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M Nayak tejml

on 6 August
user_Tejmal Nayak
Tejmal Nayak
Bhilwara•
on 6 August
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M Nayak tejml

More news from Nagaur and nearby areas
  • मेड़ता बनेगा किसान राजनीति का केंद्र, सीएम–केंद्रीय मंत्री देंगे बड़ी सौगात
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    मेड़ता बनेगा किसान राजनीति का केंद्र, सीएम–केंद्रीय मंत्री देंगे बड़ी सौगात
    user_Sushil Kumar Diwakar
    Sushil Kumar Diwakar
    Nagaur•
    9 hrs ago
  • भारतीय मजदूर संघ की 26 दिसंबर की राज्य स्तरीय रैली को लेकर जोधपुर में पोस्टर विमोचन जोधपुर
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    भारतीय मजदूर संघ की 26 दिसंबर की राज्य स्तरीय रैली को लेकर जोधपुर में पोस्टर विमोचन
जोधपुर
    user_Dhanraj Sewag
    Dhanraj Sewag
    Journalist Jodhpur•
    11 hrs ago
  • jodhpur :- जोधपुर से बड़ी खबर, अब लड़की की शादी करने सरकार पर देगी 1 लाख रुपये और जिनकी सालना आय 3 लाख से कम वही इस योजना का लाभ ले सकेगे ।
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    jodhpur :- जोधपुर से बड़ी खबर, अब लड़की की शादी करने सरकार पर देगी 1 लाख  रुपये और जिनकी सालना आय 3  लाख से कम  वही  इस योजना का लाभ ले सकेगे ।
    user_जनता की आवाज
    जनता की आवाज
    News Anchor Jodhpur•
    7 hrs ago
  • अरावली जंगलों ओर बीकानेर क्षेत्र में पेड़ कटाई कारण और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स आईरा न्यूज बीकानेर इकबाल खान, राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला के जंगलों को काटने का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जहां 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को 'अरावली' की परिभाषा से बाहर कर दिया गया। यह तकनीकी व्याख्या खनन और विकास परियोजनाओं का रास्ता खोल रही, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण कमजोर हो रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रेगिस्तान के विस्तार को बढ़ावा देगा, लेकिन सरकारें आर्थिक विकास के नाम पर आगे बढ़ रही। *कटाई के प्रमुख कारण* खनन की अनुमति: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित 100 मीटर ऊंचाई की सीमा स्वीकार की, जिससे अरावली के 90% हिस्से (कम ऊंचाई वाले) में खनन, निर्माण और भूमि अधिग्रहण संभव हो गया। यह 23 साल पुराने संरक्षण आदेश को कमजोर करता है, जहां खनन माफिया सक्रिय हो सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स: सौर ऊर्जा कंपनियां भूमि हासिल करने के लिए पेड़ काट रही, खासकर बीकानेर और जोधपुर जैसे जिलों में। सरकार का लक्ष्य 2030 तक सौर क्षमता बढ़ाना है, लेकिन पर्यावरणीय ऑडिट की कमी से जंगल प्रभावित। विकास और बुनियादी ढांचा: सड़कें, सब-स्टेशन और हाइड्रो-सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि साफ की जा रही, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के बजाय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही। वहां लगने वाले प्रोजेक्ट्स सौर ऊर्जा प्लांट्स: बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में बड़े सोलर फार्म्स, जहां खेजड़ी जैसे पेड़ काटे जा रहे। सरकार ने 9 सोलर-हाइड्रो प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जो 500,000 से अधिक पेड़ों को प्रभावित करेंगे। खनन और निर्माण: कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पत्थर खदानें, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे हरियाणा-राजस्थान सीमा पर। अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के बावजूद, खनन को प्राथमिकता मिल रही। अन्य विकास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बाहर सड़कें और सब-स्टेशन, जो दिल्ली-एनसीआर की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन रेगिस्तान विस्तार का खतरा बढ़ा रहा। पर्यावरण कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील कर धरना प्रदर्शन कर है।कि कटाई रोककर सख्त नियम लागू हों, वरना जल संकट और प्रदूषण गंभीर हो जाएगा।
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    अरावली जंगलों ओर बीकानेर क्षेत्र में पेड़ कटाई कारण और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स
आईरा न्यूज बीकानेर इकबाल खान, राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला के जंगलों को काटने का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जहां 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को 'अरावली' की परिभाषा से बाहर कर दिया गया। यह तकनीकी व्याख्या खनन और विकास परियोजनाओं का रास्ता खोल रही, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण कमजोर हो रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रेगिस्तान के विस्तार को बढ़ावा देगा, लेकिन सरकारें आर्थिक विकास के नाम पर आगे बढ़ रही।
*कटाई के प्रमुख कारण*
खनन की अनुमति: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित 100 मीटर ऊंचाई की सीमा स्वीकार की, जिससे अरावली के 90% हिस्से (कम ऊंचाई वाले) में खनन, निर्माण और भूमि अधिग्रहण संभव हो गया। यह 23 साल पुराने संरक्षण आदेश को कमजोर करता है, जहां खनन माफिया सक्रिय हो सकते हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स: सौर ऊर्जा कंपनियां भूमि हासिल करने के लिए पेड़ काट रही, खासकर बीकानेर और जोधपुर जैसे जिलों में। सरकार का लक्ष्य 2030 तक सौर क्षमता बढ़ाना है, लेकिन पर्यावरणीय ऑडिट की कमी से जंगल प्रभावित।
विकास और बुनियादी ढांचा: सड़कें, सब-स्टेशन और हाइड्रो-सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि साफ की जा रही, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के बजाय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही।
वहां लगने वाले प्रोजेक्ट्स
सौर ऊर्जा प्लांट्स: बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में बड़े सोलर फार्म्स, जहां खेजड़ी जैसे पेड़ काटे जा रहे। सरकार ने 9 सोलर-हाइड्रो प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जो 500,000 से अधिक पेड़ों को प्रभावित करेंगे।
खनन और निर्माण: कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पत्थर खदानें, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे हरियाणा-राजस्थान सीमा पर। अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के बावजूद, खनन को प्राथमिकता मिल रही।
अन्य विकास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बाहर सड़कें और सब-स्टेशन, जो दिल्ली-एनसीआर की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन रेगिस्तान विस्तार का खतरा बढ़ा रहा।
पर्यावरण कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील कर धरना प्रदर्शन कर है।कि कटाई रोककर सख्त नियम लागू हों, वरना जल संकट और प्रदूषण गंभीर हो जाएगा।
    user_आईरा समाचार बीकानेर
    आईरा समाचार बीकानेर
    Journalist Nagaur•
    13 hrs ago
  • राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज अपने गृह नगर झालावाड़ की पंचायत में महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन किया। और मुख्यमंत्री भजनलाल की तारीफ में कसीदे पड़े। और मुख्यमंत्री से झालावाड़ बारा में विकास की गुहार की। मुख्यमंत्री ने वसुंधरा राजे को अपने दो बष के विकास की गाथा सुनाई।
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    राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। 
भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज अपने गृह नगर झालावाड़ की पंचायत में महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन किया। और मुख्यमंत्री भजनलाल की तारीफ में कसीदे पड़े। 
और मुख्यमंत्री से झालावाड़ बारा में विकास की गुहार की।
मुख्यमंत्री ने वसुंधरा राजे को अपने दो बष के विकास की गाथा सुनाई।
    user_Ramesh Gandhi
    Ramesh Gandhi
    Acupuncture school Kota•
    7 hrs ago
  • Dhurandhar Movie Scene https://youtube.com/shorts/wmE-apw8jx0?feature=share
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    Dhurandhar Movie Scene
https://youtube.com/shorts/wmE-apw8jx0?feature=share
    user_Danish Ali
    Danish Ali
    Video Creator Kota•
    8 hrs ago
  • Post by District.reporter.babulaljogawat
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    Post by District.reporter.babulaljogawat
    user_District.reporter.babulaljogawat
    District.reporter.babulaljogawat
    Journalist Pali•
    9 hrs ago
  • jodhpur :-जोधपुर से बड़ी खबर, जोधपुर के भदवासीया मंडी में कुछ समय पहले एक व्यापारी पर जानलेवा हमला हुआ था, अभी तक उस व्यापारी को पूर्णता न्याय नहीं मिल पाया है, इसी वजह से व्यापारी संघ द्वारा भदवासिया मंडी को एक बार फिर से बंद करने की मांग रखी गई है ।
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    jodhpur :-जोधपुर से बड़ी खबर, जोधपुर के भदवासीया मंडी में कुछ समय पहले एक व्यापारी पर जानलेवा हमला हुआ था, अभी तक उस व्यापारी को पूर्णता न्याय नहीं मिल पाया है, इसी वजह से व्यापारी संघ द्वारा भदवासिया मंडी को एक बार फिर से बंद करने की मांग रखी गई है ।
    user_जनता की आवाज
    जनता की आवाज
    News Anchor Jodhpur•
    7 hrs ago
  • छबड़ा में वन्य जीवों का शिकार करने के दो आरोपी गिरफ्तार -6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियां और 1 नेवला बरामद कोटा/ बारां। बारां जिले में वन विभाग की सतर्कता से वन्यजीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी वारदात का पर्दाफाश हुआ है। छबड़ा रेंज के अंतर्गत भिलवाड़ी गडार वनखंड कोटरापार क्षेत्र में जंगल गश्त के दौरान वन टीम ने दो व्यक्तियों को 6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियों और 1 नेवले का शिकार करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान रामकरण (40 वर्ष) पुत्र जानकी लाल निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा तथा अरविंद (22 वर्ष) पुत्र मनोज निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा के रूप में हुई है। दोनों पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उप वन संरक्षक बारां विवेकानंद मणिकराव बड़े के दिशा निर्देशन और सहायक वन संरक्षक छीपाबड़ौद अनिल मीणा के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय वन अधिकारी छबड़ा भारत राठौर के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई करने वाली टीम में ये रहे शामिल कार्रवाई करने वाली टीम में वनपाल जितेंद्र सहरिया, सहायक वनपाल रामभरोसी सहरिया, तेजराज सिंह हाड़ा, वनरक्षक राकेश चौधरी, बलराम सहरिया, प्रदीप सिंह राठौड़, देवेंद्र सहरिया, कल्लू सिंह मीणा, सन्नी देवल सहरिया, कविता सहरिया, ज्योति नागर आदि शामिल रहे।
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    छबड़ा में वन्य जीवों का शिकार करने के दो आरोपी गिरफ्तार
-6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियां और 1 नेवला बरामद
कोटा/ बारां।
बारां जिले में वन विभाग की सतर्कता से वन्यजीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी वारदात का पर्दाफाश हुआ है। 
छबड़ा रेंज के अंतर्गत भिलवाड़ी गडार वनखंड कोटरापार क्षेत्र में जंगल गश्त के दौरान वन टीम ने दो व्यक्तियों को 6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियों और 1 नेवले का शिकार करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
आरोपियों की पहचान रामकरण (40 वर्ष) पुत्र जानकी लाल निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा तथा अरविंद (22 वर्ष) पुत्र मनोज निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा के रूप में हुई है। दोनों पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उप वन संरक्षक बारां विवेकानंद मणिकराव बड़े के दिशा निर्देशन और सहायक वन संरक्षक छीपाबड़ौद अनिल मीणा के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय वन अधिकारी छबड़ा भारत राठौर के नेतृत्व में की गई। 
कार्रवाई करने वाली टीम में ये रहे शामिल
कार्रवाई करने वाली टीम में वनपाल जितेंद्र सहरिया, सहायक वनपाल रामभरोसी सहरिया, तेजराज सिंह हाड़ा, वनरक्षक राकेश चौधरी, बलराम सहरिया, प्रदीप सिंह राठौड़, देवेंद्र सहरिया, कल्लू सिंह मीणा, सन्नी देवल सहरिया, कविता सहरिया, ज्योति नागर आदि शामिल रहे।
    user_Ahmed Siraj Farooqi
    Ahmed Siraj Farooqi
    रिपोर्टर Kota•
    11 hrs ago
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