शिवसेना जिला प्रमुख गणेश भावसार ने बताया कि*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी खंडवा परिवर्तन ब्यूरो गणेश भावसार 9827326875 ।नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते , राधेश्याम , मुरली कोटवानी,करण लखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते, राधेश्याम शाक्य, देवेन्द्र जैन,मुरली कोडवानी,करण लाखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का आह्वान किया है
शिवसेना जिला प्रमुख गणेश भावसार ने बताया कि*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी खंडवा परिवर्तन ब्यूरो गणेश भावसार 9827326875 ।नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते , राधेश्याम , मुरली कोटवानी,करण लखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते, राधेश्याम शाक्य, देवेन्द्र जैन,मुरली कोडवानी,करण लाखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का आह्वान किया है
- Post by Pramod jain1
- शिवसेना जिला प्रमुख गणेश भावसार ने बताया कि*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी खंडवा परिवर्तन ब्यूरो गणेश भावसार 9827326875 ।नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते , राधेश्याम , मुरली कोटवानी,करण लखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का*मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी* - प. दीपक जी नारायण नगर माता चौक पर आयोजित श्री मत भागवत कथा के सप्तम दिवस में आचार्य दीपक शर्मा जी के मुखारविंद से भगवान के 16108 विवाहो का एवं सुदामा चरित्र बहुत ही मार्मिक वर्णन किया गया। महाराज जी ने बताया कि कथा कभी समाप्त नहीं होती है। कथा का हमेशा विश्राम होता है। आज यहां पर विश्राम हुआ,कल कहीं और प्रारंभ हो जाएगी। भगवान की चार पीठ हमेशा सत्य है। द्वारका भगवान की योगपीठ हैं। मथुरा तत्व पीठ है। वृंदावन रस पीठ है। हस्तिनापुर कर्म पीठ है। जहां पर भगवान हमेशा नित्य निवास करते हैं। भगवान के 16108 विवाह हुए। भगवान अपने परिवार के साथ में द्वारका योगपीठ में विराजते भगवान के प्रथम पुत्र प्रदुमन महाराज हुए हैं। प्रवचनों में कथा व्यास ने उषा अनिरुद्ध विवाह,राजा नल की कथा, राजा पौंड्रक का वध और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान के परम भक्त हैं। जिनकी भक्ति सर्वश्रेष्ठ हैं।भगवान से कभी उन्होंने कुछ मांगा नहीं,यही भक्ति का सर्वोपरि लक्षण है सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर को रोककर गले लगा लिया। यह होती हे सच्ची मित्रता ! बाल्यावस्था से ही हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालते हुए उन्हें संस्कारों के लिए प्रेरित करें। सुदामा और श्री कृष्ण जी का पूजन मुख्य यजमान विजय पाराशर ओर विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे , पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिलावट, सद्भावना मंच के प्रमोद जैन, शिवसेना जिलाप्रमुख गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते, राधेश्याम शाक्य, देवेन्द्र जैन,मुरली कोडवानी,करण लाखोरे किया ओर आभार राधा कृष्ण भागवत समिति ने किया । शनिवार को हवन पूर्णाहुति और भंडारा होगा राधा कृष्ण भागवत समिति ने सभी धर्म प्रेमी जनता से आने का आह्वान किया है1
- भागवत बोले विकास ऐसा हो जो समाज को बांटे नहीं, हमारे युवा ही Gen-g बोले मोदी, बांग्लादेश के मुद्दे पर साधु संतों का प्रदर्शन, बघेल ने धीरेन्द्र शास्त्री को बताया बीजेपी एजेंट, योगी बोले आज औरंगज़ेब की कौम में उसका नाम लेने वाला नहीं और राहुल गांधी ने किया मनमोहन सिंह को नमन.... देखिए छ बड़ी खबरें राजपथ न्यूज़ पर.....1
- https://youtu.be/UjZ_DHrrWWk?si=KVDl-aDLPG7_8lad *जिला संवाददाता भगवान सिंह चौहान की रिपोर्ट* 💥 देश की धड़कन न्यूज नेटवर्क दिखाए जो केवल *सच*💥 *www.deshkidhadkannews.com* *खबर पसंद आए तो , लाइक और कमेंट कर शेयर करे , ताकि हम आपके लिए ओर रोचक और अच्छी खबरें आप तक पहुंचाए। अधिक जानकारी एवं विज्ञापन के लिए संपर्क करें भगवान सिंह चौहान 98263930141
- Post by Shivnarayan Maskole1
- 24 घंटे में सुलझा फुटी कोठी हत्या काण्ड चारों आरोपी गिरफतार।1
- लड़की कहती रही " हम जय श्री राम जोर से बोल देंगे लेकिन प्लीज ये सब मत करो ", मध्यप्रदेश के इंदौर मे क्रिसमस मना रहे प्रोग्राम मे हिंदूवादी संगठन के लोगो ने जमकर तोड़फोड़ की , तोड़फोड़ से बचने के लिए प्रोग्राम आयोजन कराने वाली महिला ने भावुक होकर कहा , हम जोर से जय श्री राम बोलते है , लेकिन ये सब ना करो , ये किसी की मेहनत है , किसी की ख़ुशी है ,1
- इन्दौर में सिजिंग एजेंट की चाकू मारकर की हत्या युवती पर कमेंट करने पर हूआ था विवाद। इंदौर के द्वारकापुरी ,व अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र के समीप सोमवार देर रात यश भान सिजिंग एजेंट की चाकू मार कर हत्या कर दी गई। सिगरेट पीने के दौरान हुए विवाद के समझौते के बहाने उसे मिलने बुलाया गया था। युवती चारू परदेशी व उसके प्रेमी रोहित और दो अन्य साथियों ने मिलकर यश पर कई बार चाकू से हमले किए। जिससे यश भान घायल हो गया।घायल होने पर यश को हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने यश भान को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने चारु परदेशी व रोहित को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस प्रशासन द्वारा केस की जांच की जा रही है।1