*बलिया में डम्पर से कुचलकर युवती समेत दो की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों ने किया चक्काजाम* बलिया जिले में एनएच 31 पर स्थित बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बैरिया दलित बस्ती के पास डम्पर की टक्कर से एक और किशोर की मौत हो गयी। दोनों दशहरा का मेला देखने जा रहे थे। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच-31 पर जाम लगा दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बिहार के भोजपुर जनपद के बड़ारहा थाना क्षेत्र अंतर्गत खवासपुर गांव निवासी रितिक यादव (15) अपनी मौसेरी बहन बैरिया थाना क्षेत्र के फकरू टोला निवासी निशा यादव (20) के साथ स्कूटी से दशहरा मेला देखने बैरिया आया था। दोनों रेवती से दुर्गा पूजा देख कर लौट रहे थे, तभी मांझी की ओर से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने उन्हें चपेट में ले लिया। हादसे में किशोर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि युवती गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे सीएचसी सोनबरसा पहु गया, जहां हालत नाजुक देख चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही युवती की सांसे थम गई। उधर, घटना के बाद चालक डंपर छोड़कर फरार हो गया। वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने डंपर को कब्जे में ले लिया और सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि मंटन वर्मा, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और विधायक जयप्रकाश अंचल ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं, कुछ ही देर में एसडीएम आलोक प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक कृपाशंकर, क्षेत्राधिकारी मोहम्मद फहीम कुरैशी, प्रभारी निरीक्षक बैरिया मूलचंद चौरसिया के अलावा रेवती, दोकटी और हल्दी थाना पुलिस भी पहुंच गई। अधिकारी लगातार लोगों से जाम समाप्त करने की अपील कर रहे थे, मगर आक्रोशित ग्रामीण उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे। आरोप था कि हर साल दशहरा मेला के दौरान बैरिया में नो-एंट्री लागू नहीं की जाती, जबकि इसकी सख्त जरूरत है। यह लापरवाही ही हादसे का कारण बनी है। ग्रामीणों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए।डंपर मालिक को मौके पर बुलाया जाए। देर शाम तक ग्रामीण सड़क पर जमे हुए थे और प्रशासन उनसे बातचीत कर समाधान निकालने में जुटा हुआ था।
*बलिया में डम्पर से कुचलकर युवती समेत दो की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों ने किया चक्काजाम* बलिया जिले में एनएच 31 पर स्थित बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बैरिया दलित बस्ती के पास डम्पर की टक्कर से एक और किशोर की मौत हो गयी। दोनों दशहरा का मेला देखने जा रहे थे। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच-31 पर जाम लगा दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बिहार के भोजपुर जनपद के बड़ारहा थाना क्षेत्र अंतर्गत खवासपुर गांव निवासी रितिक यादव (15) अपनी मौसेरी बहन बैरिया थाना क्षेत्र के फकरू टोला निवासी निशा यादव (20) के साथ स्कूटी से दशहरा मेला देखने बैरिया आया था। दोनों रेवती से दुर्गा पूजा देख कर लौट रहे थे, तभी मांझी की ओर से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने उन्हें चपेट में ले लिया। हादसे में किशोर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि युवती गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे सीएचसी सोनबरसा पहु गया, जहां हालत नाजुक देख चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही युवती की सांसे थम गई। उधर, घटना के बाद चालक डंपर छोड़कर फरार हो गया। वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने डंपर को कब्जे में ले लिया और सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि मंटन वर्मा, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और विधायक जयप्रकाश अंचल ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं, कुछ ही देर में एसडीएम आलोक प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक कृपाशंकर, क्षेत्राधिकारी मोहम्मद फहीम कुरैशी, प्रभारी निरीक्षक बैरिया मूलचंद चौरसिया के अलावा रेवती, दोकटी और हल्दी थाना पुलिस भी पहुंच गई। अधिकारी लगातार लोगों से जाम समाप्त करने की अपील कर रहे थे, मगर आक्रोशित ग्रामीण उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे। आरोप था कि हर साल दशहरा मेला के दौरान बैरिया में नो-एंट्री लागू नहीं की जाती, जबकि इसकी सख्त जरूरत है। यह लापरवाही ही हादसे का कारण बनी है। ग्रामीणों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए।डंपर मालिक को मौके पर बुलाया जाए। देर शाम तक ग्रामीण सड़क पर जमे हुए थे और प्रशासन उनसे बातचीत कर समाधान निकालने में जुटा हुआ था।
- भदोही से गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल: मुस्लिम दर्जी ने रामलीला मंच के लिए दान की पुश्तैनी जमीन1
- Post by BHADOHI REPUBLIC NEWS (BRN BHARAT)1
- जौनपुर के बदलापुर कोतवाली क्षेत्र के पूरा रजवार गाँव में बुधवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। गाँव निवासी यादवेन्द्र यादव का लगभग 11 वर्षीय पुत्र अखंड यादव घर में लगे नल से पानी चलाने गया था। नल में समरसेबल पंप लगा हुआ था, जिसमें किसी तकनीकी खराबी के चलते विद्युत करंट प्रवाहित हो रहा था। जैसे ही अखंड ने नल का हैंडिल पकड़ा, वह अचानक करंट की चपेट में आ गया और तेज आवाज में चिल्लाने लगा। बच्चे की चीख सुनते ही घर में मौजूद परिजन घबरा गए और तुरंत मौके पर पहुंचे। करंट प्रवाहित होने के कारण अखंड का हाथ नल के हैंडिल से चिपक गया था, जिससे वह खुद को छुड़ा नहीं पा रहा था। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए परिजनों ने बिना देर किए घर का मेन फ्यूज बंद किया। बिजली सप्लाई कटते ही अखंड का हाथ नल से छूटा और उसकी जान बच सकी। घटना के बाद परिजन आनन- फानन में अखंड को इलाज के लिए बदलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया और बताया कि करंट का असर हल्का है तथा बच्चा अब पूरी तरह खतरे से बाहर है। फिलहाल अखंड की हालत सामान्य है और वह सुरक्षित है।1
- Post by Sultan UP 3021
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- जौनपुर बदलापुर- अरावली पर्वत श्रृंखला और पर्यावरण पर बढ़ते खतरों के खिलाफ विज्ञान संगठन ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी ने बुधवार को बदलापुर में प्रभावशाली जनजागरूकता प्रदर्शन किया। “अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ” के नारे के साथ सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने बरौली (सुल्तानपुर रोड) से इंदिरा चौक तक अनुशासित जुलूस निकाला, जिसके बाद इंदिरा चौक पर पोस्टर प्रदर्शन आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी की वक्ता श्रीमती अंकिता मौर्य ने कहा कि उद्योगपतियों के हित में वन भूमि, जल स्रोतों, पहाड़ियों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दोहन किया जा रहा है, जिससे आम जनजीवन और पर्यावरण दोनों संकट में हैं। उन्होंने हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यावरण मंत्रालय की उस सिफारिश को स्वीकार किए जाने पर गंभीर चिंता जताई, जिसमें अरावली क्षेत्र में केवल 100 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली भू-आकृतियों को ही पहाड़ी माना गया है। उनके अनुसार यह निर्णय अरावली के व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र को नजरअंदाज करता है और अवैध खनन व अतिक्रमण के लिए रास्ता खोल सकता है। वक्ताओं ने बताया कि गुजरात से हरियाणा और दिल्ली तक लगभग 700 किलोमीटर में फैली अरावली पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत शृंखलाओं में से एक है। यह न केवल समृद्ध जैव विविधता का घर है, बल्कि उत्तरी भारत के जलवायु संतुलन, भूजल संरक्षण और मरुस्थलीकरण को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अवैध खनन, रियल एस्टेट गतिविधियों और अविवेकपूर्ण विकास नीतियों के कारण यह क्षेत्र पहले ही गंभीर क्षति झेल रहा है। प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि पारिस्थितिकी तंत्र को केवल आंकड़ों और सीमित मानकों में बांधना खतरनाक प्रवृत्ति है, जिसके दुष्परिणाम प्रदूषण, जल संकट, चरम मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। संगठन ने छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों से शेष प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता की रक्षा के लिए संगठित और शांतिपूर्ण संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। इस अवसर पर अंकित, आशीष, रईस, जितेंद्र, शनि, कोमल, नेहा, किरण, संतोष, अजय, राज सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।1
- मां दुर्गा यहां विराजमान है, 9 पिंडियों के स्वरूप में😱😳| Shri Nav Durga Jhalari Mata Mandir Katra | Nav Durga Mandir | Nav Durga Mata Mandir Katra 9 दुर्गा मंदिर कटरा, जिसे नौ देवी मंदिर भी कहते हैं, कटरा से लगभग 8-9 किलोमीटर दूर एक गुफा मंदिर है, जहाँ माँ दुर्गा के नौ स्वरूप प्राकृतिक चट्टानों (पिंडियों) के रूप में विराजमान हैं और यह वैष्णो देवी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है. नौ देवियों के स्वरूप (Nine Forms of Goddess Durga): यहाँ महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, महा दुर्गा, महा गौरी, महा चंडिका, महा वैष्णो देवी, महा अन्नपूर्णा और महा ज्वाला देवी है #NavDurgaMandir #ShriNavDurgaJhalariMataMandirKatra #VaishnoDevi #NavDeviMandir #Katra1