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Santosh kumar
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- Post by Santosh kumar1
- आज भी लोग सवाल कर रहे हैं— कौन है आशुतोष कुमार और कौन है आलोक कुमार? और भाजपा के लिए उनकी क्या भूमिका रही है? और भाजपा की भूमिका उनके लिए कितनी रही?? आलोक कुमार वही हैं, जिन्होंने आख़िरी बार भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए ही भाषण दिए थे— पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर, हरसिद्धि और केसरिया विधानसभा क्षेत्र में। आशुतोष कुमार, आलोक कुमार के बड़े भाई हैं, जिन्हें भाजपा ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान फायर ब्रांड नेता के रूप में आगे रखा। कभी रवि किशन, कभी मनोज तिवारी, कभी विजय सिंह, कभी सम्राट चौधरी, कभी गिरिराज सिंह, कभी ललन सिंह, कभी बाबूलाल शौर्य के मंच से— आशुतोष कुमार पूरे चुनाव भर भाजपा के लिए प्रचार करते रहे। आज आलोक कुमार की हत्या हो चुकी है, और आशुतोष कुमार लाचार खड़े हैं— जबकि भाजपा की सरकार बिहार में भी है और केंद्र में भी। तो सवाल सीधा है— 👉 न्याय क्यों नहीं मिल पा रहा? 👉 और आखिर न्याय करेगा कौन? पूरा वीडियो देखें और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। जय सियाराम। #JusticeForAlokKumar #आलोक_कुमार_को_न्याय #AshutoshKumar #पूर्वी_चंपारण #कल्याणपुर #हरसिद्धि #केसरिया #भाजपा_स्टार_प्रचारक #रवि_किशन #मनोज_तिवारी #सम्राट_चौधरी #गिरिराज_सिंह #ललन_सिंह #बाबूलाल_शौर्य #बिहार_राजनीति #चुनावी_हकीकत #निष्पक्ष_ख़बरें_अब_तक_बिहार #Ankesh_Thakur1
- *महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2025 से 08 मार्च 2026 तक बाल विवाह को समाप्त कराने बालिकाओं एवं महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु चलाया जा रहा है विशेष जागरूकता अभियान।* (रवि कुमार भार्गव संपादक दैनिक अयोध्या टाइम्स बिहार) किशनगंज 24 दिसंबर 2025 किशनगंज:-महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2025 से 08 मार्च 2026 तक बाल विवाह को समाप्त कराने बालिकाओं एवं महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु पूरे देश में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, उक्त के आलोक में किशनगंज ज़िले में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान चलाने हेतु चरणबद्ध रूप से कार्ययोजना जिला पदाधिकारी महोदय, किशनगंज के द्वारा बनाया गया है। बाल विवाह जैसे कुरीतियों को समाप्त करने हेतु किशनगंज ज़िले के सभी उच्च विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम चलायी जा रही है। जिला पदाधिकारी, किशनगंज ने बताया कि हमारे देश में लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित है। इसके बावजूद आज भी हमारे समाज में बाल विवाह जैसी कुप्रथा देखने को मिलती है। बाल विवाह बच्चों के बचपन, शिक्षा और सपनों को छीन लेता है। विशेषकर लड़कियों के लिए यह बहुत ही घातक सिद्ध होता है। कम उम्र में विवाह से उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ती हैं और वे अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। बाल विवाह का मुख्य कारण अशिक्षा, गरीबी, सामाजिक दबाव और पुरानी परंपराएँ हैं। लेकिन हमें यह समझना होगा कि परंपराएँ वही अच्छी होती हैं जो समाज को आगे बढ़ाएँ, न कि उसे पीछे धकेलें।भारत सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं, फिर भी जब तक समाज जागरूक नहीं होगा, तब तक इस कुप्रथा को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता।हम सभी का कर्तव्य है कि हम बाल विवाह के खिलाफ आवाज़ उठाएँ, बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाएँ और अपने आसपास होने वाले बाल विवाह को रोकने में सहयोग करें। आइए हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम न केवल स्वयं बाल विवाह का विरोध करेंगे, बल्कि दूसरों को भी इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करेंगे।3
- थावे वाली माता का 51 लाख का मुकुट चो री।। #thawemandirvideo #viralvideo #viralreels #trendingreelsvideo1
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- Post by Shivlala Kumar1
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- Post by Santosh kumar1