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cor kating sarvise available Dhar

on 23 August
user_Gokul chouhan
Gokul chouhan
Plumber Dhar, Madhya Pradesh•
on 23 August

cor kating sarvise available Dhar

More news from Indore and nearby areas
  • सरकार ग्रुप द्वारा सामूहिक निकाह सम्मेलन हुआ।। 26 जोड़ो ने कहा कुबूल है https://youtu.be/veWn2gNOUbA?si=0b9MrZzLvzycG5oW https://www.facebook.com/share/v/1CpxQD93qo/ https://www.instagram.com/reel/DSw9_zmk15U/?igsh=eGd4OWQ1YTF6bjhh
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    सरकार ग्रुप द्वारा सामूहिक निकाह सम्मेलन हुआ।। 26 जोड़ो ने कहा कुबूल है
https://youtu.be/veWn2gNOUbA?si=0b9MrZzLvzycG5oW
https://www.facebook.com/share/v/1CpxQD93qo/
https://www.instagram.com/reel/DSw9_zmk15U/?igsh=eGd4OWQ1YTF6bjhh
    user_Mms news24
    Mms news24
    Journalist Dewas, Indore•
    20 hrs ago
  • *ऐसे मिलेगी क्रोध से मुक्ति* *देव संजीवन सामाजिक कल्याण समिति ने मनाया प्रथम क्रोध मुक्त दिवस* उज्जैन/ 19 दिसंबर 2025 को क्रोध मुक्त दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देव संजीवन सामाजिक कल्याण समिति, उज्जैन द्वारा क्रोध मुक्त दिवस का आयोजन, कालिदास अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में संपन्न हुआ। क्रोध सबसे बड़ा शत्रु है, यह विवेक और बुद्धि को नष्ट करता है, रिश्तों में दरार डालता है, और जीवन में अशांति लाता है इसी विषय को लेकर आयोजन किया गया । उपस्थित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया गया एवं सुश्री पुर्णिमा गेहलोत की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवं समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री नन्दलाल जी यादव ने की। मुख्य अतिथि अपना चैनल के डायरेक्टर एवं समिति के उपाध्यक्ष श्री अभय धर्मे जी थे। मुख्य वक्ता श्रीमती अरुणा शारश्वत (भारतीय शिक्षण मंडल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रचारक) एवं विशेष अतिथि हार्टफूलनेस संस्था के संभाग समन्वयक श्री संजय खंडेलवाल जी थे। समिति का परिचय अध्यक्ष श्री कुलदीप राजपुरोहित जी ने किया साथ ही क्रोध मुक्त दिवस की पहल और इसकी निरंतरता पर अपने विचार रखें। श्री यादव ने सभी को क्रोध ना करने की सपथ दिलवाई और संस्था के कार्यों की सराहना की ऐसे ही कार्यों को भविष्य में करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया, मुख्य वक्ता श्रीमती अरुणा शारश्वत जी द्वारा क्रोध पर विस्तार रूप से जानकारी देते हुए इस कथा पहल की शुरूआत पर सभी को शुभकमनाये दी अतिथियों का सम्मान डॉ राजेश रावल, अरविंद श्रीवास, जैनूल आब्दीन हुसैन, जितेंद्र डामेचा, वीरेंद्र परमार,वैशाली परमार,पूर्णिमा गहलोत, सहबाज कुरेशी, अमृता चतुर्वेदी एवं छवि कदम ने किया। संचालन डॉ राजेश रावल 'सुशील' ने किया एवं आभार अंकित सिंह बिसेन जी ने माना।
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    *ऐसे मिलेगी क्रोध से मुक्ति* 
*देव संजीवन सामाजिक कल्याण समिति ने मनाया प्रथम क्रोध मुक्त दिवस*
उज्जैन/ 19 दिसंबर 2025 को क्रोध मुक्त दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देव संजीवन सामाजिक  कल्याण समिति, उज्जैन द्वारा क्रोध मुक्त दिवस का आयोजन, कालिदास अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में संपन्न हुआ।
क्रोध सबसे बड़ा शत्रु है, यह विवेक और बुद्धि को नष्ट करता है, रिश्तों में दरार डालता है, और जीवन में अशांति लाता है इसी विषय को लेकर आयोजन किया गया ।
उपस्थित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया गया एवं सुश्री पुर्णिमा गेहलोत की सरस्वती वंदना से  कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवं समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री नन्दलाल जी यादव ने की। मुख्य अतिथि अपना चैनल के डायरेक्टर एवं समिति के उपाध्यक्ष श्री अभय धर्मे जी थे। मुख्य वक्ता श्रीमती अरुणा शारश्वत (भारतीय शिक्षण मंडल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रचारक) एवं विशेष अतिथि हार्टफूलनेस संस्था के संभाग समन्वयक श्री संजय खंडेलवाल जी थे। 
समिति का परिचय अध्यक्ष श्री कुलदीप राजपुरोहित जी ने किया
साथ ही क्रोध मुक्त दिवस की पहल और इसकी निरंतरता पर अपने विचार रखें। 
श्री यादव ने सभी को क्रोध ना करने की सपथ दिलवाई और संस्था के कार्यों की सराहना की ऐसे ही कार्यों को भविष्य में करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया,
मुख्य वक्ता श्रीमती अरुणा शारश्वत जी द्वारा क्रोध पर विस्तार रूप से जानकारी देते हुए इस कथा पहल की शुरूआत पर सभी को शुभकमनाये दी
अतिथियों का सम्मान डॉ राजेश रावल, अरविंद श्रीवास, जैनूल आब्दीन हुसैन, जितेंद्र डामेचा, वीरेंद्र परमार,वैशाली परमार,पूर्णिमा गहलोत, सहबाज कुरेशी, अमृता चतुर्वेदी एवं छवि कदम ने किया।
संचालन डॉ राजेश रावल 'सुशील'
ने किया एवं आभार अंकित सिंह बिसेन  जी ने माना।
    user_Kuldeep Rajpurohit
    Kuldeep Rajpurohit
    उज्जैन, उज्जैन, मध्य प्रदेश•
    23 hrs ago
  • Post by संजय दायमा
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    Post by संजय दायमा
    user_संजय दायमा
    संजय दायमा
    नागदा, उज्जैन, मध्य प्रदेश•
    2 hrs ago
  • Post by Dayaram Chandravanshi
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    Post by Dayaram Chandravanshi
    user_Dayaram Chandravanshi
    Dayaram Chandravanshi
    Classified ads newspaper publisher Khacharod, Ujjain•
    7 hrs ago
  • गुप्त रोग शीघ्रपतन शुक्राणु स्वप्नदोष मर्दाना ताकत संपर्क करें डॉक्टर पंकज कुमार 9572291304, 7091077898
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    गुप्त रोग शीघ्रपतन शुक्राणु स्वप्नदोष मर्दाना ताकत संपर्क करें डॉक्टर पंकज कुमार 9572291304, 7091077898
    user_Tulla tulsi
    Tulla tulsi
    Doctor Alirajpur, Madhya Pradesh•
    17 hrs ago
  • Post by Pramod jain
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    Post by Pramod jain
    user_Pramod jain
    Pramod jain
    खंडवा नगर, पूर्वी निमाड़, मध्य प्रदेश•
    20 hrs ago
  • इन्दौर की दिल दहला देने वाली घटना
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    इन्दौर की दिल दहला देने वाली घटना
    user_MAHESH PALLAI Trilok news , समाचार इन्दौर रिपोर्टर  RS  NEWS INDIA  ब्यूरो चीफ इन्दौर मध्य प्रदेश
    MAHESH PALLAI Trilok news , समाचार इन्दौर रिपोर्टर RS NEWS INDIA ब्यूरो चीफ इन्दौर मध्य प्रदेश
    Journalist इंदौर, इंदौर, मध्य प्रदेश•
    23 hrs ago
  • शिवसेना जिला प्रमुख गणेश भावसार ने बताया कि*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी खंडवा परिवर्तन ब्यूरो गणेश भावसार 9827326875 ।नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते , राधेश्याम , मुरली कोटवानी,करण लखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते, राधेश्याम शाक्य, देवेन्द्र जैन,मुरली कोडवानी,करण लाखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का आह्वान किया है
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    शिवसेना जिला प्रमुख गणेश भावसार ने बताया कि*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी
खंडवा परिवर्तन ब्यूरो गणेश भावसार 9827326875
।नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का  एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता !
बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें।
सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते , राधेश्याम , मुरली कोटवानी,करण लखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया ।
शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी
नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का  एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता !
बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें।
सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते, राधेश्याम शाक्य, देवेन्द्र जैन,मुरली कोडवानी,करण लाखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया ।
शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का आह्वान किया है
    user_Ganesh bhawsar
    Ganesh bhawsar
    Voice of people खंडवा, पूर्वी निमाड़, मध्य प्रदेश•
    21 hrs ago
  • देवास मां चामुंडा माता के दर्शन करने सेंधवा से आई युवती को आवारा श्वानो ने हमला कर किया घायल, वीडियो वायरल देवास, शनिवार को देवास की माता टेकरी पर चामुंडा माता के दर्शन के लिए सेंधवा से परिवार के साथ आई एक युवती को शनिवार दोपहर 2:00 बजे के लगभग श्वानो ने हमला कर घायल कर दिया जैसे तैसे उन श्वानो से युवति ने अपने आप को बचाया, घटना मां चामुंडा माता टेकरी रपट मार्ग शंख द्वार की बताई गई है जिसका वीडियो शनिवार शाम से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है देवास नगर निगम के द्वारा आवारा श्वानो पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर पाने के कारण आए दिन इस प्रकार की घटनाएं लगातार हो रही है पूर्व में भी देवास शहर में श्वानो के हमले से बच्चे भी घायल हुए थे इसके बावजूद भी कोई एक्शन नहीं ली गई,
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    देवास मां चामुंडा माता के दर्शन करने सेंधवा से आई युवती को आवारा श्वानो ने हमला कर किया घायल, वीडियो वायरल
देवास, शनिवार को देवास की माता टेकरी पर चामुंडा माता के दर्शन के लिए सेंधवा से परिवार के साथ आई एक युवती को शनिवार दोपहर 2:00 बजे के लगभग श्वानो ने हमला कर घायल कर दिया जैसे तैसे उन श्वानो से युवति ने अपने आप को बचाया, घटना मां चामुंडा माता टेकरी रपट मार्ग शंख द्वार की बताई गई है जिसका वीडियो शनिवार शाम से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है देवास नगर निगम के द्वारा आवारा श्वानो पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर पाने के कारण आए दिन इस प्रकार की घटनाएं लगातार हो रही है पूर्व में भी देवास शहर में श्वानो के हमले से बच्चे भी घायल हुए थे इसके बावजूद भी कोई एक्शन नहीं ली गई,
    user_Rajendra shreevas
    Rajendra shreevas
    Journalist Kannod, Dewas•
    16 hrs ago
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