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उन्नाव व्यूरो रिपोर्ट उन्नाव जिले में विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया 151 मीटर लंबा तिरंगा मुख्य आकर्षण रहा ।

on 13 August
user_द कहर न्यूज़ एजेंसी
द कहर न्यूज़ एजेंसी
Journalist Unnao, Uttar Pradesh•
on 13 August

उन्नाव व्यूरो रिपोर्ट उन्नाव जिले में विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया 151 मीटर लंबा तिरंगा मुख्य आकर्षण रहा ।

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  • 🚀 भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि 🚀 ISRO के LVM3-M6 मिशन की सफल लॉन्चिंग के साथ भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है इस मिशन के तहत भारत की धरती से अब तक का सबसे भारी उपग्रह, अमेरिका का BlueBird Block-2, सफलतापूर्वक अपनी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया 🚀 इससे भारत की हेवी-लिफ्ट लॉन्च क्षमता और मजबूत हुई 🚀 वैश्विक कमर्शियल लॉन्च मार्केट में भारत की भूमिका और सशक्त हुई 🚀 आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम 🚀 अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई भारत अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है 🌌 *तो मोबाइल नेटवर्क के लिए नहीं लगेंगे टावर?: जानें कैसे इतिहास रचने वाला है इसरो का 101वां मिशन, ये क्यों खास* इसरो का साल का आखिरी मिशन क्या है? कैसे भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि बनेगा? जिस मिशन का भारत ने बीड़ा उठाया है, वह सैटेलाइट क्यों खास है? कैसे इसरो की मदद से आने वाले समय में अमेरिकी कंपनी मोबाइल नेटवर्क का पूरा स्वरूप बदल सकती है और स्टारलिंक जैसी कंपनियों के लिए चुनौती बन सकती है? आइये जानते हैं... भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) इस साल के अपने आखिरी मिशन में इतिहास रचने जा रहा है। 24 दिसंबर (बुधवार) को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अमेरिका की कंपनी एएसटी स्पेस मोबाइल के एक अहम सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए काउंटडाउन भी शुरू हो गया। एलवीएम3-एम6 मिशन के जरिए अमेरिकी कंपनी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाना है। अगर यह मिशन सफल होता है तो भारत से लेकर पूरी दुनिया के लिए यह अहम मौका बनेगा। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर इसरो का ये मिशन क्या है? कैसे भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि बनेगा? जिस मिशन का भारत ने बीड़ा उठाया है, वह सैटेलाइट क्यों खास है? कैसे इसरो की मदद से आने वाले समय में अमेरिकी कंपनी मोबाइल नेटवर्क का पूरा स्वरूप बदल सकती है और स्टारलिंक जैसी कंपनियों के लिए चुनौती बन सकती है? आइये जानते हैं... पहले जानें- क्या है इसरो का मिशन, क्या इतिहास बनाने की तैयारी? इसरो के इस मिशन का नाम एलवीएम3-एम6 ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 (LVM3-M6 / BlueBird Block-2) है। यह पूरी तरह से कॉमर्शियल लॉन्चिंग है। यह मिशन अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 संचार उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा यानी लोअर अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए है। इसरो इसकी लॉन्चिंग के लिए अपने एलवीएम3 रॉकेट का इस्तेमाल करेगा, जो कि इस लॉन्च व्हीकल की छठवीं उड़ान होगी और वाणिज्यिक मिशन के लिए तीसरी। भारत के इस लॉन्च व्हीकल को पहले ही इसकी क्षमताओं के लिए 'बाहुबली' नाम दिया जा चुका है। कैसे भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बनेगा यह मिशन? भारत के लिए यह एक अहम मिशन है, क्योंकि लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट की छठी उड़ान सफल होने से कमर्शियल स्पेस सेक्टर में भारत की पकड़ और मजबूत होगी। ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह का वजन लगभग 6,500 किलोग्राम है। भारतीय लॉन्च व्हीकल अगर इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देता है तो यह पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार उपग्रह होगा। भारत अपने एलवीएम3 लॉन्च व्हीकल के जरिए चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वैश्विक स्तर पर सैटेलाइट इंटरनेट मुहैया कराने वाली- वन वेब के सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। वन वेब मिशन में इसरो ने एलवीएम से दो बार में कुल 72 सैटेलाइट्स पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित की थीं। मिशन में शामिल सैटेलाइट क्यों खास, दुनिया को क्या हासिल होगा? 1. बिना टावर की रेंज में आए भी मिलता रहेगा सिग्नल ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह एक अगली पीढ़ी (नेक्स्ट जेन) की प्रणाली का हिस्सा है। अगर यह उपग्रह सही कक्षा में स्थापित हो जाता है और कंपनी के परीक्षण सफल होते हैं तो इसके जरिए 4जी और 5जी स्मार्टफोन पर सीधे सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। उपभोक्ता को किसी अतिरिक्त एंटीना या कस्टमाइज्ड हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी। फिलहाल सेलफोन को 4जी या 5जी नेटवर्क हासिल करने के लिए मोबाइल टावर की जरूरत होती है, लेकिन इस उपग्रह के सफल होने के बाद टावर का काम खत्म हो सकता है। ISRO: अमेरिका की आधुनिक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा इसरो, 24 दिसंबर को लॉन्च होगा मिशन 2. दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच चूंकि उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के साथ कुछ सबसे दूरस्थ स्थानों जैसे हिमालय, महासागरों और रेगिस्तानों तक मोबाइल सेवा पहुंचा सकता है, ऐसे में इन क्षेत्रों में 4जी-5जी नेटवर्क सुविधा पहुंचाना आसान हो जाएगा। इससे वैश्विक स्तर पर डिजिटल असमानता को कम भी किया जा सकता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों, खुले पानी और उड़ानों के दौरान नेटवर्क कवरेज की खामियों को खत्म कर सकता है। आमतौर पर इन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और यहां पहुंच न होने की वजह से पारंपरिक सेल्युलर नेटवर्क यहां फेल हो जाते हैं। इतना ही नहीं आपदा की स्थिति में जब टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर तूफान, बाढ़, भूकंप, भूस्खलन या दूसरी प्राकृतिक आपदाओं में तबाह हो जाते हैं, तब भी सैटेलाइट नेटवर्क बेहतर रहता है। इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेश यूनियन डाटा के मुताबिक, 2025 तक दुनियाभर में 200 करोड़ लोग अब भी इंटरनेट या नेटवर्क कवरेज के बिना रहने को मजबूर हैं। 3. बेहतर स्पीड और क्षमता इस उपग्रह को 5,600 से ज्यादा व्यक्तिगत सिग्नल सेल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह 120 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड तक की अधिकतम गति (पीक स्पीड) मुहैया कराने में सक्षम है। यह स्पीड वॉइस कॉलिंग, मैसेजिंग, तेज डाटा ट्रांसफर और बिना रुकावट की वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए काफी है। ISRO: अमेरिका की आधुनिक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा इसरो, 24 दिसंबर को लॉन्च होगा मिशन लॉन्च सफल हुआ तो आगे क्या संभावनाएं? अगर इसरो इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देता है तो इसके आगे सैटेलाइट कंपनी ऑपरेशनल टेस्टिंग को अंजाम देगी। इसके बाद वैश्विक सेवाओं की शुरुआत होगी और अलग-अलग देशों से लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। 1. परीक्षण का चरण लॉन्च के सफल होने और उपग्रह के स्थापित होने के बाद उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में टेस्ट किया जाएगा। सबसे पहले उपग्रह अपने एंटीना को खोलेगा, जो कि 223 वर्ग मीटर (2400 वर्ग फीट) का होगा। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार एंटीना होगा, जिससे बड़े क्षेत्र में डायरेक्ट सिग्नल मुहैया कराए जा सकेंगे। उपग्रह का सही स्थिति में संचालन शुरू होने के बाद वाणिज्यिक सेवाएं शुरू होने से पहले इसका परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए कुछ मोबाइल नेटवर्क पहले से तय किए गए हैं। 2. नेटवर्क फैलाने की शुरुआत कंपनी सबसे पहले अमेरिका में चुनिंदा मोबाइल हैंडसेट में यह सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य रख रही है। हालांकि, बाद में अलग-अलग देशों के नियामकों से मंजूरी मिलने के बाद इसे वैश्विक स्तर पर लॉन्च किया जा सकता है।
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    🚀 भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि 🚀
ISRO के LVM3-M6 मिशन की सफल लॉन्चिंग के साथ भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है
इस मिशन के तहत भारत की धरती से अब तक का सबसे भारी उपग्रह, अमेरिका का BlueBird Block-2, सफलतापूर्वक अपनी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया
🚀 इससे भारत की हेवी-लिफ्ट लॉन्च क्षमता और मजबूत हुई
🚀 वैश्विक कमर्शियल लॉन्च मार्केट में भारत की भूमिका और सशक्त हुई
🚀 आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
🚀 अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई
भारत अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है 🌌
*तो मोबाइल नेटवर्क के लिए नहीं लगेंगे टावर?: जानें कैसे इतिहास रचने वाला है इसरो का 101वां मिशन, ये क्यों खास*
इसरो का साल का आखिरी मिशन क्या है? कैसे भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि बनेगा? जिस मिशन का भारत ने बीड़ा उठाया है, वह सैटेलाइट क्यों खास है? कैसे इसरो की मदद से आने वाले समय में अमेरिकी कंपनी मोबाइल नेटवर्क का पूरा स्वरूप बदल सकती है और स्टारलिंक जैसी कंपनियों के लिए चुनौती बन सकती है? आइये जानते हैं...
भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) इस साल के अपने आखिरी मिशन में इतिहास रचने जा रहा है। 24 दिसंबर (बुधवार) को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अमेरिका की कंपनी एएसटी स्पेस मोबाइल के एक अहम सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए काउंटडाउन भी शुरू हो गया। एलवीएम3-एम6 मिशन के जरिए अमेरिकी कंपनी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाना है। अगर यह मिशन सफल होता है तो भारत से लेकर पूरी दुनिया के लिए यह अहम मौका बनेगा।  
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर इसरो का ये मिशन क्या है? कैसे भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि बनेगा? जिस मिशन का भारत ने बीड़ा उठाया है, वह सैटेलाइट क्यों खास है? कैसे इसरो की मदद से आने वाले समय में अमेरिकी कंपनी मोबाइल नेटवर्क का पूरा स्वरूप बदल सकती है और स्टारलिंक जैसी कंपनियों के लिए चुनौती बन सकती है? आइये जानते हैं...
पहले जानें- क्या है इसरो का मिशन, क्या इतिहास बनाने की तैयारी?
इसरो के इस मिशन का नाम एलवीएम3-एम6 ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 (LVM3-M6 / BlueBird Block-2) है। यह पूरी तरह से कॉमर्शियल लॉन्चिंग है। यह मिशन अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 संचार उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा यानी लोअर अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए है। इसरो इसकी लॉन्चिंग के लिए अपने एलवीएम3 रॉकेट का इस्तेमाल करेगा, जो कि इस लॉन्च व्हीकल की छठवीं उड़ान होगी और वाणिज्यिक मिशन के लिए तीसरी। भारत के इस लॉन्च व्हीकल को पहले ही इसकी क्षमताओं के लिए 'बाहुबली' नाम दिया जा चुका है। 
कैसे भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बनेगा यह मिशन?
भारत के लिए यह एक अहम मिशन है, क्योंकि लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट की छठी उड़ान सफल होने से कमर्शियल स्पेस सेक्टर में भारत की पकड़ और मजबूत होगी। ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह का वजन लगभग 6,500 किलोग्राम है। भारतीय लॉन्च व्हीकल अगर इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देता है तो यह पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार उपग्रह होगा।
भारत अपने एलवीएम3 लॉन्च व्हीकल के जरिए चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वैश्विक स्तर पर सैटेलाइट इंटरनेट मुहैया कराने वाली- वन वेब के सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। वन वेब मिशन में इसरो ने एलवीएम से दो बार में कुल 72 सैटेलाइट्स पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित की थीं। 
मिशन में शामिल सैटेलाइट क्यों खास, दुनिया को क्या हासिल होगा?
1. बिना टावर की रेंज में आए भी मिलता रहेगा सिग्नल
ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह एक अगली पीढ़ी (नेक्स्ट जेन) की प्रणाली का हिस्सा है। अगर यह उपग्रह सही कक्षा में स्थापित हो जाता है और कंपनी के परीक्षण सफल होते हैं तो इसके जरिए 4जी और 5जी स्मार्टफोन पर सीधे सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। उपभोक्ता को किसी अतिरिक्त एंटीना या कस्टमाइज्ड हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी। फिलहाल सेलफोन को 4जी या 5जी नेटवर्क हासिल करने के लिए मोबाइल टावर की जरूरत होती है, लेकिन इस उपग्रह के सफल होने के बाद टावर का काम खत्म हो सकता है। 
ISRO: अमेरिका की आधुनिक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा इसरो, 24 दिसंबर को लॉन्च होगा मिशन
2. दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच
चूंकि उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के साथ कुछ सबसे दूरस्थ स्थानों जैसे हिमालय, महासागरों और रेगिस्तानों तक मोबाइल सेवा पहुंचा सकता है, ऐसे में इन क्षेत्रों में 4जी-5जी नेटवर्क सुविधा पहुंचाना आसान हो जाएगा। इससे वैश्विक स्तर पर डिजिटल असमानता को कम भी किया जा सकता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों, खुले पानी और उड़ानों के दौरान नेटवर्क कवरेज की खामियों को खत्म कर सकता है। आमतौर पर इन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और यहां पहुंच न होने की वजह से पारंपरिक सेल्युलर नेटवर्क यहां फेल हो जाते हैं। इतना ही नहीं आपदा की स्थिति में जब टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर तूफान, बाढ़, भूकंप, भूस्खलन या दूसरी प्राकृतिक आपदाओं में तबाह हो जाते हैं, तब भी सैटेलाइट नेटवर्क बेहतर रहता है। इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेश यूनियन डाटा के मुताबिक, 2025 तक दुनियाभर में 200 करोड़ लोग अब भी इंटरनेट या नेटवर्क कवरेज के बिना रहने को मजबूर हैं।  
3. बेहतर स्पीड और क्षमता 
इस उपग्रह को 5,600 से ज्यादा व्यक्तिगत सिग्नल सेल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह 120 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड तक की अधिकतम गति (पीक स्पीड) मुहैया कराने में सक्षम है। यह स्पीड वॉइस कॉलिंग, मैसेजिंग, तेज डाटा ट्रांसफर और बिना रुकावट की वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए काफी है।
ISRO: अमेरिका की आधुनिक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा इसरो, 24 दिसंबर को लॉन्च होगा मिशन
लॉन्च सफल हुआ तो आगे क्या संभावनाएं?
अगर इसरो इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देता है तो इसके आगे सैटेलाइट कंपनी ऑपरेशनल टेस्टिंग को अंजाम देगी। इसके बाद वैश्विक सेवाओं की शुरुआत होगी और अलग-अलग देशों से लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। 
1. परीक्षण का चरण
लॉन्च के सफल होने और उपग्रह के स्थापित होने के बाद उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में टेस्ट किया जाएगा। सबसे पहले उपग्रह अपने एंटीना को खोलेगा, जो कि 223 वर्ग मीटर (2400 वर्ग फीट) का होगा। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार एंटीना होगा, जिससे बड़े क्षेत्र में डायरेक्ट सिग्नल मुहैया कराए जा सकेंगे। उपग्रह का सही स्थिति में संचालन शुरू होने के बाद वाणिज्यिक सेवाएं शुरू होने से पहले इसका परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए कुछ मोबाइल नेटवर्क पहले से तय किए गए हैं।
2. नेटवर्क फैलाने की शुरुआत
कंपनी सबसे पहले अमेरिका में चुनिंदा मोबाइल हैंडसेट में यह सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य रख रही है। हालांकि, बाद में अलग-अलग देशों के नियामकों से मंजूरी मिलने के बाद इसे वैश्विक स्तर पर लॉन्च किया जा सकता है।
    user_Mamta singh Up beuro chief namo TV live
    Mamta singh Up beuro chief namo TV live
    Journalist Sarojani Nagar, Lucknow•
    4 hrs ago
  • जय गंगे मैय्या
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    जय गंगे मैय्या
    user_G B music
    G B music
    Sadar, Kolkata•
    1 hr ago
  • दुबग्गा कूल कॉर्नर पर खाने में मिले कीड़े-मकोड़े लखनऊ। दुबग्गा स्थित मशहूर कूल कॉर्नर (पूड़ी वाले) पर खाने में कीड़े-मकोड़े मिलने का गंभीर आरोप सामने आया है। बताया जा रहा है कि लोग यहां अच्छी क्वालिटी और स्वादिष्ट भोजन की उम्मीद में पहुंचते हैं, लेकिन परोसे गए खाने में मरे हुए कीड़े-मकोड़े मिलने से ग्राहकों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, आए दिन बड़े और फेमस होटलों व खाने-पीने की जगहों पर ऐसी लापरवाही सामने आ रही है। इसके बावजूद फूड विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे जांच-पड़ताल कर ऐसे प्रतिष्ठानों को लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। लोगों का आरोप है कि महंगे दामों पर थाली परोसने वाले इस कूल कॉर्नर में साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा, जिससे लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ग्राहकों ने फूड विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की है और लोगों को सतर्क रहने की अपील की है कि दुबग्गा कूल कॉर्नर पर खाने से पहले सावधानी बरतें।
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    दुबग्गा कूल कॉर्नर पर खाने में मिले कीड़े-मकोड़े
लखनऊ। दुबग्गा स्थित मशहूर कूल कॉर्नर (पूड़ी वाले) पर खाने में कीड़े-मकोड़े मिलने का गंभीर आरोप सामने आया है। 
बताया जा रहा है कि लोग यहां अच्छी क्वालिटी और स्वादिष्ट भोजन की उम्मीद में पहुंचते हैं, लेकिन परोसे गए खाने में मरे हुए कीड़े-मकोड़े मिलने से ग्राहकों में आक्रोश है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, आए दिन बड़े और फेमस होटलों व खाने-पीने की जगहों पर ऐसी लापरवाही सामने आ रही है।
इसके बावजूद फूड विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे जांच-पड़ताल कर ऐसे प्रतिष्ठानों को लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।
लोगों का आरोप है कि महंगे दामों पर थाली परोसने वाले इस कूल कॉर्नर में साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा, जिससे लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
ग्राहकों ने फूड विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की है और लोगों को सतर्क रहने की अपील की है कि दुबग्गा कूल कॉर्नर पर खाने से पहले सावधानी बरतें।
    user_#MAA ANANDI NEWS (Anurag Dwivedi)
    #MAA ANANDI NEWS (Anurag Dwivedi)
    Media company Lucknow, Uttar Pradesh•
    2 hrs ago
  • ब्रेकिंग न्यूज लखनऊ थाना बाजार खाला क्षेत्र में तेज रफ्तार कहर। गुलजार नगर चौकी क्षेत्र में तेज रफ्तार कार जा घुसी डिवाइडर बलीनो कार गुलजार नगर चौकी के पास टकराई डिवाइडर से नशे में धुत्त है कार चालक । कार की इतनी जोरदार डिवाइडर में हुई टक्कर की कार के खुले एयरबैग। बाजार खाला थाना क्षेत्र में नशे ने धुत्त होकर चला रहे थे कार बालबाल बचा बड़ा हादशा । गुलजार नगर चौकी के ऐशबाग स्टेशन के पास डिवाइडर से टकराई कार
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    ब्रेकिंग न्यूज लखनऊ
थाना बाजार खाला क्षेत्र में तेज रफ्तार कहर।
गुलजार नगर चौकी क्षेत्र में तेज रफ्तार कार जा घुसी डिवाइडर
बलीनो कार गुलजार नगर चौकी के पास टकराई डिवाइडर से नशे में धुत्त है कार चालक ।
कार की इतनी जोरदार डिवाइडर में हुई टक्कर की कार के खुले एयरबैग।
बाजार खाला थाना क्षेत्र में नशे ने धुत्त होकर चला रहे थे कार बालबाल बचा बड़ा हादशा ।
गुलजार नगर चौकी के ऐशबाग स्टेशन के पास डिवाइडर से टकराई कार
    user_Sonu Pal
    Sonu Pal
    Journalist Lucknow, Uttar Pradesh•
    4 hrs ago
  • छत्तीसगढ़ में हथियारबंद भीड़ ने चर्चों में तोड़फोड़ की, प्रेयर हॉल को आग लगा दी, एक ASP समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए, और एक ईसाई आदमी के घर में आग लगा दी।
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    छत्तीसगढ़ में हथियारबंद भीड़ ने चर्चों में तोड़फोड़ की, प्रेयर हॉल को आग लगा दी, एक ASP समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए, और एक ईसाई आदमी के घर में आग लगा दी।
    user_MAKKI TV NEWS
    MAKKI TV NEWS
    Journalist Sadar, Lucknow•
    6 hrs ago
  • विलेज जमीना दरियाबाद बाराबंकी उत्तर प्रदेश का यह लड़का गायब हो गया है जिस किसी को भी पता लगे तुरंत दिए हुए नंबरों पर फोन करें उचिति नाम दिया जाएगा
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    विलेज जमीना दरियाबाद बाराबंकी उत्तर प्रदेश का यह लड़का गायब हो गया है जिस किसी को भी पता लगे तुरंत दिए हुए नंबरों पर फोन करें उचिति नाम दिया जाएगा
    user_Harsha Media Lucknow
    Harsha Media Lucknow
    Journalist सदर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश•
    9 hrs ago
  • अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करने आयी आशा बहुओ को चारबाग स्टेशन पर रोका गया सरकारी उपेक्षा के विरोध मे प्रदेश भर से आज आशा बहू राजधानी लखनऊ मे प्रदर्शन करने के लिए आयी जहाँ चारबाग स्टेशन में ही उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया हालकि इतनी ठिठुरती ठंडी मे कोई अलाव वगैरह का प्रबंध नहीं था, वहाँ व्याप्त गंदगी में आशा बहुये बैठी थी, सरकारी उपेक्षा की शिकार बहुओं ने अपनी व्यथा बताई जिस पर सरकार को संज्ञान मे लेना घाहिये,
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    अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करने आयी आशा बहुओ को चारबाग स्टेशन पर रोका गया
सरकारी उपेक्षा के विरोध मे प्रदेश भर से आज आशा बहू राजधानी लखनऊ मे प्रदर्शन करने के लिए आयी जहाँ चारबाग स्टेशन में ही उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया हालकि इतनी ठिठुरती ठंडी मे कोई अलाव वगैरह का प्रबंध नहीं था, वहाँ व्याप्त गंदगी में आशा बहुये  बैठी थी, सरकारी उपेक्षा की  शिकार बहुओं ने अपनी व्यथा बताई जिस पर सरकार को संज्ञान मे लेना घाहिये,
    user_Mamta singh Up beuro chief namo TV live
    Mamta singh Up beuro chief namo TV live
    Journalist Sarojani Nagar, Lucknow•
    23 hrs ago
  • Lko Big Breaking यूपी CM योगी आदित्यनाथ का विधानसभा में बड़ा बयान बोले जो भी अपराधी होगा बचने नहीं पाएगा!!
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    Lko Big Breaking 
यूपी CM योगी आदित्यनाथ का विधानसभा में बड़ा बयान बोले जो भी अपराधी होगा बचने नहीं पाएगा!!
    user_#MAA ANANDI NEWS (Anurag Dwivedi)
    #MAA ANANDI NEWS (Anurag Dwivedi)
    Media company Lucknow, Uttar Pradesh•
    2 hrs ago
  • *गांजे का वीडियो वायरल, फिर भी जानकीपुरम पुलिस मौन* *लखनऊ।* जानकीपुरम थाना क्षेत्र में अवैध गांजा बिक्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बावजूद पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वायरल वीडियो में खुलेआम गांजा बेचे जाने का दावा किया जा रहा है, जिससे इलाके में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि संबंधित स्थान पर लंबे समय से अवैध गांजे का कारोबार चल रहा है, जिसकी जानकारी पुलिस को कई बार दी गई, लेकिन न तो छापेमारी हुई और न ही किसी की गिरफ्तारी। वीडियो के सामने आने के बाद भी पुलिस की चुप्पी संदेह को और गहरा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, गांजा बिक्री का यह धंधा दिनदहाड़े चल रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। लोगों में नाराज़गी है कि वायरल सबूत होने के बावजूद कार्रवाई न होना कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है। अब देखना यह है कि उच्चाधिकारी इस मामले का संज्ञान लेते हैं या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
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    *गांजे का वीडियो वायरल, फिर भी जानकीपुरम पुलिस मौन*
*लखनऊ।* जानकीपुरम थाना क्षेत्र में अवैध गांजा बिक्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बावजूद पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वायरल वीडियो में खुलेआम गांजा बेचे जाने का दावा किया जा रहा है, जिससे इलाके में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि संबंधित स्थान पर लंबे समय से अवैध गांजे का कारोबार चल रहा है, जिसकी जानकारी पुलिस को कई बार दी गई, लेकिन न तो छापेमारी हुई और न ही किसी की गिरफ्तारी। वीडियो के सामने आने के बाद भी पुलिस की चुप्पी संदेह को और गहरा कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, गांजा बिक्री का यह धंधा दिनदहाड़े चल रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। लोगों में नाराज़गी है कि वायरल सबूत होने के बावजूद कार्रवाई न होना कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
अब देखना यह है कि उच्चाधिकारी इस मामले का संज्ञान लेते हैं या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
    user_Sonu Pal
    Sonu Pal
    Journalist Lucknow, Uttar Pradesh•
    4 hrs ago
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