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मथुरा उत्तर प्रदेश
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मथुरा उत्तर प्रदेश
- फैजान खानभMahoba, Uttar Pradesh😡on 13 August
- फैजान खानभMahoba, Uttar Pradesh😡on 13 August
More news from Chhatarpur and nearby areas
- नौगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 वर्षीय नाबालिक बच्ची ने मृत नवजात शिशु को दिया जन्म शहर में बना चर्चा का विषय पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है1
- हरिद्वार – रुड़की इलाके में पॉपुलर के पेड़ पर चढ़ा तेंदुआ (लेपर्ड) वहीं फंस गया। वो करीब 4 घंटे तक उल्टा लटका रहा। आखिरकार पेड़ काटकर नीचे गिराया गया, तब तेंदुआ निकल सका।1
- मौदहा में शीत लहर के बीच प्रशासन का मानवीय प्रयास कंबल वितरण से मिली राहत मौदहा नगर में ठंड के बढ़ते प्रकोप और लगातार चल रही शीत लहर को देखते हुए प्रशासन द्वारा गरीब व असहायक लोगों के लिए कंबल वितरण अभियान चलाया गया भीषण सर्दी के बीच यह पहेल जरूरतमंदों के लिए राहत बनकर सामने आए जिसकी स्थानीय स्तर पर जमकर सराहना की जा रही है कंबल वितरण का आयोजन कस्बे के प्रमुख स्थान बड़ा चौराहा, मलीकुआ चौराहा, रेलवे स्टेशन सहित अन्य इलाकों में किया गया देर शाम तक प्रशासनिक अधिकारी स्वयंम मौके पर पहुंचकर गरीब और असहाय लोगों के पास जाकर कंबल वितरित करते रहे गर्म कंबल प्रकार जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान देखने को मिली इस मानवीय कार्य में उप जिला अधिकारी कर्मवीर सिंह, तहसीलदार शेखर मिश्रा, नायब तहसीलदार महेंद्र गुप्ता, तथा मौदहा लेखपाल अवनीश कुमार मौजूद रहे1
- अंधविश्वास की 'रोटी' और जहर का तड़का: पन्ना में एक ही परिवार के 5 लोग हुए फूड पॉइजनिंग का शिकार! अंधविश्वास की जड़ें समाज में कितनी गहरी हैं, इसकी एक खौफनाक तस्वीर सामने आई है मध्य प्रदेश के पन्ना से। यहाँ एक ही परिवार के पांच लोग मौत के मुँह में जाते-जाते बचे। मामला धरमपुर जमुनिया गांव का है, जहाँ रात के खाने में 'कुदवा की रोटी' और 'चने की भाजी' खाना एक परिवार को भारी पड़ गया। खाना खाते ही राजकुमार, हरिराम, रिंकी, अनामिका और छोटे आदिवासी को तेज उल्टियाँ और चक्कर आने लगे। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि चीख-पुकार मचने के बाद परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय पूरी रात घर पर झाड़फूंक करवाते रहे। जब हालत नाजुक हो गई और झाड़फूंक काम नहीं आई, तब ग्रामीणों की मदद से उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुन्नौर ले जाया गया। डॉक्टरों ने इसे गंभीर फूड पॉइजनिंग बताया है। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को आज दिन रविवार दिनांक 21 दिसम्बर को करीब 3 बजे जिला अस्पताल पन्ना रेफर कर दिया गया है। फिलहाल डॉक्टर उनकी जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। यह घटना सबक है कि बीमारी में दुआ और झाड़फूंक नहीं, बल्कि सही समय पर डॉक्टरी इलाज ही जान बचा सकता है।4
- थाना पलेरा में विश्व ध्यान दिवस पर उत्साहपूर्वक ध्यान कार्यक्रम आयोजित पलेरा: विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर थाना पलेरा में बड़े उत्साहपूर्वक ध्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पलेरा ब्लॉक ध्यान केंद्र (हार्टफुलनेस) के अभ्यासी जयहिंद यादव (शिक्षा विभाग), श्रीमती अभिषेक चंद्रा बगवार एवं दिनेश कुमार विश्वकर्मा शिक्षा विभाग द्वारा उपस्थित पुलिसकर्मियों को ध्यान की प्रक्रिया तथा ध्यान से होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक लाभों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बताया गया कि नियमित ध्यान से मानसिक तनाव कम होता है, एकाग्रता बढ़ती है तथा व्यक्ति शांत और आनंदमय जीवन व्यतीत कर सकता है। थाना प्रभारी मनोज सोनी ने ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ध्यान के माध्यम से हम अपनी इच्छाशक्ति को सशक्त बनाकर मानसिक और शारीरिक संतुलन प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि हार्टफुलनेस संस्था द्वारा प्रत्येक रविवार को पलेरा में सामूहिक ध्यान केंद्र का शुभारंभ किया गया है, जिसमें सभी नागरिक भाग लेकर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में शांति, संतुलन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना। थाना प्रभारी द्वारा फीता काटकर सामूहिक ध्यान केंद्र का थाना परिसर मे शुभारंभ किया गया थाना परिसर में अभ्यासी के रूप में बृजेंद्र अहिरवार रमाशंकर कुशवाहा को नियुक्त किया गया जानकारी के अनुसार हार्टफुलनेस ध्यान केंद्र द्वारा विश्व के 166 देश में ध्यान केंद्र बनाए गए हैं आज विश्व के 166 देशों द्वारा एक साथ आध्यात्मिक ध्यान किया गया। हमारे भारत देश में विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र तेलंगाना राज्य के कन्हा शांति बनम में स्थित है4
- क्रांतिकारियों के द्रोणाचार्य पंडित गेंदालाल दीक्षित की पुण्यतिथि पर वर्णिता ने किये श्रद्धासुमन अर्पित हमीरपुर। देशभक्तों की देश के प्रति भूमिका के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत सुमेरपुर कस्बे में संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने क्रांतिकारियों के द्रोणाचार्य पंडित गेंदालाल दीक्षित की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि गेंदालाल दीक्षित वास्तव में मातृभूमि के सच्चे रखवाले थे। देश की आजादी के संघर्ष में इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इनका आगरा की बांह तहसील के मई गांव में पंडित भोलानाथ दीक्षित के घर 30 नवंबर 1888 को जन्म हुआ था। ये तीन वर्ष के थे, तभी इनकी मां का निधन हो गया था। इन्होंने मैट्रीकुलेशन के बाद औरैया के डीएवी कालेज में अध्यापकी की। प्रारम्भ से ही ये देशसेवी सोच के थे। इन्होंने देश को दासता से मुक्ति दिलाने की दिशा में शिवाजी समिति के माध्यम से डाकुओं को एकजुट कर गोरों से मोर्चा लिया। मातृवेदी संस्था के द्वारा युवा क्रांतिकारियों में बिस्मिल, अशफाक और रोशन सिंह जैसे सरफरोश तैयार किये। इस नाते ये क्रांतिकारियों के द्रोणाचार्य कहलाये। कालांतर में इन्हें गिरफ्तार कर आगरा और मैनपुरी जिले में रखा गया। ये जेल से फरार होकर अनेक स्थानों के बाद दिल्ली चले गये। आगे चलकर 21 दिसम्बर 1920 को इनका निधन हो गया। इस कार्यक्रम में अशोक अवस्थी, सिद्धा, प्रेम, सागर, प्रिन्स, रिचा, महावीर प्रजापति, फूलचंद, रामनरायन सोनकर, रामबाबू, अजय, विकास, सतेन्द्र, राहुल प्रजापति आदि शामिल रहे।1
- पन्ना गुनौर विधानसभा में विकास को मिलेगी नई रफ्तार विधायक डॉ. राजेश वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुनी जनसमस्याएं1
- नौगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 वर्षीय नाबालिक बच्ची ने मृत नवजात शिशु को दिया जन्म शहर में बना चर्चा का विषय पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है ।1