Jabalpur. Shahpura bhitoni केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत सड़कों का जाल बिछाने के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्र के लोग आजादी के सात दशक बाद भी सड़क के लिए तरस रहे हैं.ऐसा ही कुछ जबलपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सालीवाडा के बिरौला गांव में देखने को मिला। जहां सड़क न होने से घायल एक व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया पेशे से मजदूरी करने वाला मचल गौंड रोजाना की तरह मजदूरी करने अपने घर से निकला था लेकिन कुछ ही दूरी पर विद्युत पोल की बिखरे हुए तार के करंट की चपेट में आने से वह झुलस गया। स्थानीय ग्रामीणों ने घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन सड़क निर्माण न होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई इसके बाद ग्रामीण घायल को अपने कांधों पर लेकर शहपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने घायल को मेडिकल रेफर करने की सलाह दे दी इस बीच घायल ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया। मचल की मौत से उसके बूढ़े मां बाप के सहारे की लाठी टूट गई।
Jabalpur. Shahpura bhitoni केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत सड़कों का जाल बिछाने के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्र के लोग आजादी के सात दशक बाद भी सड़क के लिए तरस रहे हैं.ऐसा ही कुछ जबलपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सालीवाडा के बिरौला गांव में देखने को मिला। जहां सड़क न होने से घायल एक व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया पेशे से मजदूरी करने वाला मचल गौंड रोजाना की तरह मजदूरी करने अपने घर से निकला था लेकिन कुछ ही दूरी पर विद्युत पोल की बिखरे हुए तार के करंट की चपेट में आने से वह झुलस गया। स्थानीय ग्रामीणों ने घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन सड़क निर्माण न होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई इसके बाद ग्रामीण घायल को अपने कांधों पर लेकर शहपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने घायल को मेडिकल रेफर करने की सलाह दे दी इस बीच घायल ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया। मचल की मौत से उसके बूढ़े मां बाप के सहारे की लाठी टूट गई।
- Jabalpur. Shahpura bhitoni केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत सड़कों का जाल बिछाने के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्र के लोग आजादी के सात दशक बाद भी सड़क के लिए तरस रहे हैं.ऐसा ही कुछ जबलपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सालीवाडा के बिरौला गांव में देखने को मिला। जहां सड़क न होने से घायल एक व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया पेशे से मजदूरी करने वाला मचल गौंड रोजाना की तरह मजदूरी करने अपने घर से निकला था लेकिन कुछ ही दूरी पर विद्युत पोल की बिखरे हुए तार के करंट की चपेट में आने से वह झुलस गया। स्थानीय ग्रामीणों ने घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन सड़क निर्माण न होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई इसके बाद ग्रामीण घायल को अपने कांधों पर लेकर शहपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने घायल को मेडिकल रेफर करने की सलाह दे दी इस बीच घायल ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया। मचल की मौत से उसके बूढ़े मां बाप के सहारे की लाठी टूट गई।1
- ठंड मै सुबह 3 बजे गरम गरम चाय -शाहपुरा . There is a different pleasure in drinking tea in winter and if the tea is made very well and has the taste of ginger, then it is even more enjoyable. We had tea in Shahpura. It is around 3 o'clock in the night and uncle is making tea here. He has a brass utensil and is making tea in it. The taste of the tea is very wonderful and beautiful.1
- Post by Naresh jhariya1
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- Post by Durgesh Kulaste1
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- Post by Heera Dhurwey1
- Post by Suneel Kushwaha1