मानसून काल के दौरान जनपद में आई बाढ़ एवं आपदाअ से हुई वास्तविक क्षति के आकलन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पोस्ट डिज़ास्टर नीड्स असेसमेंट प्रक्रिया के तहत गठित सर्वेक्षण टीम ने सीबीआरआई के चीफ साइंटिस्ट डॉ.अजय चौरसिया के नेतृत्व में रविवार को जिला आपदा कार्यालय सभागार हरिद्वार में बैठक ली तथा आपदा प्रभावित एवं भूस्खलन क्षेत्रों का भ्रमण एवं सर्वेक्षण किया गया। सचिव एचआरडीए मनीष कुमार सिंह ने बैठक का संचालन करते हुए जनपद की सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक व भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए मानसून काल में हुए नुकसान के बारे में पॉवर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। बैठक में सीबीआरआई के चीफ साइंस्टि डॉ.अजय चौरसिया ने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी आपसी समन्वय से बरसात के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ तथा होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाकर भारत सरकार में भेजी जाये। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियन्ताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ एवं भू-कटाव को रोकने के लिए लोंग टर्म स्थायी समाधान किया जाये ताकि संभावित बाढ़ एवं उसके नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि हमारे एसेस्ट इस प्रकार के होने चाहिए कि भविष्य में आपदा की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि नदियों के तटबन्ध से सम्बन्धित प्रस्ताव भी प्रस्तावित की जाये। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में वॉश आउट हुई सड़को के लिए भी स्थायी समाधान हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये ताकि भविष्य में मार्ग बाधित न हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि आंकलन प्रोपर किया जाये तथा जिस श्रेणी का कार्य है, उसे उसी श्रेणी में प्रस्तावित किया जाये तथा डेटा देने में विशेष सावधानी बरती जाये। उन्होंने कम्यूनिकेशन हेतु प्लान बी के तहत भी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने सीवर, ड्रेनेज तथा एसटीपी निर्माण से सम्बन्धित कार्यों हेतु भी कार्य योजना के बारे महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। बैठक में पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (pdna) टीम ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से हरिद्वार जनपद में हुए भारी बारिश/भूस्खलन के कारण हुए जनहानि, पशुहानि एवं क्षतिग्रस्त भवनों का विवरण लिया साथ मानसून सत्र 2025 में हुए क्षति का विभागवार विवरण की जानकारी ली गई। उन्होंने विद्युत, पिटकुल, सिंचाई, लोनिवि, शिक्षा, चिकित्सा, बाल विकास, सिंचाई सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने पीडीएमए से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। भीमगोड़ा पुल के पास बार-बार रेलवे ट्रेक पर गिर रहे मलवा स्थल तथा मंशा देवी क्षेत्र में भू-स्खलन सम्भावि क्षेत्रों का भी स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान इन समस्याओं के स्थायी समाधान हेतु महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। इस दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, एनडीएम प्रोफेसर डॉ.गगनदीप, असि.प्रोफेसर एचपी यूनिवर्सिटी डॉ.एम. शर्मा, स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ.मोहित कुमार पूनिया, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह,उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ,जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, जिला अर्थ संख्या आधिकारी नलिनी ध्यानी,जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना,रंज ऑफिसर राजाजी टाइगर रिजर्व बृजेंद्र दत्त तिवारी,जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
मानसून काल के दौरान जनपद में आई बाढ़ एवं आपदाअ से हुई वास्तविक क्षति के आकलन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पोस्ट डिज़ास्टर नीड्स असेसमेंट प्रक्रिया के तहत गठित सर्वेक्षण टीम ने सीबीआरआई के चीफ साइंटिस्ट डॉ.अजय चौरसिया के नेतृत्व में रविवार को जिला आपदा कार्यालय सभागार हरिद्वार में बैठक ली तथा आपदा प्रभावित एवं भूस्खलन क्षेत्रों का भ्रमण एवं सर्वेक्षण किया गया। सचिव एचआरडीए मनीष कुमार सिंह ने बैठक का संचालन करते हुए जनपद की सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक व भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए मानसून काल में हुए नुकसान के बारे में पॉवर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। बैठक में सीबीआरआई के चीफ साइंस्टि डॉ.अजय चौरसिया ने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी आपसी समन्वय से बरसात के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ तथा होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाकर भारत सरकार में भेजी जाये। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियन्ताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ एवं भू-कटाव को रोकने के लिए लोंग टर्म स्थायी समाधान किया जाये ताकि संभावित बाढ़ एवं उसके नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि हमारे एसेस्ट इस प्रकार के होने चाहिए कि भविष्य में आपदा की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि नदियों के तटबन्ध से सम्बन्धित प्रस्ताव भी प्रस्तावित की जाये। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में वॉश आउट हुई सड़को के लिए भी स्थायी समाधान हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये ताकि भविष्य में मार्ग बाधित न हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि आंकलन प्रोपर किया जाये तथा जिस श्रेणी का कार्य है, उसे उसी श्रेणी में प्रस्तावित किया जाये तथा डेटा देने में विशेष सावधानी बरती जाये। उन्होंने कम्यूनिकेशन हेतु प्लान बी के तहत भी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने सीवर, ड्रेनेज तथा एसटीपी निर्माण से सम्बन्धित कार्यों हेतु भी कार्य योजना के बारे महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। बैठक में पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (pdna) टीम ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से हरिद्वार जनपद में हुए भारी बारिश/भूस्खलन के कारण हुए जनहानि, पशुहानि एवं क्षतिग्रस्त भवनों का विवरण लिया साथ मानसून सत्र 2025 में हुए क्षति का विभागवार विवरण की जानकारी ली गई। उन्होंने विद्युत, पिटकुल, सिंचाई, लोनिवि, शिक्षा, चिकित्सा, बाल विकास, सिंचाई सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने पीडीएमए से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। भीमगोड़ा पुल के पास बार-बार रेलवे ट्रेक पर गिर रहे मलवा स्थल तथा मंशा देवी क्षेत्र में भू-स्खलन सम्भावि क्षेत्रों का भी स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान इन समस्याओं के स्थायी समाधान हेतु महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। इस दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, एनडीएम प्रोफेसर डॉ.गगनदीप, असि.प्रोफेसर एचपी यूनिवर्सिटी डॉ.एम. शर्मा, स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ.मोहित कुमार पूनिया, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह,उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ,जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, जिला अर्थ संख्या आधिकारी नलिनी ध्यानी,जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना,रंज ऑफिसर राजाजी टाइगर रिजर्व बृजेंद्र दत्त तिवारी,जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
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