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#bhind रौन के बौहारा गांव में दबंगों ने की गोलियों की बरसातBharatSamvadtv
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- दिनांक 7-1-2025 लोकेशन- बस्ती रिपोर्टर सुनील दूबे निडर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से देशभर में आक्रोश, बस्ती के पत्रकारों ने राष्ट्रपति से न्याय की गुहार छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में निडर और साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की क्रूर हत्या ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है। बस्ती, उत्तर प्रदेश के पत्रकार समूह ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर न्याय की मांग की है। मुकेश चंद्राकर, जो “6 बस्तर जंक्शन” वेब पोर्टल के संस्थापक और विभिन्न चैनलों के संवाददाता थे, की हत्या को भ्रष्ट प्रशासन और आपराधिक संगठनों के गठजोड़ का नतीजा बताया जा रहा है। बस्ती के पत्रकारों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह घटना न केवल पत्रकारिता पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र पर भी सीधा प्रहार है। पत्रकारों की मांगें बस्ती के पत्रकारों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित करते हुए चार प्रमुख मांगें रखी हैं: 1. आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और फास्ट ट्रैक कोर्ट में न्याय: पत्रकार समूह ने मांग की है कि मुकेश चंद्राकर के हत्या आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से सख्त सजा दी जाए। 2. आरोपियों की आर्थिक और राजनीतिक जांच: पत्रकारों ने आरोपियों के आय स्रोत और प्रशासनिक-राजनीतिक गठजोड़ की जांच के लिए सक्षम एजेंसी की मांग की है। दोषियों को कड़ी सजा देने की अपील की गई है। 3. पीड़ित परिवार को मुआवजा और नौकरी: ज्ञापन में शहीद पत्रकार के परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है। 4. पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए: स्थानीय स्तर पर पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने की अपील की गई है। लोकतंत्र और पत्रकारिता पर खतरा पत्रकारों का कहना है कि ऐसी घटनाएं लोकतंत्र की नींव को कमजोर करती हैं। संविधान ने पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना है, लेकिन निडर और तथ्यात्मक पत्रकारिता पर बढ़ते हमले एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। बस्ती के पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने राष्ट्रपति से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और पत्रकारिता को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके। यह घटना पूरे देश में पत्रकारों और जागरूक नागरिकों के बीच आक्रोश का कारण बनी हुई है। सभी की निगाहें अब सरकार और प्रशासन पर हैं कि वे इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाएंगे। इस दौरान इंडिया वाइस से बबुंदर यादव, सिद्धार्थ चौहान -दैनिक भास्कर, कमलेंद्र पटेल -दैनिक भास्कर, सज्जाद रिज़वी -हिंदुस्तान, के के त्रिपाठी - नजरिया बस्ती का, वेदिक द्विवेदी -नजरिया बस्ती का, ऋषिक द्विवेदी -नजरिया बस्ती का, विंदेश यादव - एक्प्रेस न्यूज लाइव, दिलीप -आज का आतंक, रामू - माकपा, सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव - जन मोर्चा, बृजेश कुमार पाण्डेय, लवकुश यादव विधान केसरी, अवधेश सिंह, शिवचरण -जनौस, विनोद आर्य, नीरज चौधरी, आराधना यादव, अंचल गौतम, मंजू पांडेय, संदीप गोयल -ख़्वाजा एक्सप्रेस, रहमान -न्यूज 18, वसीम अहमद, कमलेश सिंह, पारस नाथ मौर्य, विवेक सिंह - पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, धर्मेंद्र पाण्डेय, रजनीश त्रिपाठी, सुनील मिश्रा, राकेश गिरी, पुनीत दत्त ओझा, जीतेंद्र कुमार, वशिष्ठ पाण्डेय आदि शामिल रहे।1
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