81 विधायक रहने के बाद भी आयोग रिक्त पडा है ? मतदान का मतदान का फल है ,सभी विधायक फेल है क्यो झारखंड सूचना आयोग मे हजारो दुतिये अपोलो का सुनवाई सालो ठप, इसका श्रेय, माननीय पक्ष के नेता हेमंत सोरेन मुख्य मंत्री और बाबूलाल मरांडी विपक्ष के नेता को जाता है, एक तरफ पी एम मोदी जी जनता के लिए तत्पर रहते है और राहुल गांधी जी संविधान बचाने की बात करते है और सूचनाधिकार को भी जनता को दिया लेकिन सूचनाधिकार का अनुपालन हेतू इनके ही मंत्री सूचना आयोग को भ्रष्टाचारियो के हित मे सालो से मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त, लोकायुक्त झारखंड का बहाली आज तक नही किया वह भी माननीय उच्च न्यायालय झारखंड का आदेश के बाद भी ? केवल झूठ का मौखौटा पहनकर जनता को बरगला रहे है हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी जी,, चितरंजन प्रसाद गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष भारतीय नागरिक अधिकार रक्षामंच
81 विधायक रहने के बाद भी आयोग रिक्त पडा है ? मतदान का मतदान का फल है ,सभी विधायक फेल है क्यो झारखंड सूचना आयोग मे हजारो दुतिये अपोलो का सुनवाई सालो ठप, इसका श्रेय, माननीय पक्ष के नेता हेमंत सोरेन मुख्य मंत्री और बाबूलाल मरांडी विपक्ष के नेता को जाता है, एक तरफ पी एम मोदी जी जनता के लिए तत्पर रहते है और राहुल गांधी जी संविधान बचाने की बात करते है और सूचनाधिकार को भी जनता को दिया लेकिन सूचनाधिकार का अनुपालन हेतू इनके ही मंत्री सूचना आयोग को भ्रष्टाचारियो के हित मे सालो से मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त, लोकायुक्त झारखंड का बहाली आज तक नही किया वह भी माननीय उच्च न्यायालय झारखंड का आदेश के बाद भी ? केवल झूठ का मौखौटा पहनकर जनता को बरगला रहे है हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी जी,, चितरंजन प्रसाद गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष भारतीय नागरिक अधिकार रक्षामंच
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- राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित फुटबॉल खिलाड़ी अनुष्का कुमारी को हजारीबाग उपायुक्त द्वारा किया गया सम्मानित हजारीबाग | जिला प्रशासन, हजारीबाग को यह बताते हुए अत्यंत गर्व की अनुभूति हो रही है कि जिले की होनहार फुटबॉल खिलाड़ी सुश्री अनुष्का कुमारी को उनके उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन एवं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया है। यह सम्मान जिले, राज्य एवं देश के लिए गौरव का विषय है। उक्त उपलब्धि के उपरांत हजारीबाग के उपायुक्त द्वारा भी अनुष्का कुमारी को सम्मानित कर उनकी हौसला-अफजाई की गई। इस अवसर पर उपायुक्त महोदय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि अनुष्का ने कठिन परिश्रम, अनुशासन एवं समर्पण के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। इस अवसर पर जिला खेल पदाधिकारी हजारीबाग के साथ कोच सोनी कुमारी और सुशीला कुमारी भी उपस्थित रहे। अनुष्का कुमारी, आवासीय बालिका फुटबॉल क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्र, कर्जन स्टेडियम, हजारीबाग में वर्ष 2021 से प्रशिक्षणरत हैं। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए कई स्वर्ण पदक एवं उल्लेखनीय स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। प्रमुख उपलब्धियों में ➡️International Level India SAFF Game U-16 Championship में स्वर्ण पदक। ➡️International Level India SAFF Game U-17 (भूटान-2025) में स्वर्ण पदक। ➡️Junior National U-17 Girls Football Federation Tournament (2023 एवं 2025) में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं स्वर्ण पदक। ➡️Football Federation Tournament, 2024 में द्वितीय स्थान। ➡️SGFI National U-17 Girls Football School Tournament, 2025 में सहभागिता। ➡️Senior National Women’s (SGFI) U-17 प्रतियोगिता, जम्मू-कश्मीर-2024 में सहभागिता सहित कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं शामिल हैं। उपायुक्त ने कहा कि “अनुष्का कुमारी की यह उपलब्धि पूरे हजारीबाग जिले के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि प्रतिभा को यदि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले तो वह वैश्विक स्तर तक पहचान बना सकती है। उनकी मेहनत, लगन और अनुशासन आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है। जिला प्रशासन उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है और हर संभव सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहेगा।”1
- मथुरा मै sunny leone का Program आने वाला है 2026 New Year मै ||1
- Jharkhand barhi singhrawan hazaribag jharkhand ka opreter maharashtra me bartan done ka kaam karta huaa #bartandunai #brekingnews1
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- हेमंत सरकार के एक बयान से विपक्ष में मचा हड़कंप? #jharkhand #jmm #latestnews #hindinews #shorts1
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- *नामकुम अंचल में जमीन माफियाओं का खुला खेल, भू-रैयतों की जमीन पर रातों-रात म्यूटेशन का आरोप* रांची। रांची जिला के नामकुम अंचल में जमीन से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं और हेराफेरी के आरोप सामने आ रहे हैं। स्थानीय भू-रैयतों का कहना है कि अंचल क्षेत्र में जमीन दलालों का नेटवर्क सक्रिय है, जो अंचल कार्यालय के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब व असहाय रैयतों की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहा है। ताजा मामला तेली महतो की जमीन से जुड़ा बताया जा रहा है। आरोप है कि जमीन दलालों ने बिना किसी वैध बंटवारे के, गोतिया लोगों के नाम पर फर्जी वंशावली तैयार कर ली और अंचल कार्यालय में रिकॉर्ड में हेरफेर कर रातों-रात म्यूटेशन करवा लिया। रैयतों का कहना है कि जब तक उन्हें इसकी जानकारी होती है, तब तक जमीन का दाखिल-खारिज पूरा कर दिया जाता है। *फर्जी वंशावली बनाकर जमीन हड़पने का आरोप* भू-रैयतों के अनुसार, जमीन का पारिवारिक बंटवारा नहीं होने के बावजूद कुछ लोग स्वयं को उत्तराधिकारी बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। इन दस्तावेजों को अंचल कार्यालय में स्वीकार कर लिया जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि बिना समुचित जांच-पड़ताल के म्यूटेशन कैसे संभव हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अंचल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है और बिना “सेटिंग” के इस तरह की कार्रवाई संभव नहीं है। *थाना स्तर पर भी नहीं मिल रही सुनवाई* पीड़ित भू-रैयतों का कहना है कि जब वे न्याय की उम्मीद लेकर स्थानीय थाना पहुंचते हैं, तो वहां भी उनकी बात नहीं सुनी जाती। आरोप है कि थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे रैयतों के साथ गाली-गलौज की जाती है और उन्हें डराया-धमकाया जाता है। कई पीड़ितों का कहना है कि पुलिस उन्हें यह कहकर लौटा देती है कि यह “जमीन का मामला” है और वे इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। *प्रशासन की चुप्पी पर सवाल* नामकुम अंचल में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते इन मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो जमीन माफियाओं का हौसला और बढ़ेगा तथा आम भू-रैयत अपनी ही जमीन से बेदखल हो जाएंगे। जांच और कार्रवाई की मांग पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि नामकुम अंचल में हुए सभी संदिग्ध म्यूटेशन मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही फर्जी वंशावली तैयार करने वाले जमीन दलालों, इसमें शामिल अंचल कर्मियों और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है और यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और भू-रैयतों को न्याय कब तक मिल पाता है।1