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भूख के बावजूद, बचाई गई चिंपांज़ी सिट्रोन ने अपने पुराने दोस्त फिस्टन को पहचान लिया। जब उन्होंने गले लगाया, वो पल भरोसे और प्यार से भरा था। ये दिखाता है कि जानवर भी गहरी भावनाएँ महसूस करते हैं। सर्कस और कैद में उन्हें दर्द झेलना पड़ता है। ये सिर्फ गले मिलने की कहानी नहीं, बल्कि उनकी आज़ादी और सम्मान की आवाज़ है। #animallovers #viralvideos #heartmelting #animalrescue #cuteanimals #wildlifeconservation #inspiringmoments #animalsarefamily #mustwatch #emotionalmoment #viralanimals #wildlifelovers #compassioninaction
द संक्षेप
भूख के बावजूद, बचाई गई चिंपांज़ी सिट्रोन ने अपने पुराने दोस्त फिस्टन को पहचान लिया। जब उन्होंने गले लगाया, वो पल भरोसे और प्यार से भरा था। ये दिखाता है कि जानवर भी गहरी भावनाएँ महसूस करते हैं। सर्कस और कैद में उन्हें दर्द झेलना पड़ता है। ये सिर्फ गले मिलने की कहानी नहीं, बल्कि उनकी आज़ादी और सम्मान की आवाज़ है। #animallovers #viralvideos #heartmelting #animalrescue #cuteanimals #wildlifeconservation #inspiringmoments #animalsarefamily #mustwatch #emotionalmoment #viralanimals #wildlifelovers #compassioninaction
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- मैं रवि गुप्ता सूरु लोकल न्यूज़ चैनल आपका स्वागत करता हूं । सरायकेला की बेटी छवि कवि (मिश्रा) विगत दिनों अस्मक न्रिधन हो गया जो सरायकेला के लिए बहुत छती की बात है। उनके परिवार के सदस्य एवं उनके सहपाठी जो बिगद दिनों में उनके साथ खेल पढ़ाई किये । उनकी याद में 2 मिनट का मौन रखा एवं पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।3
- Post by Seema Kumari1
- लगातार लोगों को उमरह करा रहा, MEEM Tour and Travels:- 9939393786/ 9279616243/ 9508856365/ 93862200531
- सड़क हादसों में जान बचाने वालों को मिलेगा ₹25,000 का इनाम #coalcitynewz @coalcitynewz #इंडिया #भारत #मेरा_भारत #नया_भारत #डिजिटल_भारत #विकसित_भारत #India #Bharat #IncredibleIndia #NewIndia #DigitalIndia #DevelopedIndia #ProudIndian1
- झरिया के मातृ सदन में एक प्रसव के बाद महिला की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। मृतका की पहचान सोनाली कुमारी सेन (35) के रूप में हुई है, जो झरिया के खास परघा की रहने वाली थी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर कृष्ण अग्रवाल के इलाज के बावजूद महिला की जान नहीं बचाई जा सकी। परिजनों ने मीडिया को बताया कि सोनाली कुमारी सेन को दर्द होने के शनिवार की सुबह मातृ सदन में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी की बात कही थी, लेकिन प्रसव के बाद महिला की जान चली गई। इस घटना से परिजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी। मौके पर पहुंची झरिया पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। मृतका के पति रामकुमार मोदक ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतका की दो बेटियां हैं, साक्षी कुमारी (8) और गोलू कुमारी (5)। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आगे की कार्रवाई कर रही है। वह मृतका के परिजन और अस्पताल के प्रबंधक के द्वारा शनिवार की मध्य रात्रि 1:30 बजे तक वार्ता चला रहा, वहीं मृतका के देवर ने क्या कुछ कहा चलिए आपको सुनाते हैं झरिया से नयन मोदक की रिपोर्ट4
- बिजूपाड़ा कारकट चोरा के पास सड़क हादसा।1
- यें गरीब किसान अपना जमीन बचाने के लिए अपना जान लगा देना पड़ रहा है जमीन के लिए फिर भी बच जाये हाय रे हार सोना झारखंड1
- *आरपीएफ रांची द्वारा नवजात शिशु को सुरक्षित बचाया गया* कमांडेंट श्री पवन कुमार के निर्देशानुसार आरपीएफ रांची द्वारा ड्यूटी के दौरान सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में दिनांक 20.12.2025 को जांच के दौरान आरपीएफ पोस्ट रांची में ड्यूटी पर तैनात शिफ्ट अधिकारी एएसआई अरुण कुमार एवं महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर जीआरपी/रांची के समीप ओवरब्रिज के नीचे एक लगभग 03 माह के नवजात शिशु बालक को लावारिस अवस्था में पाया गया। घटना की सूचना तत्काल जीआरपी/रांची को दी गई। महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा शिशु को सुरक्षित रूप से जीआरपी/रांची लाया गया तथा उसे सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया। इसके पश्चात आसपास मौजूद यात्रियों से पूछताछ की गई, किंतु कोई भी व्यक्ति शिशु के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सका। आगे की जांच के क्रम में स्टेशन परिसर के सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया, जिसमें एक अज्ञात पुरुष व्यक्ति शिशु को लेकर जाते हुए दिखाई दिया। हालांकि, फुटेज में शिशु को रखने का सटीक स्थान स्पष्ट नहीं था तथा उक्त व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित नहीं हो सकी। इसके आधार पर रेलवे स्टेशन परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में व्यापक खोजबीन की गई, लेकिन संबंधित व्यक्ति का पता नहीं चल सका। सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत शिशु बालक को जीआरपी/रांची की उपस्थिति में चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी), रांची को सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।1