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- पत्रकारिता करते करते आज छत्तीसगढ़ के पेंड्रा पहुंच गया, फुर्सत के पल में नई रेलवे लाइन को जांचने पहुंचा,1
- बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास जी की निर्मम हत्या के विरोध में हजारीबाग में ऐतिहासिक शांतिपूर्ण आक्रोश रैली विधायक प्रदीप प्रसाद ने मानवता, न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए बुलंद की आवाज़ बांग्लादेश में निर्दोष नागरिक दीपू चंद्र दास जी की निर्मम हत्या के विरोध में सोमवार को हजारीबाग में एक भव्य, अनुशासित एवं शांतिपूर्ण आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में हजारीबाग विधायक प्रदीप प्रसाद सक्रिय रूप से शामिल हुए। रैली बुढ़वा महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर झंडा चौक तक शांतिपूर्ण ढंग से निकाली गई, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की। रैली के माध्यम से हजारीबागवासियों ने एक स्वर में अन्याय, हिंसा और निर्दोष हत्या के विरुद्ध अपना आक्रोश व्यक्त किया तथा मानवता, शांति और न्याय के पक्ष में सशक्त संदेश दिया। हाथों में तख्तियाँ और मुखर नारों के साथ नागरिकों ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति की हत्या न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सभ्य समाज के मूल्यों पर भी सीधा आघात है। इस अवसर पर विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि निर्दोष व्यक्ति की हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाना केवल एक विरोध नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है। मानवता के मूल्यों की रक्षा, शांति की स्थापना और पीड़ित परिवार के साथ एकजुटता दिखाना हर संवेदनशील नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक समाज में अन्याय के विरुद्ध संघर्ष सदैव शांतिपूर्ण, संवैधानिक और संगठित तरीके से होना चाहिए। विधायक ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं संबंधित प्रशासन से मांग की कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को शीघ्र चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। पूरी रैली के दौरान शांति, अनुशासन और सामाजिक सौहार्द का वातावरण बना रहा। यह आक्रोश रैली न केवल विरोध का प्रतीक बनी, बल्कि मानवता, न्याय और नैतिक मूल्यों के प्रति हजारीबाग की जागरूकता और प्रतिबद्धता को भी मजबूती से प्रदर्शित करती रही। इस भव्य मसाल जुलूस में भाजपा जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष टुन्नू गोप, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य केपी ओझा, हरिश श्रीवास्तव, सुदेश चन्द्रवंशी, महिला जिला अध्यक्ष साझी राणा,उपाध्यक्ष विनोद झुनझुन वाला, आंनद देव, रेणुका साहु, दमोदर सिहं, भाजपा वरिष्ठ नेता दिनेश सिहं राठौर, नरेन्द्र कुमार,जिलामंत्री कुणाल दुबे, जयनारायण प्रसाद, सुमन कुमार पप्पु, युवा मौर्चा जिला अध्यक्ष राजकरण पाण्डेय, मंदीप यादव, मंडल अध्यक्ष प्रकाश कुशवाहा, रणधीर पाण्डेय, कृष्णा मेहता, अरूण राणा, अनील मेहता, कुलदीप कृष्णा, विवेक वरियार, मनोज श्रीवास्तव, श्री प्रकाश झा, बलराम शर्मा, कटकमसांडी विधायक प्रतिनिधि सुमन राय, रंजीत राम, रामअवतार शर्मा, कौलेश्वर रजक, विनोद सिहं, अशोक राणा, उप प्रमुख विमल गुप्ता, मुखिया राजेश गुप्ता, कृष्णा साहु, दिलीप यादव, पिन्टु साहु, बिरजू रवि, बजरंगी ठाकुर अनिल कुशवाहा अजीत चंद्रवंशी, महेंद्र बिहारी, सैयद तनवीर अहमद, जयप्रकाश गुप्ता, दिलीप प्रसाद, अविनाश कसेरा, मनोरमा राणा, रीना भट्ट, सपना देवी, रतन सिंहा, हेमंती कुमारी, फुलवा देवी, ज्योत्सना देवी, नेहा आलम, अशोक राणा, प्रकाश कुमार कुशवाहा, सुरेश साव, विनोद सिंह, जितेंद्र जैन, राजू सिंह, अनिल मेहता, महावीर सिंह, अशोक अग्रवाल, जीवन मेहता, शशि कुमार, शिवपाल यादव, अरुण राना, उमेश मेहता, रणजीत राम, सुबोध सिंह, राजेश ठाकुर, राजेश यादव, विजय गिरी, पवन गिरी सहित हजारों लोग शामिल हुए।1
- गुरुआ में शुरू हुई 9 कुंडीय यज्ञ1
- झारखंड स्वास्थ्य व्यवस्था 'ऑल टाइम लो' परः हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने1
- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के आरोप, अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ी ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर कथित अत्याचार और हमलों को लेकर एक बार फिर चिंता गहराती जा रही है। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू समुदाय के घरों, मंदिरों और संपत्तियों को निशाना बनाए जाने के आरोप सामने आए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ इलाकों में धार्मिक आयोजनों के दौरान तनाव की स्थिति बनी, जिसके बाद हिंसा, तोड़फोड़ और डराने-धमकाने की घटनाएं होने का दावा किया गया। प्रभावित परिवारों का कहना है कि वे असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं और कई लोग पलायन पर भी विचार कर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इन घटनाओं को गंभीर बताते हुए बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बांग्लादेश सरकार का कहना है कि वह सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जहां भी कानून-व्यवस्था भंग हुई है, वहां कार्रवाई की जा रही है। भारत सहित कई देशों में इन घटनाओं को लेकर चिंता जताई गई है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी घटना से पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है। फिलहाल, सच्चाई तक पहुंचने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो रही है, ताकि दोषियों को सजा मिले और बांग्लादेश में सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाल हो सके।1
- बिहार के स्कूल में टीचर और रसोइया कर्मी के बीच जबरदस्त झोंटा झोंटी, क्या हो गया है हमारे देश को??1
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- *रांची रेलवे स्टेशन पर मिला तीन माह का नवजात — आरपीएफ ने दिखाई मानवता, बचाई मासूम की जान* राजधानी रांची रेलवे स्टेशन पर मानवीय संवेदनशीलता का एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला। शनिवार देर रात रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने कड़ाके की ठंड में एक तीन माह के नवजात शिशु को सुरक्षित बरामद किया। बच्चे को किसी ने स्टेशन परिसर में ओवरब्रिज के नीचे लावारिस हालत में छोड़ दिया था। आरपीएफ की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से उस मासूम की जान बच गई। आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर लगातार सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई गई है। इसी दौरान एएसआई अरुण कुमार और महिला कांस्टेबल राखी कुमारी प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर गश्त कर रहे थे, जब उन्होंने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। जांच करने पर ओवरब्रिज के नीचे एक तीन माह का बालक ठंड में लिपटा हुआ मिला। तुरंत महिला पुलिसकर्मी राखी कुमारी ने शिशु को गोद में उठाया और उसे जीआरपी पोस्ट लाया गया, जहां प्राथमिक जांच और सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए गए। शिशु की पहचान नहीं हो सकी आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने यात्रियों और आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन शिशु के परिजनों का कोई1