दोस्तों यही है केदारनाथ जाने का सबसे पुराना मार्ग जहाँ पर साक्षात भगवान शिव ने किया था एक रात का विश्राम दोस्त मैं कर रहा हूँ उत्तराखंड के 108 प्राचीन शिवलिंग के दर्शन और मैं पहुँच चुका हूँ देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित बसुकेदार महादेव मंदिर में जिसका निर्माण स्वयं पांडवों द्वारा किया गया है एवं इस मंदिर का निर्माण सिर्फ़ एक ही दिन में हुआ है माना जाता है जो यहाँ पर जो शिवलिंग है इसका सिर्फ़ मुख्य भाग ही दिखाई पड़ता है बाक़ी ज़मीन के अंदर है जहाँ पर पानी भरा हुआ है मान्यता हैं सिर्फ सिद्ध पुरुष ही इस शिवलिंग के दर्शन कर पाते हैं साथ ही साथ आपको यह बता दें कि एक समय था जब यह केदारनाथ जाने का मूल मार्ग हुआ करता था और जितने श्रद्धालु केदारनाथ जाते थे वह एक रात यहीं पर विश्राम करते थे एवं इस मंदिर की खोज भी स्वयं शंकराचार्य द्वारा ही की गई है जुड़े रही हमारे साथ 108 प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए धन्यवाद जय सीता राम हर हर महादेव highlight
दोस्तों यही है केदारनाथ जाने का सबसे पुराना मार्ग जहाँ पर साक्षात भगवान शिव ने किया था एक रात का विश्राम दोस्त मैं कर रहा हूँ उत्तराखंड के 108 प्राचीन शिवलिंग के दर्शन और मैं पहुँच चुका हूँ देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित बसुकेदार महादेव मंदिर में जिसका निर्माण स्वयं पांडवों द्वारा किया गया है एवं इस मंदिर का निर्माण सिर्फ़ एक ही दिन में हुआ है माना जाता है जो यहाँ पर जो शिवलिंग है इसका सिर्फ़ मुख्य भाग ही दिखाई पड़ता है बाक़ी ज़मीन के अंदर है जहाँ पर पानी भरा हुआ है मान्यता हैं सिर्फ सिद्ध पुरुष ही इस शिवलिंग के दर्शन कर पाते हैं साथ ही साथ आपको यह बता दें कि एक समय था जब यह केदारनाथ जाने का मूल मार्ग हुआ करता था और जितने श्रद्धालु केदारनाथ जाते थे वह एक रात यहीं पर विश्राम करते थे एवं इस मंदिर की खोज भी स्वयं शंकराचार्य द्वारा ही की गई है जुड़े रही हमारे साथ 108 प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए धन्यवाद जय सीता राम हर हर महादेव highlight
- दोस्तों यही है केदारनाथ जाने का सबसे पुराना मार्ग जहाँ पर साक्षात भगवान शिव ने किया था एक रात का विश्राम दोस्त मैं कर रहा हूँ उत्तराखंड के 108 प्राचीन शिवलिंग के दर्शन और मैं पहुँच चुका हूँ देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित बसुकेदार महादेव मंदिर में जिसका निर्माण स्वयं पांडवों द्वारा किया गया है एवं इस मंदिर का निर्माण सिर्फ़ एक ही दिन में हुआ है माना जाता है जो यहाँ पर जो शिवलिंग है इसका सिर्फ़ मुख्य भाग ही दिखाई पड़ता है बाक़ी ज़मीन के अंदर है जहाँ पर पानी भरा हुआ है मान्यता हैं सिर्फ सिद्ध पुरुष ही इस शिवलिंग के दर्शन कर पाते हैं साथ ही साथ आपको यह बता दें कि एक समय था जब यह केदारनाथ जाने का मूल मार्ग हुआ करता था और जितने श्रद्धालु केदारनाथ जाते थे वह एक रात यहीं पर विश्राम करते थे एवं इस मंदिर की खोज भी स्वयं शंकराचार्य द्वारा ही की गई है जुड़े रही हमारे साथ 108 प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए धन्यवाद जय सीता राम हर हर महादेव highlight1
- BREAKING : भूस्खलन से मंदाकिनी का वेग रुका1
- #उत्तराखंड में भारी बारिश से उफान पर नदी नाले, चमोली और रुद्रप्रयाग में पहाड़ दरकने की फिर सामने आई तस्वीरें, देखिए रिपोर्ट1
- जनपद रुद्रप्रयाग के कालीमठ के पास नदी में वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर लापता हुए व्यक्ति की सर्चिंग करते SDRF उत्तराखंड पुलिस के जवान। जनपद पिथौरागढ़ में एक गर्भवती महिला को मलबे में दबी एंबुलेंस से रेस्क्यू करते SDRF उत्तराखंड पुलिस के जवान। "आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता"1
- रुद्रप्रयाग के छेनागाड़-उछोला मोटरमार्ग पर मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त, एक व्यक्ति की मौत,1
- हरिद्वार में गंगा का रौद्र रूप खतरे का अलार्म बजा रहा है... तो रुद्रप्रयाग में पहाड़ जानलेवा हो गए हैं...हिमाचल का ऊना हो या बिहार का खगड़िया हर जगह पानी का कोहराम है...कहीं कार बह गई तो कहीं नाव ही पलट गई...1
- Kedarnath News : केदार घाटी में भूस्खलन, गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक अलर्ट हुआ जारी |1
- प्रदेश में बारिश के कारण जगह-जगह बंद हुई सड़कों को खोलने का काम जारी है। रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच क्षतिग्रस्त डेढ़ सौ मीटर सड़क को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।1