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अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: क्या दहेज का दानव कानून से भी बड़ा हो गया है? ___ (रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता | स्रोत: सच तक पत्रिका NEWS, जबलपुर) ___ ,सच तक पत्रिका News' की विस्तृत पड़ताल ​ अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: सत्रह दिन। चार सौ घंटे। हर एक सांस के लिए एक जंग। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा की बेटी गुलफिजा की जिंदगी के आखिरी पलों का दर्दनाक सच है। ___ एक ऐसी बेटी, जिसकी मौत किसी बीमारी से नहीं, बल्कि समाज की सबसे घिनौनी और गहरी बीमारी 'दहेज' के कारण हुई। यह रिपोर्ट सिर्फ एक घटना का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि उस सिस्टम और समाज पर एक गंभीर सवाल है, जो आज भी अपनी बेटियों को दहेज के लालची भेड़ियों से बचाने में नाकाम साबित हो रहा है। ____ ↪️ एक बेटी, जिसके सपनों को तेजाब से जला दिया गया ____ गुलफिजा... यह अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि दहेज के खिलाफ एक दर्दनाक चीख बन चुका है। कुछ समय पहले जब उसकी शादी हुई, तो उसकी और उसके परिवार की आंखों में भी आम परिवारों की तरह ढेरों सपने थे। लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद, इन सपनों पर दहेज की मांगों का ग्रहण लग गया। गुलफिजा के मायके पक्ष का आरोप है कि ससुराल वाले लगातार 10 लाख रुपये नकद और एक कार की मांग कर रहे थे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो गुलफिजा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू हो गया। जो घर उसका सम्मान और सुरक्षा का केंद्र होना चाहिए था, वही उसके लिए एक यातना गृह बन गया। ____ ↪️ उस खौफनाक दिन की पूरी कहानी ___ लगभग 17 दिन पहले, यह प्रताड़ना अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई। परिवार के आरोपों के अनुसार, दहेज को लेकर हुए एक और विवाद के बाद, गुलफिजा के पति और अन्य ससुराल वालों ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने कथित तौर पर गुलफिजा को जबरन वह तेजाब पिला दिया, जो किसी भी इंसान के शरीर को अंदर से जलाने के लिए काफी है। यह सिर्फ एक हमला नहीं था, यह एक सोची-समझी क्रूरता थी, जिसका मकसद उसे तिल-तिल कर मरने के लिए छोड़ देना था। ____ ↪️ जिंदगी और मौत के बीच 17 दिनों का दर्दनाक संघर्ष ____ घटना के बाद गुलफिजा को गंभीर हालत में नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहाँ से शुरू हुई उसकी 17 दिनों की वह जंग, जिसकी कल्पना मात्र से रूह कांप जाती है। डॉक्टरों ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की। वह हर सांस के साथ लड़ रही थी, शायद इस उम्मीद में कि उसके गुनहगारों को सजा मिलते हुए वह अपनी आंखों से देख सकेगी। लेकिन तेजाब से हुए जख्म इतने गहरे थे कि 17 दिनों के असहनीय दर्द के बाद, उसने आखिरकार दम तोड़ दिया। वह हार गई, और उसके साथ हार गया हमारा समाज और हमारा कानून। ____ ↪️' सच तक पत्रिका न्यूज़' के जलते हुए सवाल: ____ गुलफिजा की मौत सिर्फ एक खबर नहीं है, यह अपने पीछे कई गंभीर और चुभते हुए सवाल छोड़ गई है, जिनका जवाब देना समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है: ____ * समाज से सवाल: आखिर कब तक हमारी बेटियां दहेज की वेदी पर चढ़ाई जाती रहेंगी? एक कार और कुछ लाख रुपयों की कीमत एक इंसान की जिंदगी से बढ़कर कैसे हो सकती है? ____ * कानून से सवाल: दहेज के खिलाफ देश में सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी अपराधियों के मन में कानून का खौफ क्यों नहीं है? क्या इन कानूनों को लागू करने में कोई कमी रह गई है? ____ * प्रशासन से सवाल: गुलफिजा के आरोपी अभी तक फरार क्यों हैं? एक बेटी की मौत के बाद भी अगर अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, तो यह पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है। ____ * हम सब से सवाल: क्या हम एक समाज के तौर पर इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि अपने आस-पड़ोस में हो रहे ऐसे अत्याचारों पर चुप रहते हैं? गुलफिजा की चीखें क्या किसी पड़ोसी ने नहीं सुनी होंगी? ____ निष्कर्ष: गुलफिजा की कहानी भारत में उन अनगिनत बेटियों की कहानी है, जो आज भी बंद दरवाजों के पीछे दहेज के लिए प्रताड़ित हो रही हैं। यह सिर्फ एक और आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। जब तक समाज अपनी सोच नहीं बदलता और प्रशासन अपराधियों को समय पर कठोरतम सजा नहीं देता, तब तक गुलफिजा जैसी बेटियां मरती रहेंगी। ____ यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि इंसाफ की एक लंबी लड़ाई है, और 'सच तक पत्रिका न्यूज़' इस लड़ाई में गुलफिजा के परिवार के साथ अंत तक खड़ा रहेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाता रहेगा। ____ क्या इन दहेज के राक्षसों को फांसी होनी चाहिए? कमेंट्स में अपनी आवाज उठाएं। 👇 ----------------------------------------- ऐसी हर आवाज को ताकत देता है: @sachtakpatrikanews दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता @deepak_vishwakarma_89 ----------------------------------------- रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता (जबलपुर, मध्य प्रदेश)

on 29 August
user_Deepak Vishwakarma
Deepak Vishwakarma
Journalist Jabalpur, Madhya Pradesh•
on 29 August

अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: क्या दहेज का दानव कानून से भी बड़ा हो गया है? ___ (रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता | स्रोत: सच तक पत्रिका NEWS, जबलपुर) ___ ,सच तक पत्रिका News' की विस्तृत पड़ताल ​ अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: सत्रह दिन। चार सौ घंटे। हर एक सांस के लिए एक जंग। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा की बेटी गुलफिजा की जिंदगी के आखिरी पलों का दर्दनाक सच है। ___ एक ऐसी बेटी, जिसकी मौत किसी बीमारी से नहीं, बल्कि समाज की सबसे घिनौनी और गहरी बीमारी 'दहेज' के कारण हुई। यह रिपोर्ट सिर्फ एक घटना का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि उस सिस्टम और समाज पर एक गंभीर सवाल है, जो आज भी अपनी बेटियों को दहेज के लालची भेड़ियों से बचाने में नाकाम साबित हो रहा है। ____ ↪️ एक बेटी, जिसके सपनों को तेजाब से जला दिया गया ____ गुलफिजा... यह अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि दहेज के खिलाफ एक दर्दनाक चीख बन चुका है। कुछ समय पहले जब उसकी शादी हुई, तो उसकी और उसके परिवार की आंखों में भी आम परिवारों की तरह ढेरों सपने थे। लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद, इन सपनों पर दहेज की मांगों का ग्रहण लग गया। गुलफिजा के मायके पक्ष का आरोप है कि ससुराल वाले लगातार 10 लाख रुपये नकद और एक कार की मांग कर रहे थे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो गुलफिजा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू हो गया। जो घर उसका सम्मान और सुरक्षा का केंद्र होना चाहिए था, वही उसके लिए एक यातना गृह बन गया। ____ ↪️ उस खौफनाक दिन की पूरी कहानी ___ लगभग 17 दिन पहले, यह प्रताड़ना अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई। परिवार के आरोपों के अनुसार, दहेज को लेकर हुए एक और विवाद के बाद, गुलफिजा के पति और अन्य ससुराल वालों ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने कथित तौर पर गुलफिजा को जबरन वह तेजाब पिला दिया, जो किसी भी इंसान के शरीर को अंदर से जलाने के लिए काफी है। यह सिर्फ एक हमला नहीं था, यह एक सोची-समझी क्रूरता थी, जिसका मकसद उसे तिल-तिल कर मरने के लिए छोड़ देना था। ____ ↪️ जिंदगी और मौत के बीच 17 दिनों का दर्दनाक संघर्ष ____ घटना के बाद गुलफिजा को गंभीर हालत में नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहाँ से शुरू हुई उसकी 17 दिनों की वह जंग, जिसकी कल्पना मात्र से रूह कांप जाती है। डॉक्टरों ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की। वह हर सांस के साथ लड़ रही थी, शायद इस उम्मीद में कि उसके गुनहगारों को सजा मिलते हुए वह अपनी आंखों से देख सकेगी। लेकिन तेजाब से हुए जख्म इतने गहरे थे कि 17 दिनों के असहनीय दर्द के बाद, उसने आखिरकार दम तोड़ दिया। वह हार गई, और उसके साथ हार गया हमारा समाज और हमारा कानून। ____ ↪️' सच तक पत्रिका न्यूज़' के जलते हुए सवाल: ____ गुलफिजा की मौत सिर्फ एक खबर नहीं है, यह अपने पीछे कई गंभीर और चुभते हुए सवाल छोड़ गई है, जिनका जवाब देना समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है: ____ * समाज से सवाल: आखिर कब तक हमारी बेटियां दहेज की वेदी पर चढ़ाई जाती रहेंगी? एक कार और कुछ लाख रुपयों की कीमत एक इंसान की जिंदगी से बढ़कर कैसे हो सकती है? ____ * कानून से सवाल: दहेज के खिलाफ देश में सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी अपराधियों के मन में कानून का खौफ क्यों नहीं है? क्या इन कानूनों को लागू करने में कोई कमी रह गई है? ____ * प्रशासन से सवाल: गुलफिजा के आरोपी अभी तक फरार क्यों हैं? एक बेटी की मौत के बाद भी अगर अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, तो यह पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है। ____ * हम सब से सवाल: क्या हम एक समाज के तौर पर इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि अपने आस-पड़ोस में हो रहे ऐसे अत्याचारों पर चुप रहते हैं? गुलफिजा की चीखें क्या किसी पड़ोसी ने नहीं सुनी होंगी? ____ निष्कर्ष: गुलफिजा की कहानी भारत में उन अनगिनत बेटियों की कहानी है, जो आज भी बंद दरवाजों के पीछे दहेज के लिए प्रताड़ित हो रही हैं। यह सिर्फ एक और आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। जब तक समाज अपनी सोच नहीं बदलता और प्रशासन अपराधियों को समय पर कठोरतम सजा नहीं देता, तब तक गुलफिजा जैसी बेटियां मरती रहेंगी। ____ यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि इंसाफ की एक लंबी लड़ाई है, और 'सच तक पत्रिका न्यूज़' इस लड़ाई में गुलफिजा के परिवार के साथ अंत तक खड़ा रहेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाता रहेगा। ____ क्या इन दहेज के राक्षसों को फांसी होनी चाहिए? कमेंट्स में अपनी आवाज उठाएं। 👇 ----------------------------------------- ऐसी हर आवाज को ताकत देता है: @sachtakpatrikanews दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता @deepak_vishwakarma_89 ----------------------------------------- रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता (जबलपुर, मध्य प्रदेश)

  • V
    Veersingh.bisvkarma
    Charkhari, Mahoba
    dhanywad
    on 29 August
  • user_Deepak Vishwakarma
    Deepak Vishwakarma
    Jabalpur, Madhya Pradesh
    https://shuru.page.link/qEaEh1Jr5LkVDbGr8 अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: क्या दहेज का दानव कानून से भी बड़ा हो गया है? ___ (रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाद अपने क्षेत्र की सभी वायरल विडियोज के लिए डाउनलोड करें शुरू ऐप (Shuru App) 👇🏻
    on 29 August
  • user_Deepak Vishwakarma
    Deepak Vishwakarma
    Jabalpur, Madhya Pradesh
    अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: क्या दहेज का दानव कानून से भी बड़ा हो गया है? ___ (रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता | स्रोत: सच तक पत्रिका NEWS, जबलपुर) ___ ,सच तक पत्रिका News' की विस्तृत पड़ताल ​ अमरोहा की बेटी गुलफिजा की दर्दनाक मौत: सत्रह दिन। चार सौ घंटे। हर एक सांस के लिए एक जंग। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा की बेटी गुलफिजा की जिंदगी के आखिरी पलों का दर्दनाक सच है। ___ एक ऐसी बेटी, जिसकी मौत किसी बीमारी से नहीं, बल्कि समाज की सबसे घिनौनी और गहरी बीमारी 'दहेज' के कारण हुई। यह रिपोर्ट सिर्फ एक घटना का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि उस सिस्टम और समाज पर एक गंभीर सवाल है, जो आज भी अपनी बेटियों को दहेज के लालची भेड़ियों से बचाने में नाकाम साबित हो रहा है। ____ ↪️ एक बेटी, जिसके सपनों को तेजाब से जला दिया गया ____ गुलफिजा... यह अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि दहेज के खिलाफ एक दर्दनाक चीख बन चुका है। कुछ समय पहले जब उसकी शादी हुई, तो उसकी और उसके परिवार की आंखों में भी आम परिवारों की तरह ढेरों सपने थे। लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद, इन सपनों पर दहेज की मांगों का ग्रहण लग गया। गुलफिजा के मायके पक्ष का आरोप है कि ससुराल वाले लगातार 10 लाख रुपये नकद और एक कार की मांग कर रहे थे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो गुलफिजा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू हो गया। जो घर उसका सम्मान और सुरक्षा का केंद्र होना चाहिए था, वही उसके लिए एक यातना गृह बन गया। ____ ↪️ उस खौफनाक दिन की पूरी कहानी ___ लगभग 17 दिन पहले, यह प्रताड़ना अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई। परिवार के आरोपों के अनुसार, दहेज को लेकर हुए एक और विवाद के बाद, गुलफिजा के पति और अन्य ससुराल वालों ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने कथित तौर पर गुलफिजा को जबरन वह तेजाब पिला दिया, जो किसी भी इंसान के शरीर को अंदर से जलाने के लिए काफी है। यह सिर्फ एक हमला नहीं था, यह एक सोची-समझी क्रूरता थी, जिसका मकसद उसे तिल-तिल कर मरने के लिए छोड़ देना था। ____ ↪️ जिंदगी और मौत के बीच 17 दिनों का दर्दनाक संघर्ष ____ घटना के बाद गुलफिजा को गंभीर हालत में नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहाँ से शुरू हुई उसकी 17 दिनों की वह जंग, जिसकी कल्पना मात्र से रूह कांप जाती है। डॉक्टरों ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की। वह हर सांस के साथ लड़ रही थी, शायद इस उम्मीद में कि उसके गुनहगारों को सजा मिलते हुए वह अपनी आंखों से देख सकेगी। लेकिन तेजाब से हुए जख्म इतने गहरे थे कि 17 दिनों के असहनीय दर्द के बाद, उसने आखिरकार दम तोड़ दिया। वह हार गई, और उसके साथ हार गया हमारा समाज और हमारा कानून। ____ ↪️' सच तक पत्रिका न्यूज़' के जलते हुए सवाल: ____ गुलफिजा की मौत सिर्फ एक खबर नहीं है, यह अपने पीछे कई गंभीर और चुभते हुए सवाल छोड़ गई है, जिनका जवाब देना समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है: ____ * समाज से सवाल: आखिर कब तक हमारी बेटियां दहेज की वेदी पर चढ़ाई जाती रहेंगी? एक कार और कुछ लाख रुपयों की कीमत एक इंसान की जिंदगी से बढ़कर कैसे हो सकती है? ____ * कानून से सवाल: दहेज के खिलाफ देश में सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी अपराधियों के मन में कानून का खौफ क्यों नहीं है? क्या इन कानूनों को लागू करने में कोई कमी रह गई है? ____ * प्रशासन से सवाल: गुलफिजा के आरोपी अभी तक फरार क्यों हैं? एक बेटी की मौत के बाद भी अगर अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, तो यह पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है। ____ * हम सब से सवाल: क्या हम एक समाज के तौर पर इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि अपने आस-पड़ोस में हो रहे ऐसे अत्याचारों पर चुप रहते हैं? गुलफिजा की चीखें क्या किसी पड़ोसी ने नहीं सुनी होंगी? ____ निष्कर्ष: गुलफिजा की कहानी भारत में उन अनगिनत बेटियों की कहानी है, जो आज भी बंद दरवाजों के पीछे दहेज के लिए प्रताड़ित हो रही हैं। यह सिर्फ एक और आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। जब तक समाज अपनी सोच नहीं बदलता और प्रशासन अपराधियों को समय पर कठोरतम सजा नहीं देता, तब तक गुलफिजा जैसी बेटियां मरती रहेंगी। ____ यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि इंसाफ की एक लंबी लड़ाई है, और 'सच तक पत्रिका न्यूज़' इस लड़ाई में गुलफिजा के परिवार के साथ अंत तक खड़ा रहेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाता रहेगा। ____ क्या इन दहेज के राक्षसों को फांसी होनी चाहिए? कमेंट्स में अपनी आवाज उठाएं। 👇 ----------------------------------------- ऐसी हर आवाज को ताकत देता है: @sachtakpatrikanews दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता @deepak_vishwakarma_89 ----------------------------------------- रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, संवाददाता (जबलपुर, मध्य प्रदेश)
    on 29 August
  • U
    User9811
    Hardwar, Haridwar
    🙏
    on 11 September
  • U
    User7451
    Jabalpur, Madhya Pradesh
    🤝
    on 29 August
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  • 🔴 फिल्मी स्टाइल पुलिस चेज, शराब तस्कर की कार पकड़ी गई — VIDEO देखिए 》 📍 Navsari, Gujarat 📰 "सच तक पत्रिका न्यूज, ​✒️ "संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, 《 जबलपुर 》 --- 🔴 घटना का पूरा विवरण गुजरात के नवसारी जिले में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब पुलिस और एक शराब तस्कर के बीच फिल्मी अंदाज़ में हाई-स्पीड चेज देखने को मिला। यह पूरी घटना किसी एक्शन फिल्म के दृश्य जैसी थी, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। --- 🚓 कैसे शुरू हुआ पीछा? पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नवसारी पुलिस की टीम नियमित गश्त पर थी। इसी दौरान एक संदिग्ध कार पुलिस की नजर में आई। 👉 पुलिस ने जब कार चालक को रुकने का इशारा किया, तो वह अचानक तेज रफ्तार में कार भगाकर फरार हो गया। 👉 स्थिति को गंभीर मानते हुए पुलिस ने तुरंत उसका पीछा शुरू कर दिया। --- 💨 कई किलोमीटर तक चला हाई-स्पीड चेज पुलिस और तस्कर की कार के बीच यह पीछा कई किलोमीटर तक चला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक— 🚗 तस्कर तेज रफ्तार में ट्रैफिक के बीच से निकलने की कोशिश करता रहा 🚓 पुलिस की गाड़ियाँ सायरन बजाते हुए उसके पीछे लगी रहीं इस दौरान सड़क किनारे खड़े लोग यह नज़ारा देखकर हैरान रह गए। --- 🏃‍♂️ कार छोड़कर भागा तस्कर लगातार पीछा होने और पुलिस के दबाव में आकर— 👉 तस्कर ने अचानक बीच सड़क पर कार रोक दी 👉 मौका पाकर वह अंधेरे का फायदा उठाते हुए पैदल ही फरार हो गया हालांकि पुलिस ने तत्काल इलाके में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आरोपी मौके से निकलने में सफल रहा। --- 🍾 कार से मिली भारी मात्रा में अवैध शराब जब पुलिस ने छोड़ी गई कार की तलाशी ली, तो उसमें से— ✔ बड़ी मात्रा में अवैध शराब की पेटियाँ बरामद की गईं ✔ आशंका है कि शराब को जिले के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई किया जाना था पुलिस ने पूरी कार को जब्त कर लिया है और शराब तस्करी के नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। --- 👮‍♂️ पुलिस की आगे की कार्रवाई पुलिस अधिकारियों के अनुसार— 🔎 फरार तस्कर की पहचान के लिए CCTV फुटेज और वायरल वीडियो की जांच की जा रही है 🔎 यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि तस्कर किस गिरोह से जुड़ा है 🔎 शराब सप्लाई चेन में शामिल अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी पुलिस का दावा है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। --- ❓ उठते सवाल इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं— ❓ क्या शराब तस्करों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं? ❓ क्या अवैध शराब के नेटवर्क पर और सख्त कार्रवाई की जरूरत है? ❓ क्या ऐसे मामलों में सजा और निगरानी और कड़ी होनी चाहिए? --- 📌 निष्कर्ष नवसारी की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि अवैध शराब तस्करी किस तरह कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है। पुलिस की तत्परता से जहां बड़ी खेप पकड़ी गई, वहीं तस्कर का फरार होना चिंता का विषय भी है। 》 ​📰 सच तक पत्रिका न्यूज़ ​✒️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा 》 ​🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।” 》 ↪️ "​सच और ज़मीन से जुड़ी खबरों के लिए, हमें फॉलो करें: Instagram Facebook YouTube 👇 》 ​👉 @SachTakPatrikaNews 👉@deepak_vishwakarma_89
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    🔴 फिल्मी स्टाइल पुलिस चेज, शराब तस्कर की कार पकड़ी गई — VIDEO देखिए
》
📍 Navsari, Gujarat
📰 "सच तक पत्रिका न्यूज,  
​✒️ "संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, 《 जबलपुर 》
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🔴 घटना का पूरा विवरण
गुजरात के नवसारी जिले में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब पुलिस और एक शराब तस्कर के बीच फिल्मी अंदाज़ में हाई-स्पीड चेज देखने को मिला। यह पूरी घटना किसी एक्शन फिल्म के दृश्य जैसी थी, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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🚓 कैसे शुरू हुआ पीछा?
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नवसारी पुलिस की टीम नियमित गश्त पर थी। इसी दौरान एक संदिग्ध कार पुलिस की नजर में आई।
👉 पुलिस ने जब कार चालक को रुकने का इशारा किया, तो वह अचानक तेज रफ्तार में कार भगाकर फरार हो गया।
👉 स्थिति को गंभीर मानते हुए पुलिस ने तुरंत उसका पीछा शुरू कर दिया।
---
💨 कई किलोमीटर तक चला हाई-स्पीड चेज
पुलिस और तस्कर की कार के बीच यह पीछा कई किलोमीटर तक चला।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक—
🚗 तस्कर तेज रफ्तार में ट्रैफिक के बीच से निकलने की कोशिश करता रहा
🚓 पुलिस की गाड़ियाँ सायरन बजाते हुए उसके पीछे लगी रहीं
इस दौरान सड़क किनारे खड़े लोग यह नज़ारा देखकर हैरान रह गए।
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🏃‍♂️ कार छोड़कर भागा तस्कर
लगातार पीछा होने और पुलिस के दबाव में आकर—
👉 तस्कर ने अचानक बीच सड़क पर कार रोक दी
👉 मौका पाकर वह अंधेरे का फायदा उठाते हुए पैदल ही फरार हो गया
हालांकि पुलिस ने तत्काल इलाके में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आरोपी मौके से निकलने में सफल रहा।
---
🍾 कार से मिली भारी मात्रा में अवैध शराब
जब पुलिस ने छोड़ी गई कार की तलाशी ली, तो उसमें से—
✔ बड़ी मात्रा में अवैध शराब की पेटियाँ बरामद की गईं
✔ आशंका है कि शराब को जिले के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई किया जाना था
पुलिस ने पूरी कार को जब्त कर लिया है और शराब तस्करी के नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।
---
👮‍♂️ पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों के अनुसार—
🔎 फरार तस्कर की पहचान के लिए CCTV फुटेज और वायरल वीडियो की जांच की जा रही है
🔎 यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि तस्कर किस गिरोह से जुड़ा है
🔎 शराब सप्लाई चेन में शामिल अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी
पुलिस का दावा है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
---
❓ उठते सवाल
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
❓ क्या शराब तस्करों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं?
❓ क्या अवैध शराब के नेटवर्क पर और सख्त कार्रवाई की जरूरत है?
❓ क्या ऐसे मामलों में सजा और निगरानी और कड़ी होनी चाहिए?
---
📌 निष्कर्ष
नवसारी की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि अवैध शराब तस्करी किस तरह कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है।
पुलिस की तत्परता से जहां बड़ी खेप पकड़ी गई, वहीं तस्कर का फरार होना चिंता का विषय भी है।
》
​📰 सच तक पत्रिका न्यूज़
​✒️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा
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​🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”
》
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👉@deepak_vishwakarma_89
    user_Deepak Vishwakarma
    Deepak Vishwakarma
    Journalist Jabalpur, Madhya Pradesh•
    3 hrs ago
  • ग्राम टेढ़ी में आदिवासी समाज के साथ जातिगत अपमान का आरोप, गांव छोड़ने की चेतावनी कटनी। ग्राम टेढ़ी में एक महिला द्वारा आदिवासी समाज के सदस्यों के साथ कथित रूप से जातिगत अपमान और अभद्र गालियां देने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित पक्ष के अनुसार, फूलाबाई नामक महिला द्वारा लगातार आदिवासी समाज को अपमानित किया जा रहा है, जिससे समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। आदिवासी समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रहलाद सिंह ठाकुर ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए बताया कि उक्त महिला द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। इसी भूमि विवाद को लेकर शुक्रवार को पटवारी ग्राम टेढ़ी पहुंचे थे और नपाई की प्रक्रिया चल रही थी। उसी दौरान संबंधित महिला मौके पर पहुंची और आदिवासी समाज के लोगों के साथ जातिगत शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की। प्रहलाद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से आदिवासी समाज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है और हालात ऐसे बन गए हैं कि उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इसकी शिकायत आदिवासी कल्याण बोर्ड, दिल्ली तक करेंगे। आदिवासी समाज ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी महिला के विरुद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।
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    ग्राम टेढ़ी में आदिवासी समाज के साथ जातिगत अपमान का आरोप, गांव छोड़ने की चेतावनी
कटनी। ग्राम टेढ़ी में एक महिला द्वारा आदिवासी समाज के सदस्यों के साथ कथित रूप से जातिगत अपमान और अभद्र गालियां देने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित पक्ष के अनुसार, फूलाबाई नामक महिला द्वारा लगातार आदिवासी समाज को अपमानित किया जा रहा है, जिससे समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है।
आदिवासी समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रहलाद सिंह ठाकुर ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए बताया कि उक्त महिला द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। इसी भूमि विवाद को लेकर शुक्रवार को पटवारी ग्राम टेढ़ी पहुंचे थे और नपाई की प्रक्रिया चल रही थी। उसी दौरान संबंधित महिला मौके पर पहुंची और आदिवासी समाज के लोगों के साथ जातिगत शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की।
प्रहलाद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से आदिवासी समाज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है और हालात ऐसे बन गए हैं कि उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इसकी शिकायत आदिवासी कल्याण बोर्ड, दिल्ली तक करेंगे।
आदिवासी समाज ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी महिला के विरुद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।
    user_Balkishan Namdev
    Balkishan Namdev
    Electrician Jabalpur, Madhya Pradesh•
    1 day ago
  • “ग्रामीणों के लिए खुशखबरी! अब इलाज होगा गांव में ही”
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    “ग्रामीणों के लिए खुशखबरी! अब इलाज होगा गांव में ही”
    user_पुष्पेंद्र लोधी
    पुष्पेंद्र लोधी
    Journalist Jabera, Damoh•
    20 hrs ago
  • भयंकर रोड हादसा मंडला जबलपुर मार्ग 🛣️😱#viral #fbreelsfypシ゚viralfbreelsfypシ゚viral #treding #followforfollowback #mandlajabalpurhighway
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    भयंकर रोड हादसा मंडला जबलपुर मार्ग 🛣️😱#viral #fbreelsfypシ゚viralfbreelsfypシ゚viral #treding #followforfollowback #mandlajabalpurhighway
    user_Yahova Blessing
    Yahova Blessing
    Local News Reporter Mandla, Madhya Pradesh•
    1 hr ago
  • नालंदा स्कूल झिंझरी कटनी में मनाया गया वार्षिक उत्सव में 10 वीं कक्षा की छात्राओं ने रामायण की शानदार प्रस्तुति
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    नालंदा स्कूल झिंझरी कटनी में मनाया गया वार्षिक उत्सव में 10 वीं कक्षा की छात्राओं ने रामायण की शानदार प्रस्तुति
    NB
    Naresh Bajaj
    Journalist Murwara Or Katni, Madhya Pradesh•
    6 hrs ago
  • दमोह देहात थाना क्षेत्र में दिल दहलाने वाला हादसा झोपड़ी में आग लगने से 4 माह के मासूम की हुई दर्दनाक मौत
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    दमोह देहात थाना क्षेत्र में दिल दहलाने वाला हादसा झोपड़ी में आग लगने से 4 माह के मासूम की हुई दर्दनाक मौत
    VS
    Vikas Soni
    Hatta, Damoh•
    4 hrs ago
  • घटना कल कि बताई गई गढाकोटा दमोह रोड नये पेट्रोल पम्प के आगे बाइक सवार को मारी ट्रक ने टक्कर मौके पर दो कि मौत, तहसीलदार महेश दुबे मौके पर, दोनों मृतक वकायन दमोह के बताए जा रहे हैं
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    घटना कल कि बताई गई गढाकोटा दमोह रोड नये पेट्रोल पम्प के आगे बाइक सवार को मारी ट्रक ने टक्कर मौके पर दो कि मौत, तहसीलदार महेश दुबे मौके पर, दोनों मृतक वकायन दमोह के बताए जा रहे हैं
    PH
    Pushpendra hatta
    Hatta, Damoh•
    5 hrs ago
  • रेमंड चौक पर होटल एन एन में पुलिस की रेड... सात कमरों में सात जोड़े आपत्तिजनक हालत में मिले... लड़कियों से करवाया जाता था देह व्यापार 61 साल के बुजुर्ग सहित 8 युवाओं पर मामला दर्ज, होटल का मैनेजर देता था आपत्तिजनक सामग्री, पकड़े गए जोड़े सौंसर, मोहगांव और लोधीखेड़ा के। सौंसर पुलिस ने सभी लड़कियों को किया परिजनों के हवाले, होटल के मालिक मनीष बांगड़े, मैनेजर सहित सभी कस्टमर पर मामला दर्ज। Follow @hello.chhindwara #chhindwaranews #nnhote_lodhikheda l #policeraid #awareness #lodhikhedanews
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    रेमंड चौक पर होटल एन एन में पुलिस की रेड...
सात कमरों में सात जोड़े आपत्तिजनक हालत में मिले... लड़कियों से करवाया जाता था देह व्यापार
61 साल के बुजुर्ग सहित 8 युवाओं पर मामला दर्ज, होटल का मैनेजर देता था आपत्तिजनक सामग्री, पकड़े गए जोड़े सौंसर, मोहगांव और लोधीखेड़ा के।
सौंसर पुलिस ने सभी लड़कियों को किया परिजनों के हवाले, होटल के मालिक मनीष बांगड़े, मैनेजर सहित सभी कस्टमर पर मामला दर्ज।
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    user_Yahova Blessing
    Yahova Blessing
    Local News Reporter Mandla, Madhya Pradesh•
    8 hrs ago
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