कुरई कॉलेज में जेंडर संवेदीकरण विषय पर जागरूकता सत्र आयोजित - मिशन शक्ति के तहत जिला हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ वूमेन के अंतर्गत महिला एवम् बाल विकास विभाग के द्वारा 2/09/2025 से 12/09/2025 तक 10 दिवसीय विशेष जागरुकता अभियान चलाया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में वन स्टॉप सेंटर महिला एवम बाल विकास विभाग सिवनी के द्वारा दिनांक 4/09/2025 को शासकीय महाविद्यालय कुरई में उपस्थित होकर जेंडर संवेदीकरण जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की शुरुआत में श्रीमती वर्षा बैस केस वर्कर वन स्टॉप सेंटर और श्रीमती नारायनी सक्सेना सेंटर एडमिन का विद्यार्थियों द्वारा करतल ध्वनियों से स्वागत किया गया । तत्पश्चात् राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताते हुए कहा कि जेंडर संवेदीकरण का मुख्य उद्देश्य लोगों को लैंगिक समानता का महत्व और लैंगिक दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना है। जेंडर संवेदीकरण के द्वारा ऐसा समाज बनाना हैं, जहां सभी व्यक्तियों के साथ उनके जेंडर के आधार पर भेदभाव न हो और सभी को समान अवसर मिल सके । श्रीमती वर्षा बैस ने विद्यार्थियों को वन स्टॉप सेंटर के बारे में बताते हुए कहा कि घर से लेकर दफ्तर तक महिलाओं को लिंग के आधार पर कई बार भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने और महिलाओं को मजबूती से खड़ा करने के मकसद से ही वन स्टॉप सेंटर शुरू किए गए हैं। वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के सम्मान की रक्षा का स्थान हैं। सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर सहायता एवं संरक्षण हेतु अस्थाई आश्रय,चिकित्सा, काउंसलिंग, विधि सहायता,पुलिस डेस्क उपलब्ध कराई जाती हैं। सेंटर एडमिन श्रीमती नारायनी सक्सेना ने पॉक्सो अधिनियम 2012 के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून हैं। यह 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ यौन गतिविधि को अपराध मानता है और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करता है। इस कानून का उद्देश्य बच्चों के प्रति यौन शोषण को रोकना हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को महिला बाल विकास विभाग की पहल मिशन शक्ति से अवगत कराते हुए कहा कि मिशन शक्ति महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए चलाया जा जा रहा हैं। यह मिशन महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण जीवन जीने में ,स्वावलंबी बनने और समाज में एक मजबूत स्थान प्राप्त करने में मदद करने के लिए बनाया गया हैं। जागरूकता सत्र में आगे जेंडर संवेदीकरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में वंदना दर्शनिया, माही श्रीवास, आशीष,करीना बंशकार, पायल वैद्य, नीरज करमकर, आलिया खान, प्रतिमा ने बारी-बारी से जेंडर संवेदीकरण पर अपने विचार रखे। तत्पश्चात प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वंदना दर्शनिया, द्वितीय स्थान माही श्रीवास और तृतीय स्थान पर नीरज करमकर चयनित हुए। चयनित प्रतिभागियों को वन स्टॉप सेंटर द्वारा पुरुस्कृत किया गया। प्रतिभागियों को सांत्वना प्राइज दिया गया। कार्यक्रम का संचालन रासेयो कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार ने किया । आयोजन के दौरान प्रभारी प्राचार्य पवन सोनिक, प्रो जयप्रकाश मरावी, डॉ तीजेश्वरी पारधी, योगेश तिवारी, डॉ राजेंद्र कटरे, अल्का नागले, नागेश पंद्रे, निहाल गेडाम, रामप्रसाद डहरिया इत्यादि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की व्यवस्था को बनाने में आरती डहरवाल,पवन जैतवार, अंकित गाढ़ेकर, स्नेहा बरमैया इत्यादि का योगदान रहा। जरूरी नहीं की रोशनी चिरागों से हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं।
कुरई कॉलेज में जेंडर संवेदीकरण विषय पर जागरूकता सत्र आयोजित - मिशन शक्ति के तहत जिला हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ वूमेन के अंतर्गत महिला एवम् बाल विकास विभाग के द्वारा 2/09/2025 से 12/09/2025 तक 10 दिवसीय विशेष जागरुकता अभियान चलाया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में वन स्टॉप सेंटर महिला एवम बाल विकास विभाग सिवनी के द्वारा दिनांक 4/09/2025 को शासकीय महाविद्यालय कुरई में उपस्थित होकर जेंडर संवेदीकरण जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की शुरुआत में श्रीमती वर्षा बैस केस वर्कर वन स्टॉप सेंटर और श्रीमती नारायनी सक्सेना सेंटर एडमिन का विद्यार्थियों द्वारा करतल ध्वनियों से स्वागत किया गया । तत्पश्चात् राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताते हुए कहा कि जेंडर संवेदीकरण का मुख्य उद्देश्य लोगों को लैंगिक समानता का महत्व और लैंगिक दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना है। जेंडर संवेदीकरण के द्वारा ऐसा समाज बनाना हैं, जहां सभी व्यक्तियों के साथ उनके जेंडर के आधार पर भेदभाव न हो और सभी को समान अवसर मिल सके । श्रीमती वर्षा बैस ने विद्यार्थियों को वन स्टॉप सेंटर के बारे में बताते हुए कहा कि घर से लेकर दफ्तर तक महिलाओं को लिंग के आधार पर कई बार भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने और महिलाओं को मजबूती से खड़ा करने के मकसद से ही वन स्टॉप सेंटर शुरू किए गए हैं। वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के सम्मान की रक्षा का स्थान हैं। सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर सहायता एवं संरक्षण हेतु अस्थाई आश्रय,चिकित्सा, काउंसलिंग, विधि सहायता,पुलिस डेस्क उपलब्ध कराई जाती हैं। सेंटर एडमिन श्रीमती नारायनी सक्सेना ने पॉक्सो अधिनियम 2012 के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून हैं। यह 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ यौन गतिविधि को अपराध मानता है और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करता है। इस कानून का उद्देश्य बच्चों के प्रति यौन शोषण को रोकना हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को महिला बाल विकास विभाग की पहल मिशन शक्ति से अवगत कराते हुए कहा कि मिशन शक्ति महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए चलाया जा जा रहा हैं। यह मिशन महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण जीवन जीने में ,स्वावलंबी बनने और समाज में एक मजबूत स्थान प्राप्त करने में मदद करने के लिए बनाया गया हैं। जागरूकता सत्र में आगे जेंडर संवेदीकरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में वंदना दर्शनिया, माही श्रीवास, आशीष,करीना बंशकार, पायल वैद्य, नीरज करमकर, आलिया खान, प्रतिमा ने बारी-बारी से जेंडर संवेदीकरण पर अपने विचार रखे। तत्पश्चात प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वंदना दर्शनिया, द्वितीय स्थान माही श्रीवास और तृतीय स्थान पर नीरज करमकर चयनित हुए। चयनित प्रतिभागियों को वन स्टॉप सेंटर द्वारा पुरुस्कृत किया गया। प्रतिभागियों को सांत्वना प्राइज दिया गया। कार्यक्रम का संचालन रासेयो कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार ने किया । आयोजन के दौरान प्रभारी प्राचार्य पवन सोनिक, प्रो जयप्रकाश मरावी, डॉ तीजेश्वरी पारधी, योगेश तिवारी, डॉ राजेंद्र कटरे, अल्का नागले, नागेश पंद्रे, निहाल गेडाम, रामप्रसाद डहरिया इत्यादि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की व्यवस्था को बनाने में आरती डहरवाल,पवन जैतवार, अंकित गाढ़ेकर, स्नेहा बरमैया इत्यादि का योगदान रहा। जरूरी नहीं की रोशनी चिरागों से हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं।
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- Ravi DeshbhartarSeoni, Madhya Pradesh26ko sorryon 9 September
- Ravi DeshbhartarSeoni, Madhya Pradeshsar 23अगस्त ko sivni thane me nabalik kes gya tha apne us frar ladke ke bare mein jankari pta kion 9 September
- Yasmin QureshiHuzur, Bhopalबीजेपी सरकार सेon 4 September
- 🔴 RDVV में NSUI का अनोखा प्रदर्शन: कार्यपरिषद बैठक के दौरान उड़ाए गए तोते, कुलगुरु पर गंभीर आरोप 》 जबलपुर | विशेष रिपोर्ट 》 जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में शुक्रवार को उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने कुलगुरु के खिलाफ अनोखे और प्रतीकात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। कार्यपरिषद (Executive Council) की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तोतों को उड़ाकर प्रशासन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया। --- 🕊️ प्रतीकात्मक विरोध: “तोते उड़ाकर जताया आक्रोश” एनएसयूआई का कहना है कि यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय को “अयोग्य नेतृत्व के चंगुल से मुक्त कराने” का प्रतीक है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुलगुरु नियमों और शैक्षणिक मानकों का पालन नहीं कर रहे, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। 》 कार्यपरिषद की बैठक में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को मौके पर मौजूद पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज होकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने बैठक के दौरान तोतों को पिंजरे से निकालकर उड़ा दिया, जिसके बाद परिसर में जमकर नारेबाजी हुई। --- 🚔 पुलिस मौजूदगी में हुआ प्रदर्शन घटना के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्य भवन में ताला लगाकर छात्रों और कार्यकर्ताओं को अंदर जाने से रोका, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। 》 छात्रों का कहना है कि यह कदम उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है। --- 🎓 शैक्षणिक अव्यवस्थाओं के गंभीर आरोप एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख हैं: विश्वविद्यालय में प्रशासनिक निरंकुशता छात्र सुविधाओं में लगातार कटौती प्रशासनिक खर्चों में अनावश्यक वृद्धि शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट 》 संगठन के अनुसार, वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली निरंकुश हो गई है, जिसका सीधा असर छात्रों और संस्थान की साख पर पड़ा है। --- 💻 तकनीकी पाठ्यक्रम केवल “औपचारिकता”? एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विधानसभा में तकनीकी पाठ्यक्रमों को लेकर भ्रामक जानकारी दी गई। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि: बीसीए, एमसीए और बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों में ❌ पर्याप्त कंप्यूटर ❌ जरूरी सॉफ्टवेयर ❌ आधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि ऐसे में ये पाठ्यक्रम सिर्फ कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गए हैं। --- 📉 परीक्षा और परिणाम प्रणाली पर सवाल विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए गए। एनएसयूआई के अनुसार: स्वीकृत पदों की तुलना में बहुत कम नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पा रहीं परिणाम महीनों तक लंबित रहते हैं इसका सीधा असर छात्रों के अगले सत्र, प्रवेश, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार पर पड़ रहा है। --- ⚠️ आंदोलन तेज करने की चेतावनी प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलगुरु और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही छात्र हितों की अनदेखी और प्रशासनिक मनमानी पर रोक नहीं लगी, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सचिन रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। --- ✍️ निष्कर्ष RDVV में हुआ यह अनोखा प्रदर्शन न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्र संगठन अब प्रतीकात्मक और रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज उठाने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है। --- 📍 रिपोर्ट: सच तक पत्रिका न्यूज़ 🖊️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर1
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