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म्हारी छोरियां छोरों से कम है कै... इस रील के लिए इतने लाइक और कमेंट मिलने चाहिए कि पापा को गर्व हो। वैधानिक चेतावनी; ट्रेन लोहे से बनी है और छोरियां फौलाद की। ट्रेन गलती से लड़की को छू लेती तो टुकड़ों में बिखर जाती! कृपया आप इसे ट्राई ना करे।

on 3 November
user_Nikhil punia
Nikhil punia
Etawah, Uttar Pradesh•
on 3 November

म्हारी छोरियां छोरों से कम है कै... इस रील के लिए इतने लाइक और कमेंट मिलने चाहिए कि पापा को गर्व हो। वैधानिक चेतावनी; ट्रेन लोहे से बनी है और छोरियां फौलाद की। ट्रेन गलती से लड़की को छू लेती तो टुकड़ों में बिखर जाती! कृपया आप इसे ट्राई ना करे।

  • user_Madan Bhatra
    Madan Bhatra
    Jagdalpur, Bastar
    reel ke liye Kitna nautanki karte Hain jante Hain ki Kai logon ka jaan ja chuka hai fir bhi samajh nahin aata Hai...
    on 10 November
  • user_Pramod opretor
    Pramod opretor
    Robertsganj, Sonbhadra
    desh me paglo ki kami nahi hai
    on 3 November
  • user_Madan Bhatra
    Madan Bhatra
    Jagdalpur, Bastar
    🙏
    on 10 November
  • user_User5320
    User5320
    Etmadpur, Agra
    🙏
    on 5 November
  • user_User3811
    User3811
    Sisai, Gumla
    💣
    on 4 November
  • user_Govind Kumar Singh
    Govind Kumar Singh
    Haspura, Aurangabad
    🙏
    on 4 November
  • user_महेंद्र पाल सिंह नयागांव
    महेंद्र पाल सिंह नयागांव
    Narwar, Shivpuri
    👏
    on 3 November
More news from Uttar Pradesh and nearby areas
  • Jay maa kali 🙏🚩🚩
    1
    Jay maa kali 🙏🚩🚩
    user_Sumit Rajput
    Sumit Rajput
    Farmer Etawah, Uttar Pradesh•
    3 hrs ago
  • पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है. क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं। जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है। जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें। अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। पूरा मामला विस्तार से जानें पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया। घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है। जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
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    पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है.
क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है?
पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं।
जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है।
जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं।
यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें।
अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं।
पूरा मामला विस्तार से जानें
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया।
घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान
जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है।
जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
    user_Misty Helping Foundation
    Misty Helping Foundation
    Etawah, Uttar Pradesh•
    16 hrs ago
  • *इटावा ब्रेकिंग :---* ⏩उत्तरप्रदेश भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के नाम के औपचारिक घोषणा के बाद भाजपा कार्यालय पर मना जश्न ⏩पंकज चौधरी को भाजपा संगठन ने उत्तरप्रदेश की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया है ⏩आज दोपहर हुए यूपी प्रदेश अध्यक्ष के औपचारिक ऐलान के बाद इटावा के सुन्दरपुर मोड़ स्थित भाजपा कार्यालय पर भाजपाइयों ने जमकर जश्न मनाते हुए एक दूसरे को मिठाइयां खिलायी ⏩इस दौरान भाजपा कार्यालय प्रांगण में भाजपा नेताओं ने जमकर आतिशबाजी चलाई ⏩पंकज चौधरी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने की ख़ुशी में इटावा का भाजपा कार्यालय ढ़ोल नगाड़ों की गणगणाहट से गूँज उठा ⏩इस दौरान भाजपा नेता व पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य व इंजी.हरिकिशोर तिवारी ने Raftaar Media पर अपनी प्रतिक्रिया दी ⏩तो वहीं भाजपा संगठन के जिला महामंत्री प्रशांत राव चौबे व जिला मंत्री रजत चौधरी ने भी Raftaar Media से ख़ास बातचीत की,,क्या कुछ कहा आप भी सुनिए ---------
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    *इटावा ब्रेकिंग :---*
⏩उत्तरप्रदेश भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के नाम के औपचारिक घोषणा के बाद भाजपा कार्यालय पर मना जश्न 
⏩पंकज चौधरी को भाजपा संगठन ने उत्तरप्रदेश की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया है
⏩आज दोपहर हुए यूपी प्रदेश अध्यक्ष के औपचारिक ऐलान के बाद इटावा के सुन्दरपुर मोड़ स्थित भाजपा कार्यालय पर भाजपाइयों ने जमकर जश्न मनाते हुए एक दूसरे को मिठाइयां खिलायी 
⏩इस दौरान भाजपा कार्यालय प्रांगण में भाजपा नेताओं ने जमकर आतिशबाजी चलाई 
⏩पंकज चौधरी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने की ख़ुशी में इटावा का भाजपा कार्यालय ढ़ोल नगाड़ों की गणगणाहट से गूँज उठा 
⏩इस दौरान भाजपा नेता व पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य व इंजी.हरिकिशोर तिवारी ने Raftaar Media पर अपनी प्रतिक्रिया दी 
⏩तो वहीं भाजपा संगठन के जिला महामंत्री प्रशांत राव चौबे व जिला मंत्री रजत चौधरी ने भी Raftaar Media से ख़ास बातचीत की,,क्या कुछ कहा आप भी सुनिए ---------
    user_Kanhaiya lal
    Kanhaiya lal
    Reporter Bharthana, Etawah•
    5 hrs ago
  • चकर नगर क्षेत्र दलीप नगर मढैयन इटावा उप्र
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    चकर नगर क्षेत्र दलीप नगर मढैयन इटावा उप्र
    user_Shuru User, satendra kevat
    Shuru User, satendra kevat
    Farmer Chakarnagar, Etawah•
    2 hrs ago
  • जनपद औरैया: नगर पालिका परिषद औरैया क्षेत्र से लगा हुआ समरथपुर आनेपुर रोड नहर बंबा जो किसी समय औरैया नगर के प्राचीन सत्ती तालाब तक आता था पानी सिंचाई विभाग एवं नगर पालिका परिषद औरैया की लापरवाही से बेहताशा गंदगी भरी हुई है जिससे अनेकों बीमारियां एवं मच्छर पनपते हैं आसपास के लोग परेशान होते हैं आखिर इसका कौन जिम्मेदार है इसकी कब होगी सफाई #MYogiAdityanath #KeshavPrasadMaurya #NarendraModi #AmitShah #nppauraiya #SwachhSurvekshan2025 #SwachhBharat #myभारत #bjp4in #geetashakya
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    जनपद औरैया: नगर पालिका परिषद औरैया क्षेत्र से लगा हुआ समरथपुर आनेपुर रोड नहर बंबा जो किसी समय औरैया नगर के प्राचीन सत्ती तालाब तक आता था पानी 
सिंचाई विभाग एवं नगर पालिका परिषद औरैया की लापरवाही से 
बेहताशा गंदगी भरी हुई है जिससे अनेकों बीमारियां एवं मच्छर पनपते हैं आसपास के लोग परेशान होते हैं आखिर इसका कौन जिम्मेदार है इसकी कब होगी सफाई 
#MYogiAdityanath #KeshavPrasadMaurya #NarendraModi #AmitShah #nppauraiya #SwachhSurvekshan2025 #SwachhBharat #myभारत #bjp4in #geetashakya
    user_मेरा औरैया
    मेरा औरैया
    Social worker Auraiya, Uttar Pradesh•
    20 min ago
  • औंछा में सर्राफा दुकानों से लाखों के आभूषण चोरी शटर काटकर वारदात, पुलिस जांच में जुटी मैनपुरी के औंछा बाजार में बीती रात चोरों ने दो सर्राफा दुकानों को निशाना बनाया। चोरों ने दुकानों के शटर काटकर लाखों रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चुरा लिए। औंछा निवासी मनोज कुमार वर्मा की 'देव ज्वैलर्स' और विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' नाम से बाजार में दुकानें हैं। दुकानदारों ने बताया कि वे प्रतिदिन की तरह रात करीब 8 बजे अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए थे। देर रात मोहल्ले के लोगों ने उन्हें दुकानों के शटर टूटे होने की सूचना दी। मनोज कुमार वर्मा ने मौके पर पहुँचकर देखा कि उनकी दुकान 'देव ज्वैलर्स' का सामान बिखरा हुआ था और तिजोरी गायब थी। उनके अनुसार, दुकान से लगभग 250 ग्राम सोना और करीब 20-21 किलोग्राम चांदी चोरी हुई है। चोरी हुए आभूषणों की कुल कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। वहीं, विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' से लगभग 120 ग्राम सोने के आभूषण, 10-12 किलोग्राम चांदी के आभूषण और ढाई लाख रुपये नकद चोरी होने की जानकारी मिली है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई। थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रपाल सिंह और सीओ कुरावली सच्चिदानंद सिंह ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के लिए डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिन्होंने दुकानों के अंदर और बाहर से फिंगरप्रिंट तथा अन्य साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह चोरी योजनाबद्ध तरीके से की गई है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और मामले का जल्द खुलासा करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया है। इस चोरी की घटना के बाद औंछा बाजार के व्यापारियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने बाजार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और रात की गश्त बढ़ाने की मांग की है।
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    औंछा में सर्राफा दुकानों से लाखों के आभूषण चोरी
शटर काटकर वारदात, पुलिस जांच में जुटी
मैनपुरी के औंछा बाजार में बीती रात चोरों ने दो सर्राफा दुकानों को निशाना बनाया। चोरों ने दुकानों के शटर काटकर लाखों रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चुरा लिए।
औंछा निवासी मनोज कुमार वर्मा की 'देव ज्वैलर्स' और विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' नाम से बाजार में दुकानें हैं। दुकानदारों ने बताया कि वे प्रतिदिन की तरह रात करीब 8 बजे अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए थे। देर रात मोहल्ले के लोगों ने उन्हें दुकानों के शटर टूटे होने की सूचना दी।
मनोज कुमार वर्मा ने मौके पर पहुँचकर देखा कि उनकी दुकान 'देव ज्वैलर्स' का सामान बिखरा हुआ था और तिजोरी गायब थी। उनके अनुसार, दुकान से लगभग 250 ग्राम सोना और करीब 20-21 किलोग्राम चांदी चोरी हुई है। चोरी हुए आभूषणों की कुल कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है।
वहीं, विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' से लगभग 120 ग्राम सोने के आभूषण, 10-12 किलोग्राम चांदी के आभूषण और ढाई लाख रुपये नकद चोरी होने की जानकारी मिली है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई। थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रपाल सिंह और सीओ कुरावली सच्चिदानंद सिंह ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के लिए डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिन्होंने दुकानों के अंदर और बाहर से फिंगरप्रिंट तथा अन्य साक्ष्य एकत्र किए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह चोरी योजनाबद्ध तरीके से की गई है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और मामले का जल्द खुलासा करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया है।
इस चोरी की घटना के बाद औंछा बाजार के व्यापारियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने बाजार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और रात की गश्त बढ़ाने की मांग की है।
    user_Arjun Singh पत्रकार
    Arjun Singh पत्रकार
    Journalist Ghiror, Mainpuri•
    40 min ago
  • Post by Anish Yadav
    1
    Post by Anish Yadav
    user_Anish Yadav
    Anish Yadav
    Acrobatic diving pool Jasrana, Firozabad•
    2 hrs ago
  • जनपदऔरैया बिधूना कोतवाली औरैया में आदर्श कुमार मिश्रा
    1
    जनपदऔरैया 
बिधूना कोतवाली औरैया में 
आदर्श कुमार मिश्रा
    user_मेरा औरैया
    मेरा औरैया
    Social worker Auraiya, Uttar Pradesh•
    28 min ago
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