झारखंड का बुडा शेर कहा जाने वाला आजसू पार्टी के संथापक सह पूर्व विधायक सूयृसिह बेसरा ने फिर से दहाड़ा है ,एक बात पहले पहल दहाड मारी तो झारखंड अलग राज्य झोली मे आ कर गिरी ,दुसरी बारी मे राजनेताओं की कुसी खाली होने की बारी आती है ? खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्यों निमा्ण के बदले पुरूस्कार पाने की परिकल्पना आन्दोलनकारी /सेनानियो ने कभी नही की थी, जहां झारखंड के सुन्दरता को पिछले 23बषो में हत्या लुटपाट बालात्कार जैसी संघन आपराधिक तत्वों का जमावडाके साथ ही बिकास मे बिफल राजनीतिक दलों का आखाड़ा बनकर रह गयी है उपरोक्त बाते लोहरदगा जिले के झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो के अध्यक्षा बिजय कुमार बिधाथी ने मीडिया को बताया है ? उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में कोई भी राजनेता आन्दोलनकारी /सेनानियो के हक अधिकार की बात कर ने तक से कतराते है .क्षी बिधाथी ने कहा कि अपनी खुन पसीने से झारखंड अलग राज्य की लडाई को सिंचा हैं हमे हक ,अधिकार और सम्मान दिलाने की जरूरत नही है ,हम अपना अधिकार लेना जानते हैं, तुम देखना चाहते हो कि हम मंजदूरी नही कर सकते परिवार का लालन _पालन नही कर सकते तो , ये तुम्माहारी भुल है , अपनी भुल सुधारो बरना कुसी की राजनीतिक करना छोड दो ? झारखंड अलग राज्य की लडाई आजसू/झामुमो के आन्दोलनकारीओं / सेनानियों की कुरबानियों के बल पर बना है ऐसे में निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के द्वारा आन्दोलनकारियो की अनदेखी करने के बिरूद्द ऐसे पदभ़ष्ठ राजनीतिक दलों को जड़ से उखाड फेकेगी ? सेनानियों की पहल और राजनीतिक स्तरपर अपना कदम आगे बढ़ना शुरू किया है ! झामुमो /आजसू के आन्दोलनकारी /सेनानियो के कुरबानी के बाद बना झारखंड अलग राज्य के झामुमो के निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शासनकाल में झामुमो आजसू के आन्दोलनकारियो ने देश के अन्य राज्यों में मंजदूरी कर रहे हैं ? झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो ने पढाई के साथ - साथ झारखंड अलग राज्य की लडाई के बाद परिवार की पेट की ज्वाला शांत करने के लिये दुसरे राज्य मे मंजदूरी कर रहे है ! ऐसे में झारखंड के मंजदूर देश भर में कायृ है , उनका निबंधन उनके कायृ स्थलों पर निबंधित करने /प़ाण काड परिचय-पत्र उपलब्ध कराने और सरकार के द्वारा मिलने वाली सुबिधा का लाभ पहुचाने की पहल तो दुर की बात ठहरी ? वही दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के लिये आन्दोलनकारी /सेनानियो को राज्य मिलने के 24 वी.बषृगाठ मनाने के आसार के बावजूद आन्दोलनकिरियो /सेनानियों को चिन्हिकरण नही किया जा सका है अल्बत्ता आन्दोलनकारियो को वगीकृत कर ,सरकारी नौकरी में उमर की पावंदी व रोजगार की कमी के कारण अबुआ दिसुम अबुआ राज्य की पहल ओर आन्दोलनकारियो के बलिदान पर बना झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों के हक अधिकार की बार तो दुर की ठहरी चिन्हिकरण का कायृ 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी अधूरी है? ऐसे मे झारखंड अलग राज्य बनाम बिधायक से सासंद बने सुखदेव भगत भले ही अपने शपत में सरना माँ की शौगध ली ? किन्तु आदिवासी बहुल झारखंड अलग राज्य में आदिवासियों के आरक्षण के बल पर बिधायक से सासंद बने सुखदेव सगत लोहरदगा जिले के बिकाश के लिये कारखाना स्थापित करने की बात ओर औधौगिक नगरी के नाम पर पलामू में फैक्टरी स्थापित पर आपकी चुप्पी को जनता क्या समझे ! रही बात झारखंड आन्दोलनकारीओं में अधिकाश आदिवासी समाज सेआते हैं उनकी चिन्हिकरण का मामला के 24 बषृ पूरे हुए पर कायृ अधुरापन ही रहा कुल मिलाकर जिसके दमपर बिधायक से सासंद तक का सफर आपने तय किया उसके लिए अपने क्या किया ? रही बात लोहरदगा जिले की बिकास की बात तो ये बात कोई गलत नही होगा कि लोग लोहरदगा को चारागाह का केन्दृ बिन्दु बनकर रह गया है, खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्य मे बेरोजगारी से परेशान कृषक मजदूरों का पालायन को रोक पाने मे बिफल राज्य सरकार के पास रोजगार के छोटे छोटे अवसरों को उपलब्धि कराने मे असमर्थ रही है!ऐसे मे राज्य की राजधानी के सबसे नजदीक जिले लोहरदगा जिले मे बृड गेज रेलवे लाईन के बिस्तार के साथ ही बिकास की पहली पडाव पार तो कर चुके हैं ? दुसरी पडाव नेतरहाट फिल्ड फायरिग की बारी है. जो बिश्व का दुसरा एवं एशिया की सबसे बड़ी मीलिटी छावनी बनने की बारी आती है. जिसके बनते ही उगृवाद,आपराधिक, हत्या,लुटपाट,बालात्कार जैसी संघन मामला अकुंश लगेगा और आथिक मजबूति स्थानिये लोगो को मिलने लगेगें ? ईसके लिये कौन आगे आयेगा देखना अभी बाकी हैं ?
झारखंड का बुडा शेर कहा जाने वाला आजसू पार्टी के संथापक सह पूर्व विधायक सूयृसिह बेसरा ने फिर से दहाड़ा है ,एक बात पहले पहल दहाड मारी तो झारखंड अलग राज्य झोली मे आ कर गिरी ,दुसरी बारी मे राजनेताओं की कुसी खाली होने की बारी आती है ? खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्यों निमा्ण के बदले पुरूस्कार पाने की परिकल्पना आन्दोलनकारी /सेनानियो ने कभी नही की थी, जहां झारखंड के सुन्दरता को पिछले 23बषो में हत्या लुटपाट बालात्कार जैसी संघन आपराधिक तत्वों का जमावडाके साथ ही बिकास मे बिफल राजनीतिक दलों का आखाड़ा बनकर रह गयी है उपरोक्त बाते लोहरदगा जिले के झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो के अध्यक्षा बिजय कुमार बिधाथी ने मीडिया को बताया है ? उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में कोई भी राजनेता आन्दोलनकारी /सेनानियो के हक अधिकार की बात कर ने तक से कतराते है .क्षी बिधाथी ने कहा कि अपनी खुन पसीने से झारखंड अलग राज्य की लडाई को सिंचा हैं हमे हक ,अधिकार और सम्मान दिलाने की जरूरत नही है ,हम अपना अधिकार लेना जानते हैं, तुम देखना चाहते हो कि हम मंजदूरी नही कर सकते परिवार का लालन _पालन नही कर सकते तो , ये तुम्माहारी भुल है , अपनी भुल सुधारो बरना कुसी की राजनीतिक करना छोड दो ? झारखंड अलग राज्य की लडाई आजसू/झामुमो के आन्दोलनकारीओं / सेनानियों की कुरबानियों के बल पर बना है ऐसे में निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के द्वारा आन्दोलनकारियो की अनदेखी करने के बिरूद्द ऐसे पदभ़ष्ठ राजनीतिक दलों को जड़ से उखाड फेकेगी ? सेनानियों की पहल और राजनीतिक स्तरपर अपना कदम आगे बढ़ना शुरू किया है ! झामुमो /आजसू के आन्दोलनकारी /सेनानियो के कुरबानी के बाद बना झारखंड अलग राज्य के झामुमो के निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शासनकाल में झामुमो आजसू के आन्दोलनकारियो ने देश के अन्य राज्यों में मंजदूरी कर रहे हैं ? झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो ने पढाई के साथ - साथ झारखंड अलग राज्य की लडाई के बाद परिवार की पेट की ज्वाला शांत करने के लिये दुसरे राज्य मे मंजदूरी कर रहे है ! ऐसे में झारखंड के मंजदूर देश भर में कायृ है , उनका निबंधन उनके कायृ स्थलों पर निबंधित करने /प़ाण काड परिचय-पत्र उपलब्ध कराने और सरकार के
द्वारा मिलने वाली सुबिधा का लाभ पहुचाने की पहल तो दुर की बात ठहरी ? वही दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के लिये आन्दोलनकारी /सेनानियो को राज्य मिलने के 24 वी.बषृगाठ मनाने के आसार के बावजूद आन्दोलनकिरियो /सेनानियों को चिन्हिकरण नही किया जा सका है अल्बत्ता आन्दोलनकारियो को वगीकृत कर ,सरकारी नौकरी में उमर की पावंदी व रोजगार की कमी के कारण अबुआ दिसुम अबुआ राज्य की पहल ओर आन्दोलनकारियो के बलिदान पर बना झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों के हक अधिकार की बार तो दुर की ठहरी चिन्हिकरण का कायृ 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी अधूरी है? ऐसे मे झारखंड अलग राज्य बनाम बिधायक से सासंद बने सुखदेव भगत भले ही अपने शपत में सरना माँ की शौगध ली ? किन्तु आदिवासी बहुल झारखंड अलग राज्य में आदिवासियों के आरक्षण के बल पर बिधायक से सासंद बने सुखदेव सगत लोहरदगा जिले के बिकाश के लिये कारखाना स्थापित करने की बात ओर औधौगिक नगरी के नाम पर पलामू में फैक्टरी स्थापित पर आपकी चुप्पी को जनता क्या समझे ! रही बात झारखंड आन्दोलनकारीओं में अधिकाश आदिवासी समाज सेआते हैं उनकी चिन्हिकरण का मामला के 24 बषृ पूरे हुए पर कायृ अधुरापन ही रहा कुल मिलाकर जिसके दमपर बिधायक से सासंद तक का सफर आपने तय किया उसके लिए अपने क्या किया ? रही बात लोहरदगा जिले की बिकास की बात तो ये बात कोई गलत नही होगा कि लोग लोहरदगा को चारागाह का केन्दृ बिन्दु बनकर रह गया है, खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्य मे बेरोजगारी से परेशान कृषक मजदूरों का पालायन को रोक पाने मे बिफल राज्य सरकार के पास रोजगार के छोटे छोटे अवसरों को उपलब्धि कराने मे असमर्थ रही है!ऐसे मे राज्य की राजधानी के सबसे नजदीक जिले लोहरदगा जिले मे बृड गेज रेलवे लाईन के बिस्तार के साथ ही बिकास की पहली पडाव पार तो कर चुके हैं ? दुसरी पडाव नेतरहाट फिल्ड फायरिग की बारी है. जो बिश्व का दुसरा एवं एशिया की सबसे बड़ी मीलिटी छावनी बनने की बारी आती है. जिसके बनते ही उगृवाद,आपराधिक, हत्या,लुटपाट,बालात्कार जैसी संघन मामला अकुंश लगेगा और आथिक मजबूति स्थानिये लोगो को मिलने लगेगें ? ईसके लिये कौन आगे आयेगा देखना अभी बाकी हैं ?
- Vijay Kumar vidhyarthiLohardaga, Jharkhand😂1 hr ago
- ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस ने MIC-13 की बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 405 में छापामार कार्रवाई की है। छापामार कार्रवाई में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप की साइट पर सट्टा खिलाते सात लोग पकड़े हैं। इनके पास से दो लैपटॉप 11 मोबाइल और 6:30 लख रुपए का हिसाब किताब पुलिस को मिला है। पकड़े गए सात आरोपी छत्तीसगढ़, झारखंड, डबरा और ग्वालियर के रहने वाले है। वही पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुड़ गई है।वीओ- दरअसल ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस को मुखबिर के द्वारा सूचना मिली थी कि विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के महलगांव MIC-13 की बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 405 में कुछ संदिग्ध लोगों के द्वारा गलत गतिविधियां हो रही है इस सूचना पर क्राइम ब्रांच की एक टीम बिल्डिंग के फ्लैट में पहुंची और छापा मारते हुए अंदर दाखिल हुई तभी दरवाजा खोलने आए एक को पहले पकड़ लिया फिर कमरे में पहुंचकर देखा तो अंदर ऑनलाइन महादेव अप की साइट रेडीबुक पर सट्टा खिलाते 6 युवक मिले। इन सभी सातों लोगों को एक कमरे में बिठाकर दो लैपटॉप 11 मोबाइल और 6 लाख 50 हजार रुपए का हिसाब किताब बरामद कर जप्त किया। पकड़े गए सातों आरोपियों से पूछताछ करने पर दो आरोपी सौरभ शर्मा, सैयद अली छत्तीसगढ़, एक आरोपी ईबरार अंसारी झारखंड, दो आरोपी मोहित सिंह, मोहित झा डबरा और दो आरोपी अली खान और पवन गोस्वामी ग्वालियर के रहने वालों को गिरफ्तार किया है। वहीं पुलिस ने और उपयोग को गिरफ्तार कर सट्टा खिलाने की धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है।1
- सम्पर्क करें जी वैद्य सतीश बुद्धिराजा जी Haryana वाले 7015452507, पुराने से पुरानी डिक्स समस्या L1L2L3L4L5S1 गप कम हो, सर्वाइकल, माइग्रेन, टांगों में, सुनापन, कन्धे, घुटनों का जाम होना, एंडी में दर्द . हर महीने की 5 तारिख और 20तारिख को स्वागत होटल, थाना रोड, डाल्टनगंज (झारखंड) हर महीने की 6 तारिख और 21 तारिख को मेनका सिनेमा हॉल के सामने साईं नर्सिंग होम ,लोहरदगा,झारखंड हर महीने की 7 तारिख और 22 तारिख को बुट्टी मोड़, टाटा मोटर्स के साथ तिरुपति फूड गैराज रांची (झारखंड) हर महीने की 8 तारीख और 23 तारीख गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा , गुरुद्वारा रोड ,गया हर महीने की 9 तारिख और 24 तारिख को बैंक मोड़ , बड़ा गुरुद्वारा , धनबाद, (झारखंड )1
- Kisko Chaaahiye,..!!?1
- दोषी कौन ? झारखंड अलग राज्य के निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन या आन्दोलनकारी /सेनानियो बनने के लिया दोषी कौन ? चिन्हिकरण आयोग या चिन्हिकरण मै शामिल अधिकारी या स्वयं आन्दोलनकारी /सेनानियो है ,जिन्होंने आन्दोलन से जुडे होने का परिपूर्ण परिचय-पत्र उपलब्ध कराने मे २४ सफर किया है ? झारखंड का बुडा शेर कहा जाने वाला आजसू पार्टी के संथापक सह पूर्व विधायक सूयृसिह बेसरा ने फिर से दहाड़ा है ,एक बात पहले पहल दहाड मारी तो झारखंड अलग राज्य झोली मे आ कर गिरी ,दुसरी बारी मे राजनेताओं की कुसी खाली होने की बारी आती है ? खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्यों निमा्ण के बदले पुरूस्कार पाने की परिकल्पना आन्दोलनकारी /सेनानियो ने कभी नही की थी, जहां झारखंड के सुन्दरता को पिछले 23बषो में हत्या लुटपाट बालात्कार जैसी संघन आपराधिक तत्वों का जमावडाके साथ ही बिकास मे बिफल राजनीतिक दलों का आखाड़ा बनकर रह गयी है उपरोक्त बाते लोहरदगा जिले के झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो के अध्यक्षा बिजय कुमार बिधाथी ने मीडिया को बताया है ? उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में कोई भी राजनेता आन्दोलनकारी /सेनानियो के हक अधिकार की बात कर ने तक से कतराते है .क्षी बिधाथी ने कहा कि अपनी खुन पसीने से झारखंड अलग राज्य की लडाई को सिंचा हैं हमे हक ,अधिकार और सम्मान दिलाने की जरूरत नही है ,हम अपना अधिकार लेना जानते हैं, तुम देखना चाहते हो कि हम मंजदूरी नही कर सकते परिवार का लालन _पालन नही कर सकते तो , ये तुम्माहारी भुल है , अपनी भुल सुधारो बरना कुसी की राजनीतिक करना छोड दो ? झारखंड अलग राज्य की लडाई आजसू/झामुमो के आन्दोलनकारीओं / सेनानियों की कुरबानियों के बल पर बना है ऐसे में निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के द्वारा आन्दोलनकारियो की अनदेखी करने के बिरूद्द ऐसे पदभ़ष्ठ राजनीतिक दलों को जड़ से उखाड फेकेगी ? सेनानियों की पहल और राजनीतिक स्तरपर अपना कदम आगे बढ़ना शुरू किया है ! झामुमो /आजसू के आन्दोलनकारी /सेनानियो के कुरबानी के बाद बना झारखंड अलग राज्य के झामुमो के निवृतमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शासनकाल में झामुमो आजसू के आन्दोलनकारियो ने देश के अन्य राज्यों में मंजदूरी कर रहे हैं ? झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो ने पढाई के साथ - साथ झारखंड अलग राज्य की लडाई के बाद परिवार की पेट की ज्वाला शांत करने के लिये दुसरे राज्य मे मंजदूरी कर रहे है ! ऐसे में झारखंड के मंजदूर देश भर में कायृ है , उनका निबंधन उनके कायृ स्थलों पर निबंधित करने /प़ाण काड परिचय-पत्र उपलब्ध कराने और सरकार के द्वारा मिलने वाली सुबिधा का लाभ पहुचाने की पहल तो दुर की बात ठहरी ? वही दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के लिये आन्दोलनकारी /सेनानियो को राज्य मिलने के 24 वी.बषृगाठ मनाने के आसार के बावजूद आन्दोलनकिरियो /सेनानियों को चिन्हिकरण नही किया जा सका है अल्बत्ता आन्दोलनकारियो को वगीकृत कर ,सरकारी नौकरी में उमर की पावंदी व रोजगार की कमी के कारण अबुआ दिसुम अबुआ राज्य की पहल ओर आन्दोलनकारियो के बलिदान पर बना झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों के हक अधिकार की बार तो दुर की ठहरी चिन्हिकरण का कायृ 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी अधूरी है? ऐसे मे झारखंड अलग राज्य बनाम बिधायक से सासंद बने सुखदेव भगत भले ही अपने शपत में सरना माँ की शौगध ली ? किन्तु आदिवासी बहुल झारखंड अलग राज्य में आदिवासियों के आरक्षण के बल पर बिधायक से सासंद बने सुखदेव सगत लोहरदगा जिले के बिकाश के लिये कारखाना स्थापित करने की बात ओर औधौगिक नगरी के नाम पर पलामू में फैक्टरी स्थापित पर आपकी चुप्पी को जनता क्या समझे ! रही बात झारखंड आन्दोलनकारीओं में अधिकाश आदिवासी समाज सेआते हैं उनकी चिन्हिकरण का मामला के 24 बषृ पूरे हुए पर कायृ अधुरापन ही रहा कुल मिलाकर जिसके दमपर बिधायक से सासंद तक का सफर आपने तय किया उसके लिए अपने क्या किया ? रही बात लोहरदगा जिले की बिकास की बात तो ये बात कोई गलत नही होगा कि लोग लोहरदगा को चारागाह का केन्दृ बिन्दु बनकर रह गया है, खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्य मे बेरोजगारी से परेशान कृषक मजदूरों का पालायन को रोक पाने मे बिफल राज्य सरकार के पास रोजगार के छोटे छोटे अवसरों को उपलब्धि कराने मे असमर्थ रही है!ऐसे मे राज्य की राजधानी के सबसे नजदीक जिले लोहरदगा जिले मे बृड गेज रेलवे लाईन के बिस्तार के साथ ही बिकास की पहली पडाव पार तो कर चुके हैं ? दुसरी पडाव नेतरहाट फिल्ड फायरिग की बारी है. जो बिश्व का दुसरा एवं एशिया की सबसे बड़ी मीलिटी छावनी बनने की बारी आती है. जिसके बनते ही उगृवाद,आपराधिक, हत्या,लुटपाट,बालात्कार जैसी संघन मामला अकुंश लगेगा और आथिक मजबूति स्थानिये लोगो को मिलने लगेगें ? ईसके लिये कौन आगे आयेगा देखना अभी बाकी हैं ?3
- Chhole Bhature Kis Kisko pasand hai1
- यूपी: सावन माह में कांवड़ यात्रा चल रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में कांवड़ यात्रा के दौरान हापुड़ में एक मदरसे के बाहर खड़े मुस्लिम युवकों के कांवड़ियों के जत्थे पर थूकने की खबर सामने आई है। इसके विरोध आक्रोशित कांवड़ियों ने सड़क पर जमकर हंगामा किया। मामले की जानकारी मिलने पर हिंदू संगठन के लोग भी मौके पर पहुंचे। एसपी ज्ञानंजय सिंह समेत पुलिस बल मौके पर पहुंच कर कड़ी कार्यवाही के आश्वासन के बाद हालात पर काबू पाया।1
- Raat ke 1 Baje kisko dekh liya . . . .1
- Sourav Joshi ke vlog kisko pasand nhi ate1