आरा से संजय श्रीवास्तव स्लग। मोहम्मद रफी की याद में व्यू पॉइंट के द्वारा हुआ आयोजित कार्यक्रम एंकर। मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की 44वीं पुण्यतिथि के अवसर पर व्यू प्वाइंट के तत्वावधान में नागरी प्रचारिणी सभागार में फिल्म संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 'तुम मुझे यूं भुला न पाओगे...' कार्यक्रम में स्थानीत लगभग दर्जनभर कलाकारों ने मो. रफी और लता मंगेशकर के गाए डेढ़ दर्जन से अधिक गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजकुमार, इकबाल इल्मी, धर्मेन्द्र कुमार, सुनीता पांडेय और रमेश कुमार ने दीप जलाकर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राजाराम शर्मा ने तुम ने यूं भुला न पाओगे... गीत गाकर किया। तदोपरांत ऋषिका शर्मा ने तेरी आंखों के सिवा दुनिया..., रमेश कुमार ने बड़ी दूर से आए हैं..., मो. नौशाद ने यहां मैं अजनबी हूं...., अलका शरण ने ईश्वर अल्लाह तेरे नाम..., कुमार अनुपम ने दर्दे दिल दर्दे जिगर दिल में जगाया.., राजकुमार ने दोनों ने किया था प्यार मगर..., मो. युसूफ ने मोहब्बत के सुहाने दिन..., मो.मनव्वर अंसारी ने मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, धर्मेन्द्र कुमार ने दिल का सुना साज, शमशाद 'प्रेम' ने किसी ने कहा है मेरे दोस्तों...गीत को प्रस्तुत किया। वहीं अम्बे शरण और धर्मेन्द्र सिंह ने ये दिल तुम बिन कहीं लगता..., ऋषिक शर्मा व पीहु शर्मा ने बार-बार देखो हजार बार देखो..., संजना सिंह व धर्मेन्द्र सिंह ने बाहों में तेरी मस्ती के झूले..., सुनीता पांडेय व नवीन पांडेय ने यूं ही तुम मुझ से बात करती हो..., रमेश कुमार और शमशाद प्रेम' ने बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा गाकर श्रोताओं को खूब झुमाया। धर्मेन्द्र कुमार, शमशाद प्रेम' और रमेश कुमारने मेरे देश प्रेमियों आपस और में प्रेम करो... गाकर कार्यक्रम का समापन किया। मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक संस्कृतिकर्मी शमशाद 'प्रेम' ने कहा कि मो. रफी महज एक अच्छे गायक ही नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। उन्होने संगीत के क्षेत्र में जिस मकाम को हासिल किया, वह बहुत कम लोगों को मिला। एक बड़े कलाकार होने का उनमे थोड़ा सा भी घमंड नहीं था। उन्होंने अपने दौर के लगभग सभी अभिनेताओं के लिए गीत गाए। इस आयोजन को सफल बनाने में इकबाल इल्मी, धर्मेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, राजकुमार आदि की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोगों में डा.विभा कुमारी, डा.सिद्धनाथ सागर, डा. रीता शर्मा, कावेरी मोहन, डा. संगीता सिंह, धर्म कुमार, शौकत, मो.रफी आदि थे।
आरा से संजय श्रीवास्तव स्लग। मोहम्मद रफी की याद में व्यू पॉइंट के द्वारा हुआ आयोजित कार्यक्रम एंकर। मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की 44वीं पुण्यतिथि के अवसर पर व्यू प्वाइंट के तत्वावधान में नागरी प्रचारिणी सभागार में फिल्म संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 'तुम मुझे यूं भुला न पाओगे...' कार्यक्रम में स्थानीत लगभग दर्जनभर कलाकारों ने मो. रफी और लता मंगेशकर के गाए डेढ़ दर्जन से अधिक गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजकुमार, इकबाल इल्मी, धर्मेन्द्र कुमार, सुनीता पांडेय और रमेश कुमार ने दीप जलाकर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राजाराम शर्मा ने तुम ने यूं भुला न पाओगे... गीत गाकर किया। तदोपरांत ऋषिका शर्मा ने तेरी आंखों के सिवा दुनिया..., रमेश कुमार ने बड़ी दूर से आए हैं..., मो. नौशाद ने यहां मैं अजनबी हूं...., अलका शरण ने ईश्वर अल्लाह तेरे नाम..., कुमार अनुपम ने दर्दे दिल दर्दे जिगर दिल में जगाया.., राजकुमार ने दोनों ने किया था प्यार मगर..., मो. युसूफ ने मोहब्बत के सुहाने दिन..., मो.मनव्वर अंसारी ने मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, धर्मेन्द्र कुमार ने दिल का सुना साज, शमशाद 'प्रेम' ने किसी ने कहा है मेरे दोस्तों...गीत को प्रस्तुत किया। वहीं अम्बे शरण और धर्मेन्द्र सिंह ने ये दिल तुम बिन कहीं लगता..., ऋषिक शर्मा व पीहु शर्मा ने बार-बार देखो हजार बार देखो..., संजना सिंह व धर्मेन्द्र सिंह ने बाहों में तेरी मस्ती के झूले..., सुनीता पांडेय व नवीन पांडेय ने यूं ही तुम मुझ से बात करती हो..., रमेश कुमार और शमशाद प्रेम' ने बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा गाकर श्रोताओं को खूब झुमाया। धर्मेन्द्र कुमार, शमशाद प्रेम' और रमेश कुमारने मेरे देश प्रेमियों आपस और में प्रेम करो... गाकर कार्यक्रम का समापन किया। मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक संस्कृतिकर्मी शमशाद 'प्रेम' ने कहा कि मो. रफी महज एक अच्छे गायक ही नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। उन्होने संगीत के क्षेत्र में जिस मकाम को हासिल किया, वह बहुत कम लोगों को मिला। एक बड़े कलाकार होने का उनमे थोड़ा सा भी घमंड नहीं था। उन्होंने अपने दौर के लगभग सभी अभिनेताओं के लिए गीत गाए। इस आयोजन को सफल बनाने में इकबाल इल्मी, धर्मेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, राजकुमार आदि की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोगों में डा.विभा कुमारी, डा.सिद्धनाथ सागर, डा. रीता शर्मा, कावेरी मोहन, डा. संगीता सिंह, धर्म कुमार, शौकत, मो.रफी आदि थे।
- RRRaja Ram SharmaArrah, BhojpurBahut achchha Sanjay ji11 min ago
- RKRaja KumarSamastipur, Bihar32 min ago
- SMShreya music WorldBiharbahoot Sundar sir ji🙏🙏🙏56 min ago
- आरा से संजय श्रीवास्तव स्लग। मोहम्मद रफी की याद में व्यू पॉइंट के द्वारा हुआ आयोजित कार्यक्रम एंकर। मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की 44वीं पुण्यतिथि के अवसर पर व्यू प्वाइंट के तत्वावधान में नागरी प्रचारिणी सभागार में फिल्म संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 'तुम मुझे यूं भुला न पाओगे...' कार्यक्रम में स्थानीत लगभग दर्जनभर कलाकारों ने मो. रफी और लता मंगेशकर के गाए डेढ़ दर्जन से अधिक गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजकुमार, इकबाल इल्मी, धर्मेन्द्र कुमार, सुनीता पांडेय और रमेश कुमार ने दीप जलाकर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राजाराम शर्मा ने तुम ने यूं भुला न पाओगे... गीत गाकर किया। तदोपरांत ऋषिका शर्मा ने तेरी आंखों के सिवा दुनिया..., रमेश कुमार ने बड़ी दूर से आए हैं..., मो. नौशाद ने यहां मैं अजनबी हूं...., अलका शरण ने ईश्वर अल्लाह तेरे नाम..., कुमार अनुपम ने दर्दे दिल दर्दे जिगर दिल में जगाया.., राजकुमार ने दोनों ने किया था प्यार मगर..., मो. युसूफ ने मोहब्बत के सुहाने दिन..., मो.मनव्वर अंसारी ने मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, धर्मेन्द्र कुमार ने दिल का सुना साज, शमशाद 'प्रेम' ने किसी ने कहा है मेरे दोस्तों...गीत को प्रस्तुत किया। वहीं अम्बे शरण और धर्मेन्द्र सिंह ने ये दिल तुम बिन कहीं लगता..., ऋषिक शर्मा व पीहु शर्मा ने बार-बार देखो हजार बार देखो..., संजना सिंह व धर्मेन्द्र सिंह ने बाहों में तेरी मस्ती के झूले..., सुनीता पांडेय व नवीन पांडेय ने यूं ही तुम मुझ से बात करती हो..., रमेश कुमार और शमशाद प्रेम' ने बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा गाकर श्रोताओं को खूब झुमाया। धर्मेन्द्र कुमार, शमशाद प्रेम' और रमेश कुमारने मेरे देश प्रेमियों आपस और में प्रेम करो... गाकर कार्यक्रम का समापन किया। मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक संस्कृतिकर्मी शमशाद 'प्रेम' ने कहा कि मो. रफी महज एक अच्छे गायक ही नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। उन्होने संगीत के क्षेत्र में जिस मकाम को हासिल किया, वह बहुत कम लोगों को मिला। एक बड़े कलाकार होने का उनमे थोड़ा सा भी घमंड नहीं था। उन्होंने अपने दौर के लगभग सभी अभिनेताओं के लिए गीत गाए। इस आयोजन को सफल बनाने में इकबाल इल्मी, धर्मेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, राजकुमार आदि की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोगों में डा.विभा कुमारी, डा.सिद्धनाथ सागर, डा. रीता शर्मा, कावेरी मोहन, डा. संगीता सिंह, धर्म कुमार, शौकत, मो.रफी आदि थे।1
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