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बड़वारा विधानसभा में संचालित कंपनियां सारेआम नियमों की धज्जियां उड़ाती हुई ।पर्यावरण को पहुंचा रही नुकसान। प्रशासन मौन।
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बड़वारा विधानसभा में संचालित कंपनियां सारेआम नियमों की धज्जियां उड़ाती हुई ।पर्यावरण को पहुंचा रही नुकसान। प्रशासन मौन।
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- बड़वारा विधानसभा में संचालित कंपनियां सारेआम नियमों की धज्जियां उड़ाती हुई ।पर्यावरण को पहुंचा रही नुकसान। प्रशासन मौन।1
- Post by Karan Kumar1
- आदिवासियों की जमीन पर कब्जा, सरकारी भूमि भी हड़पी! फूलाबाई को संरक्षण दे रहा सिस्टम? पटवारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक पर गंभीर आरोप भोपाल। समाजवादी पार्टी के आदिवासी समाज प्रकोष्ठ के नेताओं ने राजधानी भोपाल पहुँचकर प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज यादव जी से मुलाकात कर ग्राम टेढ़ी की भयावह स्थिति से अवगत कराया। नेताओं ने बताया कि गांव में फूलाबाई नामक महिला का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि आदिवासी समाज का जीना दूभर हो गया है। आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि फूलाबाई न केवल आदिवासियों की निजी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रही है, बल्कि सरकारी जमीन पर भी अवैध अतिक्रमण कर चुकी है। जब ग्रामीण विरोध करते हैं तो उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज और धमकी दी जाती है। प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में ग्रामीणों ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस, पटवारी और कुछ उच्च अधिकारी फूलाबाई का खुला संरक्षण कर रहे हैं। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होना, प्रशासन की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। अवैध शराब और जंगल कटाई का नेटवर्क फूलाबाई पर अवैध शराब सप्लाई, अवेदा जंगल से लकड़ी कटवाकर बेचने और गांव में अराजकता फैलाने के आरोप भी लगाए गए हैं। इन गतिविधियों से गांव का माहौल पूरी तरह भयभीत हो चुका है। गांव छोड़ने को मजबूर आदिवासी परिवार लगातार हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर कई आदिवासी परिवार गांव छोड़ने की तैयारी में हैं। ग्रामीणों का कहना है— “प्रशासन अगर साथ न दे तो हम कहां जाएं? हमारा जीना मुश्किल हो गया है।” भोपाल पहुँची आदिवासी समाज की आवाज इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर आदिवासी समाज के लोग भोपाल पहुँचे और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव जी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि फूलाबाई के खिलाफ तत्काल एफआईआर, जमीन कब्जा हटाने की कार्रवाई और प्रशासनिक संरक्षण की जांच कराई जाए। समाजवादी पार्टी ने उठाया मुद्दा प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव जी ने पूरे मामले को गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा कि यदि आदिवासियों को न्याय नहीं मिला तो समाजवादी पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।3
- शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता नववर्ष का उत्सव सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं जिम्मेदारी के साथ मनाएँ। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतें तथा स्वयं जागरूक रहते हुए दूसरों को भी जागरूक करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अप्रिय घटना की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाने अथवा डायल-112 पर दें:- पुलिस अधीक्षक श्री राम जी श्रीवास्तव1
- शिवपुरी -/ शहर में खुलेआम छात्रा ने छात्र को पकड़कर जमकर पीटा, पहले की लकड़ी से पिटाई फिर बरसाए थप्पड़ ही थप्पड़, बाकी छात्र देखते रहे छात्र की पिटाई का नजारा, वायरल वीडियो फिजिकल थाना की बताई जा रही है।। जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।। #शिक्षाविभाग #वायरल #1
- Post by Indrakumar oyam1
- 🔴 नाबालिग दुष्कर्म केस: बुर्का पहनकर फरारी काट रहा 10 हजार का इनामी RAC जवान गिरफ्तार - धौलपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे आरएसी (राजस्थान आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) के जवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था और पहचान छिपाने के लिए बुर्का पहनकर महिला का भेष बनाकर फरारी काट रहा था। - 🔎 वृंदावन से हुई गिरफ्तारी - पुलिस को आरोपी के वृंदावन में छिपे होने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर धौलपुर पुलिस की टीम ने वहां दबिश दी और सटीक कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान आरएसी जवान के रूप में हुई है, जिस पर पुलिस ने 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। - 🧕 ऐसे छिपा रहा था आरोपी - पुलिस के अनुसार, आरोपी लगातार अपनी पहचान बदल रहा था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बुर्का पहनकर और महिला का रूप धारण कर अलग-अलग स्थानों पर रह रहा था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। इसी भेष में वह वृंदावन क्षेत्र में रह रहा था। - 👮 पुलिस का बयान - पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे थे। तकनीकी निगरानी और मुखबिर तंत्र की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस की गई, जिसके बाद उसे पकड़ने में सफलता मिली। - ⚖️ आगे की कार्रवाई - गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि फरारी के दौरान आरोपी ने किसी और अपराध को अंजाम तो नहीं दिया। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई प्रचलित है और आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा। --- 📍 स्थान: धौलपुर, राजस्थान | वृंदावन, उत्तर प्रदेश 🗣️ रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा 📰 SachTakPatrikaNews1
- *लोकेसन कटनी* *एमजीएम हॉस्पिटल के मलिक और मैनेजर के द्वारा कर्मचारी को बंधक बनाने गंभीर आरोप* कटनी। शहर से एक सनसनीखेज और गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ एमजीएम हॉस्पिटल प्रबंधन पर अपने ही कर्मचारियों को घंटों बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे हैं। 15 लाख रुपये की कथित हेराफेरी के शक के आधार पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई इस कथित गैरकानूनी कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। पीड़ित युवक के परिजन न्याय की गुहार लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमजीएम हॉस्पिटल के संचालक दीपक गुप्ता और मैनेजर संजय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के मेडिकल स्टोर में कार्यरत कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर घंटों तक मानसिक दबाव में रखा। पीड़ित पक्ष का कहना है कि यदि किसी प्रकार का संदेह था तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सुलझाया जा सकता था, लेकिन इसके बजाय कर्मचारियों को डराया-धमकाया गया और जबरन स्वीकारोक्ति का दबाव बनाया गया। *23 दिसंबर से 24 दिसंबर तक अवैध रूप से कैद रखने का आरोप* बरही थाना क्षेत्र के ग्राम मोहनी निवासी बालकिशन पटेल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे शिकायती आवेदन में बताया कि वे पिछले आठ वर्षों से एमजीएम अस्पताल के मेडिकल स्टोर में कार्यरत हैं। बालकिशन के अनुसार, 23 दिसंबर की दोपहर से 24 दिसंबर की रात करीब 11 बजे तक उन्हें और उनके तीन अन्य साथियों—यशवंत पटेल, राहुल पटेल और राहुल रजक—को अस्पताल प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया। शिकायत में कहा गया है कि चारों कर्मचारियों पर 60 लाख रुपये की चोरी का झूठा आरोप लगाया गया और प्रत्येक से 15-15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि डर के माहौल में परिजनों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी, जिसके बाद कर्मचारियों को छोड़ा गया। *मेडिकल स्टोर में फर्जी बिलिंग के भी आरोप* बालकिशन पटेल ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि मेडिकल स्टोर में एक रुपये के सामान का फर्जी बिल 25 हजार रुपये तक बनाया जाता था। जब उन्होंने इस कथित गड़बड़ी का विरोध किया, तो उन्हें झूठे चोरी के मामले में फंसाने की धमकी दी गई। पीड़ित बालकिशन ने कहा, "मुझ पर और मेरे साथियों पर 15-15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया जा रहा है। मेरी जमीन की रजिस्ट्री भी अस्पताल प्रबंधन के कब्जे में है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूँ और मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।" *पुलिस ने शुरू की जांच* मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत प्राप्त हो चुकी है और इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है। सभी संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।4