भोगों के प्रति इतनी आसक्ति बढ़ गई है कि हम समझ नहीं पा रहे हम हिंसक पदार्थों को खा रहे हैं या अहिंसक पदार्थों को आचार्य श्री विनिश्चय सागर महाराज रामगंजमंडी एक्सप्रेस रामगंजमंडी परम पूज्य आचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा की व्यक्ति का भोगो पर इतना ध्यान हो गया है कि उसके भोगों के प्रति आसक्ति बढ़ गई है, एवं व्यक्ति यह भी ध्यान नहीं दे पा रहा है कि वह हिंसक पदार्थों को खा रहा है या अहिंसक को, वह यह भी ध्यान नहीं दे पा रहा है कि मांसाहारी का सेवन कर रहा है या शाकाहारी का। बस केवल यह देख रहा है कि दिमाग को और जीभ को पसंद आना चाहिए।वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर गुरुदेव ने कहा कि आज माल आदि आप ही की भोग आसक्ति का परिणाम है जो चीज बाजार में ₹5 में मिलती है वही चीज माल आदि में ₹20 की मिलती है, लेकिन ट्राली लेकर चलना स्टैंडर्ड में हम मरे जा रहे हैं। अंबानी को करोड़पति अरबपति बनाने वाले हम है पैसे की ताकत में यह नहीं सोचा जा रहा धर्म दयालु हैं करुणाशील है। हम उस घर पर आरोप लगा रहे हैं की यह धर्म जीवो का ध्यान नहीं रखता। हम चुपचाप बैठे हैं। यह हमारे लिए सबसे ज्यादा हानिकारक बात है। भोगों से भी विरक्त होना भी जरूरी है लेकिन खाना भी जरूरी है, वस्त्र भी जरूरी है,स्नान करना भी जरूरी है लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है यह करते हुए धर्म ध्यान भी जरूरी है। संवेग विषय को समझाते हुए कहा कि इसका अर्थ है कि विषय भोगों से आसक्ति घटना सम्यकदर्शन को समझाया। उन्होंने कहा कि हमारी आस्था सत्य पर होनी चाहिए यह भी ज्ञात होना चाहिए कि जो सत्य है वह असत्य है उसकी पहचान हमें होनी चाहिए। मंदिर हम आते हैं और शांतिनाथ भगवान के दर्शन करते हैं लेकिन उससे कुछ नहीं होगा हमारी लगन भगवान में लगनी चाहिए तभी सम्यकदर्शन की प्राप्ति होगी लगन यह लगनी चाहिए कि यह मूर्तिमान कैसे होगे जहां वह बैठे होंगे कैसे लगते होंगे। उन्होंने कहा क्रिया व्यर्थ नहीं है धर्म ध्यान पूजन क्रिया बचपन से कर रहे हैं हम उपदेश सुन रहे हैं वह भी सम्यक दर्शन में लाभ देती है। हम क्रिया तो कर रहे हैं लेकिन हम क्रिया में लगन नहीं लगा पा रहे हैं। तैरना है तो पानी में जाना पड़ेगा जिस विधि से जिस चीज की उपलब्धि होनी है उसी के अनुरूप कार्य करना होगा जो हम नहीं करते। राग को धर्मानुराग बदलना होगा उन्होंने कहा कि हम राग को कम नहीं कर सकते लेकिन उसे धर्म अनुराग में बदलना होगा एक उदाहरण के माध्यम से बताया कि जब हम भोजन बनाते हैं नमक ज्यादा होने पर यहां तो हम उसे वस्तु में पानी डालते हैं या फिर कोई पदार्थ डालते हैं। घर कार्य हैं हम उसे बदलना जानते हैं। उन्होंने कहा प्रशम राग आने पर राग धर्म अनुराग में बदल जाता है भरत चक्रवर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि भरत चक्रवर्ती को भी घर में लोग बैरागी कहते थे उनके अंदर प्रशम भाव था। प्रशम भाव आपके भीतर आ जाए तो आपको भी प्रशम भाव होगा। मन में भाव आ जाए और यह वस्तु मेरी भी नहीं है यह भाव प्रशम भाव है। यह भाव आ जाएं यह वस्तु संयोग से मेरी है यही प्रशम भाव है। वस्तु पर्याय के संबंध से मेरी है द्रव्य के संबंध से मेरी नहीं है जैन दर्शन कहता है कि मंदिर में नहीं घर में धर्म होता है। राग द्वेष के विषय मे कहा कि हम राग द्वेष करते रहते करते करते नरक तक पहुंच जाते हैं यदि हम करते रहेंगे तो दुर्गति को प्राप्त होंगे यदि राग करना है तो धर्म अनुराग करो तो सत्य प्राप्त होगा। और यह हो जाएगा तो वस्तु वास्तविक स्वरूप समझ आएगा। दुनिया का उतना ध्यान रखो जितनी बाहर है उन्होंने कहा दुनिया ने राम, महावीर, सीता किसी को नहीं छोड़ा यहां तक उनके पुत्र तक ने नहीं छोड़ा दुनिया का उतना ध्यान रखो जितनी बाहर है। दुनिया को भूल जाओ किसी को देकर भूल जाओ और धर्म अनुराग का परिचय दो वह याद दिलाए तो धर्म अनुराग है। हमें तो देकर भूलना चाहिए यही धर्म अनुराग है। यदि धर्म ध्यान से फुर्सत नहीं है तो तुम सम्यक दृष्टि हो। प्रवचन सभा के शुभारंभ में मंगलाचरण पदम सुरलाया ने किया धर्मसभा में तत्वार्थ सूत्र के द्वितीय अध्याय की परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए इसमें प्रथम पुरस्कार श्रीमती विवेका जैन, द्वितीय अनिता जैन तृतीय रेखा शाह रही। अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट 9929747312
भोगों के प्रति इतनी आसक्ति बढ़ गई है कि हम समझ नहीं पा रहे हम हिंसक पदार्थों को खा रहे हैं या अहिंसक पदार्थों को आचार्य श्री विनिश्चय सागर महाराज रामगंजमंडी एक्सप्रेस रामगंजमंडी परम पूज्य आचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा की व्यक्ति का भोगो पर इतना ध्यान हो गया है कि उसके भोगों के प्रति आसक्ति बढ़ गई है, एवं व्यक्ति यह भी ध्यान नहीं दे पा रहा है कि वह हिंसक पदार्थों को खा रहा है या अहिंसक को, वह यह भी ध्यान नहीं दे पा रहा है कि मांसाहारी का सेवन कर रहा है या शाकाहारी का। बस केवल यह देख रहा है कि दिमाग को और जीभ को पसंद आना चाहिए।वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर गुरुदेव ने कहा कि आज माल आदि आप ही की भोग आसक्ति का परिणाम है जो चीज बाजार में ₹5 में मिलती है वही चीज माल आदि में ₹20 की मिलती है, लेकिन ट्राली लेकर चलना स्टैंडर्ड में हम मरे जा रहे हैं। अंबानी को करोड़पति अरबपति बनाने वाले हम है पैसे की ताकत में यह नहीं सोचा जा रहा धर्म दयालु हैं करुणाशील है। हम उस घर पर आरोप लगा रहे हैं की यह धर्म जीवो का ध्यान नहीं रखता। हम चुपचाप बैठे हैं। यह हमारे लिए सबसे ज्यादा हानिकारक बात है। भोगों से भी विरक्त होना भी जरूरी है लेकिन खाना भी जरूरी है, वस्त्र भी जरूरी है,स्नान करना भी जरूरी है लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है यह करते हुए धर्म ध्यान भी जरूरी है। संवेग विषय को समझाते हुए कहा कि इसका अर्थ है कि विषय भोगों से आसक्ति घटना सम्यकदर्शन को समझाया। उन्होंने कहा कि हमारी आस्था सत्य पर होनी चाहिए यह भी ज्ञात होना चाहिए कि जो सत्य है वह असत्य है उसकी पहचान हमें होनी चाहिए। मंदिर हम आते हैं और शांतिनाथ भगवान के दर्शन करते हैं लेकिन उससे कुछ नहीं होगा हमारी लगन भगवान में लगनी चाहिए तभी सम्यकदर्शन की प्राप्ति होगी लगन यह लगनी चाहिए कि यह मूर्तिमान कैसे होगे जहां वह बैठे होंगे कैसे लगते होंगे। उन्होंने कहा क्रिया व्यर्थ नहीं है धर्म ध्यान पूजन क्रिया बचपन से कर रहे हैं हम उपदेश सुन रहे हैं वह भी सम्यक दर्शन में लाभ देती है। हम क्रिया तो कर रहे हैं लेकिन हम क्रिया में लगन नहीं लगा पा रहे हैं। तैरना है तो पानी में जाना पड़ेगा जिस विधि से जिस चीज की उपलब्धि होनी है उसी के अनुरूप कार्य करना होगा जो हम नहीं करते। राग को धर्मानुराग बदलना होगा उन्होंने कहा कि हम राग को कम नहीं कर सकते लेकिन उसे धर्म अनुराग में बदलना होगा एक उदाहरण के माध्यम से बताया कि जब हम भोजन बनाते हैं नमक ज्यादा होने पर यहां तो हम उसे वस्तु में पानी डालते हैं या फिर कोई पदार्थ डालते हैं। घर कार्य हैं हम उसे बदलना जानते हैं। उन्होंने कहा प्रशम राग आने पर राग धर्म अनुराग में बदल जाता है भरत चक्रवर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि भरत चक्रवर्ती को भी घर में लोग बैरागी कहते थे उनके अंदर प्रशम भाव था। प्रशम भाव आपके भीतर आ जाए तो आपको भी प्रशम भाव होगा। मन में भाव आ जाए और यह वस्तु मेरी भी नहीं है यह भाव प्रशम भाव है। यह भाव आ जाएं यह वस्तु संयोग से मेरी है यही प्रशम भाव है। वस्तु पर्याय के संबंध से मेरी है द्रव्य के संबंध से मेरी नहीं है जैन दर्शन कहता है कि मंदिर में नहीं घर में धर्म होता है। राग द्वेष के विषय मे कहा कि हम राग द्वेष करते रहते करते करते नरक तक पहुंच जाते हैं यदि हम करते रहेंगे तो दुर्गति को प्राप्त होंगे यदि राग करना है तो धर्म अनुराग करो तो सत्य प्राप्त होगा। और यह हो जाएगा तो वस्तु वास्तविक स्वरूप समझ आएगा। दुनिया का उतना ध्यान रखो जितनी बाहर है उन्होंने कहा दुनिया ने राम, महावीर, सीता किसी को नहीं छोड़ा यहां तक उनके पुत्र तक ने नहीं छोड़ा दुनिया का उतना ध्यान रखो जितनी बाहर है। दुनिया को भूल जाओ किसी को देकर भूल जाओ और धर्म अनुराग का परिचय दो वह याद दिलाए तो धर्म अनुराग है। हमें तो देकर भूलना चाहिए यही धर्म अनुराग है। यदि धर्म ध्यान से फुर्सत नहीं है तो तुम सम्यक दृष्टि हो। प्रवचन सभा के शुभारंभ में मंगलाचरण पदम सुरलाया ने किया धर्मसभा में तत्वार्थ सूत्र के द्वितीय अध्याय की परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए इसमें प्रथम पुरस्कार श्रीमती विवेका जैन, द्वितीय अनिता जैन तृतीय रेखा शाह रही। अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट 9929747312
- आंवली रोझड़ी में जुआ खेलते एक दर्जन गिरफ्तार -3.30 लाख रुपए नकद व 16 मोबाइल फोन जब्त -आरकेपुरम थाना प्रभारी व DST टीम लाइन हाजिर कोटा। कोटा पुलिस ने अवैध जुआ अड्डे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए आरकेपुरम थाना क्षेत्र के आंवली रोझडी फार्महाउस पर छापेमारी कर जुआ खेलते हुए 12 आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके से 3.30 लाख रुपए नकद तथा 16 मोबाइल फोन बरामद किए। जिला एसपी तेजस्विनी गौतम ने अनियमितता की आशंका पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरकेपुरम सीआई संदीप बिश्नोई तथा DST टीम को लाइन हाजिर कर दिया। एसपी ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एएसपी नियति शर्मा को तीन दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने के सख्त निर्देश दिए हैं। अवैध गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस एसपी सिटी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध गतिविधियां किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। दोषी पुलिस कर्मियों व जुआरियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्रवाई शहर में जुआ व अन्य असामाजिक गतिविधियों पर लगाम कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।4
- कोटा.. दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन अंतरराष्ट्रीय जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन दिनांक 25 जनवरी 2026 रविवार, स्थान दस्तूर गार्डन इंदौर में आयोजित होने जा रहा है. राष्ट्रीय प्रभारी जेके जैन ने समस्त समाज बंधुओ को जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी निभाने के लिए अपील की.1
- Ek kahani......SUNAMI.1
- 26/12/2025 रावतभाटा बालाराम चौराहा पर 2 कारों में हुई आमने-सामने टक्कर। गनीमत यह रही कि किसी प्रकार की नहीं हुई जनहानि। लेकिन कुछ समय के लिए हुआ ट्राफिक जाम।1
- Ek kahani..... SUNAMI.1
- 312 वे दिन भी बकाया वेतन की माग को लेकर जे के मजदूरों का धरना जारी रहा। कोटा, 26दिसम्बर 2025/ कोटा जिला कलेक्ट्रेट के सामने जे के मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान सरकार से दिलवाने की मांग को लेकर सीटू के बैनर तले 18 फ़रवरी 2025 से जे के सिंथेटिक की तीनो मजदूर यूनियनों के महामंत्रियों कामरेड हबीब खान, कामरेड नरेंद्रसिंह ओर कामरेड उमाशंकर के सयुक्त नैतृत्व मे चल रहे अनिश्चित कालीन धरने को आज चलते हुए 312 दिन हो चुके है सरकार ने धरने के दबाव मे फैक्ट्री की जमीन को भी मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करने की शर्त के आधार पर अधिग्रहण कर लिया है लेकिन जमीन अधिग्रहण करने 5-6 माह निकलने के बाद भी मजदूरों को सरकार की नियत बकाया वेतन भुगतान करने की नहीं हो रही है जिससे 11 महीनो से अपने बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर धरने पर बैठे जे के मजदूरों ओर सीटू के नेताओं ओर महिलाओ मे राज्य की बीजेपी सरकार ओर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा रहा है। कामरेड अली मोहम्मद ने धरना स्थल से जानकारी देते हुए बताया की धरने का संचालन का. अशोकसिंह ने किया धरने को कामरेड हबीब खान, कामरेड नरेंद्रसिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड उमाशंकर, कामरेड केदार जोशी, कामरेड कालीचरण सोनी आदि ने सम्बोधित किया। धरने को सम्बोधित करते हुए कामरेड उमाशंकर कामरेड नरेंद्रसिंह ने कहा की कोटा के जनप्रतिनिधि ओर भूमाफियाओ के इशारो पर सरकार ओर प्रशासन काम कर रहा है जे के फैक्ट्री के 4200 मजदूरों का 28-29 साल से फैक्ट्री की तरफ अपनी मेहनत का वेतन बकाया है समय पर बकाया वेतन का भुगतान नहीं होने के सदमे के कारण आज 60% मजदूर साथी हमारे बीच नहीं रहे ओर जो बचे हुए उनकी उम्र भी 70-80 के पार है इस उम्र मे मजदूरों का अपने वेतन के लिए संघर्ष करना सरकार को शर्म आनी चाहिए साथ ही इन्ही मजदूरों के वोटो से चुनकर सत्ता का सुख भोग रहे जनप्रतिनिधियों पर भी लानत है हम प्रशासन से मांग करते है की जल्द से जल्द सरकार से हमारा बकाया वेतन भुगतान कराया जाये अभी हम शांति प्रिय तरिके से आंदोलन कर रहे लेकिन अब मजदूरों के सब्र का बांध टूट रहा है। किही ऐसा ना हो की कोटा मे भी श्रीलंका ओर नेपाल जैसे हालात पैदा जाये जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी आपकी होंगी। धरने पर उपस्थिति के बारे मे जानकारी देते हुए कामरेड महावीर प्रसाद ने कहा की सोमवार से लगातार धरने के समर्थन मे महिलाओ ओर आमजन की संख्या बढ़ रही आज धरने पर यूनियन के रजिस्टर मे 710 मजदूरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सरकार से बकाया वेतन करवाने तक जे के मजदूरों के साथ संघर्ष मे शामिल होने का निर्णय लिया है। सीटू के मिडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने कहा सरकार से बकाया वेतन जे के मजदूरों को भुगतान करवाने को लेकर सीटू के नैतृत्व मे लगातार सैकड़ो की संख्या मे मजदूर सड़को पर रैली निकालकर प्रदर्शन करके प्रशासन से मांग कर रहे की जल्द से जल्द सरकार हमारा बकाया वेतन जो 500 करोड़ रुपयों से अधिक है उसका भुगतान किया जाये ओर फैक्ट्री की करोड़ो रुपयों की मशीनरी को चोरी करने वाले आराफ़ात ओर उसके दलालो को गिरफ्तार करके जेल मे डालो। 11 महीनो से लगातार जे के मजदूरों के धरने का मोर्चा महिलाओ ने भी संभाल रखा है जे के मजदूरों का आंदोलन अब जन आंदोलन बनता जा रहा है श्रमिकों संगठनों के साथ साथ कर्मचारियों ओर किसानों महिलाओ के संगठनों का भी जे के मजदूरों को समर्थन मिल रहा है मजदूर नेताओं ने सरकार ओर प्रशासन को चेतावनी दी है ज़ब तक पाई पाई का भुगतान नहीं किया जाता ओर बन्द उद्योग को चालू करके मजदूरों युवाओं को रोजगार नहीं जाता तब तक जिला कलेक्ट्रेट के गैट के सामने सीटू के बैनर तले जे के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना निरंतर जारी रहेगा।4
- झालावाड़ जिले जिले की खबर देखिए1
- ब्रेकिंग कोटा...! कोटा में बड़ा डिकॉय ऑपरेशन... फार्महाउस पर जुआ खेलते 12 आरोपी गिरफ्तार, 3.30 लाख रुपये जब्त आरकेपुरम थाना क्षेत्र के आमली रोज़डी फार्महाउस पर कार्रवाई, 16 मोबाइल फोन भी बरामद एसपी तेजस्वनी गौतम ने आरकेपुरम सीआई संदीप बिश्नोई व DST टीम को किया लाइन हाज़िर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एएसपी नियति शर्मा को 3 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश एसपी सिटी का सख़्त संदेश: अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई2