मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूल भवनों की हालत खंडहर में तब्दील हो चुकी है तो कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है। जिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती है वहां शिक्षक शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुँचते हैं। ताजा मामला डिंडौरी विकासखंड के टिकरी पिपरी हायर सेकेंडरी स्कूल का है जहां शिक्षकों की कमी से नाराज छात्रों का आज गुस्सा फूट पड़ा और स्कूली छात्र कलेक्टर से मिलने पैदल ही डिंडौरी के लिए निकल पड़े। हम आपको बतला दें की टिकरी पिपरी गांव से डिंडौरी जिला मुख्यालय की दूरी करीब 23 किलोमीटर है और स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है की शिक्षण सत्र शुरू हुए डेढ़ महीने बीत गए हैं लेकिन अबतक उनकी पढाई भी शुरू नहीं हुई है। स्कूल में प्रिंसिपल समेत कुल दो टीचर हैं और स्कूल की दर्ज़ संख्या 350 के करीब है। प्रिंसिपल छात्रों को पढ़ाना छोड़ स्कूल के अन्य कामकाजों में व्यस्त रहते हैं और दूसरे शिक्षक अकेले नवमी और दसवीं क्लास को पढ़ाते हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर आज स्कूल के छात्र लामबंद हो गए और नारेबाजी करते हुए पैदल ही डिंडौरी के लिए निकल पड़े। स्कूली छात्रों के पैदल मार्च जानकारी लगते ही विकासखंड शिक्षाधिकारी व जिलापंचायत अध्यक्ष छात्रों से मिलने पहुंचे जबतक छात्र करीब 14 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर चुके थे। छात्रों ने जिलापंचायत अध्यक्ष से शिक्षकों की कमी के बारे में तो बताया साथ ही यह भी बताया की स्कूल में पदस्थ प्रिंसिपल व सहायक शिक्षक शराब धुत्त होकर स्कूल आते हैं और छात्राओं के साथ अभद्रता करते हैं लिहाजा जिलापंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर जनजातीय विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने प्रिंसिपल व सहायक शिक्षक को तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दे दिए हैं साथ ही स्कूल में जल्द शिक्षकों की नियुक्ति का आश्वासन भी दिया है। जिलापंचायत अध्यक्ष के आश्वासन के बाद आधे रास्ते से छात्र वापस अपने घर लौट गए हैं।
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूल भवनों की हालत खंडहर में तब्दील हो चुकी है तो कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है। जिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती है वहां शिक्षक शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुँचते हैं। ताजा मामला डिंडौरी विकासखंड के टिकरी पिपरी हायर सेकेंडरी स्कूल का है जहां शिक्षकों की कमी से नाराज छात्रों का आज गुस्सा फूट पड़ा और स्कूली छात्र कलेक्टर से मिलने पैदल ही डिंडौरी के लिए निकल पड़े। हम आपको बतला दें की टिकरी पिपरी गांव से डिंडौरी जिला मुख्यालय की दूरी करीब 23 किलोमीटर है और स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है की शिक्षण सत्र शुरू हुए डेढ़ महीने बीत गए हैं लेकिन अबतक उनकी पढाई भी शुरू नहीं हुई है। स्कूल में प्रिंसिपल समेत कुल दो टीचर हैं और स्कूल की दर्ज़ संख्या 350 के करीब है। प्रिंसिपल छात्रों को पढ़ाना छोड़ स्कूल के अन्य कामकाजों में व्यस्त रहते हैं और दूसरे शिक्षक अकेले नवमी और दसवीं क्लास को पढ़ाते हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर आज स्कूल के छात्र लामबंद हो गए और नारेबाजी करते हुए पैदल ही डिंडौरी के लिए निकल पड़े। स्कूली छात्रों के पैदल मार्च जानकारी लगते ही विकासखंड शिक्षाधिकारी व जिलापंचायत अध्यक्ष छात्रों से मिलने पहुंचे जबतक छात्र करीब 14 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर चुके थे। छात्रों ने जिलापंचायत अध्यक्ष से शिक्षकों की कमी के बारे में तो बताया साथ ही यह भी बताया की स्कूल में पदस्थ प्रिंसिपल व सहायक शिक्षक शराब धुत्त होकर स्कूल आते हैं और छात्राओं के साथ अभद्रता करते हैं लिहाजा जिलापंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर जनजातीय विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने प्रिंसिपल व सहायक शिक्षक को तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दे दिए हैं साथ ही स्कूल में जल्द शिक्षकों की नियुक्ति का आश्वासन भी दिया है। जिलापंचायत अध्यक्ष के आश्वासन के बाद आधे रास्ते से छात्र वापस अपने घर लौट गए हैं।
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- मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूल भवनों की हालत खंडहर में तब्दील हो चुकी है तो कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है। जिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती है वहां शिक्षक शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुँचते हैं। ताजा मामला डिंडौरी विकासखंड के टिकरी पिपरी हायर सेकेंडरी स्कूल का है जहां शिक्षकों की कमी से नाराज छात्रों का आज गुस्सा फूट पड़ा और स्कूली छात्र कलेक्टर से मिलने पैदल ही डिंडौरी के लिए निकल पड़े। हम आपको बतला दें की टिकरी पिपरी गांव से डिंडौरी जिला मुख्यालय की दूरी करीब 23 किलोमीटर है और स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है की शिक्षण सत्र शुरू हुए डेढ़ महीने बीत गए हैं लेकिन अबतक उनकी पढाई भी शुरू नहीं हुई है। स्कूल में प्रिंसिपल समेत कुल दो टीचर हैं और स्कूल की दर्ज़ संख्या 350 के करीब है। प्रिंसिपल छात्रों को पढ़ाना छोड़ स्कूल के अन्य कामकाजों में व्यस्त रहते हैं और दूसरे शिक्षक अकेले नवमी और दसवीं क्लास को पढ़ाते हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर आज स्कूल के छात्र लामबंद हो गए और नारेबाजी करते हुए पैदल ही डिंडौरी के लिए निकल पड़े। स्कूली छात्रों के पैदल मार्च जानकारी लगते ही विकासखंड शिक्षाधिकारी व जिलापंचायत अध्यक्ष छात्रों से मिलने पहुंचे जबतक छात्र करीब 14 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर चुके थे। छात्रों ने जिलापंचायत अध्यक्ष से शिक्षकों की कमी के बारे में तो बताया साथ ही यह भी बताया की स्कूल में पदस्थ प्रिंसिपल व सहायक शिक्षक शराब धुत्त होकर स्कूल आते हैं और छात्राओं के साथ अभद्रता करते हैं लिहाजा जिलापंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर जनजातीय विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने प्रिंसिपल व सहायक शिक्षक को तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दे दिए हैं साथ ही स्कूल में जल्द शिक्षकों की नियुक्ति का आश्वासन भी दिया है। जिलापंचायत अध्यक्ष के आश्वासन के बाद आधे रास्ते से छात्र वापस अपने घर लौट गए हैं।1
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- Post by Rahul1
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