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Tejmal Nayak
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- मेड़ता बनेगा किसान राजनीति का केंद्र, सीएम–केंद्रीय मंत्री देंगे बड़ी सौगात1
- *_‘राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष’_* *_‘2 साल: नव उत्थान-नई पहचान’_ _‘बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान’_* *मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में लॉजिस्टिक अवसंरचना के विकास में हो रही उल्लेखनीय प्रगति* *माल परिवहन लागत में कमी की दिशा में राज्य सरकार का निर्णायक एवं दूरदर्शी कदम* *पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के चार स्टेशन टू-लेन सड़कों से जुड़े, 8 स्टेशनों का काम भी शीघ्र होगा पूरा* जयपुर, 21 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व एवं प्रभावी नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश में परिवहन तथा लॉजिस्टिक अवसंरचना के विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सरकार द्वारा माल परिवहन लागत में कमी लाने एवं औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गत 2 वर्षों में किए गए प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं। माल परिवहन को और अधिक सुलभ, त्वरित एवं किफायती बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की प्रमुख धुरी माने जाने वाले पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के प्रदेश से गुजरने वाले खंड में सभी फ्रेट कॉरिडोर स्टेशनों को ऑल-वेदर टू-लेन सड़कों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। *112 करोड़ रुपये की लागत से 59 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़कों का निर्माण* राज्य सरकार द्वारा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 12 नवीन स्टेशनों तक कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए लगभग 112 करोड़ रुपये की लागत से 59 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़कों के निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। इनमें से चार स्टेशनों- किशनगढ़, मारवाड़ जंक्शन, केशवगंज एवं बनास स्टेशनों तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अन्य आठ स्टेशनों- श्रीमाधोपुर, सराधना, हरिपुर, चंडावल, जवाली, बिरोलिया, साखून एवं स्वरूपगंज स्टेशनों को भी टू-लेन सड़कों से जोड़ने का कार्य जारी है। इन सड़कों के निर्माण से उद्योगों को कच्चे माल एवं तैयार उत्पादों के परिवहन में सुगमता मिलेगी साथ ही लागत में भी कमी आएगी। लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि होने के कारण औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा तथा रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे। फ्रेट कॉरिडोर की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ बनाने के लिए बधाल डीएफसीसी टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से जोड़ने हेतु 95 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। साथ ही मुख्य जिला सड़क-81 पर बागावास बाईपास के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। यहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त मंडा रीको औद्योगिक क्षेत्र को लालासर (एमडीआर-81) से जोड़ने के लिए 9 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है एवं कार्य प्रगति पर है। *564 किलोमीटर फ्रेट कॉरिडोर पर 18 नवीन फ्रेट स्टेशन* उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे द्वारा विकसित किए जा रहे 1504 किलोमीटर लंबे पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में से लगभग 564 किलोमीटर का महत्त्वपूर्ण खंड राजस्थान से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर 18 नवीन फ्रेट स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 12 स्टेशन पूर्व में समुचित सड़क सुविधा से वंचित थे। राज्य सरकार की बजट घोषणा के बाद इन सभी स्टेशनों को ऑल वेदर रोड से जोड़ने का काम प्रगति पर है। --------4
- भारतीय मजदूर संघ की 26 दिसंबर की राज्य स्तरीय रैली को लेकर जोधपुर में पोस्टर विमोचन जोधपुर5
- अरावली जंगलों ओर बीकानेर क्षेत्र में पेड़ कटाई कारण और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स आईरा न्यूज बीकानेर इकबाल खान, राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला के जंगलों को काटने का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जहां 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को 'अरावली' की परिभाषा से बाहर कर दिया गया। यह तकनीकी व्याख्या खनन और विकास परियोजनाओं का रास्ता खोल रही, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण कमजोर हो रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रेगिस्तान के विस्तार को बढ़ावा देगा, लेकिन सरकारें आर्थिक विकास के नाम पर आगे बढ़ रही। *कटाई के प्रमुख कारण* खनन की अनुमति: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित 100 मीटर ऊंचाई की सीमा स्वीकार की, जिससे अरावली के 90% हिस्से (कम ऊंचाई वाले) में खनन, निर्माण और भूमि अधिग्रहण संभव हो गया। यह 23 साल पुराने संरक्षण आदेश को कमजोर करता है, जहां खनन माफिया सक्रिय हो सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स: सौर ऊर्जा कंपनियां भूमि हासिल करने के लिए पेड़ काट रही, खासकर बीकानेर और जोधपुर जैसे जिलों में। सरकार का लक्ष्य 2030 तक सौर क्षमता बढ़ाना है, लेकिन पर्यावरणीय ऑडिट की कमी से जंगल प्रभावित। विकास और बुनियादी ढांचा: सड़कें, सब-स्टेशन और हाइड्रो-सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि साफ की जा रही, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के बजाय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही। वहां लगने वाले प्रोजेक्ट्स सौर ऊर्जा प्लांट्स: बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में बड़े सोलर फार्म्स, जहां खेजड़ी जैसे पेड़ काटे जा रहे। सरकार ने 9 सोलर-हाइड्रो प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जो 500,000 से अधिक पेड़ों को प्रभावित करेंगे। खनन और निर्माण: कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पत्थर खदानें, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे हरियाणा-राजस्थान सीमा पर। अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के बावजूद, खनन को प्राथमिकता मिल रही। अन्य विकास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बाहर सड़कें और सब-स्टेशन, जो दिल्ली-एनसीआर की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन रेगिस्तान विस्तार का खतरा बढ़ा रहा। पर्यावरण कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील कर धरना प्रदर्शन कर है।कि कटाई रोककर सख्त नियम लागू हों, वरना जल संकट और प्रदूषण गंभीर हो जाएगा।1
- Dhurandhar Movie Scene https://youtube.com/shorts/wmE-apw8jx0?feature=share1
- छबड़ा में वन्य जीवों का शिकार करने के दो आरोपी गिरफ्तार -6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियां और 1 नेवला बरामद कोटा/ बारां। बारां जिले में वन विभाग की सतर्कता से वन्यजीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी वारदात का पर्दाफाश हुआ है। छबड़ा रेंज के अंतर्गत भिलवाड़ी गडार वनखंड कोटरापार क्षेत्र में जंगल गश्त के दौरान वन टीम ने दो व्यक्तियों को 6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियों और 1 नेवले का शिकार करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान रामकरण (40 वर्ष) पुत्र जानकी लाल निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा तथा अरविंद (22 वर्ष) पुत्र मनोज निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा के रूप में हुई है। दोनों पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उप वन संरक्षक बारां विवेकानंद मणिकराव बड़े के दिशा निर्देशन और सहायक वन संरक्षक छीपाबड़ौद अनिल मीणा के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय वन अधिकारी छबड़ा भारत राठौर के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई करने वाली टीम में ये रहे शामिल कार्रवाई करने वाली टीम में वनपाल जितेंद्र सहरिया, सहायक वनपाल रामभरोसी सहरिया, तेजराज सिंह हाड़ा, वनरक्षक राकेश चौधरी, बलराम सहरिया, प्रदीप सिंह राठौड़, देवेंद्र सहरिया, कल्लू सिंह मीणा, सन्नी देवल सहरिया, कविता सहरिया, ज्योति नागर आदि शामिल रहे।3
- Post by District.reporter.babulaljogawat1
- जो बीत गया है वो दौर अब वापिस नहीं आयेंगा....उस्ताद मोईनुद्दीन जी जिंदगी ओर कुछ भी नहीं तेरी मेरी ये कहानी है... चेला प्रकाश जी1
- #KotaCrime कोटा के दादाबाड़़ी इलाके में अल करीम रेस्टोरेंट: बिल को लेकर हुए विवाद में शुक्रवार को संचालक और कर्मचारियों से मारपीट: रेस्टोरेंट में जमकर तोड़फोड़: गल्ले से 70 हजार की लूट: कोटा में दिन दहाड़े गुंडागर्दी: पुलिस का इकबाल खत्म: कानून व्यवस्था चौपट..1