आवारा पशुओं की समस्या से हो रही सड़क दुर्घटनाओं और प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ आवाज उठाते हुए, मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर जल्द ही बड़ा खुलासा होगा। राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, कुमाऊं आयुक्त, और गढ़वाल आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसकी समय सीमा दिसंबर तय की गई थी। उम्मीद है कि यह रिपोर्ट जल्द ही पूरी होकर सार्वजनिक होगी। यह चिंता का विषय है कि क्षेत्र में पहले कुछ बेसहारा गौवंश को शरण दी गई थी, लेकिन समस्या खत्म होने की बजाय और बढ़ गई। हमारे आस पास के ही ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग अपनी गायों को खुला छोड़ देते हैं, जिससे ये सड़कों पर घूमती नजर आती हैं और दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। इसके अलावा, नगर निगम द्वारा छोड़े गए बड़े सांड भी लगातार लोगों के लिए खतरा बने हुए और बाहरी पशु हमारे विधानसभा में लाये जा रहे हैं इसके पुष्ट प्रमाण हमारे पास आ चुके हैं जिनको जल्द साझा और सार्वजनिक करूंगा। पिछले कुछ महीनों में आवारा पशुओं के कारण हुई दुर्घटनाओं में 18 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मैं व्यक्तिगत तौर पर इन परिवारों से मिला हूं और उनकी परेशानियों को शासन तक पहुंचाने का काम किया है,परिणाम जैसे ही कुछ आएगा सार्वजनिक जरूर करूँगा। लेकिन यह बेहद दुखद है कि लालकुआं विधानसभा की पंचायतों और उनके जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में अब तक कोई गंभीर रुचि नहीं दिखाई। केवल कमलेश चंदोला जी ने इस समस्या पर सकारात्मक प्रयास किए हैं और 75 बेसहारा गौवंश को शरण दिलाई है। यह समझने की जरूरत है कि दिसंबर के कोहरे के कारण दुर्घटनाएं और बढ़ सकती हैं। इस समस्या को अब टाला नहीं जा सकता। हमारे प्रयासों से गंगापुर कबड़ाल गौशाला में शेड का निर्माण कार्य नगर पालिका लालकुआ द्वारा जल्द शुरू किया जा रहा है, और डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यही मुख्यमंत्री की घोषणा पर गौशाला के नवनिर्माण की भी योजना है जो नगर निगम हल्द्वानी करेगा। लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इन व्यवस्थाओं का लाभ लालकुआं क्षेत्र के आवारा पशुओं को प्राथमिकता के आधार पर मिले। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर सक्रिय नहीं हुए तो मैं मजबूर होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जाऊंगा। दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह लड़ाई सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि हर उस परिवार के लिए है जिसने अपने प्रियजनों को इन दुर्घटनाओं में खोया है। मेरा आप सभी से निवेदन है कि इस लड़ाई में अपना सहयोग दें और आवारा पशुओं की समस्या को हल करने में अपनी भूमिका निभाएं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित और बेहतर बनाएं। कागजी कार्यवाही पूर्ण हो गयी जल्द फील्ड में दिखेंगे ।
आवारा पशुओं की समस्या से हो रही सड़क दुर्घटनाओं और प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ आवाज उठाते हुए, मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर जल्द ही बड़ा खुलासा होगा। राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, कुमाऊं आयुक्त, और गढ़वाल आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसकी समय सीमा दिसंबर तय की गई थी। उम्मीद है कि यह रिपोर्ट जल्द ही पूरी होकर सार्वजनिक होगी। यह चिंता का विषय है कि क्षेत्र में पहले कुछ बेसहारा गौवंश को शरण दी गई थी, लेकिन समस्या खत्म होने की बजाय और बढ़ गई। हमारे आस पास के ही ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग अपनी गायों को खुला छोड़ देते हैं, जिससे ये सड़कों पर घूमती नजर आती हैं और दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। इसके अलावा, नगर निगम द्वारा छोड़े गए बड़े सांड भी लगातार लोगों के लिए खतरा बने हुए और बाहरी पशु हमारे विधानसभा में लाये जा रहे हैं इसके पुष्ट प्रमाण हमारे पास आ चुके हैं जिनको जल्द साझा और सार्वजनिक करूंगा। पिछले कुछ महीनों में आवारा पशुओं के कारण हुई दुर्घटनाओं में 18 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मैं व्यक्तिगत तौर पर इन परिवारों से मिला हूं और उनकी परेशानियों को शासन तक पहुंचाने का काम किया है,परिणाम जैसे ही कुछ आएगा सार्वजनिक जरूर करूँगा। लेकिन यह बेहद दुखद है कि लालकुआं विधानसभा की पंचायतों और उनके जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में अब तक कोई गंभीर रुचि नहीं दिखाई। केवल कमलेश चंदोला जी ने इस समस्या पर सकारात्मक प्रयास किए हैं और 75 बेसहारा गौवंश को शरण दिलाई है। यह समझने की जरूरत है कि दिसंबर के कोहरे के कारण दुर्घटनाएं और बढ़ सकती हैं। इस समस्या को अब टाला नहीं जा सकता। हमारे प्रयासों से गंगापुर कबड़ाल गौशाला में शेड का निर्माण कार्य नगर पालिका लालकुआ द्वारा जल्द शुरू किया जा रहा है, और डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यही मुख्यमंत्री की घोषणा पर गौशाला के नवनिर्माण की भी योजना है जो नगर निगम हल्द्वानी करेगा। लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इन व्यवस्थाओं का लाभ लालकुआं क्षेत्र के आवारा पशुओं को प्राथमिकता के आधार पर मिले। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर सक्रिय नहीं हुए तो मैं मजबूर होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जाऊंगा। दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह लड़ाई सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि हर उस परिवार के लिए है जिसने अपने प्रियजनों को इन दुर्घटनाओं में खोया है। मेरा आप सभी से निवेदन है कि इस लड़ाई में अपना सहयोग दें और आवारा पशुओं की समस्या को हल करने में अपनी भूमिका निभाएं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित और बेहतर बनाएं। कागजी कार्यवाही पूर्ण हो गयी जल्द फील्ड में दिखेंगे ।
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