एनटीपीसी की धूल का दंश झेलता साईं खेड़ा साईं खेड़ा वर्तमान में धूल और धूल से बनते बादलों से त्रस्त है एनटीपीसी से निकले अपशिष्ट पदार्थ (धूल) को एनटीपीसी द्वारा धूल से उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को उपयोग करने हेतु विक्रय कर दिया जाता है इस धूल को ले जाने के लिए बड़े-बड़े 18 से 22 चक्को वाले ट्रैकों का उपयोग किया जाता है इन ट्रैकों के ड्राइवर द्वारा जितना अधिक धूल कंपनियों तक पहुंचाया जाएंगा उतना अधिक लाभ प्राप्त होता है इस लाभ को प्राप्त करने के लिए ट्रक ड्राइवर असीमित गति से अपने वाहन को चलते हैं एनटीपीसी से गंतव्य स्थान तक पहुंच मार्ग में बहुत से छोटे बड़े नगर आते हैं इन्हीं नगरों में से सांई खेड़ा भी एक है जब यहां से यह धूल से भरे ट्रक गुजरते हैं तो पूरे बाजार क्षेत्र में एक धूल का गब्बर उठता है यह धूल के बादल वर्तमान में साईं खेड़ा की बड़ी समस्या बने हुए हैं जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । इस धूल से स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव प्रतिदिन धूल से भरे ट्रैकों के गुजरने से आसपास के क्षेत्र में धूल ही धूल हो जाती है जिससे आमजन को सांस लेने में दिक्कत होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे दमा या सांस लेने में तकलीफ की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है कुछ लोगों को धूल से एलर्जी भी होती है जिससे लोगों को बहुत अधिक छीके आने की समस्याएं भी होती है । यातायात भी होता है प्रभावित यह ट्रक 2-4 की संख्या में लगातार स्टेट हाईवे 44 से गुजरते हैं जिससे यातायात प्रभावित होता है तथा बहुत बार ट्रैफिक जाम की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है इस कारण आने जाने वाले यात्रियों को आवागमन में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है । दुर्घटना होने का बना रहता है खतरा लगातार तीव्र गति से चलते डंपर और ट्रैकों के कारण सदा दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है तथा रोड पर आवारा मवेशी भी घूमते हैं जो कभी-कभार इन ट्रैकों की चपेट में आकर चोटिल भी होते देखे गए हैं अनियंत्रित गति से चलने वाले इन डंपर के कारण बड़ी दुर्घटना होने की संभावनाएं सदा बनी रहती हैं । दुकान के समान पर जम जाती है धूल की मोटी परत साईं खेड़ा नगर का मुख्य बाजार स्टेट हाईवे 44 के दोनों और की दुकानें ही है तथा धूल से भरे ट्रैकों से उड़ने वाली धूल सभी दुकानों एवं घरों के सामानों पर मोटी परत के रूप में जम जाती है जो दुकानदारों के बहुत से सामान को खराब कर देती है जिससे सांई खेड़ा नगर के सभी दुकानदार तथा रोड के समीप रहने वाले निवासियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है । आमजन की इस समस्या से निजात दिलाने हेतु साईं खेड़ा वाशियो की प्रशासन से अपेक्षा है कि इस समस्या का कोई स्थाई उपाय निकले जिससे आमजन को हो रही समस्या से मुक्ति प्राप्त हो सके ।
एनटीपीसी की धूल का दंश झेलता साईं खेड़ा साईं खेड़ा वर्तमान में धूल और धूल से बनते बादलों से त्रस्त है एनटीपीसी से निकले अपशिष्ट पदार्थ (धूल) को एनटीपीसी द्वारा धूल से उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को उपयोग करने हेतु विक्रय कर दिया जाता है इस धूल को ले जाने के लिए बड़े-बड़े 18 से 22 चक्को वाले ट्रैकों का उपयोग किया जाता है इन ट्रैकों के ड्राइवर द्वारा जितना अधिक धूल कंपनियों तक पहुंचाया जाएंगा उतना अधिक लाभ प्राप्त होता है इस लाभ को प्राप्त करने के लिए ट्रक ड्राइवर असीमित गति से अपने वाहन को चलते हैं एनटीपीसी से गंतव्य स्थान तक पहुंच मार्ग में बहुत से छोटे बड़े नगर आते हैं इन्हीं नगरों में से सांई खेड़ा भी एक है जब यहां से यह धूल से भरे ट्रक गुजरते हैं तो पूरे बाजार क्षेत्र में एक धूल का गब्बर उठता है यह धूल के बादल वर्तमान में साईं खेड़ा की बड़ी समस्या बने हुए हैं जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । इस धूल से स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव प्रतिदिन धूल से भरे ट्रैकों के गुजरने से आसपास के क्षेत्र में धूल ही धूल हो जाती है जिससे आमजन को सांस लेने में दिक्कत होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे दमा या सांस लेने में तकलीफ की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है कुछ लोगों को धूल से एलर्जी भी होती है जिससे लोगों को बहुत अधिक छीके आने
की समस्याएं भी होती है । यातायात भी होता है प्रभावित यह ट्रक 2-4 की संख्या में लगातार स्टेट हाईवे 44 से गुजरते हैं जिससे यातायात प्रभावित होता है तथा बहुत बार ट्रैफिक जाम की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है इस कारण आने जाने वाले यात्रियों को आवागमन में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है । दुर्घटना होने का बना रहता है खतरा लगातार तीव्र गति से चलते डंपर और ट्रैकों के कारण सदा दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है तथा रोड पर आवारा मवेशी भी घूमते हैं जो कभी-कभार इन ट्रैकों की चपेट में आकर चोटिल भी होते देखे गए हैं अनियंत्रित गति से चलने वाले इन डंपर के कारण बड़ी दुर्घटना होने की संभावनाएं सदा बनी रहती हैं । दुकान के समान पर जम जाती है धूल की मोटी परत साईं खेड़ा नगर का मुख्य बाजार स्टेट हाईवे 44 के दोनों और की दुकानें ही है तथा धूल से भरे ट्रैकों से उड़ने वाली धूल सभी दुकानों एवं घरों के सामानों पर मोटी परत के रूप में जम जाती है जो दुकानदारों के बहुत से सामान को खराब कर देती है जिससे सांई खेड़ा नगर के सभी दुकानदार तथा रोड के समीप रहने वाले निवासियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है । आमजन की इस समस्या से निजात दिलाने हेतु साईं खेड़ा वाशियो की प्रशासन से अपेक्षा है कि इस समस्या का कोई स्थाई उपाय निकले जिससे आमजन को हो रही समस्या से मुक्ति प्राप्त हो सके ।
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- एनटीपीसी की धूल का दंश झेलता साईं खेड़ा साईं खेड़ा वर्तमान में धूल और धूल से बनते बादलों से त्रस्त है एनटीपीसी से निकले अपशिष्ट पदार्थ (धूल) को एनटीपीसी द्वारा धूल से उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को उपयोग करने हेतु विक्रय कर दिया जाता है इस धूल को ले जाने के लिए बड़े-बड़े 18 से 22 चक्को वाले ट्रैकों का उपयोग किया जाता है इन ट्रैकों के ड्राइवर द्वारा जितना अधिक धूल कंपनियों तक पहुंचाया जाएंगा उतना अधिक लाभ प्राप्त होता है इस लाभ को प्राप्त करने के लिए ट्रक ड्राइवर असीमित गति से अपने वाहन को चलते हैं एनटीपीसी से गंतव्य स्थान तक पहुंच मार्ग में बहुत से छोटे बड़े नगर आते हैं इन्हीं नगरों में से सांई खेड़ा भी एक है जब यहां से यह धूल से भरे ट्रक गुजरते हैं तो पूरे बाजार क्षेत्र में एक धूल का गब्बर उठता है यह धूल के बादल वर्तमान में साईं खेड़ा की बड़ी समस्या बने हुए हैं जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । इस धूल से स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव प्रतिदिन धूल से भरे ट्रैकों के गुजरने से आसपास के क्षेत्र में धूल ही धूल हो जाती है जिससे आमजन को सांस लेने में दिक्कत होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे दमा या सांस लेने में तकलीफ की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है कुछ लोगों को धूल से एलर्जी भी होती है जिससे लोगों को बहुत अधिक छीके आने की समस्याएं भी होती है । यातायात भी होता है प्रभावित यह ट्रक 2-4 की संख्या में लगातार स्टेट हाईवे 44 से गुजरते हैं जिससे यातायात प्रभावित होता है तथा बहुत बार ट्रैफिक जाम की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है इस कारण आने जाने वाले यात्रियों को आवागमन में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है । दुर्घटना होने का बना रहता है खतरा लगातार तीव्र गति से चलते डंपर और ट्रैकों के कारण सदा दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है तथा रोड पर आवारा मवेशी भी घूमते हैं जो कभी-कभार इन ट्रैकों की चपेट में आकर चोटिल भी होते देखे गए हैं अनियंत्रित गति से चलने वाले इन डंपर के कारण बड़ी दुर्घटना होने की संभावनाएं सदा बनी रहती हैं । दुकान के समान पर जम जाती है धूल की मोटी परत साईं खेड़ा नगर का मुख्य बाजार स्टेट हाईवे 44 के दोनों और की दुकानें ही है तथा धूल से भरे ट्रैकों से उड़ने वाली धूल सभी दुकानों एवं घरों के सामानों पर मोटी परत के रूप में जम जाती है जो दुकानदारों के बहुत से सामान को खराब कर देती है जिससे सांई खेड़ा नगर के सभी दुकानदार तथा रोड के समीप रहने वाले निवासियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है । आमजन की इस समस्या से निजात दिलाने हेतु साईं खेड़ा वाशियो की प्रशासन से अपेक्षा है कि इस समस्या का कोई स्थाई उपाय निकले जिससे आमजन को हो रही समस्या से मुक्ति प्राप्त हो सके ।2
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