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दबंग सचिव की गुंडागर्दी सरकारी जमीन पर कब्जा कर ग्रामीणों को दी जान से मारने की धमकी उमरिया/ जिले के मानपुर तहसील अंतर्गत ग्राम बड़छड़ में एक पंचायत सचिव की दबंगई और भ्रष्टाचार का रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। अपनी शक्ति और पद के मद में चूर ग्राम पंचायत भरौली के सचिव रमेश्वर तिवारी पर ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने और विरोध करने पर ग्रामीणों को लाठी-डंडों से डराने-धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। सरकारी जमीन पर बन रहा निजी किला ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए शिकायती पत्र के अनुसार, खसरा नंबर 2200/1 की सरकारी भूमि पर सचिव ने नवंबर 2025 से ही अपनी गिद्ध दृष्टि जमा ली थी। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन का उपयोग गांव के लोग पिछले 50 वर्षों से खेती-किसानी के लिए कर रहे थे, वहां अब सचिव ने अवैध रूप से मकान निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यह केवल जमीन का विवाद नहीं है, बल्कि एक सरकारी लोक सेवक द्वारा अपने पद का सरेआम दुरुपयोग है। सचिव ने न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं, बल्कि ग्रामीणों के पुश्तैनी अधिकारों का भी हनन किया है। खेत में आए तो मार दिए जाओगे इस मामले में जब गरीब ग्रामीणों ने अपनी रोजी-रोटी और हक के लिए आवाज उठाई, तो उन्हें न्याय के बजाय धमकियां मिलीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सचिव और उनके गुर्गे लाठी-डंडे लेकर लोगों को खेतों में जाने से रोकते हैं। महिलाओं और किसानों को सरेआम अपमानित किया जा रहा है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे परिवार को रामेश्वर तिवारी से जान का खतरा है। क्या सो रहा है प्रशासन? ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। शिकायती पत्र पर गांव के दर्जनों लोगों शीला बाई कोल, उमा बाई, शकुन कोल, आदि के हस्ताक्षर इस बात का प्रमाण हैं कि पूरा गांव इस अन्याय के खिलाफ खड़ा है। ग्रामीणों की मांग है कि सचिव द्वारा किए गए अवैध कब्जे को तत्काल बुलडोजर चलाकर ढहाया जाए। सरकारी पद का दुरुपयोग करने के आरोप में सचिव पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे निर्भय होकर अपने खेतों में जा सकें। यह मामला प्रदेश प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है। यदि रक्षक ही भक्षक बन जाएगा, तो आम जनता कहां जाएगी, ग्राम बड़छड़ के निवासी अब कलेक्टर के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

1 hr ago
user_Neeraj Singh Raghuvanshi
Neeraj Singh Raghuvanshi
Umaria•
1 hr ago

दबंग सचिव की गुंडागर्दी सरकारी जमीन पर कब्जा कर ग्रामीणों को दी जान से मारने की धमकी उमरिया/ जिले के मानपुर तहसील अंतर्गत ग्राम बड़छड़ में एक पंचायत सचिव की दबंगई और भ्रष्टाचार का रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। अपनी शक्ति और पद के मद में चूर ग्राम पंचायत भरौली के सचिव रमेश्वर तिवारी पर ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने और विरोध करने पर ग्रामीणों को लाठी-डंडों से डराने-धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। सरकारी जमीन पर बन रहा निजी किला ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए शिकायती पत्र के अनुसार, खसरा नंबर 2200/1 की सरकारी भूमि पर सचिव ने नवंबर 2025 से ही अपनी गिद्ध दृष्टि जमा ली थी। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन का उपयोग गांव के लोग पिछले 50 वर्षों से खेती-किसानी के लिए कर रहे थे, वहां अब सचिव ने अवैध रूप से मकान निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यह केवल जमीन का विवाद नहीं है, बल्कि एक सरकारी लोक सेवक द्वारा अपने पद का सरेआम दुरुपयोग है। सचिव ने न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं, बल्कि ग्रामीणों के पुश्तैनी अधिकारों का भी हनन किया है। खेत में आए तो मार दिए जाओगे इस मामले में जब गरीब ग्रामीणों ने अपनी रोजी-रोटी और हक के लिए आवाज उठाई, तो उन्हें न्याय के बजाय धमकियां मिलीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सचिव और उनके गुर्गे लाठी-डंडे लेकर लोगों को खेतों में जाने से रोकते हैं। महिलाओं और किसानों को सरेआम अपमानित किया जा रहा है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे परिवार को रामेश्वर तिवारी से जान का खतरा है। क्या सो रहा है प्रशासन? ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। शिकायती पत्र पर गांव के दर्जनों लोगों शीला बाई कोल, उमा बाई, शकुन कोल, आदि के हस्ताक्षर इस बात का प्रमाण हैं कि पूरा गांव इस अन्याय के खिलाफ खड़ा है। ग्रामीणों की मांग है कि सचिव द्वारा किए गए अवैध कब्जे को तत्काल बुलडोजर चलाकर ढहाया जाए। सरकारी पद का दुरुपयोग करने के आरोप में सचिव पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे निर्भय होकर अपने खेतों में जा सकें। यह मामला प्रदेश प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है। यदि रक्षक ही भक्षक बन जाएगा, तो आम जनता कहां जाएगी, ग्राम बड़छड़ के निवासी अब कलेक्टर के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

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  • 🔴 RDVV में NSUI का अनोखा प्रदर्शन: कार्यपरिषद बैठक के दौरान उड़ाए गए तोते, कुलगुरु पर गंभीर आरोप 》 जबलपुर | विशेष रिपोर्ट 》 जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में शुक्रवार को उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने कुलगुरु के खिलाफ अनोखे और प्रतीकात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। कार्यपरिषद (Executive Council) की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तोतों को उड़ाकर प्रशासन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया। --- 🕊️ प्रतीकात्मक विरोध: “तोते उड़ाकर जताया आक्रोश” एनएसयूआई का कहना है कि यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय को “अयोग्य नेतृत्व के चंगुल से मुक्त कराने” का प्रतीक है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुलगुरु नियमों और शैक्षणिक मानकों का पालन नहीं कर रहे, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। 》 कार्यपरिषद की बैठक में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को मौके पर मौजूद पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज होकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने बैठक के दौरान तोतों को पिंजरे से निकालकर उड़ा दिया, जिसके बाद परिसर में जमकर नारेबाजी हुई। --- 🚔 पुलिस मौजूदगी में हुआ प्रदर्शन घटना के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्य भवन में ताला लगाकर छात्रों और कार्यकर्ताओं को अंदर जाने से रोका, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। 》 छात्रों का कहना है कि यह कदम उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है। --- 🎓 शैक्षणिक अव्यवस्थाओं के गंभीर आरोप एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख हैं: विश्वविद्यालय में प्रशासनिक निरंकुशता छात्र सुविधाओं में लगातार कटौती प्रशासनिक खर्चों में अनावश्यक वृद्धि शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट 》 संगठन के अनुसार, वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली निरंकुश हो गई है, जिसका सीधा असर छात्रों और संस्थान की साख पर पड़ा है। --- 💻 तकनीकी पाठ्यक्रम केवल “औपचारिकता”? एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विधानसभा में तकनीकी पाठ्यक्रमों को लेकर भ्रामक जानकारी दी गई। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि: बीसीए, एमसीए और बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों में ❌ पर्याप्त कंप्यूटर ❌ जरूरी सॉफ्टवेयर ❌ आधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि ऐसे में ये पाठ्यक्रम सिर्फ कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गए हैं। --- 📉 परीक्षा और परिणाम प्रणाली पर सवाल विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए गए। एनएसयूआई के अनुसार: स्वीकृत पदों की तुलना में बहुत कम नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पा रहीं परिणाम महीनों तक लंबित रहते हैं इसका सीधा असर छात्रों के अगले सत्र, प्रवेश, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार पर पड़ रहा है। --- ⚠️ आंदोलन तेज करने की चेतावनी प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलगुरु और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही छात्र हितों की अनदेखी और प्रशासनिक मनमानी पर रोक नहीं लगी, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सचिन रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। --- ✍️ निष्कर्ष RDVV में हुआ यह अनोखा प्रदर्शन न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्र संगठन अब प्रतीकात्मक और रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज उठाने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है। --- 📍 रिपोर्ट: सच तक पत्रिका न्यूज़ 🖊️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर
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    🔴 RDVV में NSUI का अनोखा प्रदर्शन: कार्यपरिषद बैठक के दौरान उड़ाए गए तोते, कुलगुरु पर गंभीर आरोप
》
जबलपुर | विशेष रिपोर्ट
》
जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में शुक्रवार को उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने कुलगुरु के खिलाफ अनोखे और प्रतीकात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यपरिषद (Executive Council) की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तोतों को उड़ाकर प्रशासन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया।
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🕊️ प्रतीकात्मक विरोध: “तोते उड़ाकर जताया आक्रोश”
एनएसयूआई का कहना है कि यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय को “अयोग्य नेतृत्व के चंगुल से मुक्त कराने” का प्रतीक है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुलगुरु नियमों और शैक्षणिक मानकों का पालन नहीं कर रहे, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
》
कार्यपरिषद की बैठक में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को मौके पर मौजूद पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज होकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने बैठक के दौरान तोतों को पिंजरे से निकालकर उड़ा दिया, जिसके बाद परिसर में जमकर नारेबाजी हुई।
---
🚔 पुलिस मौजूदगी में हुआ प्रदर्शन
घटना के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात रहा।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्य भवन में ताला लगाकर छात्रों और कार्यकर्ताओं को अंदर जाने से रोका, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।
》
छात्रों का कहना है कि यह कदम उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है।
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🎓 शैक्षणिक अव्यवस्थाओं के गंभीर आरोप
एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख हैं:
विश्वविद्यालय में प्रशासनिक निरंकुशता
छात्र सुविधाओं में लगातार कटौती
प्रशासनिक खर्चों में अनावश्यक वृद्धि
शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट
》
संगठन के अनुसार, वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली निरंकुश हो गई है, जिसका सीधा असर छात्रों और संस्थान की साख पर पड़ा है।
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💻 तकनीकी पाठ्यक्रम केवल “औपचारिकता”?
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विधानसभा में तकनीकी पाठ्यक्रमों को लेकर भ्रामक जानकारी दी गई।
जबकि जमीनी हकीकत यह है कि:
बीसीए, एमसीए और बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों में
❌ पर्याप्त कंप्यूटर
❌ जरूरी सॉफ्टवेयर
❌ आधुनिक प्रयोगशालाएं
उपलब्ध नहीं हैं।
छात्रों का कहना है कि ऐसे में ये पाठ्यक्रम सिर्फ कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गए हैं।
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📉 परीक्षा और परिणाम प्रणाली पर सवाल
विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए गए।
एनएसयूआई के अनुसार:
स्वीकृत पदों की तुलना में बहुत कम नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं
परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पा रहीं
परिणाम महीनों तक लंबित रहते हैं
इसका सीधा असर छात्रों के अगले सत्र, प्रवेश, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार पर पड़ रहा है।
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⚠️ आंदोलन तेज करने की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलगुरु और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही छात्र हितों की अनदेखी और प्रशासनिक मनमानी पर रोक नहीं लगी, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सचिन रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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✍️ निष्कर्ष
RDVV में हुआ यह अनोखा प्रदर्शन न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्र संगठन अब प्रतीकात्मक और रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज उठाने लगे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है।
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📍 रिपोर्ट: सच तक पत्रिका न्यूज़
🖊️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर
    user_Deepak Vishwakarma
    Deepak Vishwakarma
    Journalist Jabalpur•
    2 hrs ago
  • अंकुर त्रिवेदी के खिलाफ सड़कों पर विद्यालय की छात्र गुंडा जैसे नारे के साथ पन्ना जिले में रोड परABVP के कार्यकर्ताओं और वैष्णो माता महाविद्यालय के संचालक अंकुर त्रिवेदी नकल के नाम पर पैसा लेता न देने बालो पर मार -पीट करवाता
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    अंकुर त्रिवेदी के खिलाफ सड़कों पर विद्यालय की छात्र गुंडा जैसे नारे के साथ पन्ना जिले में रोड परABVP के कार्यकर्ताओं और वैष्णो माता महाविद्यालय के संचालक अंकुर त्रिवेदी नकल के नाम पर पैसा लेता न देने बालो पर मार -पीट करवाता
    user_User4288
    User4288
    Panna•
    4 hrs ago
  • Post by User1204
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    Post by User1204
    user_User1204
    User1204
    Gaurella Pendra Marwahi•
    10 hrs ago
  • महात्मा गांधी रोजगार गारंटी से छेड़छाड़ का विरोध, पीर बाबा में सपा का प्रदर्शन कटनी। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने और उसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के विरोध में समाजवादी पार्टी ने पीर बाबा स्थित कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध का नेतृत्व समाजवादी पार्टी की कटनी जिला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. खान ने किया। डॉ. खान ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना गांव, खेत और गरीब मजदूरों के लिए जीवनरेखा है, लेकिन शासन द्वारा इस योजना को बंद करने या अलग-अलग नामों में बदलने से इसका वास्तविक लाभ कटनी जिले की जनता को नहीं मिल पा रहा है। खेत-मजदूर आज भी काम और मजदूरी के लिए परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार पुरानी और सफल योजनाओं को समाप्त कर नई योजनाओं की घोषणाएं कर रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस परिणाम दिखाई नहीं दे रहा। गांधीवादी सोच पर आधारित योजनाएं समाज को आत्मनिर्भर बनाती हैं, और इन्हें कमजोर करना सामाजिक न्याय के खिलाफ है। इस दौरान “गांधीवाद जिंदाबाद” के नारे लगाए गए और शासन की नीतियों को किसान-मजदूर विरोधी बताया गया। समाजवादी पार्टी ने मांग की कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को पूरी क्षमता के साथ लागू किया जाए, ताकि गांवों में रोजगार मिले, पलायन रुके और समाज सशक्त हो। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि योजना को कमजोर करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
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    महात्मा गांधी रोजगार गारंटी से छेड़छाड़ का विरोध, पीर बाबा में सपा का प्रदर्शन
कटनी। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने और उसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के विरोध में समाजवादी पार्टी ने पीर बाबा स्थित कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध का नेतृत्व समाजवादी पार्टी की कटनी जिला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. खान ने किया।
डॉ. खान ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना गांव, खेत और गरीब मजदूरों के लिए जीवनरेखा है, लेकिन शासन द्वारा इस योजना को बंद करने या अलग-अलग नामों में बदलने से इसका वास्तविक लाभ कटनी जिले की जनता को नहीं मिल पा रहा है। खेत-मजदूर आज भी काम और मजदूरी के लिए परेशान हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार पुरानी और सफल योजनाओं को समाप्त कर नई योजनाओं की घोषणाएं कर रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस परिणाम दिखाई नहीं दे रहा। गांधीवादी सोच पर आधारित योजनाएं समाज को आत्मनिर्भर बनाती हैं, और इन्हें कमजोर करना सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
इस दौरान “गांधीवाद जिंदाबाद” के नारे लगाए गए और शासन की नीतियों को किसान-मजदूर विरोधी बताया गया। समाजवादी पार्टी ने मांग की कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को पूरी क्षमता के साथ लागू किया जाए, ताकि गांवों में रोजगार मिले, पलायन रुके और समाज सशक्त हो।
पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि योजना को कमजोर करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
    user_Balkishan Namdev
    Balkishan Namdev
    Electrician Jabalpur•
    21 hrs ago
  • *खुलेआम शराब की हो रही पैकारी विभाग ने साधी चुप्पी रुद्र एसोसिएट कमपोजिट शराब दुकान टिकुरिया टोला* *सतना के टिकुरिया टोला* में संचालित रुद्र एसोसिएट कंपोजिट शराब दुकान जिन्हें अपने दुकान से शराब की बिक्री करने का अधिकार है लेकिन ज्यादा आमदनी की फिराक में ठेकेदार गांव-गांव शराब की पैकारी कर जनता को नशे की लत लगाकर उनका और उनके परिवार का जीवन बर्बाद करने में लगे हुए हैं जिसे देखने और सुनने वाला कोई नहीं है प्रशासन की मूक दर्शन बनकर बस देखती रहती है आबकारी विभाग की पूरी छूट की वजह से शासन प्रशासन का भय नहीं खुले आम चल रहा है अवैध शराब बिक्री को देखकर प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा होता है। गांव-गांव में खपाई जा रही अवैध शराब
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    *खुलेआम शराब की हो रही पैकारी विभाग ने साधी चुप्पी रुद्र एसोसिएट कमपोजिट शराब दुकान टिकुरिया टोला*
*सतना के टिकुरिया टोला* में संचालित रुद्र एसोसिएट कंपोजिट शराब दुकान जिन्हें अपने दुकान से शराब की बिक्री करने का अधिकार है लेकिन ज्यादा आमदनी की फिराक में ठेकेदार गांव-गांव शराब की पैकारी कर जनता को नशे की लत लगाकर उनका और उनके परिवार का जीवन बर्बाद करने में लगे हुए हैं जिसे देखने और सुनने वाला कोई नहीं है प्रशासन की मूक दर्शन बनकर बस देखती रहती है आबकारी विभाग की पूरी छूट की वजह से शासन प्रशासन का भय नहीं खुले आम चल रहा है अवैध शराब बिक्री को देखकर प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा होता है।
गांव-गांव में खपाई जा रही अवैध शराब
    user_Shiv Singh rajput dahiya journalist MP
    Shiv Singh rajput dahiya journalist MP
    Journalist Satna•
    23 hrs ago
  • IGNTU अमरकंटक की छात्रा ने प्रोफेसर पर लगाए गंभीर आरोप । जांच में जुटी पुलिस Anuppur police Bsp24news Anuppur news rajendragram news kotma news Bijuri news Pushaprajgarh News IGNTU Amarkatak University #anuppur #anuppurnews #bsp24news #JituPatwari #cmmohanyadav
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    IGNTU अमरकंटक की छात्रा ने प्रोफेसर पर लगाए गंभीर आरोप । जांच में जुटी पुलिस Anuppur police Bsp24news Anuppur news rajendragram news kotma news Bijuri news Pushaprajgarh News IGNTU Amarkatak University 
#anuppur 
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    user_Yahova Blessing
    Yahova Blessing
    Local News Reporter Mandla•
    2 hrs ago
  • rewa
    1
    rewa
    user_Rajendra
    Rajendra
    Rewa•
    21 hrs ago
  • 🔴 छत्तीसगढ़: नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, रैली में बड़ा हादसा टला — VIDEO वायरल 》 छत्तीसगढ़ में नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान निकाली गई रैली में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब सिहावा विधायक अंबिका मरकाम और पूर्व विधायक लेख राम साहू अचानक सड़क पर गिर पड़े। 》 📹 घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। --- 📌 क्या है पूरा मामला? जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ता नेशनल हेराल्ड केस के विरोध में भाजपा कार्यालय की ओर मार्च कर रहे थे। रैली के दौरान नेताओं के हाथ में बैनर था, तभी अचानक बैनर में पैर फंस गया। 》 👉 संतुलन बिगड़ने से सिहावा विधायक अंबिका मरकाम पूर्व विधायक लेख राम साहू दोनों सड़क पर गिर पड़े। --- ⚠️ बड़ा हादसा टला गनीमत रही कि गिरने से दोनों नेताओं को कोई गंभीर चोट नहीं आई। मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने तुरंत उन्हें संभाला और रैली आगे बढ़ाई गई। --- 🗣️ राजनीतिक माहौल गरम नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर पहले से ही प्रदेश में सियासी माहौल गरम है। कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि भाजपा इसे कानूनी प्रक्रिया करार दे रही है। --- 📌 वीडियो क्यों हो रहा वायरल? रैली के बीच अचानक गिरने का दृश्य वरिष्ठ नेताओं का सड़क पर गिरना सुरक्षा और अव्यवस्था पर सवाल इन्हीं वजहों से यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। --- ❓ आपकी राय क्या है? क्या ऐसे प्रदर्शनों में सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर होनी चाहिए? 》 👇 कमेंट में अपनी राय ज़रूर लिखें। --- 📰 Sach Tak Patrika News ✒️ संवाददाता दीपक विश्वकर्मा जबलपुर, : 🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”
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    🔴 छत्तीसगढ़: नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, रैली में बड़ा हादसा टला — VIDEO वायरल
》
छत्तीसगढ़ में नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया।
इस दौरान निकाली गई रैली में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब सिहावा विधायक अंबिका मरकाम और पूर्व विधायक लेख राम साहू अचानक सड़क पर गिर पड़े।
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📹 घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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📌 क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ता नेशनल हेराल्ड केस के विरोध में भाजपा कार्यालय की ओर मार्च कर रहे थे।
रैली के दौरान नेताओं के हाथ में बैनर था, तभी अचानक बैनर में पैर फंस गया।
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👉 संतुलन बिगड़ने से
सिहावा विधायक अंबिका मरकाम
पूर्व विधायक लेख राम साहू
दोनों सड़क पर गिर पड़े।
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⚠️ बड़ा हादसा टला
गनीमत रही कि गिरने से दोनों नेताओं को कोई गंभीर चोट नहीं आई।
मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने तुरंत उन्हें संभाला और रैली आगे बढ़ाई गई।
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🗣️ राजनीतिक माहौल गरम
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर पहले से ही प्रदेश में सियासी माहौल गरम है।
कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि भाजपा इसे कानूनी प्रक्रिया करार दे रही है।
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📌 वीडियो क्यों हो रहा वायरल?
रैली के बीच अचानक गिरने का दृश्य
वरिष्ठ नेताओं का सड़क पर गिरना
सुरक्षा और अव्यवस्था पर सवाल
इन्हीं वजहों से यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
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❓ आपकी राय क्या है?
क्या ऐसे प्रदर्शनों में सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर होनी चाहिए?
》
👇 कमेंट में अपनी राय ज़रूर लिखें।
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📰 Sach Tak Patrika News
✒️ संवाददाता दीपक विश्वकर्मा जबलपुर,
:
🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”
    user_Deepak Vishwakarma
    Deepak Vishwakarma
    Journalist Jabalpur•
    20 hrs ago
  • मंडला - रिहायशी इलाके में बाघ का मूवमेंट.. ग्रामीणों में दहशत का माहौल... वन विभाग ने की ग्रामीणों से सावधान और सतर्क रहने की अपील.
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    मंडला - रिहायशी इलाके में बाघ का मूवमेंट.. ग्रामीणों में दहशत का माहौल... वन विभाग ने की ग्रामीणों से सावधान और सतर्क रहने की अपील.
    user_Yahova Blessing
    Yahova Blessing
    Local News Reporter Mandla•
    3 hrs ago
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