बालिका छात्रावास में दो साल से छात्राओं के नहीं हुए एडमिशन नई सराय = तहसील मुख्यालय पर जन जातिय कन्या छात्रावास 50 छात्राओं की क्षमता वाला कन्या छात्रावास है जिस पर एक केवल महिला चौकीदार अपने परिवार के साथ छात्रावास की देख भाल करती है लेकिन उसमें दो साल से कन्या छात्रावास में छात्राओं का प्रवेश नहीं हुआ वह अभी भी वर्तमान में भी कोई छात्राओं का एडमिशन नहीं है और दो साल से छात्राओं को एडमिशन नहीं मिल पा रहा है दो साल पहले ग्रामीण क्षेत्र की जन जाति एवं अनुसूचित जन जाति की छात्राएं जो नई सराय के कन्या माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती थी उनको कन्या छात्रावास में ऑफलाइन प्रवेश मिल जाता था जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली छात्राओं को शासन द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल रहा था लेकिन दो साल से जब से कन्या छात्रावास में ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से क्षेत्र की गरीब जन जाति एवं अनुसूचित जन जाति की छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है उसका कारण है कि अब सभी डॉक्टमेंट आधार कार्ड , समग्र आई डी, अंकसूची , जन्म प्रमाण पत्र आदि सभी डॉक्युमेंट्स में नाम , जन्म दिनांक , सभी दस्तावेजों में एक से मैच होना चाहिए और दस्तावेजों में मैच नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को जन जातिय छात्रावास में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है और छात्राओं के पालक जो है इतने सक्षम नहीं है कि वह अपनी बालिकाओं के डॉक्युमेंट्स में सुधार करा सके वह कार्यालय के चक्कर लगाकर घर बैठ जाते है और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है इसके लिए तो प्रशासन को ही ध्यान देना होगा जबकि देखा जाए तो तहसील मुख्यालय का कन्या छात्रावास 50 सीट का छात्रावास है जिसमें की कस्बे के शासकीय माध्यमिक विधालय में 36 छात्राएं अनुसूचित एवं अनुसूचित जन जाति की छात्राएं अध्ययन रत है एवं कन्या हाई स्कूल में भी इन जाति की छात्राएं पड़ती है उन छात्राओं को प्रवेश दिया जाए तो कन्या छात्रावास की क्षमता के हिसाब से पूर्ति हो सकती है लेकिन कन्या छात्रावास में दो साल से छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया गया जिसके कारण गरीब छात्राओं को शासन की इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है और नई सराय शासकीय स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को स्कूल पड़ने के लिए रोज गांव से ही आना जाना पड़ रहा है वैसे नियम यह भी है कि जिन छात्राओं को साइकिल मिल जाती है उन छात्राओं को कन्या छात्रावास में एडमिशन नहीं मिलता है लेकिन यहां तो दो साल से छात्रावास में पात्र छात्राओं को एडमिशन ही नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वह गांव से आने के लिए छात्राएं मजबूर हैं इनका कहना है शासकीय कन्या छात्रावास में दो साल से छात्राओं के एडमिशन नहीं हुए है तो में इसकी जांच करवाती हूं ड्रॉ. अदिति सिंह जिला अधिकारी जन जातिय कार्य अधिकारी अशोकनगर फोटो कैप्शन = तहसील मुख्यालय का कन्या छात्रावास जिसमे नहीं हुआ छात्राओं का प्रवेश खाली पड़ा कन्या छात्रावास
बालिका छात्रावास में दो साल से छात्राओं के नहीं हुए एडमिशन नई सराय = तहसील मुख्यालय पर जन जातिय कन्या छात्रावास 50 छात्राओं की क्षमता वाला कन्या छात्रावास है जिस पर एक केवल महिला चौकीदार अपने परिवार के साथ छात्रावास की देख भाल करती है लेकिन उसमें दो साल से कन्या छात्रावास में छात्राओं का प्रवेश नहीं हुआ वह अभी भी वर्तमान में भी कोई छात्राओं का एडमिशन नहीं है और दो साल से छात्राओं को एडमिशन नहीं मिल पा रहा है दो साल पहले ग्रामीण क्षेत्र की जन जाति एवं अनुसूचित जन जाति की छात्राएं जो नई सराय के कन्या माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती थी उनको कन्या छात्रावास में ऑफलाइन प्रवेश मिल जाता था जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली छात्राओं को शासन द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल रहा था लेकिन दो साल से जब से कन्या छात्रावास में ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से क्षेत्र की गरीब जन जाति एवं अनुसूचित जन जाति की छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है उसका कारण है कि अब सभी डॉक्टमेंट आधार कार्ड , समग्र आई डी, अंकसूची , जन्म प्रमाण पत्र आदि सभी डॉक्युमेंट्स में नाम , जन्म दिनांक , सभी दस्तावेजों में एक से मैच होना चाहिए और दस्तावेजों में मैच नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को जन जातिय छात्रावास में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है और छात्राओं के पालक जो है इतने सक्षम नहीं है कि वह अपनी बालिकाओं के डॉक्युमेंट्स में सुधार करा सके वह कार्यालय के चक्कर लगाकर घर बैठ जाते है और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है इसके लिए तो प्रशासन को ही ध्यान देना होगा जबकि देखा जाए तो तहसील मुख्यालय का कन्या छात्रावास 50 सीट का छात्रावास है जिसमें की कस्बे के शासकीय माध्यमिक विधालय में 36 छात्राएं अनुसूचित एवं अनुसूचित जन जाति की छात्राएं अध्ययन रत है एवं कन्या हाई स्कूल में भी इन जाति की छात्राएं पड़ती है उन छात्राओं को प्रवेश दिया जाए तो कन्या छात्रावास की क्षमता के हिसाब से पूर्ति हो सकती है लेकिन कन्या छात्रावास में दो साल से छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया गया जिसके कारण गरीब छात्राओं को शासन की इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है और नई सराय शासकीय स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को स्कूल पड़ने के लिए रोज गांव से ही आना जाना पड़ रहा है वैसे नियम यह भी है कि जिन छात्राओं को साइकिल मिल जाती है उन छात्राओं को कन्या छात्रावास में एडमिशन नहीं मिलता है लेकिन यहां तो दो साल से छात्रावास में पात्र छात्राओं को एडमिशन ही नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वह गांव से आने के लिए छात्राएं मजबूर हैं इनका कहना है शासकीय कन्या छात्रावास में दो साल से छात्राओं के एडमिशन नहीं हुए है तो में इसकी जांच करवाती हूं ड्रॉ. अदिति सिंह जिला अधिकारी जन जातिय कार्य अधिकारी अशोकनगर फोटो कैप्शन = तहसील मुख्यालय का कन्या छात्रावास जिसमे नहीं हुआ छात्राओं का प्रवेश खाली पड़ा कन्या छात्रावास
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