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Son Of Gaya News वजीरगंज के प्रसिद्ध होम्यो पैथिक चिकित्सक दुबई मे हुए सम्मानित
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MD SALMAN HUSSAIN SONAM KAYNAT
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- भारतीय राजनीति के गैम्बलर का स्मरण - *********************************** देश का ऐसा कोई भी राजनैतिक दल नही होगा जहां दिवंगत सपा नेता व राज्यसभा सांसद अमर सिंह की पकड़ न रही हो , वे भारतीय राजनीति के एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने कभी किसी पार्टी की विचारधारा को अपने जीवन में उतारकर कामयाबी हांसिल नही की बल्कि वे अपने मधुर व प्रभावकारी संबंधों से ही राजनैतिक दलो के चहेते बन जाते थे , वे कोई बहुत बड़े वक्ता नही थे लेकिन विद्वान थे और चाणक्य की तरह राजनीति की विसात विछाने में माहिर थे , जब वे पहली बार 1996 में में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मिले थे तो उनके सबसे विश्वस्नीय चहेरा बने ,मुलायम सिंह और अमर सिंह की मुलाकात उस वक्त हुई थी जब मुलायम देश के रक्षामंत्री थे. 1996 में जिस फ्लाइट में मुलायम सिंह यादव सफर कर रहे थे, उसी फ्लाइट में अमर सिंह भी सवार थे और दोनों की मुलाकात हो गई. हालांकि मुलायम और अमर की ये मुलाकात अनौपचारिक थी, लेकिन इसी फ्लाइट के सफर के बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ी.फ्लाइट की मुलाकात के बाद उद्योगपति अमर सिंह को पहले 1996 में ही मुलायम सिंह यादव ने सपा से राज्यसभा भेजा और फिर सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद पर बैठा दिया. ऐसा कहा जाता है कि महज 4 साल की दोस्ती के बाद 2000 में अमर सिंह का सपा में दखल काफी बढ़ा. अमर सिंह पार्टी के टिकट बंटवारे, पदों और अन्य बड़े फैसलों में मुलायाम के साथ अहम भूमिका में आ गए. यही वो वक्त था जब अमर सिंह का नाम राज्य के ताकतवर नेताओं में शुमार हो गया. अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी को एक शीर्ष पर पहुंचाने और मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री की कुर्सी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया . एक वक्त ऐसा आया जब मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह को समाजवादी पार्टी की नंबर दो पोजिशन तक दे दी. अमर का रसूख उत्तर प्रदेश में कितना ज्यादा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन से लेकर , राजबब्बर , जयाप्रदा , संजय दत्त जैसे तमाम बड़े चेहरों को समाजवादी पार्टी के झंडे के नीचे खड़ा करा लिया था और साथ ही देश के सबसे बड़े उधोग घराने अम्बानी परिवार व सहारा श्री सुब्रत राय को भी मुलायम सिंह का नजदीकी बनाया , उन्हे भारतीय राजनीति में फिल्म जगत के सितारों को किसी क्षेत्रीय दल में बड़ी संख्या में जोड़ने के लिए सदैव जाना जायेगा , 2008 में जब न्यूक्लियर समझौते पर वामदलों ने कांग्रेस से समर्थन वापिस लिया था तब अमर सिंह ने ही मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम से मिलवाकर सपा के समर्थन से सरकार बचायी थी , सिर्फ इतना ही नहीं यूपीए सरकार के दौरान जब सिविल न्यूक्लियर डील के फैसले के दौरान 'कैश फॉर वोट' जैसे बड़े मामलों में भी अमर सिंह का नाम सामने आया था , 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने संजय दत्त के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी सपा में शामिल कराया था और जिसकारण मुस्लिम मतदाता सपा से दूर चले गये और पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा , उनके इस असफल प्रयोग से पार्टी में उनके खिलाफ विरोध के सुर उठने लगे , आज़म खान जैसे बड़े नेताओ ने पार्टी छोड़ दी थी और इसीकारण बढ़ते आरोपो और पार्टी में गिरते हुए कद को देखकर अमर सिंह ने भी 2010 में पार्टी छोड़ दी और अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय मंच बनाकर 2012 में चुनाव लड़ा , असफल हुए फिर रालोद में गये और 2014 का लोकसभा चुनाव फतेहपुर सीकरी से लड़ा , हार गये और फिर कुछ वर्ष शांत रहने के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने संबंधों को देखते हुए उन्हें पार्टी में वापिस बुलाया और 2016 में राज्यसभा के लिए भेजा लेकिन अखिलेश युग में उन्हें किराने ही रखा गया और परिवार के विवाद में भी उनका नाम आया और रामगोपाल यादव व आज़म खान ने पारिवारिक कलह कराने के उन पर खूब आरोप लगाये , निधन के कुछ वर्षो से पहले तक वे भाजपा व प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में बोल रहे थे और उन्होंने अखिलेश यादव को धोकेबाज कहते हुए कहा था कि जिसे मैंने व नेताजी ने उंगली पकड़ कर चलना सिखाया हो , वह आज मुझे ही अपना दुश्मन मान रहा है , जो व्यक्ति अपने बाप का न हो सका वो मेरा क्या होगा , वे 2013 से अपनी किडनी ट्रांसप्लांट का इलाज सिंगापुर में करा रहे थे और 64 वर्ष की आयु में वर्ष 2020 में उनका निधन हो गया था , प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर लिखा था कि वह काफी ऊर्जावान नेता थे. वे पिछले कुछ दशकों में देश की राजनीति के अहम उतार-चढ़ाव के गवाह रहे हैं. वो अपने जीवन में दोस्ती के लिए जाने जाते रहे हैं. उनके निधन की खबर सुनकर दुखी हूं. उनके परिवारजनों और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. आज उनकी चतुर्थ पुण्यतिथि है उन्हे सादर नमन Narendra Modi MYogiAdityanath Akhilesh Yadav1
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