*कालपी निवासी श्याम सुन्दर ’कोमल’ की रचना महाराष्ट्र राज्य के पाठ्यक्रम में शामिल* * *ब्यूरों रिपोर्ट = सौरभ पाण्डेय साधना न्यूज टीवी चैनल* *स्थान = जालौन यूपी* मो =9984562196 (जालौन) नगर कालपी से देश के प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की रचना महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम क्रम का हिस्सा बनी । गौर तलब है कि कालपी के मोहल्ला रावगंज निवासी श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की कविता "झूम–झूम झमाझम" को महाराष्ट्र राज्य पाठयपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडल, पुणे द्वारा महाराष्ट्र राज्य के स्कूलों के लिए तैयार की गई पाठ्य पुस्तक "बाल भारती" कक्षा 1 में सम्मिलित किया गया है । अब संपूर्ण महाराष्ट्र के शासकीय विद्यालयों के बच्चे इस कविता को पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ेंगे उल्लेखनीय है कि उक्त रचना बच्चों की मानसिक क्षमताओं, उनकी अभिरुचियों, आयु और बौद्धिक दक्षताओं को केंद्र में रखकर लिखी गई है । रचना पर विभागीय अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, विद्वान निर्णायक मंडल और बाल साहित्यकारों के लंबे समय तक चले विचार मंथन को अब अंतिम स्वरूप दे दिया गया है । उक्त आशय की जानकारी महाराष्ट्र राज्य पाठयपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडल,पुणे की हिन्दी विशेषाधिकारी डॉ० अलका पोतदार द्वारा एक विभागीय पत्र द्वारा प्रदान की गई है । बताते चलें कि श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की अनेक रचनाएं सी.बी.एस.सी.ई. एवं आई. सी. एस. सी. ई. बोर्ड से मान्यता प्राप्त देश के विभिन्न प्रांतों में संचालित विद्यालयों में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाई जा रही हैं । बालासाहित्य की समृद्धि और बाल कल्याण के लिए कृतसंकल्पित वरिष्ठ बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ अशोक हायर सेकेण्डरी स्कूल, लहार, जिला भिण्ड (म . प्र.) में हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं । उन्हें उनकी दीर्घकालीन साहित्यिक सेवाओं के लिए देश की कई सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जा चुका है। अभी कुछ दिन पूर्व उन्हें उनकी उत्कृष्ट बाल साहित्य साधना के लिए नाथद्वारा,उदयपुर,राजस्थान के साहित्यमंडल द्वारा "बाल साहित्य भूषण" की मानद उपाधि से समलंकृत किया है । N.C.E.R.T. की "फिरकी बच्चों की", S.C.E.R.T. बेसिक शिक्षा परिषद, लखनऊ की पत्रिका "प्रेरणा", सूचना और प्रसारण मंत्रालय ,भारत सरकार के प्रकाशन विभाग की पत्रिका "बाल भारती", विश्व की सर्वाधिक प्रसार संख्या वाली बाल पत्रिका "देवपुत्र" प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "बाल वाटिका", विहार सरकार के किलकारी बाल भवन की पत्रिका "बाल किलकारी", हरियाणा राज्य के शिक्षा विभाग की पत्रिका "शिक्षा सारथी", भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उपक्रम, NBT ki प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "रीडर्स क्लब बुलेटिन" एवम् राजस्थान की प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "बच्चों का देश" सहित देश की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं का प्रकाशन नियमित रूप से होता रहता है । विभिन्न विश्विद्यालयों में सम्मिट किए गए शोध प्रबंधों में आपकी रचनाओं एवम आपके नाम का ससम्मान उल्लेख किया गया है । वर्ष 2013 में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ के व्यक्तित्व एवम् कृतित्व पर केंद्रित "हिन्दी बाल साहित्यंतर्गत कोमल जी का योगदान" शीर्षक से कालपी महाविद्यालय कालपी के विद्वान प्रवक्ता डॉ. सोमचंद चौहान जी के कुशल मार्ग दर्शन में श्रुति गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया जा चुका है । श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु क्षेत्र के शिक्षकों, साहित्यकारों, गणमान्य नागरिकों, अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों एवम् पत्रकारों ने उन्हें बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है । * *वाइट =बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल.*
*कालपी निवासी श्याम सुन्दर ’कोमल’ की रचना महाराष्ट्र राज्य के पाठ्यक्रम में शामिल* * *ब्यूरों रिपोर्ट = सौरभ पाण्डेय साधना न्यूज टीवी चैनल* *स्थान = जालौन यूपी* मो =9984562196 (जालौन) नगर कालपी से देश के प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की रचना महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम क्रम का हिस्सा बनी । गौर तलब है कि कालपी के मोहल्ला रावगंज निवासी श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की कविता "झूम–झूम झमाझम" को महाराष्ट्र राज्य पाठयपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडल, पुणे द्वारा महाराष्ट्र राज्य के स्कूलों के लिए तैयार की गई पाठ्य पुस्तक "बाल भारती" कक्षा 1 में सम्मिलित किया गया है । अब संपूर्ण महाराष्ट्र के शासकीय विद्यालयों के बच्चे इस कविता को पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ेंगे उल्लेखनीय है कि उक्त रचना बच्चों की मानसिक क्षमताओं, उनकी अभिरुचियों, आयु और बौद्धिक दक्षताओं को केंद्र में रखकर लिखी गई है । रचना पर विभागीय अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, विद्वान निर्णायक मंडल और बाल साहित्यकारों के लंबे समय तक चले विचार मंथन को अब अंतिम स्वरूप दे दिया गया है । उक्त आशय की जानकारी महाराष्ट्र राज्य पाठयपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडल,पुणे की हिन्दी विशेषाधिकारी डॉ० अलका पोतदार द्वारा एक विभागीय पत्र द्वारा प्रदान की गई है । बताते चलें कि श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की अनेक रचनाएं सी.बी.एस.सी.ई. एवं आई. सी. एस. सी. ई. बोर्ड से मान्यता प्राप्त देश के विभिन्न प्रांतों में संचालित विद्यालयों में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाई जा रही हैं । बालासाहित्य की समृद्धि और बाल कल्याण के लिए कृतसंकल्पित वरिष्ठ बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ अशोक हायर सेकेण्डरी स्कूल, लहार, जिला भिण्ड (म . प्र.) में हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं । उन्हें उनकी दीर्घकालीन साहित्यिक सेवाओं के लिए देश की कई सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जा चुका है। अभी कुछ दिन पूर्व उन्हें उनकी उत्कृष्ट बाल साहित्य साधना के लिए नाथद्वारा,उदयपुर,राजस्थान के साहित्यमंडल द्वारा "बाल साहित्य भूषण" की मानद उपाधि से समलंकृत किया है । N.C.E.R.T. की "फिरकी बच्चों की", S.C.E.R.T. बेसिक शिक्षा परिषद, लखनऊ की पत्रिका "प्रेरणा", सूचना और प्रसारण मंत्रालय ,भारत सरकार के प्रकाशन विभाग की पत्रिका "बाल भारती", विश्व की सर्वाधिक प्रसार संख्या वाली बाल पत्रिका "देवपुत्र" प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "बाल वाटिका", विहार सरकार के किलकारी बाल भवन की पत्रिका "बाल किलकारी", हरियाणा राज्य के शिक्षा विभाग की पत्रिका "शिक्षा सारथी", भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उपक्रम, NBT ki प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "रीडर्स क्लब बुलेटिन" एवम् राजस्थान की प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "बच्चों का देश" सहित देश की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं का प्रकाशन नियमित रूप से होता रहता है । विभिन्न विश्विद्यालयों में सम्मिट किए गए शोध प्रबंधों में आपकी रचनाओं एवम आपके नाम का ससम्मान उल्लेख किया गया है । वर्ष 2013 में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ के व्यक्तित्व एवम् कृतित्व पर केंद्रित "हिन्दी बाल साहित्यंतर्गत कोमल जी का योगदान" शीर्षक से कालपी महाविद्यालय कालपी के विद्वान प्रवक्ता डॉ. सोमचंद चौहान जी के कुशल मार्ग दर्शन में श्रुति गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया जा चुका है । श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ की इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु क्षेत्र के शिक्षकों, साहित्यकारों, गणमान्य नागरिकों, अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों एवम् पत्रकारों ने उन्हें बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है । * *वाइट =बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल.*
- Post by Rahul kumar1
- एक्सप्रेस में आज बेशुमार भीड़, यात्रियों को भारी परेशानी आज गोमती एक्सप्रेस में अत्यधिक भीड़ देखने को मिली। सामान्य डिब्बों के साथ-साथ आरक्षित कोचों में भी यात्रियों की संख्या क्षमता से कहीं अधिक रही। कई यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी, यात्रियों के अनुसार छुट्टियों/आकस्मिक यात्रा मांग और सीमित वैकल्पिक ट्रेनों के कारण भीड़ बढ़ी। रेलवे प्रशासन से अतिरिक्त कोच लगाने और भीड़ प्रबंधन के प्रभावी इंतज़ाम की मांग की जा रही है। > सलाह: यात्री यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति जांचें और संभव हो तो आरक्षण के साथ ही यात्रा करें।1
- 107 साल की उम्र में गेंदारानी को अनोखी विदाई, कोंच में शोक नहीं—सम्मान और उत्सव की शव यात्रा जालौन के कोंच नगर में रविवार दोपहर एक ऐसी शव यात्रा निकली, जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया। 107 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाली बुजुर्ग महिला गेंदारानी की अंतिम यात्रा परंपरागत शोक के बजाय सम्मान, कृतज्ञता और उत्सव के भाव के साथ निकाली गई। परिजनों के अनुसार, गेंदारानी ने लंबा, सादा और सुखद जीवन जिया। परिवार की कई पीढ़ियों को स्नेह, संस्कार और मार्गदर्शन देने वाली गेंदारानी के प्रति आभार जताते हुए परिजनों ने तय किया कि उनकी विदाई आँसुओं से नहीं, बल्कि मुस्कान और सम्मान के साथ होगी। इसी सोच के साथ अंतिम यात्रा को “विदाई उत्सव” का रूप दिया गया। शव यात्रा में परिजन और नगरवासी शांत भाव से शामिल हुए। वातावरण में ग़म की जगह संतोष और श्रद्धा दिखाई दी—मानो एक पूर्ण जीवन की सार्थक पूर्णाहुति हो रही हो। स्थानीय लोगों ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और बुजुर्गों के सम्मान की मिसाल बताया। कोंच नगर में निकली यह अनोखी अंतिम यात्रा न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि दीर्घायु और सुसंपन्न जीवन की विदाई सम्मान और कृतज्ञता के साथ भी की जा सकती है।1
- नगर पालिका परिषद औरैया की एक और लापरवाही महिलाएं जा रही है खुले में शौच महिला पिंक शौचालय बंद किए हुए हैं #SwachhSurvekshan2025 #swachhBharat #NarendraModi #nppAuraiya 14/12/20251
- 14 दिसंबर दिन रविवार प्राथमिक विद्यालय कृपालपुर झींझक कानपुर देहात में पल्स पोलियो अभियान का आयोजन किया जाना था बच्चे और सीमा देवी मंजू देवी संस्कार और सारे लोग समय पर आ गए लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कोई भी नहीं आया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पता करने पर मालूम हुआ की कोई भी आशा ही नहीं आई है1
- UP की लुटेरी दुल्हनों का दोहरा खेल . . .1
- दबंगों ने घर में घुसकर महिला व दामाद से की मारपीट दे डाली जान से मारने की धमकी मौदहा कोतवाली क्षेत्र के सिचौली पूर्व में दबंगों द्वारा घर में घुसकर महिला और उसके दामाद के साथ बेरहमी से मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है मामूली विवाद के बाद आरोपियों ने लाठी डंडों से हमला कर दोनों को घायल कर दिया और जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए पुलिस ने घायलों को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए भेजते हुए तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी है कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी1
- सरकारी प्रचार बैनरों से ढके ट्रैफिक पोल, नियमों पर सवाल उरई (जालौन)। शहर में इन दिनों सरकारी प्रचार बैनरों की भरमार इस कदर दिखाई दे रही है कि यातायात व्यवस्था से जुड़े ट्रैफिक पोल और संकेतक तक ढक गए हैं। कालपी रोड सहित प्रमुख मार्गों पर लगे ट्रैफिक संकेत कई स्थानों पर स्पष्ट नहीं रह गए हैं, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इसी प्रकार कोई मीडिया हाउस या विपक्षी दल बिना अनुमति के होर्डिंग लगाए, तो प्रशासन तत्काल कार्रवाई करता है, लेकिन सरकारी प्रचार सामग्री के मामले में नियमों की अनदेखी की जा रही है। नागरिकों का यह भी आरोप है कि एक ओर यातायात नियमों के उल्लंघन पर दोपहिया वाहनों के चालान किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर नियमों के विरुद्ध लगाए गए बैनर–पोस्टरों पर प्रशासन की नजर नहीं जाती। इससे दोहरे मापदंड का संदेश जनता के बीच जा रहा है। जनता का कहना है कि शहर की जनता सब देख रही है और यह भी समझ रही है कि केवल पोस्टर-बैनरों से जनसमर्थन नहीं मिलता। सड़क सुरक्षा से जुड़े संकेतों को ढकना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आमजन के लिए जोखिम भी पैदा करता है।1