बदायूं न्यूज़---- जनपद बदायूं के जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बगैर चढ़ावा के नहीं होता उपचार एसएनसीयू वार्ड के हर स्टाफ को हर शिफ्ट में नवजात की मां-बाप से पैसों की रहती है डिमांड एसएनसीयू वार्ड में प्राइवेट अस्पताल से ज्यादा महंगा हो गया है बच्चों का उपचार करना कागजों में हर समय बच्चों के बेड भरे हुए दिखाए जाते हैं 2 हजार रु० देने के बाद तुरंत नवजातों को वैड़ों की व्यवस्था कर दी जाती है अगर 2 हजार पीड़ित के पास नहीं है तो बेड खाली नहीं है ऐसे कहकर टाल दिया जाता है 2 हजार देने के बाद बच्चे को भर्ती किया जाता है फिर उसके बाद में होता है खेल शुरू भर्ती नवजात के परिजनों से दुकानों से मंगाया जाता है 600 600 रु०का दूध जबकि एसएनसीयू वार्ड में सरकार द्वारा दूध और भी सभी चीजें मुफ्त में दी जाती है एसएनसीयू वार्ड में नवजात के परिजनों से चाय कॉफी और नाश्ते का सामान भी हर शिफ्ट में मंगाया जाता है हर शिफ्ट के कर्मचारियों को अलग-अलग पैसे नहीं दिए तो परिजनों को डराया और धमकाया जाता है और परिजनों से कहा जाता है कि बच्चे की हालात सीरियस है रेफर करना पड़ेगा कल देर रात भी ऐसा ही एक वाकया सामने आया है 9 दिसंबर को भर्ती हुए एक नवजात के परिजनों से पैसों की हुई थी डिमांड डिमांड पूरी नहीं होने पर नवजात का नहीं किया गया उपचार 1500 रु० की डिमांड नवजात के परिवार वाले नहीं कर पाए पूरी नवजात को दूध पिलाते समय उसके मुंह से निकलने लगा खून मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर का रहने वाला हरवीर ने अपने नवजात को 9 दिसंबर को कराया था एसएनसीयू वार्ड में भर्ती हरवीर की पत्नी रिया ने दिया था दूसरे बच्चे को प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म 9 दिसंबर को जन्म होने के बाद नवजात की हालत थी बेहद नाजुक डॉक्टरों की सलाह पर उसे 9 दिसंबर की शाम को कराया गया था एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात की नानी मुन्नी देवी गांव सिसौरा थाना कादरचौक की रहने वाली है वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रही और रोती रही मगर स्टाफ पैसों की डिमांड करता रहा जिला महिला अस्पताल में दूसरी मंजिल पर 12 बच्चों को भर्ती करने की एसएनसीयू वार्ड में है व्यवस्था हर भर्ती नवजात के परिजनों से की जाती है वार्ड में पैसों की डिमांड
बदायूं न्यूज़---- जनपद बदायूं के जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बगैर चढ़ावा के नहीं होता उपचार एसएनसीयू वार्ड के हर स्टाफ को हर शिफ्ट में नवजात की मां-बाप से पैसों की रहती है डिमांड एसएनसीयू वार्ड में प्राइवेट अस्पताल से ज्यादा महंगा हो गया है बच्चों का उपचार करना कागजों में हर समय बच्चों के बेड भरे हुए दिखाए जाते हैं 2 हजार रु० देने के बाद तुरंत नवजातों को वैड़ों की व्यवस्था कर दी जाती है अगर 2 हजार पीड़ित के पास नहीं है तो बेड खाली नहीं है ऐसे कहकर टाल दिया जाता
है 2 हजार देने के बाद बच्चे को भर्ती किया जाता है फिर उसके बाद में होता है खेल शुरू भर्ती नवजात के परिजनों से दुकानों से मंगाया जाता है 600 600 रु०का दूध जबकि एसएनसीयू वार्ड में सरकार द्वारा दूध और भी सभी चीजें मुफ्त में दी जाती है एसएनसीयू वार्ड में नवजात के परिजनों से चाय कॉफी और नाश्ते का सामान भी हर शिफ्ट में मंगाया जाता है हर शिफ्ट के कर्मचारियों को अलग-अलग पैसे नहीं दिए तो परिजनों को डराया और धमकाया जाता है और परिजनों से कहा जाता है कि बच्चे की हालात
सीरियस है रेफर करना पड़ेगा कल देर रात भी ऐसा ही एक वाकया सामने आया है 9 दिसंबर को भर्ती हुए एक नवजात के परिजनों से पैसों की हुई थी डिमांड डिमांड पूरी नहीं होने पर नवजात का नहीं किया गया उपचार 1500 रु० की डिमांड नवजात के परिवार वाले नहीं कर पाए पूरी नवजात को दूध पिलाते समय उसके मुंह से निकलने लगा खून मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर का रहने वाला हरवीर ने अपने नवजात को 9 दिसंबर को कराया था एसएनसीयू वार्ड में भर्ती हरवीर की पत्नी रिया ने दिया था दूसरे बच्चे को
प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म 9 दिसंबर को जन्म होने के बाद नवजात की हालत थी बेहद नाजुक डॉक्टरों की सलाह पर उसे 9 दिसंबर की शाम को कराया गया था एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात की नानी मुन्नी देवी गांव सिसौरा थाना कादरचौक की रहने वाली है वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रही और रोती रही मगर स्टाफ पैसों की डिमांड करता रहा जिला महिला अस्पताल में दूसरी मंजिल पर 12 बच्चों को भर्ती करने की एसएनसीयू वार्ड में है व्यवस्था हर भर्ती नवजात के परिजनों से की जाती है वार्ड में पैसों की डिमांड
- बदायूं ब्रेकिंग........ तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर लगने से टेंपू सवार व्यक्ति की हुई दर्दनाक मौत। टेंपू में लगभग आधा दर्जन लोग सवार थे जिनमें हल्की फुल्की छोटे आईं है मृतक रजत गुप्ता (30) पुत्र दिनेश गुप्ता निवासी दातागंज का निवासी है। टेंपू सवारी भरकर दातागंज से बदायूं के लिए आ रहा था तभी हादसा हुआ है। मृतक अपने घर से दिल्ली के लिए जाने के लिए कहकर घर से निकला था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची 108 एम्बुलेंस कर्मियों घायल व्यक्ति को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल के डाक्टरों ने व्यक्ति को मृतक घोषित करते हुये शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। वहीं मौत की खबर सुनते की मृतक के परिवार में कोहराम मच गया है। बदायूं के मूसाझाग थाना क्षेत्र के मूसाझाग ज्यारत के पास हुआ सड़क हादसा।2
- Post by Satyaveer singh1
- सचिन युवा ब्लॉक अध्यक्ष व सोमवीर ब्लॉक सचिव नियुक्त बदायूँ। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिलाध्यक्ष सतीश साहू ने किसानों को संगठन की सदस्यता ग्रहण कराकर पदभार सौंपा। जिलाध्यक्ष सतीश साहू ने प्रदेश सचिव आसिम उमर की संस्तुति पर उझानी क्षेत्र के मलिकपुर निवासी सचिन यादव को भाकियू चढूनी की सदस्यता ग्रहण कराकर उझानी क्षेत्र का युवा ब्लॉक अध्यक्ष का दायित्व सौंपा है। वहीं अंबियापुर क्षेत्र के सबदलपुर निवासी सोमवीर को अंबियापुर ब्लॉक सचिव का पदभार सौंपा है। दोनों नवनियुक्त पदाधिकारियों को ये ज़िम्मेदारी उनका संगठन के प्रति समर्पण एवं कर्मठता को देखते हुए दी गयी है। इस मौके पर संगठन के जिला महासचिव बीईशू दास, नूरुद्दीन ठेकेदार, भूपेंद्र पाठक, रजनेश उपाध्याय, शरीफ़ अब्बासी, यादवेंद्र, अजय सैनी व ज़िला प्रभारी कृष्ण अवतार शाक्य सहित दर्जन भर कार्यकर्ता उपस्थित रहे।1
- बदायूँ में #पुलिस की #बदमाशों से #मुठभेड़, एक #गिरफ्तार पूरी खबर देखें - 👇🏼1
- Post by Hasnain Siddique1
- जनपद सम्भल बहजोई बाईपास रेलवे फाटक पार करते समय ट्रैक्टर से गिरी धान बोरिया हादसा टला2
- संभल: 26 नवंबर को बारात से अपहृत दो सगे भाइयों की हत्या। बड़े भाई का शव 3 दिन बाद,और छोटे भाई का शव आज 17 दिन बाद तालाब से गली-सड़ी अवस्था में बरामद।हत्या का आरोप मौसेरे भाई पर लगा,जो अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस दोनों भाइयों को सकुशल बरामद नहीं कर सकी। धनारी थाना क्षेत्र के मझोला गांव में मिला आज तालाब में पड़ा शव।1
- बदायूं न्यूज़---- जनपद बदायूं के जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बगैर चढ़ावा के नहीं होता उपचार एसएनसीयू वार्ड के हर स्टाफ को हर शिफ्ट में नवजात की मां-बाप से पैसों की रहती है डिमांड एसएनसीयू वार्ड में प्राइवेट अस्पताल से ज्यादा महंगा हो गया है बच्चों का उपचार करना कागजों में हर समय बच्चों के बेड भरे हुए दिखाए जाते हैं 2 हजार रु० देने के बाद तुरंत नवजातों को वैड़ों की व्यवस्था कर दी जाती है अगर 2 हजार पीड़ित के पास नहीं है तो बेड खाली नहीं है ऐसे कहकर टाल दिया जाता है 2 हजार देने के बाद बच्चे को भर्ती किया जाता है फिर उसके बाद में होता है खेल शुरू भर्ती नवजात के परिजनों से दुकानों से मंगाया जाता है 600 600 रु०का दूध जबकि एसएनसीयू वार्ड में सरकार द्वारा दूध और भी सभी चीजें मुफ्त में दी जाती है एसएनसीयू वार्ड में नवजात के परिजनों से चाय कॉफी और नाश्ते का सामान भी हर शिफ्ट में मंगाया जाता है हर शिफ्ट के कर्मचारियों को अलग-अलग पैसे नहीं दिए तो परिजनों को डराया और धमकाया जाता है और परिजनों से कहा जाता है कि बच्चे की हालात सीरियस है रेफर करना पड़ेगा कल देर रात भी ऐसा ही एक वाकया सामने आया है 9 दिसंबर को भर्ती हुए एक नवजात के परिजनों से पैसों की हुई थी डिमांड डिमांड पूरी नहीं होने पर नवजात का नहीं किया गया उपचार 1500 रु० की डिमांड नवजात के परिवार वाले नहीं कर पाए पूरी नवजात को दूध पिलाते समय उसके मुंह से निकलने लगा खून मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर का रहने वाला हरवीर ने अपने नवजात को 9 दिसंबर को कराया था एसएनसीयू वार्ड में भर्ती हरवीर की पत्नी रिया ने दिया था दूसरे बच्चे को प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म 9 दिसंबर को जन्म होने के बाद नवजात की हालत थी बेहद नाजुक डॉक्टरों की सलाह पर उसे 9 दिसंबर की शाम को कराया गया था एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात की नानी मुन्नी देवी गांव सिसौरा थाना कादरचौक की रहने वाली है वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रही और रोती रही मगर स्टाफ पैसों की डिमांड करता रहा जिला महिला अस्पताल में दूसरी मंजिल पर 12 बच्चों को भर्ती करने की एसएनसीयू वार्ड में है व्यवस्था हर भर्ती नवजात के परिजनों से की जाती है वार्ड में पैसों की डिमांड4