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बबुरी गांव में घाघरा नदी लोगों के मकान गिर रहे हैं कटान बहुत तेज है ग्राम पंचायत सरसंडा विकासखंड सूरतगंज तहसील रामनगर जिला बाराबंकी
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Vikal Dwivedi
बबुरी गांव में घाघरा नदी लोगों के मकान गिर रहे हैं कटान बहुत तेज है ग्राम पंचायत सरसंडा विकासखंड सूरतगंज तहसील रामनगर जिला बाराबंकी
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- बबुरी गांव में घाघरा नदी लोगों के मकान गिर रहे हैं कटान बहुत तेज है ग्राम पंचायत सरसंडा विकासखंड सूरतगंज तहसील रामनगर जिला बाराबंकी1
- Barabanki (Ramnagar)1
- सोमवार के दर्शन लोधेश्वर महादेव शिवमंदिर रामनगर बाराबंकी1
- एमएसओ बहराइच यूनिट के लोगों ने उप जिलाधिकारी कैसरगंज पंकज दीक्षित को सौंपा ज्ञापन मुस्लिम स्टूडेंटस ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया ने कहा कि बंगलादेश में शेख हसीना की हुकूमत का तख्तापलट किया जाना राजनीतिक इच्छाओं का प्रर्दशन है और कट्टरपंथी विचारधारा वालों को सत्ता हासिल करने का माध्यम है। जो निहायती अफसोसजनक बात है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बंगलादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के घरों में आग लगा दी गई और कई लोगों को मारा गया, साथ ही मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। अब अल्पसंख्यको के हालात ये हैं कि वो अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, भारत की सरहद पर हजारों की तादाद में अल्पसंख्यक जमा हो चुके हैं, वो भारत के अंदर दाखिल होना चाहते हैं। MSO ने अल्पसंख्यको की स्थिति देखते हुए बंगलादेश के आंदोलन कारियो की निंदा की और उनको नसीहत दी कि इस्लाम और पैग़म्बर इस्लाम की शिक्षा ये नहीं है कि इस्लाम के मानने वाले गैर मुस्लिमो पर ज़ुल्म जियादती करें और मंदिरों को निशाना बनाएं। इस्लाम सभी को सम्मान देने की बात करता है, इस्लाम मानवतावादी धर्म है, इस्लाम किसी दूसरे धर्म को मानने वाले के इबादत गाहो को तोड़फोड़ करने और आग लगाने की इजाजत नहीं देता है, बल्कि ऐसी परिस्थितियों में उनको सुरक्षा प्रदान करने की बात करता है। ये आंदोलनकारी कैसे है ? और किस तरह इन्होंने इस्लाम पढ़ा है जो इस्लाम के वसूलों के खिलाफ काम कर रहे हैं। MSO ने कहा कि बंगलादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले की वजह से भारत के मुसलमानो को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। MSO ने मीडिया के माध्यम से बंगलादेश के आंदोलनकारी को नसीहत देते हुए कहा कि सत्ता हासिल करने का जो भी मकसद हो उस सिलसिले में जो चाहें करें , मगर बराए मेहरबानी अल्पसंख्यकों के मकानों में आगजनी और मंदिरों में तोड़फोड़ न करें। बंगलादेश में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले मोहम्मद युनूस और आंदोलन के कन्वीनर नवेद इस्लाम के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वो अल्पसंख्यको की सुरक्षा के पुख्ता इंतेजामत करें। इस मौके पर मौलाना खालिद साहब मदरसा नूरिया के उस्ताद व कैसरगंज के गणमान्य लोग मौजूद रहे1
- Hazrat Waris Ali Shah Dargah Dewa Sharif VLOG | हाजी वारिस अली शाह देवा शरीफ Ali Shah (1817–1905) was a Sufi saint from Dewa, Barabanki, India, and the founder of the Warsi Sufi order. He traveled to many places specially Europe and the west and admitted people to his spiritual order. He belongs to the 26th generation of Hazrat Imam Hussain رضی اللہ عنہ[2] His shrine is at Dewa, India.[3][4]ہ), हाजी वारिस अली शाह या सरकार वारिस पाक 1819-1905 ईस्वी के मध्य में एक सूफी संत थे, और बाराबंकी, भारत, में सूफीवाद के वारसी आदेश के संस्थापक थे। इन्होंने व्यापक रूप से पश्चिमी यात्रा की और लोगों को अपनी आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण कराई और लोगों ने इनकी शिक्षाओं को स्वीकार किया। इनकी दरगाह बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में स्थित है, जो अवध क्षेत्र की सबसे बड़ी दरगाह में से एक है। इसलिए उन्हें शहंशाहे अवध के नाम से भी जाना जाता है इनके के पिता का नाम कुर्बान अली शाह था जिनकी कब्र (मजार शरीफ) भी देवा शरीफ में स्थित हैं।[4] हजरत हाजी वारिस अली शाह ने बहुत ही कम उम्र में धार्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया था। आप तमाम इन्सानो को एक ही ईश्वर की कृति माने,इसलिए आप जाति-धर्म, उन्च-नीच और अमीर-गरीब की भावना से मुक्त होकर जगत के सारे इन्सानो से प्रेम किये और संदेश दिये, "प्रेम ही उत्तम कर्तव्य हैं"[5]1
- *स्वाट,सर्विलांस व थाना देवा की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा अशोक हत्याकाण्ड का सफल अनावरण कर हत्याभियुक्त की गिरफ्तारी व निशांदेही पर आलाकत्ल बरामदगी के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी बाराबंकी,चिरंजीव नाथ सिन्हा*2
- Barabanki Flood: Saryu नदी का रौद्र रुप, समा गए 55 घर | बाढ़ पाड़ितों को मरहम लगाने पहुंचे राज्य मंत्री1
- Nawabganj : गरीबों का राशन खा रहे हैं कोटेदार, घटतौली के लिए कोटेदारों ने खोजा नया तरीका1