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- Post by धर्मेंद्र बुन्देला छतरपुर1
- गौ माता सुख शांति के लिए श्रीमद् भागवत कथा यह भवन पूजन पुलिस लाइन महोबा में चल रहा है1
- ब्रेकिंग न्यूज़ – गरौली, छतरपुर छतरपुर जिले के नौगांव से सटे ग्राम गरौली में यादव समाज के दो पक्षों के बीच मकान को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि मामला हिंसक झड़प में बदल गया। दोनों पक्षों के बीच हुई जमकर मारपीट में एक पक्ष के 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद 5 घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए झांसी मेडिकल कॉलेज रेफ़र कर दिया गया।3
- *ब्रेकिंग न्यूज़* *मौदहा।सिलौली स्थित एक विद्यालय में बच्चों के साथ अभद्रता* *और अनियमितताओं का मामला सामने आया है* *ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक रामलखन सोनी, शिक्षक राजकुमार गुप्ता और हरिमोहन गुप्ता पर* *बच्चों से गाली–गलौज करने, गाड़ी साफ कराने और विद्यालय परिसर में धूम्रपान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं* *शिकायत में यह भी आरोप है कि विद्यालय स्टाफ बच्चों का भोजन तक छीनकर खाता है* *जिससे बच्चे डरे–सहमे रहते हैं। रसोइया रश्मि और अन्य इंचार्जों पर भी बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार करने की शिकायत मिली है* *ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि आरोपित सभी कर्मचारियों को तत्काल सिलौली विद्यालय से हटाकर* *पूरे मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की गुहार लगाई है* पूरी खबर के लिए बनी रही है हमारे साथ1
- Post by Sandeep Raj1
- महान क्रांतिकारी भाई परमानन्द की पुण्यतिथि पर वर्णिता संस्था ने किये श्रद्धासुमन अर्पित हमीरपुर। देशभक्तों की देश के प्रति भूमिका के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत सुमेरपुर कस्बे में संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने महान क्रांतिकारी भाई परमानन्द की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि भाई परमानन्द बलि- पर के अडिग राही थे, इनके देश के प्रति योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता है। इनका जन्म 4 नवंबर 1876 को झेलम पंजाब में ताराचंद और मथुरा देवी के घर हुआ था। ये योद्धा, लेखक और समाजनिष्ठ थे। देश के क्रांतिकारी आन्दोलन को इन्होंने आधार प्रदान किया। शहीद भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु, बिस्मिल जैसे युवा क्रांतिकारी के यह प्रेरणा स्त्रोत थे। इनकी भारत का इतिहास, वीर बन्दा वैरागी और मेरी आप बीती जैसी कृतियां प्रसिद्ध है। देश की आजादी के समय भारत विभाजन से दुखी होकर ये कमजोर हो गये और इसी चिंता में 8 दिसम्बर 1947 को इनका निधन हो गया था। इस कार्यक्रम में सिद्धा, प्रेम, सागर, महावीर प्रजापति इलेक्ट्रीशियन, दयाराम सोनकर, रिचा, भोलू सिंह, विकास, रामनरायन सोनकर, सतेन्द्र, राहुल प्रजापति आदि शामिल रहे।1
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