Shuru
Apke Nagar Ki App…
बूथ लूटने वाले Tejaswi Yadav को चुनावी पारदर्शिता पर बोलने का कोई हक नहीं #viral #viralreels #bihar
Patna politics
बूथ लूटने वाले Tejaswi Yadav को चुनावी पारदर्शिता पर बोलने का कोई हक नहीं #viral #viralreels #bihar
More news from बिहार and nearby areas
- Post by Abodh Kumar1
- सीतामढ़ी: डुमरा प्रखंड के वार्ड नंबर 12 में बीती रात भीषण अगलगी, पंच पप्पू बैठा समेत तीन घर खाक. 5 बकरी और स्कूटी जलकर राख 🔥 डुमरा प्रखंड के परोहा पंचायत वार्ड नंबर 12 में पंच पप्पू बैठा सत्येंद्र बैठा और बैजू शाह के तीन घर जल गए हैं। #exposesitamarhi #sitamarhi #justice #fireworks #NewsUpdate1
- ट्रक पलट जाने से मचा हरकंप सुप्पी सीतामढ़ी बिहार1
- Hamare nitish ji sarkar ki kitani achhi soch hai1
- Post by Shivlala Kumar1
- *महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2025 से 08 मार्च 2026 तक बाल विवाह को समाप्त कराने बालिकाओं एवं महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु चलाया जा रहा है विशेष जागरूकता अभियान।* (रवि कुमार भार्गव संपादक दैनिक अयोध्या टाइम्स बिहार) किशनगंज 24 दिसंबर 2025 किशनगंज:-महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2025 से 08 मार्च 2026 तक बाल विवाह को समाप्त कराने बालिकाओं एवं महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु पूरे देश में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, उक्त के आलोक में किशनगंज ज़िले में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान चलाने हेतु चरणबद्ध रूप से कार्ययोजना जिला पदाधिकारी महोदय, किशनगंज के द्वारा बनाया गया है। बाल विवाह जैसे कुरीतियों को समाप्त करने हेतु किशनगंज ज़िले के सभी उच्च विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम चलायी जा रही है। जिला पदाधिकारी, किशनगंज ने बताया कि हमारे देश में लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित है। इसके बावजूद आज भी हमारे समाज में बाल विवाह जैसी कुप्रथा देखने को मिलती है। बाल विवाह बच्चों के बचपन, शिक्षा और सपनों को छीन लेता है। विशेषकर लड़कियों के लिए यह बहुत ही घातक सिद्ध होता है। कम उम्र में विवाह से उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ती हैं और वे अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। बाल विवाह का मुख्य कारण अशिक्षा, गरीबी, सामाजिक दबाव और पुरानी परंपराएँ हैं। लेकिन हमें यह समझना होगा कि परंपराएँ वही अच्छी होती हैं जो समाज को आगे बढ़ाएँ, न कि उसे पीछे धकेलें।भारत सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं, फिर भी जब तक समाज जागरूक नहीं होगा, तब तक इस कुप्रथा को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता।हम सभी का कर्तव्य है कि हम बाल विवाह के खिलाफ आवाज़ उठाएँ, बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाएँ और अपने आसपास होने वाले बाल विवाह को रोकने में सहयोग करें। आइए हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम न केवल स्वयं बाल विवाह का विरोध करेंगे, बल्कि दूसरों को भी इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करेंगे।3
- Post by Santosh kumar1
- Post by Shivlala Kumar1