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भदोही से गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल: मुस्लिम दर्जी ने रामलीला मंच के लिए दान की पुश्तैनी जमीन
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भदोही से गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल: मुस्लिम दर्जी ने रामलीला मंच के लिए दान की पुश्तैनी जमीन
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- भदोही से बड़ी खबर1
- Post by BHADOHI REPUBLIC NEWS (BRN BHARAT)1
- दिल्ली- पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर मामले में रेप पीड़िता को बीती रात दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती धरने से उठा दिया। उन्नाव (यूपी) के बहुचर्चित रेप मामले में एक बार फिर पीड़िता का दर्द सामने आया है। साल 2017 में युवती के साथ दुष्कर्म का आरोप तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा था। इसके बाद पीड़िता के पिता की हत्या हुई, पीड़िता पर जानलेवा हमला किया गया और सड़क हादसे में उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई। वर्ष 2019 में दिल्ली की 30 हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। जमानत के फैसले से आहत पीड़िता ने कहा कि आरोपी को बेल दे दी गई है, तो अब उसे ही जेल में डाल दिया जाए। उसने सवाल उठाया कि ऐसे मामलों में देश की बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी। पीड़िता ने कहा कि फैसले को सुनकर उसे गहरा दुख हुआ और एक पल को ऐसा लगा कि वह आत्महत्या कर ले।2
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- जौनपुर बदलापुर- अरावली पर्वत श्रृंखला और पर्यावरण पर बढ़ते खतरों के खिलाफ विज्ञान संगठन ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी ने बुधवार को बदलापुर में प्रभावशाली जनजागरूकता प्रदर्शन किया। “अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ” के नारे के साथ सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने बरौली (सुल्तानपुर रोड) से इंदिरा चौक तक अनुशासित जुलूस निकाला, जिसके बाद इंदिरा चौक पर पोस्टर प्रदर्शन आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी की वक्ता श्रीमती अंकिता मौर्य ने कहा कि उद्योगपतियों के हित में वन भूमि, जल स्रोतों, पहाड़ियों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दोहन किया जा रहा है, जिससे आम जनजीवन और पर्यावरण दोनों संकट में हैं। उन्होंने हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यावरण मंत्रालय की उस सिफारिश को स्वीकार किए जाने पर गंभीर चिंता जताई, जिसमें अरावली क्षेत्र में केवल 100 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली भू-आकृतियों को ही पहाड़ी माना गया है। उनके अनुसार यह निर्णय अरावली के व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र को नजरअंदाज करता है और अवैध खनन व अतिक्रमण के लिए रास्ता खोल सकता है। वक्ताओं ने बताया कि गुजरात से हरियाणा और दिल्ली तक लगभग 700 किलोमीटर में फैली अरावली पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत शृंखलाओं में से एक है। यह न केवल समृद्ध जैव विविधता का घर है, बल्कि उत्तरी भारत के जलवायु संतुलन, भूजल संरक्षण और मरुस्थलीकरण को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अवैध खनन, रियल एस्टेट गतिविधियों और अविवेकपूर्ण विकास नीतियों के कारण यह क्षेत्र पहले ही गंभीर क्षति झेल रहा है। प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि पारिस्थितिकी तंत्र को केवल आंकड़ों और सीमित मानकों में बांधना खतरनाक प्रवृत्ति है, जिसके दुष्परिणाम प्रदूषण, जल संकट, चरम मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। संगठन ने छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों से शेष प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता की रक्षा के लिए संगठित और शांतिपूर्ण संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। इस अवसर पर अंकित, आशीष, रईस, जितेंद्र, शनि, कोमल, नेहा, किरण, संतोष, अजय, राज सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।1
- भदोही से गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल: मुस्लिम दर्जी ने रामलीला मंच के लिए दान की पुश्तैनी जमीन1