9 अगस्त 2025 को भारत छोड़ो आंदोलन की ऐतिहासिक वर्षगांठ एवं क्रांति दिवस के पावन अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा गयाजी नगर स्थित महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद स्मारक (कोतवाली के पास) पहुंचकर जगन्नाथ मिश्रा,भुई राम ,कैलाश राम एवं धामी टोला में शहीद स्मारक कैलाश जी एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को गांधी चौक स्थित प्रतिमा पर जाकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्मारक स्थल पर पुष्पमालाएं अर्पित कीं और पुष्प वर्षा कर उन महापुरुषों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में दिया गया "भारत छोड़ो" का नारा देश की आज़ादी की निर्णायक घड़ी साबित हुआ। इस आंदोलन में देश के कोने-कोने से लाखों स्वतंत्रता सेनानी जेल गए, अनेक ने यातनाएं सहीं और अनगिनत वीरों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें केवल इतिहास को याद करने का अवसर ही नहीं देता, बल्कि यह हमें राष्ट्रभक्ति, बलिदान औरएकता का संदेश भी देता है।डॉ. मिश्रा ने कहा कि गया जिला सहित पूरे बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। यहां के क्रांतिकारियों ने न केवल अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि जनमानस में स्वतंत्रता की लौ प्रज्वलित की। उन्होंने स्मरण कराया कि आज जो हम स्वतंत्र व लोकतांत्रिक भारत में सांस ले रहे हैं, वह इन वीर सपूतों के अदम्य साहस, त्याग और बलिदान का परिणाम हैडॉ. मिश्रा ने कहा — "इन देश के वीर शहीदों के त्याग को हम कभी नहीं भूल सकते। उनके द्वारा किए गए बलिदान से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए।" उन्होंने विश्वास जताया कि यदि हम सब मिलकर ईमानदारी, निष्ठा और सेवा भाव से कार्य करेंगे, तो भारत विश्व में अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा।इस प्रकार 9 अगस्त का यह दिन, जब हम भारत छोड़ो आंदोलन की गूँज को स्मरण करते हैं, हमें पुनः स्मरण कराता है कि स्वतंत्रता संग्राम केवल एक कालखंड नहीं, बल्कि एक सतत प्रेरणा है—जो हमें देश के लिए जीने और मरने का साहस देती है।
9 अगस्त 2025 को भारत छोड़ो आंदोलन की ऐतिहासिक वर्षगांठ एवं क्रांति दिवस के पावन अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा गयाजी नगर स्थित महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद स्मारक (कोतवाली के पास) पहुंचकर जगन्नाथ मिश्रा,भुई राम ,कैलाश राम एवं धामी टोला में शहीद स्मारक कैलाश जी एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को गांधी चौक स्थित प्रतिमा पर जाकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्मारक स्थल पर पुष्पमालाएं अर्पित कीं और पुष्प वर्षा कर उन महापुरुषों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में दिया गया "भारत छोड़ो" का नारा देश की आज़ादी की निर्णायक घड़ी साबित हुआ। इस आंदोलन में देश के कोने-कोने से लाखों स्वतंत्रता सेनानी जेल गए, अनेक ने यातनाएं सहीं और अनगिनत वीरों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें केवल इतिहास को याद करने का अवसर ही नहीं देता, बल्कि यह हमें राष्ट्रभक्ति, बलिदान औरएकता का संदेश भी देता है।डॉ. मिश्रा ने कहा कि गया जिला सहित पूरे बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। यहां के क्रांतिकारियों ने न केवल अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि जनमानस में स्वतंत्रता की लौ प्रज्वलित की। उन्होंने स्मरण कराया कि आज जो हम स्वतंत्र व लोकतांत्रिक भारत में सांस ले रहे हैं, वह इन वीर सपूतों के अदम्य साहस, त्याग और बलिदान का परिणाम हैडॉ. मिश्रा ने कहा — "इन देश के वीर शहीदों के त्याग को हम कभी नहीं भूल सकते। उनके द्वारा किए गए बलिदान से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए।" उन्होंने विश्वास जताया कि यदि हम सब मिलकर ईमानदारी, निष्ठा और सेवा भाव से कार्य करेंगे, तो भारत विश्व में अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा।इस प्रकार 9 अगस्त का यह दिन, जब हम भारत छोड़ो आंदोलन की गूँज को स्मरण करते हैं, हमें पुनः स्मरण कराता है कि स्वतंत्रता संग्राम केवल एक कालखंड नहीं, बल्कि एक सतत प्रेरणा है—जो हमें देश के लिए जीने और मरने का साहस देती है।
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- Post by Sahodar Mandal2
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