*कृषि उपज मंडी में हुयीं सभा,वाहन रैली के साथ उपखण्ड अधिकारी को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन।* *सामाजिक,संगठन वर्गों से उठी आवाज़,पप्पू धाकड़ के हमलावरों को करो ग्रिफ्तार।* *किसान संगठन भी आए साथ एकता ओर न्याय के लिए भरी हुंकार,आगे लम्बी लड़ाई लड़ने को हुए सभी तैयार।* छबड़ा:9 जनवरी अखिल भारतीय धाकड़ महासभा,ब्लॉक छबड़ा के बैनर तले सभी समाज के पदाधिकारी कृषि उपज मंडी समिति में एकत्रित हुए।अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के प्रदेश संगठन मंत्री मुकेश नागर के अनुसार गुरुवार को कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में 12 बजे के लगभग,किसान संगठन के प्रतिनिधियों ओर छबड़ा-छीपाबडौद, अटरू,मांगरोल,अंता,बारां, मांगरोल,किशनगंज,शाहाबाद जिले की तहसीलों से पदारे सभी समाजों के संगठन के किसान और समाज के पदाधिकारियों नें एक साथ मंच सांझा कर बारी-बारी से सम्बोधन प्रदान कर 5 जनवरी को रामस्वरूप उर्फ पप्पू धाकड़ गगचाना,छीपाबडौद निवासी पर हुए प्राण घातक हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की गयीं। वक्ताओं ने कहा *पर्ची सरकार के,सभी समाजों के वोट से बनें एमएलए नें पर्ची भेज दिया सन्देश* कहा " घटना में खुद का ओर उसके भाई का हाथ नही है खुद के रोल से किया खुद नें साजिश से इंकार।" वक्ताओं ने स्पष्टिकरण में कहा कि एकत्रित सभा नही लगा रही आरोप,पीड़ित परियादी की एफआईआर में है नामजद उल्लेख।घटना के लिए कोन है दोषी ? वर्तमान में भाजपा की सरकार,दोषियों को उजागर करें या जांच एजेंसी से भाजपा के ही नेता पर हुए हमले की जांच करावें,घटना में शामिल पकड़े गये दो अपराधियों के अलावा वो 8-10 लोग कोन थे और किसके इशारे पर हमला कर रहे थे।यह तो जिसके साथ घटी, घटना उसी के ब्यान से मालूम पड़ रहा है, जब मारने वाले ही मारते समय नाम ले रहे है तो फिर मना करने वाले भाजपा नेता बतावें की असली अपराधी कोन थे ?आप ब्यान देने के स्थान पर उनको ग्रिफ्तार करवा के खुलासा करें,दूध का दूध और पानी का पानी करें,मरवा भी रहे और आवाज़ भी दबा रहे यह अब ज्यादा दिन तक झूंठी नोटंकी का नाटक नही चलेगा।पर्दा खोलो या लगाए दोषों का सामना करो।कृषि उपज मंडी से किसान नेता,कडैयावन सरपंच धर्मा धाकड़ के नेतृत्व में मोटर साइकिल ओर कारों के काफिले के साथ हजारों की तादाद में नागर,मालव,किराड़ धाकड़ अन्य किसानों के साथ ही सर्व समाज से मीणा,गुर्जर किसानों का संयुक्त काफिला किसान समाज के काफ़िला के साथ मुख्य मार्ग स्टेशन रोड़ से निकल धरनावदा चौराहा,चन्द्र शेखर आजाद सर्किल,अहिंसा सर्किल पंचायत समिति रोड़ होते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचा जहां समाज के प्रतिनिधियों के साथ किसान संगठन के लोगों नें *उपखण्ड अधिकारी राम सिंह गुर्जर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंप राम स्वरूप उर्फ पप्पू धाकड़ के पर्दे के पीछे के हमलावरों का पता लगाकर केश का जल्द पर्दा पास कर, अपराधियों का खुलासा करने की मांग रखी गयीं।* साथ ही कहा कि इंतजार की घड़ियां अब जल्द खत्म करो नही तो आगामी किसी भी दिन बिना पूर्व सूचना के सर्व समाज उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। जिसकी हानि-लाभ के लिए,शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा। *प्रदेश ओर जिला,ब्लॉक स्तर के किसान नेताओं ने कहा कि धाकड़ जाति के अधिकतर लोग आजादी के समय से ही हलधर,जनसंघ,कमल रूपी भाजपा के संग है।* जिसका नतीजा यह हुआ कि समाज अब असुरक्षा के घेरे में है कि अपने ही लोग अपनो को गेरो से मिल मरवा रहे है अब तक लगभग पिछले 30 सालों में 10 धाकड़ नेता आकस्मिक प्रायोजित हमलों के शिकार होकर शारीरिक रूप से अपंग होकर खत्म हो चुके है।जब तक,अब तक की हुई सामाजिक नेताओं की वारदातों का खुलासा नही हुआ तो अब आम गरीब और मध्यम वर्ग की तो भाजपा राज में न्याय या आगे बढ़ने की क्षमता ही खत्म है।समाज और आमजन दोनों ही पार्टियों के समय गुलाम ही बना रहा या रहेगा,भैयाजी,भाईजी ही कहता रहेगा ओर यह शासन और प्रशासन के सहयोग से चुनाव जीते नेता अन्याय ही करते रहेंगे।समाज के लोगों ने अपने वक्तव्य में कहा कि कैसा समय आया है कि वर्तमान में भाजपा के वोटों की टोकरी के बल पर कुछ सामाजिक धाकड़ बनें नेता,वक्त पढ़ने पर धाकड़ समाज से दूर भाग रहे है,यह घटना तो हुई है लेकिन घटना से भी यह दुःखद घटना है की समाज के लोग समाज को छोड़ पार्टी की वकालत कर रहे है।अब तक धन-बल,पेशेवर बाहुबल,भुजबल से बहुल जाति की फुट का फायदा उठाकर अन्य जातियों की सानुभूति से ओर लोगों में हिन्दू-मुस्लिम का भय दिखाकर रामजी ओर हिंदुत्व के नाम पर,राजा बनते आये है। इनको तख्तोताज पहनाने में बहु संख्यक मीणा,धाकड़,लोधा ओर अन्य समाज,वर्ग के लोग ही इनकी भयग्रस्त बातों से प्रभावित होकर वोट देकर जीताते आये है।परन्तु जब-जब भी इन जातियों के लोग आगे बढ़ते है दोनों ही बड़ी पार्टियां इन्हें दरकिनार करती है और मौजूद पार्टियां भी पार्टी फंड में दान कराकर मुठ्ठीभर संख्या बल के लोगों को टिकिट देकर बलवान बना देती है।इन दोनों मेसे जिसकी सरकार आती है उसके एमएलए,सांसद पालतू लोगों के संरक्षण में सरकार चलाते आये है ओर वोट के समय नोट खर्च करके फिर नोट कमाते आये है।जनता के मुंह में विकास के नाम पर आवाज़ ही नही उठती ओर 5 साल में नेता सात पीढ़ी की कमाई इकठ्ठी कर फिर नागनाथ,सांपनाथ बन जनता को डंसने का काम करते रहते है ओर फिर कोई विकल्प नही देख जनता भी फिर से इन्हें ही सिर पर बिठा लेती है और पांच साल चरण प्रणाम कर खुश होती रहती है।करे तो क्या करे,जनता के सामने तीसरा विकल्प ही नही है,स्वतंत्र उम्मीदवार को यहां की जनता उम्मीदवार ही नही मानती,यही कारण है कि बिना प्रयास साम,दाम,भय और दण्ड के बल चुनाव जीत फिर भाजपा हो या कॉंग्रेस दोनों मेसे एक जीत ही जाता है और जीत कर फिर यह उन्ही के क्षेत्र में विकास के काम देते रहते है वो अगले चुनाव के लिए नोट इकठ्ठे करते रहते है।इनकी अवैध सम्पतियों की गणना करे तो क्यों करें,इनकम टैक्स विभाग ही नेताओ पर छापे डालने में चुप है। यही कारण है कि भाजपा के राज में भाजपा के ठेकेदार ओर पार्टी के लोग काम कर पैसा कमाते रहते है। जनता तो थेला लटकाएं ईमित्रों पर घूमती रहती है यहां तो एक पटवारी ओर ग्राम सेवक ही जनता पर भारी पड़ता है।पार्टी के चुनावी मेढ़क,जिन्हें जनता चमचे कहती है। विकास के लिए वही पैसा लगता है जैसा कि चमचा कहता है,फिर वहां चमचे ठेकेदार पर पैसे देने का दबाव बनाते है वो वहां घटिया काम होकर पैसा लौटकर चमचों के माध्यम से 20-30प्रतिशत कमीशन खोरी के रूप में पैसा जहां से जारी होता वही वापस चला जाता फिर घटिया काम की शिकायतें होती रहती,कोई सुनता नही,काम पूरा होकर उपयोगिता प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।भाजपा की तरह ऐसा ही कॉंग्रेस राज में होता आया है।छबड़ा-छीपाबडौद में चुनाव के समय सहायता करने वालो को भी जीत के साथ ईनाम मिलता रहता है।गरीबों को यह नेता लड़ाने ओर फिर समाजों में कुत्ता-बंदर की लड़ाई ओर बिल्ली बनी न्याय की देवी की कहानी की तरह यह नेता पैसा लेकर पुलिस,अदालतों में मुकदमा करा लड्डू का भोग लगाते रहने का काम करते रहते है।जैसे इनके पिता,संरक्षण कर्ता बने नेता जी कहते रहते है वैसे ही पिछलग्गू नेता के बोल निकलते रहते है।जनता अब धीरे-धीरे इनके काम समझ रही है। *कॉंग्रेस से जुड़े किसान नेताओं ने भी कहां की बड़े खेद का विषय है भाजपा के राज में भाजपा ही किसानों पर हमले करा झूंठे ब्यान जारी करवा रही है।* हमारा नाम मत लो हम सामिल नही है,अरे हम कब कह रहे जनाब की आप सामिल है,अपने लोगों से ओर गगचाना ग्राम में सीसीटीवी कैमरे लगवा रेकी करवा रहे है की कौन मेरी चुगली कर रहा है,जब पप्पू को पीठ-पीठ कर हमलावर नाम लेकर कह रहा है। उसे भाजपा का मुखोटा लगाए समाज के बल पर नेता बन,एमएलए के टुकड़ों पर पल रहे लोग कह रहे कि भाजपा के कार्यकर्ता इसका खण्डन करते है।अरे भाई तुम समाज के कार्य कर्ता बनें थे या पार्टियों के कार्यकर्ता।अब आप भाजपा में ही शादी-विवाह कर लेना।अरे जब तुम समाज के ही नही हुए तो पार्टी के लिए काम करने वाले भी कैसे हो सकते हो। आप तो वर्तमान विजेता के कार्य कर्ता हो जो मिलीभगत कराकर भाजपा में टिकिट लेने वाले मांग करने वाले किसानों को मरवा रहे हो साथ मे यह भी कह रहे हो कि वो तो ठीक नही था इसलिये किसी ने मारा है हमने नही।आप किस के बल कार्यकर्ता बनें मालूम है जनता के बल,तुम्हे चाय-नास्ते मिलते है।दम हो तो सच बोलने और समाज के पीड़ित सदस्य की हिमाक़त करके देखों,कल ही तुम्हारे आका,लात मार तुम्हे बाहर कर देंगें।ज्ञापन देने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि *20 जनवरी याद रखों जिस किसान के पास जो साधन है,आटा-दाल के साथ सर्दी के साधन साथ लेकर आना है।* साधन लाओ ओर किसान आंदोलन के साथ हो जाओ हम अब तक के पीड़ितों की आवाज़ उठाएगें अब ज्ञापन देना बंद करो निकम्मी जर्जर सरकार वोट के बाद नोट बचाने और जनता के अधिकार छीनने का काम कर रही है।*याद करो किसान साथियों हम यानी *जनता ही जनार्दन है* आपकी एकता ही सरकार के अधीन काम करने वाले नेताओं और सरकारी सेवा के बदले मेवा कमाने वाले जन सेवक कर्मचारियों के पर्दे खोलेगी।हमें एकता से ओर सत्य की आवाज से राजाओं के राज से ओर अंग्रेजी चाल से अंग्रेजों से मुक्ति मिली फिर अंग्रेजों के शोषण से क्रांतिकारियों ने मुक्ति दिलाई। अब 1947 के बाद लोकतंत्र आया लेकिन हमने फिर अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें चुन लिया जो हमें फिर से गुलाम बना रहे है।हक की उठी आवाज़ को दबाने में सहयोग कर रहे और हमारे ही लोग *विभीषण बन उल्टा सोच, रावण को जिंदा कर रामराज्य यानी जनता का जनता के द्वारा जनता का राज कायम करने वालों ओर रामराज्य लाने वालों को मरवा रहे है।* सावधान हो जाओ साथियों हमनें अच्छा काम करने वाली कॉंग्रेस को हरा दिया तो राम के नाम पर रोटी सेकने वाले को भी हरा देंगें।हम आवाहन करते है उन समाज द्रोहियों का जिनमे थोड़ी भी शर्म बची हो तो ब्यान-बाजी बन्द कर अपने पदों से इस्तफ़ा देकर वापस समाज के नेता बन जावे। हम पार्टियों की गुलामी से आजाद हुए सामाजिक नेताओ को फिर से अपने अमूल्य वोटो की ताकत से अगला पंच,सरपंच,प्रधान,जिला प्रमुख,नगर पालिका अध्यक्ष,विधायक,सांसद बना देंगें।लेकिन तुम्हारे में सत्यमेव जयते के प्रति आस्था,विश्वास और श्रद्धा होनी चाहिए।पार्टी भक्तों एकता के लिए पद छोड़ दो पद तो फिर मिल जायेगा।समाज के लिए नही लड़े तो यह सामाजिक इज्जत फिर नही मिलने वाली। परमात्मा तुम्हे संतरी से मंत्री,मुख्यमंत्री,प्रधान मंत्री,राष्ट्रपति आज नही तो कल तुम्हारे शुभ कर्म उदय होगें ओर आप प्रजा से राजा बन ही जायेगें,लेकिन अब नही आये तो समय तुम्हे माफ नही करेगा।प्रदर्शन और ज्ञापन के समय गिरिराज धाकड़,धर्मा धाकड़,लक्ष्मण विलोदा,राकिशन बमोरी,जमना लाल कोहनी,ओम डोलम,नवल,जयनारायण खेझड़ा, देवेश,चौथमल,रामदयाल, दीनबन्धु,नन्द किशोर,सियाग मल,महावीर,रामस्वरूप,भगवान,जीतू,गिर्राज,राजेन्द्र,सुरेंद्र आदि के साथ बड़े स्तर पर मुंडला,खांखरा,कोहनी,ढोलम,खोपर,पीपल्या जागीर,बाहरी,नियांणा,कोलूखेड़ा,कोटडी,कडैया वन,भुवाखेड़ी, भीलवाड़ा नीचा,कडैयावन,पटना,बिंदाराडा,रीछड़ा,गगचाना,बमोरी, अल्लापुरा आदि ग्रामों सहित छबड़ा कस्बे के सभी समाजो के आम नागरिक वाहन रैली में शामिल हुए।उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन बादअखिल भारतीय धाकड़ महा सभा ब्लॉक छबड़ा के पदाधिकारियों ने सहयोग के लिए आभार जताया और कहा कि सभी समाज के सदस्य अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई के लिए आगे भी शामिल होकर क्षेत्र के दलित,शोषित,पीड़ित समाजों के लिए न्याय की आवाज़ के साथ रहे, हम सब धाकड़ बन्धु आपके सहयोग के लिए आभारी है।वाहन रैली ओर ज्ञापन के समय पुलिस बल के जवान मौजूद रहे।
*कृषि उपज मंडी में हुयीं सभा,वाहन रैली के साथ उपखण्ड अधिकारी को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन।* *सामाजिक,संगठन वर्गों से उठी आवाज़,पप्पू धाकड़ के हमलावरों को करो ग्रिफ्तार।* *किसान संगठन भी आए साथ एकता ओर न्याय के लिए भरी हुंकार,आगे लम्बी लड़ाई लड़ने को हुए सभी तैयार।* छबड़ा:9 जनवरी अखिल भारतीय धाकड़ महासभा,ब्लॉक छबड़ा के बैनर तले सभी समाज के पदाधिकारी कृषि उपज मंडी समिति में एकत्रित हुए।अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के प्रदेश संगठन मंत्री मुकेश नागर के अनुसार गुरुवार को कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में 12 बजे के लगभग,किसान संगठन के प्रतिनिधियों ओर छबड़ा-छीपाबडौद, अटरू,मांगरोल,अंता,बारां, मांगरोल,किशनगंज,शाहाबाद जिले की तहसीलों से पदारे सभी समाजों के संगठन के किसान और समाज के पदाधिकारियों नें एक साथ मंच सांझा कर बारी-बारी से सम्बोधन प्रदान कर 5 जनवरी को रामस्वरूप उर्फ पप्पू धाकड़ गगचाना,छीपाबडौद निवासी पर हुए प्राण घातक हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की गयीं। वक्ताओं ने कहा *पर्ची सरकार के,सभी समाजों के वोट से बनें एमएलए नें पर्ची भेज दिया सन्देश* कहा " घटना में खुद का ओर उसके भाई का हाथ नही है खुद के रोल से किया खुद नें साजिश से इंकार।" वक्ताओं ने स्पष्टिकरण में कहा कि एकत्रित सभा नही लगा रही आरोप,पीड़ित परियादी की एफआईआर में है नामजद उल्लेख।घटना के लिए कोन है दोषी ? वर्तमान में भाजपा की सरकार,दोषियों को उजागर करें या जांच एजेंसी से भाजपा के ही नेता पर हुए हमले की जांच करावें,घटना में शामिल पकड़े गये दो अपराधियों के अलावा वो 8-10 लोग कोन थे और किसके इशारे पर हमला कर रहे थे।यह तो जिसके साथ घटी, घटना उसी के ब्यान से मालूम पड़ रहा है, जब मारने वाले ही मारते समय नाम ले रहे है तो फिर मना करने वाले भाजपा नेता बतावें की असली अपराधी कोन थे ?आप ब्यान देने के स्थान पर उनको ग्रिफ्तार करवा के खुलासा करें,दूध का दूध और पानी का पानी करें,मरवा भी रहे और आवाज़ भी दबा रहे यह अब ज्यादा दिन तक झूंठी नोटंकी का नाटक नही चलेगा।पर्दा खोलो या लगाए दोषों का सामना करो।कृषि उपज मंडी से किसान नेता,कडैयावन सरपंच धर्मा धाकड़ के नेतृत्व में मोटर साइकिल ओर कारों के काफिले के साथ हजारों की तादाद में नागर,मालव,किराड़ धाकड़ अन्य किसानों के साथ ही सर्व समाज से मीणा,गुर्जर किसानों का संयुक्त काफिला किसान समाज के काफ़िला के साथ मुख्य मार्ग स्टेशन रोड़ से निकल धरनावदा चौराहा,चन्द्र शेखर आजाद सर्किल,अहिंसा सर्किल पंचायत समिति रोड़ होते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचा जहां समाज के प्रतिनिधियों के साथ किसान संगठन के लोगों नें *उपखण्ड अधिकारी राम सिंह गुर्जर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंप राम स्वरूप उर्फ पप्पू धाकड़ के पर्दे के पीछे के हमलावरों का पता लगाकर केश का जल्द पर्दा पास कर, अपराधियों का खुलासा करने की मांग रखी गयीं।* साथ ही कहा कि इंतजार की घड़ियां अब जल्द खत्म करो नही तो
आगामी किसी भी दिन बिना पूर्व सूचना के सर्व समाज उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। जिसकी हानि-लाभ के लिए,शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा। *प्रदेश ओर जिला,ब्लॉक स्तर के किसान नेताओं ने कहा कि धाकड़ जाति के अधिकतर लोग आजादी के समय से ही हलधर,जनसंघ,कमल रूपी भाजपा के संग है।* जिसका नतीजा यह हुआ कि समाज अब असुरक्षा के घेरे में है कि अपने ही लोग अपनो को गेरो से मिल मरवा रहे है अब तक लगभग पिछले 30 सालों में 10 धाकड़ नेता आकस्मिक प्रायोजित हमलों के शिकार होकर शारीरिक रूप से अपंग होकर खत्म हो चुके है।जब तक,अब तक की हुई सामाजिक नेताओं की वारदातों का खुलासा नही हुआ तो अब आम गरीब और मध्यम वर्ग की तो भाजपा राज में न्याय या आगे बढ़ने की क्षमता ही खत्म है।समाज और आमजन दोनों ही पार्टियों के समय गुलाम ही बना रहा या रहेगा,भैयाजी,भाईजी ही कहता रहेगा ओर यह शासन और प्रशासन के सहयोग से चुनाव जीते नेता अन्याय ही करते रहेंगे।समाज के लोगों ने अपने वक्तव्य में कहा कि कैसा समय आया है कि वर्तमान में भाजपा के वोटों की टोकरी के बल पर कुछ सामाजिक धाकड़ बनें नेता,वक्त पढ़ने पर धाकड़ समाज से दूर भाग रहे है,यह घटना तो हुई है लेकिन घटना से भी यह दुःखद घटना है की समाज के लोग समाज को छोड़ पार्टी की वकालत कर रहे है।अब तक धन-बल,पेशेवर बाहुबल,भुजबल से बहुल जाति की फुट का फायदा उठाकर अन्य जातियों की सानुभूति से ओर लोगों में हिन्दू-मुस्लिम का भय दिखाकर रामजी ओर हिंदुत्व के नाम पर,राजा बनते आये है। इनको तख्तोताज पहनाने में बहु संख्यक मीणा,धाकड़,लोधा ओर अन्य समाज,वर्ग के लोग ही इनकी भयग्रस्त बातों से प्रभावित होकर वोट देकर जीताते आये है।परन्तु जब-जब भी इन जातियों के लोग आगे बढ़ते है दोनों ही बड़ी पार्टियां इन्हें दरकिनार करती है और मौजूद पार्टियां भी पार्टी फंड में दान कराकर मुठ्ठीभर संख्या बल के लोगों को टिकिट देकर बलवान बना देती है।इन दोनों मेसे जिसकी सरकार आती है उसके एमएलए,सांसद पालतू लोगों के संरक्षण में सरकार चलाते आये है ओर वोट के समय नोट खर्च करके फिर नोट कमाते आये है।जनता के मुंह में विकास के नाम पर आवाज़ ही नही उठती ओर 5 साल में नेता सात पीढ़ी की कमाई इकठ्ठी कर फिर नागनाथ,सांपनाथ बन जनता को डंसने का काम करते रहते है ओर फिर कोई विकल्प नही देख जनता भी फिर से इन्हें ही सिर पर बिठा लेती है और पांच साल चरण प्रणाम कर खुश होती रहती है।करे तो क्या करे,जनता के सामने तीसरा विकल्प ही नही है,स्वतंत्र उम्मीदवार को यहां की जनता उम्मीदवार ही नही मानती,यही कारण है कि बिना प्रयास साम,दाम,भय और दण्ड के बल चुनाव जीत फिर भाजपा हो या कॉंग्रेस दोनों मेसे एक जीत ही जाता है और जीत कर फिर यह उन्ही के क्षेत्र
में विकास के काम देते रहते है वो अगले चुनाव के लिए नोट इकठ्ठे करते रहते है।इनकी अवैध सम्पतियों की गणना करे तो क्यों करें,इनकम टैक्स विभाग ही नेताओ पर छापे डालने में चुप है। यही कारण है कि भाजपा के राज में भाजपा के ठेकेदार ओर पार्टी के लोग काम कर पैसा कमाते रहते है। जनता तो थेला लटकाएं ईमित्रों पर घूमती रहती है यहां तो एक पटवारी ओर ग्राम सेवक ही जनता पर भारी पड़ता है।पार्टी के चुनावी मेढ़क,जिन्हें जनता चमचे कहती है। विकास के लिए वही पैसा लगता है जैसा कि चमचा कहता है,फिर वहां चमचे ठेकेदार पर पैसे देने का दबाव बनाते है वो वहां घटिया काम होकर पैसा लौटकर चमचों के माध्यम से 20-30प्रतिशत कमीशन खोरी के रूप में पैसा जहां से जारी होता वही वापस चला जाता फिर घटिया काम की शिकायतें होती रहती,कोई सुनता नही,काम पूरा होकर उपयोगिता प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।भाजपा की तरह ऐसा ही कॉंग्रेस राज में होता आया है।छबड़ा-छीपाबडौद में चुनाव के समय सहायता करने वालो को भी जीत के साथ ईनाम मिलता रहता है।गरीबों को यह नेता लड़ाने ओर फिर समाजों में कुत्ता-बंदर की लड़ाई ओर बिल्ली बनी न्याय की देवी की कहानी की तरह यह नेता पैसा लेकर पुलिस,अदालतों में मुकदमा करा लड्डू का भोग लगाते रहने का काम करते रहते है।जैसे इनके पिता,संरक्षण कर्ता बने नेता जी कहते रहते है वैसे ही पिछलग्गू नेता के बोल निकलते रहते है।जनता अब धीरे-धीरे इनके काम समझ रही है। *कॉंग्रेस से जुड़े किसान नेताओं ने भी कहां की बड़े खेद का विषय है भाजपा के राज में भाजपा ही किसानों पर हमले करा झूंठे ब्यान जारी करवा रही है।* हमारा नाम मत लो हम सामिल नही है,अरे हम कब कह रहे जनाब की आप सामिल है,अपने लोगों से ओर गगचाना ग्राम में सीसीटीवी कैमरे लगवा रेकी करवा रहे है की कौन मेरी चुगली कर रहा है,जब पप्पू को पीठ-पीठ कर हमलावर नाम लेकर कह रहा है। उसे भाजपा का मुखोटा लगाए समाज के बल पर नेता बन,एमएलए के टुकड़ों पर पल रहे लोग कह रहे कि भाजपा के कार्यकर्ता इसका खण्डन करते है।अरे भाई तुम समाज के कार्य कर्ता बनें थे या पार्टियों के कार्यकर्ता।अब आप भाजपा में ही शादी-विवाह कर लेना।अरे जब तुम समाज के ही नही हुए तो पार्टी के लिए काम करने वाले भी कैसे हो सकते हो। आप तो वर्तमान विजेता के कार्य कर्ता हो जो मिलीभगत कराकर भाजपा में टिकिट लेने वाले मांग करने वाले किसानों को मरवा रहे हो साथ मे यह भी कह रहे हो कि वो तो ठीक नही था इसलिये किसी ने मारा है हमने नही।आप किस के बल कार्यकर्ता बनें मालूम है जनता के बल,तुम्हे चाय-नास्ते मिलते है।दम हो तो सच बोलने और समाज के पीड़ित सदस्य की हिमाक़त करके देखों,कल ही तुम्हारे आका,लात मार तुम्हे बाहर
कर देंगें।ज्ञापन देने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि *20 जनवरी याद रखों जिस किसान के पास जो साधन है,आटा-दाल के साथ सर्दी के साधन साथ लेकर आना है।* साधन लाओ ओर किसान आंदोलन के साथ हो जाओ हम अब तक के पीड़ितों की आवाज़ उठाएगें अब ज्ञापन देना बंद करो निकम्मी जर्जर सरकार वोट के बाद नोट बचाने और जनता के अधिकार छीनने का काम कर रही है।*याद करो किसान साथियों हम यानी *जनता ही जनार्दन है* आपकी एकता ही सरकार के अधीन काम करने वाले नेताओं और सरकारी सेवा के बदले मेवा कमाने वाले जन सेवक कर्मचारियों के पर्दे खोलेगी।हमें एकता से ओर सत्य की आवाज से राजाओं के राज से ओर अंग्रेजी चाल से अंग्रेजों से मुक्ति मिली फिर अंग्रेजों के शोषण से क्रांतिकारियों ने मुक्ति दिलाई। अब 1947 के बाद लोकतंत्र आया लेकिन हमने फिर अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें चुन लिया जो हमें फिर से गुलाम बना रहे है।हक की उठी आवाज़ को दबाने में सहयोग कर रहे और हमारे ही लोग *विभीषण बन उल्टा सोच, रावण को जिंदा कर रामराज्य यानी जनता का जनता के द्वारा जनता का राज कायम करने वालों ओर रामराज्य लाने वालों को मरवा रहे है।* सावधान हो जाओ साथियों हमनें अच्छा काम करने वाली कॉंग्रेस को हरा दिया तो राम के नाम पर रोटी सेकने वाले को भी हरा देंगें।हम आवाहन करते है उन समाज द्रोहियों का जिनमे थोड़ी भी शर्म बची हो तो ब्यान-बाजी बन्द कर अपने पदों से इस्तफ़ा देकर वापस समाज के नेता बन जावे। हम पार्टियों की गुलामी से आजाद हुए सामाजिक नेताओ को फिर से अपने अमूल्य वोटो की ताकत से अगला पंच,सरपंच,प्रधान,जिला प्रमुख,नगर पालिका अध्यक्ष,विधायक,सांसद बना देंगें।लेकिन तुम्हारे में सत्यमेव जयते के प्रति आस्था,विश्वास और श्रद्धा होनी चाहिए।पार्टी भक्तों एकता के लिए पद छोड़ दो पद तो फिर मिल जायेगा।समाज के लिए नही लड़े तो यह सामाजिक इज्जत फिर नही मिलने वाली। परमात्मा तुम्हे संतरी से मंत्री,मुख्यमंत्री,प्रधान मंत्री,राष्ट्रपति आज नही तो कल तुम्हारे शुभ कर्म उदय होगें ओर आप प्रजा से राजा बन ही जायेगें,लेकिन अब नही आये तो समय तुम्हे माफ नही करेगा।प्रदर्शन और ज्ञापन के समय गिरिराज धाकड़,धर्मा धाकड़,लक्ष्मण विलोदा,राकिशन बमोरी,जमना लाल कोहनी,ओम डोलम,नवल,जयनारायण खेझड़ा, देवेश,चौथमल,रामदयाल, दीनबन्धु,नन्द किशोर,सियाग मल,महावीर,रामस्वरूप,भगवान,जीतू,गिर्राज,राजेन्द्र,सुरेंद्र आदि के साथ बड़े स्तर पर मुंडला,खांखरा,कोहनी,ढोलम,खोपर,पीपल्या जागीर,बाहरी,नियांणा,कोलूखेड़ा,कोटडी,कडैया वन,भुवाखेड़ी, भीलवाड़ा नीचा,कडैयावन,पटना,बिंदाराडा,रीछड़ा,गगचाना,बमोरी, अल्लापुरा आदि ग्रामों सहित छबड़ा कस्बे के सभी समाजो के आम नागरिक वाहन रैली में शामिल हुए।उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन बादअखिल भारतीय धाकड़ महा सभा ब्लॉक छबड़ा के पदाधिकारियों ने सहयोग के लिए आभार जताया और कहा कि सभी समाज के सदस्य अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई के लिए आगे भी शामिल होकर क्षेत्र के दलित,शोषित,पीड़ित समाजों के लिए न्याय की आवाज़ के साथ रहे, हम सब धाकड़ बन्धु आपके सहयोग के लिए आभारी है।वाहन रैली ओर ज्ञापन के समय पुलिस बल के जवान मौजूद रहे।
- Bhastrika pranayam and Kapalbhati pranayam at my home Chhipabarod2
- *कृषि उपज मंडी में हुयीं सभा,वाहन रैली के साथ उपखण्ड अधिकारी को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन।* *सामाजिक,संगठन वर्गों से उठी आवाज़,पप्पू धाकड़ के हमलावरों को करो ग्रिफ्तार।* *किसान संगठन भी आए साथ एकता ओर न्याय के लिए भरी हुंकार,आगे लम्बी लड़ाई लड़ने को हुए सभी तैयार।* छबड़ा:9 जनवरी अखिल भारतीय धाकड़ महासभा,ब्लॉक छबड़ा के बैनर तले सभी समाज के पदाधिकारी कृषि उपज मंडी समिति में एकत्रित हुए।अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के प्रदेश संगठन मंत्री मुकेश नागर के अनुसार गुरुवार को कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में 12 बजे के लगभग,किसान संगठन के प्रतिनिधियों ओर छबड़ा-छीपाबडौद, अटरू,मांगरोल,अंता,बारां, मांगरोल,किशनगंज,शाहाबाद जिले की तहसीलों से पदारे सभी समाजों के संगठन के किसान और समाज के पदाधिकारियों नें एक साथ मंच सांझा कर बारी-बारी से सम्बोधन प्रदान कर 5 जनवरी को रामस्वरूप उर्फ पप्पू धाकड़ गगचाना,छीपाबडौद निवासी पर हुए प्राण घातक हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की गयीं। वक्ताओं ने कहा *पर्ची सरकार के,सभी समाजों के वोट से बनें एमएलए नें पर्ची भेज दिया सन्देश* कहा " घटना में खुद का ओर उसके भाई का हाथ नही है खुद के रोल से किया खुद नें साजिश से इंकार।" वक्ताओं ने स्पष्टिकरण में कहा कि एकत्रित सभा नही लगा रही आरोप,पीड़ित परियादी की एफआईआर में है नामजद उल्लेख।घटना के लिए कोन है दोषी ? वर्तमान में भाजपा की सरकार,दोषियों को उजागर करें या जांच एजेंसी से भाजपा के ही नेता पर हुए हमले की जांच करावें,घटना में शामिल पकड़े गये दो अपराधियों के अलावा वो 8-10 लोग कोन थे और किसके इशारे पर हमला कर रहे थे।यह तो जिसके साथ घटी, घटना उसी के ब्यान से मालूम पड़ रहा है, जब मारने वाले ही मारते समय नाम ले रहे है तो फिर मना करने वाले भाजपा नेता बतावें की असली अपराधी कोन थे ?आप ब्यान देने के स्थान पर उनको ग्रिफ्तार करवा के खुलासा करें,दूध का दूध और पानी का पानी करें,मरवा भी रहे और आवाज़ भी दबा रहे यह अब ज्यादा दिन तक झूंठी नोटंकी का नाटक नही चलेगा।पर्दा खोलो या लगाए दोषों का सामना करो।कृषि उपज मंडी से किसान नेता,कडैयावन सरपंच धर्मा धाकड़ के नेतृत्व में मोटर साइकिल ओर कारों के काफिले के साथ हजारों की तादाद में नागर,मालव,किराड़ धाकड़ अन्य किसानों के साथ ही सर्व समाज से मीणा,गुर्जर किसानों का संयुक्त काफिला किसान समाज के काफ़िला के साथ मुख्य मार्ग स्टेशन रोड़ से निकल धरनावदा चौराहा,चन्द्र शेखर आजाद सर्किल,अहिंसा सर्किल पंचायत समिति रोड़ होते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचा जहां समाज के प्रतिनिधियों के साथ किसान संगठन के लोगों नें *उपखण्ड अधिकारी राम सिंह गुर्जर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंप राम स्वरूप उर्फ पप्पू धाकड़ के पर्दे के पीछे के हमलावरों का पता लगाकर केश का जल्द पर्दा पास कर, अपराधियों का खुलासा करने की मांग रखी गयीं।* साथ ही कहा कि इंतजार की घड़ियां अब जल्द खत्म करो नही तो आगामी किसी भी दिन बिना पूर्व सूचना के सर्व समाज उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। जिसकी हानि-लाभ के लिए,शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा। *प्रदेश ओर जिला,ब्लॉक स्तर के किसान नेताओं ने कहा कि धाकड़ जाति के अधिकतर लोग आजादी के समय से ही हलधर,जनसंघ,कमल रूपी भाजपा के संग है।* जिसका नतीजा यह हुआ कि समाज अब असुरक्षा के घेरे में है कि अपने ही लोग अपनो को गेरो से मिल मरवा रहे है अब तक लगभग पिछले 30 सालों में 10 धाकड़ नेता आकस्मिक प्रायोजित हमलों के शिकार होकर शारीरिक रूप से अपंग होकर खत्म हो चुके है।जब तक,अब तक की हुई सामाजिक नेताओं की वारदातों का खुलासा नही हुआ तो अब आम गरीब और मध्यम वर्ग की तो भाजपा राज में न्याय या आगे बढ़ने की क्षमता ही खत्म है।समाज और आमजन दोनों ही पार्टियों के समय गुलाम ही बना रहा या रहेगा,भैयाजी,भाईजी ही कहता रहेगा ओर यह शासन और प्रशासन के सहयोग से चुनाव जीते नेता अन्याय ही करते रहेंगे।समाज के लोगों ने अपने वक्तव्य में कहा कि कैसा समय आया है कि वर्तमान में भाजपा के वोटों की टोकरी के बल पर कुछ सामाजिक धाकड़ बनें नेता,वक्त पढ़ने पर धाकड़ समाज से दूर भाग रहे है,यह घटना तो हुई है लेकिन घटना से भी यह दुःखद घटना है की समाज के लोग समाज को छोड़ पार्टी की वकालत कर रहे है।अब तक धन-बल,पेशेवर बाहुबल,भुजबल से बहुल जाति की फुट का फायदा उठाकर अन्य जातियों की सानुभूति से ओर लोगों में हिन्दू-मुस्लिम का भय दिखाकर रामजी ओर हिंदुत्व के नाम पर,राजा बनते आये है। इनको तख्तोताज पहनाने में बहु संख्यक मीणा,धाकड़,लोधा ओर अन्य समाज,वर्ग के लोग ही इनकी भयग्रस्त बातों से प्रभावित होकर वोट देकर जीताते आये है।परन्तु जब-जब भी इन जातियों के लोग आगे बढ़ते है दोनों ही बड़ी पार्टियां इन्हें दरकिनार करती है और मौजूद पार्टियां भी पार्टी फंड में दान कराकर मुठ्ठीभर संख्या बल के लोगों को टिकिट देकर बलवान बना देती है।इन दोनों मेसे जिसकी सरकार आती है उसके एमएलए,सांसद पालतू लोगों के संरक्षण में सरकार चलाते आये है ओर वोट के समय नोट खर्च करके फिर नोट कमाते आये है।जनता के मुंह में विकास के नाम पर आवाज़ ही नही उठती ओर 5 साल में नेता सात पीढ़ी की कमाई इकठ्ठी कर फिर नागनाथ,सांपनाथ बन जनता को डंसने का काम करते रहते है ओर फिर कोई विकल्प नही देख जनता भी फिर से इन्हें ही सिर पर बिठा लेती है और पांच साल चरण प्रणाम कर खुश होती रहती है।करे तो क्या करे,जनता के सामने तीसरा विकल्प ही नही है,स्वतंत्र उम्मीदवार को यहां की जनता उम्मीदवार ही नही मानती,यही कारण है कि बिना प्रयास साम,दाम,भय और दण्ड के बल चुनाव जीत फिर भाजपा हो या कॉंग्रेस दोनों मेसे एक जीत ही जाता है और जीत कर फिर यह उन्ही के क्षेत्र में विकास के काम देते रहते है वो अगले चुनाव के लिए नोट इकठ्ठे करते रहते है।इनकी अवैध सम्पतियों की गणना करे तो क्यों करें,इनकम टैक्स विभाग ही नेताओ पर छापे डालने में चुप है। यही कारण है कि भाजपा के राज में भाजपा के ठेकेदार ओर पार्टी के लोग काम कर पैसा कमाते रहते है। जनता तो थेला लटकाएं ईमित्रों पर घूमती रहती है यहां तो एक पटवारी ओर ग्राम सेवक ही जनता पर भारी पड़ता है।पार्टी के चुनावी मेढ़क,जिन्हें जनता चमचे कहती है। विकास के लिए वही पैसा लगता है जैसा कि चमचा कहता है,फिर वहां चमचे ठेकेदार पर पैसे देने का दबाव बनाते है वो वहां घटिया काम होकर पैसा लौटकर चमचों के माध्यम से 20-30प्रतिशत कमीशन खोरी के रूप में पैसा जहां से जारी होता वही वापस चला जाता फिर घटिया काम की शिकायतें होती रहती,कोई सुनता नही,काम पूरा होकर उपयोगिता प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।भाजपा की तरह ऐसा ही कॉंग्रेस राज में होता आया है।छबड़ा-छीपाबडौद में चुनाव के समय सहायता करने वालो को भी जीत के साथ ईनाम मिलता रहता है।गरीबों को यह नेता लड़ाने ओर फिर समाजों में कुत्ता-बंदर की लड़ाई ओर बिल्ली बनी न्याय की देवी की कहानी की तरह यह नेता पैसा लेकर पुलिस,अदालतों में मुकदमा करा लड्डू का भोग लगाते रहने का काम करते रहते है।जैसे इनके पिता,संरक्षण कर्ता बने नेता जी कहते रहते है वैसे ही पिछलग्गू नेता के बोल निकलते रहते है।जनता अब धीरे-धीरे इनके काम समझ रही है। *कॉंग्रेस से जुड़े किसान नेताओं ने भी कहां की बड़े खेद का विषय है भाजपा के राज में भाजपा ही किसानों पर हमले करा झूंठे ब्यान जारी करवा रही है।* हमारा नाम मत लो हम सामिल नही है,अरे हम कब कह रहे जनाब की आप सामिल है,अपने लोगों से ओर गगचाना ग्राम में सीसीटीवी कैमरे लगवा रेकी करवा रहे है की कौन मेरी चुगली कर रहा है,जब पप्पू को पीठ-पीठ कर हमलावर नाम लेकर कह रहा है। उसे भाजपा का मुखोटा लगाए समाज के बल पर नेता बन,एमएलए के टुकड़ों पर पल रहे लोग कह रहे कि भाजपा के कार्यकर्ता इसका खण्डन करते है।अरे भाई तुम समाज के कार्य कर्ता बनें थे या पार्टियों के कार्यकर्ता।अब आप भाजपा में ही शादी-विवाह कर लेना।अरे जब तुम समाज के ही नही हुए तो पार्टी के लिए काम करने वाले भी कैसे हो सकते हो। आप तो वर्तमान विजेता के कार्य कर्ता हो जो मिलीभगत कराकर भाजपा में टिकिट लेने वाले मांग करने वाले किसानों को मरवा रहे हो साथ मे यह भी कह रहे हो कि वो तो ठीक नही था इसलिये किसी ने मारा है हमने नही।आप किस के बल कार्यकर्ता बनें मालूम है जनता के बल,तुम्हे चाय-नास्ते मिलते है।दम हो तो सच बोलने और समाज के पीड़ित सदस्य की हिमाक़त करके देखों,कल ही तुम्हारे आका,लात मार तुम्हे बाहर कर देंगें।ज्ञापन देने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि *20 जनवरी याद रखों जिस किसान के पास जो साधन है,आटा-दाल के साथ सर्दी के साधन साथ लेकर आना है।* साधन लाओ ओर किसान आंदोलन के साथ हो जाओ हम अब तक के पीड़ितों की आवाज़ उठाएगें अब ज्ञापन देना बंद करो निकम्मी जर्जर सरकार वोट के बाद नोट बचाने और जनता के अधिकार छीनने का काम कर रही है।*याद करो किसान साथियों हम यानी *जनता ही जनार्दन है* आपकी एकता ही सरकार के अधीन काम करने वाले नेताओं और सरकारी सेवा के बदले मेवा कमाने वाले जन सेवक कर्मचारियों के पर्दे खोलेगी।हमें एकता से ओर सत्य की आवाज से राजाओं के राज से ओर अंग्रेजी चाल से अंग्रेजों से मुक्ति मिली फिर अंग्रेजों के शोषण से क्रांतिकारियों ने मुक्ति दिलाई। अब 1947 के बाद लोकतंत्र आया लेकिन हमने फिर अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें चुन लिया जो हमें फिर से गुलाम बना रहे है।हक की उठी आवाज़ को दबाने में सहयोग कर रहे और हमारे ही लोग *विभीषण बन उल्टा सोच, रावण को जिंदा कर रामराज्य यानी जनता का जनता के द्वारा जनता का राज कायम करने वालों ओर रामराज्य लाने वालों को मरवा रहे है।* सावधान हो जाओ साथियों हमनें अच्छा काम करने वाली कॉंग्रेस को हरा दिया तो राम के नाम पर रोटी सेकने वाले को भी हरा देंगें।हम आवाहन करते है उन समाज द्रोहियों का जिनमे थोड़ी भी शर्म बची हो तो ब्यान-बाजी बन्द कर अपने पदों से इस्तफ़ा देकर वापस समाज के नेता बन जावे। हम पार्टियों की गुलामी से आजाद हुए सामाजिक नेताओ को फिर से अपने अमूल्य वोटो की ताकत से अगला पंच,सरपंच,प्रधान,जिला प्रमुख,नगर पालिका अध्यक्ष,विधायक,सांसद बना देंगें।लेकिन तुम्हारे में सत्यमेव जयते के प्रति आस्था,विश्वास और श्रद्धा होनी चाहिए।पार्टी भक्तों एकता के लिए पद छोड़ दो पद तो फिर मिल जायेगा।समाज के लिए नही लड़े तो यह सामाजिक इज्जत फिर नही मिलने वाली। परमात्मा तुम्हे संतरी से मंत्री,मुख्यमंत्री,प्रधान मंत्री,राष्ट्रपति आज नही तो कल तुम्हारे शुभ कर्म उदय होगें ओर आप प्रजा से राजा बन ही जायेगें,लेकिन अब नही आये तो समय तुम्हे माफ नही करेगा।प्रदर्शन और ज्ञापन के समय गिरिराज धाकड़,धर्मा धाकड़,लक्ष्मण विलोदा,राकिशन बमोरी,जमना लाल कोहनी,ओम डोलम,नवल,जयनारायण खेझड़ा, देवेश,चौथमल,रामदयाल, दीनबन्धु,नन्द किशोर,सियाग मल,महावीर,रामस्वरूप,भगवान,जीतू,गिर्राज,राजेन्द्र,सुरेंद्र आदि के साथ बड़े स्तर पर मुंडला,खांखरा,कोहनी,ढोलम,खोपर,पीपल्या जागीर,बाहरी,नियांणा,कोलूखेड़ा,कोटडी,कडैया वन,भुवाखेड़ी, भीलवाड़ा नीचा,कडैयावन,पटना,बिंदाराडा,रीछड़ा,गगचाना,बमोरी, अल्लापुरा आदि ग्रामों सहित छबड़ा कस्बे के सभी समाजो के आम नागरिक वाहन रैली में शामिल हुए।उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन बादअखिल भारतीय धाकड़ महा सभा ब्लॉक छबड़ा के पदाधिकारियों ने सहयोग के लिए आभार जताया और कहा कि सभी समाज के सदस्य अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई के लिए आगे भी शामिल होकर क्षेत्र के दलित,शोषित,पीड़ित समाजों के लिए न्याय की आवाज़ के साथ रहे, हम सब धाकड़ बन्धु आपके सहयोग के लिए आभारी है।वाहन रैली ओर ज्ञापन के समय पुलिस बल के जवान मौजूद रहे।4
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