवार लांघकर फरार हो गए थे। जिसके बाद हरिद्वार से देहरादून तक जेल व्यवस्थाओं और जेल में ऐसे आयोजनों को लेकर सवाल उठे लेकिन अंततः कारागार प्रशासन ने जेल में चल रही ऐसी सुधारात्मक गतिविधियों को सही माना। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि कैदियों को अंततः वापस समाज में ही लौटना होता है। जेल में रहकर उनमें सदप्रवृतियों का विकास हो और वह अपराध से दूर होने का निश्चय करें,इस भावना से ही जेल में रामलीला, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन व अन्य पर्व मनाए जाते हैं और इनका कैदियों में अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। (-कुमार दुष्यंत)
आज जगह जगह असत्य पर सत्य की विजय का पर्व मनाया गया। हरिद्वार की जिला जेल रोशनाबाद में भी अपराध और बुराइयों के प्रतीक के रूप में रावण का पुतला दहन किया गया। इससे पूर्व कारागार में रामलीलाओं का मंचन भी किया गया और रावण वध के उपरांत प्रभु राम ने विभीषण की सलाह पर उसकी नाभि में तीर मारकर रावण को धराशाई किया। इसके बाद रावण का पुतला धू-धू कर जला। जिसके बाद कैदियों और जेल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों ने भगवान राम का जयघोष किया। इससे पूर्व पांच दिन तक कारागार में लीलाओं का मंचन किया गया, जिसमें राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान,भरत, सुग्रीव आदि सभी पात्रों का किरदार कैदियों ने ही अदा किया। उल्लेखनीय है कि गतवर्ष जिला जेल में रामलीला का फायदा उठाकर दो कैदी दीवार लांघकर फरार हो गए थे। जिसके बाद हरिद्वार से देहरादून तक जेल व्यवस्थाओं और जेल में ऐसे आयोजनों को लेकर सवाल उठे लेकिन अंततः कारागार प्रशासन ने जेल में चल रही ऐसी सुधारात्मक गतिविधियों को सही माना। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि कैदियों को अंततः वापस समाज में ही लौटना होता है। जेल में रहकर उनमें सदप्रवृतियों का विकास हो और वह अपराध से दूर होने का निश्चय करें,इस भावना से ही जेल में रामलीला, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन व अन्य पर्व मनाए जाते हैं और इनका कैदियों में अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। (-कुमार दुष्यंत)
- हम हैं आजाद न्यूज़ चैनल के संपादक सूरज वर्मा का निधन* रुड़की से एक दुखद खबर आ रही है, हम हैं आजाद न्यूज़ चैनल के संपादक सूरज वर्मा का हृदय गति रुक जाने के कारण आकस्मिक निधन हो गया है। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। *शोक संदेश* प्रेस क्लब महानगर रुड़की परिसर और प्रेस क्लब मंगलौर प्रेस के सभी वरिष्ठ पत्रकारों ने सूरज वर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। इंडियन निर्भीक टाइम्स न्यूज़ की पूरी टीम की तरफ से हम सूरज वर्मा जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं। सूरज वर्मा के निधन पर हम उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं ¹। *ओम शांति ओम शांति*1
- Amritsar golden temple1
- Molana Mohd Ali bijnori And Misam Ali1
- गणित की दुनिया में 0 से अनंत तक की यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। हर संख्या के बाद एक और बड़ी संख्या मौजूद होती है। यही कारण है कि गणित में “आख़िरी नंबर” जैसा कोई सिद्धांत नहीं है। संख्या रेखा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों दिशाओं में अनंत तक फैली होती है। यह अवधारणा हमें सिखाती है कि संख्याएँ बिना किसी सीमा के बढ़ती और घटती रह सकती हैं। #Infinity #MindBlowingFacts #MathFacts #DidYouKnow #KnowledgeReels #ExploreMore1
- खटीमा उत्तराखंड के तुषार शर्मा मर्डर कैश के जितने भी आरोपी है सभी को फांसी की सजा होनी चहिते1
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- मुजफ्फरनगर थाना पुरकाज़ी पुलिस ने मुठभेड़ में 01 घायल सहित 04 लुटेरों को गिरफ्तार कर लूट का किया खुलासा1
- गणित की दुनिया में 0 से अनंत तक की यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। हर संख्या के बाद एक और बड़ी संख्या मौजूद होती है। यही कारण है कि गणित में “आख़िरी नंबर” जैसा कोई सिद्धांत नहीं है। संख्या रेखा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों दिशाओं में अनंत तक फैली होती है। यह अवधारणा हमें सिखाती है कि संख्याएँ बिना किसी सीमा के बढ़ती और घटती रह सकती हैं। #Infinity #MindBlowingFacts #MathFacts #DidYouKnow #KnowledgeReels #ExploreMore1