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गुमला सिलाम ढलान

3 hrs ago
user_Raju Bhi
Raju Bhi
गुमला, गुमला, झारखंड•
3 hrs ago

गुमला सिलाम ढलान

  • user_Raju Bhi
    Raju Bhi
    गुमला, गुमला, झारखंड
    🙏
    3 hrs ago
More news from झारखंड and nearby areas
  • गुमला सिलाम ढलान
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    गुमला सिलाम ढलान
    user_Raju Bhi
    Raju Bhi
    गुमला, गुमला, झारखंड•
    3 hrs ago
  • नया साल 1 जनवरी 2026 के लिए मुड़मा जतरा शक्ति खूंटा में तैयारी हो गया है @AdivasiAkesh12 #sarna
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    नया साल 1 जनवरी 2026 के लिए मुड़मा जतरा शक्ति खूंटा में तैयारी हो गया है @AdivasiAkesh12 #sarna
    user_Akesh Oraon
    Akesh Oraon
    Video Creator Mandar, Ranchi•
    3 hrs ago
  • झारखंड में आज का बड़ा धमाका! इन 25 खबरों ने हिलाया पूरा प्रदेश | 31 Dec 2025। #todayjharkhandnews
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    झारखंड में आज का बड़ा धमाका! इन 25 खबरों ने हिलाया पूरा प्रदेश | 31 Dec 2025। #todayjharkhandnews
    user_Objectionnews
    Objectionnews
    Media company Ranchi, Jharkhand•
    27 min ago
  • न्यू ईयर की जश्न कि तैयारी राजधानी रांची में कैसा है, देखें Video
    1
    न्यू ईयर की जश्न कि तैयारी राजधानी रांची में कैसा है, देखें Video
    user_Raftar Media सच के साथ
    Raftar Media सच के साथ
    Journalist Ranchi, Jharkhand•
    1 day ago
  • Post by Mahesh
    1
    Post by Mahesh
    user_Mahesh
    Mahesh
    कांके, रांची, झारखंड•
    12 hrs ago
  • *नामकुम अंचल में जमीन माफियाओं का खुला खेल, भू-रैयतों की जमीन पर रातों-रात म्यूटेशन का आरोप* रांची। रांची जिला के नामकुम अंचल में जमीन से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं और हेराफेरी के आरोप सामने आ रहे हैं। स्थानीय भू-रैयतों का कहना है कि अंचल क्षेत्र में जमीन दलालों का नेटवर्क सक्रिय है, जो अंचल कार्यालय के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब व असहाय रैयतों की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहा है। ताजा मामला तेली महतो की जमीन से जुड़ा बताया जा रहा है। आरोप है कि जमीन दलालों ने बिना किसी वैध बंटवारे के, गोतिया लोगों के नाम पर फर्जी वंशावली तैयार कर ली और अंचल कार्यालय में रिकॉर्ड में हेरफेर कर रातों-रात म्यूटेशन करवा लिया। रैयतों का कहना है कि जब तक उन्हें इसकी जानकारी होती है, तब तक जमीन का दाखिल-खारिज पूरा कर दिया जाता है। *फर्जी वंशावली बनाकर जमीन हड़पने का आरोप* भू-रैयतों के अनुसार, जमीन का पारिवारिक बंटवारा नहीं होने के बावजूद कुछ लोग स्वयं को उत्तराधिकारी बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। इन दस्तावेजों को अंचल कार्यालय में स्वीकार कर लिया जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि बिना समुचित जांच-पड़ताल के म्यूटेशन कैसे संभव हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अंचल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है और बिना “सेटिंग” के इस तरह की कार्रवाई संभव नहीं है। *थाना स्तर पर भी नहीं मिल रही सुनवाई* पीड़ित भू-रैयतों का कहना है कि जब वे न्याय की उम्मीद लेकर स्थानीय थाना पहुंचते हैं, तो वहां भी उनकी बात नहीं सुनी जाती। आरोप है कि थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे रैयतों के साथ गाली-गलौज की जाती है और उन्हें डराया-धमकाया जाता है। कई पीड़ितों का कहना है कि पुलिस उन्हें यह कहकर लौटा देती है कि यह “जमीन का मामला” है और वे इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। *प्रशासन की चुप्पी पर सवाल* नामकुम अंचल में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते इन मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो जमीन माफियाओं का हौसला और बढ़ेगा तथा आम भू-रैयत अपनी ही जमीन से बेदखल हो जाएंगे। जांच और कार्रवाई की मांग पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि नामकुम अंचल में हुए सभी संदिग्ध म्यूटेशन मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही फर्जी वंशावली तैयार करने वाले जमीन दलालों, इसमें शामिल अंचल कर्मियों और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है और यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और भू-रैयतों को न्याय कब तक मिल पाता है।
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    *नामकुम अंचल में जमीन माफियाओं का खुला खेल, भू-रैयतों की जमीन पर रातों-रात म्यूटेशन का आरोप*
रांची।
रांची जिला के नामकुम अंचल में जमीन से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं और हेराफेरी के आरोप सामने आ रहे हैं। स्थानीय भू-रैयतों का कहना है कि अंचल क्षेत्र में जमीन दलालों का नेटवर्क सक्रिय है, जो अंचल कार्यालय के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब व असहाय रैयतों की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहा है।
ताजा मामला तेली महतो की जमीन से जुड़ा बताया जा रहा है। आरोप है कि जमीन दलालों ने बिना किसी वैध बंटवारे के, गोतिया लोगों के नाम पर फर्जी वंशावली तैयार कर ली और अंचल कार्यालय में रिकॉर्ड में हेरफेर कर रातों-रात म्यूटेशन करवा लिया। रैयतों का कहना है कि जब तक उन्हें इसकी जानकारी होती है, तब तक जमीन का दाखिल-खारिज पूरा कर दिया जाता है।
*फर्जी वंशावली बनाकर जमीन हड़पने का आरोप*
भू-रैयतों के अनुसार, जमीन का पारिवारिक बंटवारा नहीं होने के बावजूद कुछ लोग स्वयं को उत्तराधिकारी बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। इन दस्तावेजों को अंचल कार्यालय में स्वीकार कर लिया जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि बिना समुचित जांच-पड़ताल के म्यूटेशन कैसे संभव हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अंचल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है और बिना “सेटिंग” के इस तरह की कार्रवाई संभव नहीं है।
*थाना स्तर पर भी नहीं मिल रही सुनवाई*
पीड़ित भू-रैयतों का कहना है कि जब वे न्याय की उम्मीद लेकर स्थानीय थाना पहुंचते हैं, तो वहां भी उनकी बात नहीं सुनी जाती। आरोप है कि थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे रैयतों के साथ गाली-गलौज की जाती है और उन्हें डराया-धमकाया जाता है। कई पीड़ितों का कहना है कि पुलिस उन्हें यह कहकर लौटा देती है कि यह “जमीन का मामला” है और वे इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
*प्रशासन की चुप्पी पर सवाल*
नामकुम अंचल में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते इन मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो जमीन माफियाओं का हौसला और बढ़ेगा तथा आम भू-रैयत अपनी ही जमीन से बेदखल हो जाएंगे।
जांच और कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि नामकुम अंचल में हुए सभी संदिग्ध म्यूटेशन मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही फर्जी वंशावली तैयार करने वाले जमीन दलालों, इसमें शामिल अंचल कर्मियों और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है और यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और भू-रैयतों को न्याय कब तक मिल पाता है।
    user_Chandan Pathak
    Chandan Pathak
    Journalist बरियातू, लातेहार, झारखंड•
    22 hrs ago
  • मंगारी धान प्रभारी द्वारा लिखित में पत्र देने के बाद खुला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 जाम 1 घंटे आवागमन बंद रहा सरगुजा के मंगारी धान खरीदी केंद्र में कार्यरत आजाद सिंह को हटाने सरपंचों की अगुवाई में किसानों द्वारा लामबंद होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 43 मंगारी को दोपहर 1 बजे से जाम कर दिया गया था किसानों द्वारा कड़े रुख अपनाते हुए धान खरीदी केंद्र मंगारी में कार्यरत आजाद सिंह को पूर्ण रूप से हटाने अड़े रहे जहां 1 घंटे तक आवागमन पूरी तरह बंद रहा जहां बतौली तहसीलदार गोविंद सिन्हा नायब तहसील दार कृष्णा कंवर सीतापुर थाना प्रभारी अखिलेश सिंह अपनी टीम के साथ पहुंच आवागमन सुचारू कराया । आपको बता दें कि लंबे समय से आजाद सिंह पर अभद्रता का आरोप लगा सरपंचों की अगुवाई में किसान धान खरीदी केंद्र मंगारी से हटाने पर अड़े थे जहां ग्रामीणों की मांग पर आजाद सिंह को धान प्रभारी के पद से हटा दिया गया था लेकिन उन्हें धान खरीदी केंद्र में आना जाना व्यवस्था देखना भी लोगों को रास नहीं आया और अभद्रता का आरोप लगा फिर से आवागमन जाम कर दिया गया जहां प्रशानिक टीम द्वारा वर्तमान धान खरीदी प्रभारी से लिखित में पत्र लेकर किसानों को सौंपा गया साथ ही धान खरीदी में आजाद सिंह दिख गए तो कठोर करवाई करने आश्वासन भी दिया गया है
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    मंगारी धान प्रभारी द्वारा लिखित में पत्र देने के बाद खुला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 जाम 1 घंटे आवागमन बंद रहा
सरगुजा के मंगारी धान खरीदी केंद्र में कार्यरत आजाद सिंह को हटाने सरपंचों की अगुवाई में किसानों द्वारा लामबंद होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 43 मंगारी को दोपहर 1 बजे से जाम कर दिया गया था किसानों द्वारा कड़े रुख अपनाते हुए धान खरीदी केंद्र मंगारी में कार्यरत आजाद सिंह को पूर्ण रूप से हटाने अड़े रहे जहां 1 घंटे तक आवागमन पूरी तरह बंद रहा जहां बतौली तहसीलदार गोविंद सिन्हा नायब तहसील दार कृष्णा कंवर सीतापुर थाना प्रभारी अखिलेश सिंह अपनी टीम के साथ पहुंच आवागमन सुचारू कराया ।
आपको बता दें कि लंबे समय से आजाद सिंह पर अभद्रता का आरोप लगा सरपंचों की अगुवाई में किसान धान खरीदी केंद्र मंगारी से हटाने पर अड़े थे जहां ग्रामीणों की मांग पर आजाद सिंह को धान प्रभारी के पद से हटा दिया गया था लेकिन उन्हें धान खरीदी केंद्र में आना जाना व्यवस्था देखना भी लोगों को रास नहीं आया और अभद्रता का आरोप लगा फिर से आवागमन जाम कर दिया गया जहां प्रशानिक टीम द्वारा वर्तमान धान खरीदी प्रभारी से लिखित में पत्र लेकर किसानों को सौंपा गया साथ ही धान खरीदी में आजाद सिंह दिख गए तो कठोर करवाई करने आश्वासन भी दिया गया है
    user_Jarif Khan
    Jarif Khan
    Journalist Sitapur, Surguja•
    46 min ago
  • देवघर/जिले के के नंदन पहाड़ स्थित दड़बा नंदी रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से एक पुलिस कांस्टेबल का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस।
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    देवघर/जिले के के नंदन पहाड़ स्थित दड़बा नंदी रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से एक पुलिस कांस्टेबल का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस।
    user_Objectionnews
    Objectionnews
    Media company Ranchi, Jharkhand•
    1 hr ago
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