सीएचसी शाहाबाद की मेडिकल रिपोर्टों से आहत हो रहे मरीज,तरुण निद्रा में स्वास्थ्य विभाग, सीएचसी के भरोसे चल रहे 'मौत के डायग्नोसिस' सेंटर, शाहाबाद हरदोई सीएचसी शाहाबाद का स्वास्थ्य तंत्र बीमार ही नहीं,बल्कि अपनी जिम्मेदारियों से भटका हुआ है।जिसके चलते यहां पर होने वाली विभिन्न जांचें जिंदगी के लिए किसी भी समय ख़तरा बन सकती हैं।वहीं नगर में मकड़जाल की तरह फैले डायग्नोस्टिक सेंटर बिना वैध लाइसेंस और पैथालॉजिस्ट के ही चल रहे हैं।जबकि विभागीय अफसर कागजों में ही पैथालॉजिस्ट को खोज रहे हैं।वहीं सीएचसी अधीक्षक का रवैया भी विभागीय जिम्मेदारी से अधिक राजनीतिक सेवा में दिख रहा है।नगर में खून के फर्जी जांच घरों में मरीजों को बखूबी ठगने का काम किया जा रहा है। खून की जांच के नाम पर पैथोलॉजी सेंटर दिन दूने रात चौगुने फल फूल रहे हैं।लेकिन अधीक्षक की प्राथमिकता विभागीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नेताओं की चमचागिरी बन चुकी है।जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।वहीं स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी भी राजनीतिक छांव में फल फूल रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भावनाथ पांडेय ने कार्यभार संभाला है,तब से पूरा इलाका झोलाछाप डॉक्टरों के कब्ज़े में आ गया है।ऐसे सैकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर हैं,जिनके पास न लाइसेंस,न योग्यता,न खून की जांच करने की अनुमति है,फिर भी गांव-गांव में डॉक्टर नाम से दुकानें खुली हैं।यह लोग डर फैलाकर गरीबों से ठगी कर रहे हैं और विभाग मूकदर्शक बन बैठा है।जनता पूछ रही है कि क्या सीएमओ की निगरानी केवल कुर्सी तक सीमित है? सीएचसी पर महज डाक्टरों के नाम की तख्तियां लटकी हैं,पर उनमें सेवा नहीं,बीमारी और धोखा परोसा जा रहा है। नगर में खुलेआम चल रहे 'मौत का क्लीनिक, ग्रामीण बताते हैं कि यह सीएचसी हर मरीज को सरकारी अस्पताल के सामने वाली लेव पर जांच के लिए भेजा जाता है।यहां पर कोई पैथोलॉजिस्ट नहीं,बस कॉपी पेस्ट रिपोर्ट तैयार कर ली जाती है। जांच के नाम पर ठगी,और इलाज के नाम पर मौत का सौदा यही से शुरू होता है।बताया गया है कि सीएचसी पर तैनात एक आउट सोर्सिंग कर्मी कुलदीप यादव जोकि अधीक्षक का चहेता है,उसने अस्पताल के सामने लेव खोल रखा है और वहीं से सारी जांचे कराई जाती हैं।जबकि उसकी नियुक्ति सीएचसी में है लेकिन बैठता कभी नहीं है।सरकारी लेव पर 2 अप्रशिक्षित लड़के बैठे रहते हैं। अब फाइलो में नहीं,कार्रवाई जमीन पर होनी चाहिए ! सीएचसी की अव्यवस्थाएं देख ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है,लोग मांग कर रहे हैं कि डीएम और सीएमओ तत्काल ऐसे सभी संदिग्ध खून की जांच केंद्रों की जांच कराएं। यह अब केवल फर्जी रिपोटों का मुद्दा नहीं,बल्कि जिंदगियों के साथ खिलवाड़ है।अगर विभाग अब भी आंखें मूदे रहा,तो कोई बड़ी त्रासदी टल नहीं सकेगी।जनता की आवाज़ गूंज रही है-स्वास्थ्य तंत्र बीमार है,अब इलाज विभाग का होना चाहिए !
सीएचसी शाहाबाद की मेडिकल रिपोर्टों से आहत हो रहे मरीज,तरुण निद्रा में स्वास्थ्य विभाग, सीएचसी के भरोसे चल रहे 'मौत के डायग्नोसिस' सेंटर, शाहाबाद हरदोई सीएचसी शाहाबाद का स्वास्थ्य तंत्र बीमार ही नहीं,बल्कि अपनी जिम्मेदारियों से भटका हुआ है।जिसके चलते यहां पर होने वाली विभिन्न जांचें जिंदगी के लिए किसी भी समय ख़तरा बन सकती हैं।वहीं नगर में मकड़जाल की तरह फैले डायग्नोस्टिक सेंटर बिना वैध लाइसेंस और पैथालॉजिस्ट के ही चल रहे हैं।जबकि विभागीय अफसर कागजों में ही पैथालॉजिस्ट को खोज रहे हैं।वहीं सीएचसी अधीक्षक का रवैया भी विभागीय जिम्मेदारी से अधिक राजनीतिक सेवा में दिख रहा है।नगर में खून के फर्जी जांच घरों में मरीजों को बखूबी ठगने का काम किया जा रहा है। खून की जांच के नाम पर पैथोलॉजी सेंटर दिन दूने रात चौगुने फल फूल रहे हैं।लेकिन अधीक्षक की प्राथमिकता विभागीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नेताओं की चमचागिरी बन चुकी है।जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।वहीं स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी भी राजनीतिक छांव में फल फूल रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भावनाथ पांडेय ने कार्यभार संभाला है,तब से पूरा इलाका झोलाछाप डॉक्टरों के कब्ज़े में आ गया है।ऐसे सैकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर हैं,जिनके पास न लाइसेंस,न योग्यता,न खून की जांच करने की अनुमति है,फिर भी गांव-गांव में डॉक्टर नाम से दुकानें खुली हैं।यह लोग डर फैलाकर गरीबों से ठगी कर रहे हैं और विभाग मूकदर्शक बन बैठा है।जनता पूछ रही है कि क्या सीएमओ की निगरानी केवल कुर्सी तक सीमित है? सीएचसी पर महज डाक्टरों के नाम की तख्तियां लटकी हैं,पर उनमें सेवा नहीं,बीमारी और धोखा परोसा जा रहा है। नगर में खुलेआम चल रहे 'मौत का क्लीनिक, ग्रामीण बताते हैं कि यह सीएचसी हर मरीज को सरकारी अस्पताल के सामने वाली लेव पर जांच के लिए भेजा जाता है।यहां पर कोई पैथोलॉजिस्ट नहीं,बस कॉपी पेस्ट रिपोर्ट तैयार कर ली जाती है। जांच के नाम पर ठगी,और इलाज के नाम पर मौत का सौदा यही से शुरू होता है।बताया गया है कि सीएचसी पर तैनात एक आउट सोर्सिंग कर्मी कुलदीप यादव जोकि अधीक्षक का चहेता है,उसने अस्पताल के सामने लेव खोल रखा है और वहीं से सारी जांचे कराई जाती हैं।जबकि उसकी नियुक्ति सीएचसी में है लेकिन बैठता कभी नहीं है।सरकारी लेव पर 2 अप्रशिक्षित लड़के बैठे रहते हैं। अब फाइलो में नहीं,कार्रवाई जमीन पर होनी चाहिए ! सीएचसी की अव्यवस्थाएं देख ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है,लोग मांग कर रहे हैं कि डीएम और सीएमओ तत्काल ऐसे सभी संदिग्ध खून की जांच केंद्रों की जांच कराएं। यह अब केवल फर्जी रिपोटों का मुद्दा नहीं,बल्कि जिंदगियों के साथ खिलवाड़ है।अगर विभाग अब भी आंखें मूदे रहा,तो कोई बड़ी त्रासदी टल नहीं सकेगी।जनता की आवाज़ गूंज रही है-स्वास्थ्य तंत्र बीमार है,अब इलाज विभाग का होना चाहिए !
- RamkumarBahraich, Uttar Pradesh👏on 28 October
- प्रयागराज मुट्ठीगंज थाना क्षेत्र हटिया निवासी रिज़वान कि 32 साल पुरानी दुकान को अधिवक्ताओं के भेष मे कुछ दबंगो ने काले कोर्ट का रुवाब दिखाते हुए पुलिस के सामने दुकानदार को ताबड़तोड़ गाली गलौज करते हुए ताबड़तोड़ मार पीट करने लगे और घट का सारा समान निकाल कर बाहर सडक पर फेक दिया चाचा रिज़वान को बचाने जब उसका भतीजा आगे बढ़ा तो लोहे कि सरिया और एंगल से उसके ऊपर हमला कर उसको भी लहूलुहान कर दिया उसी समय पति को मारता देख जब पत्नी ने देखा तो बचाने के किये दौड़ी उसी समय दबंगो ने उन पर भी गाली गलौज करते करए मार पीट पर उतारू हो ग और महिला के उपर हाँथ छोड़ दिया और कपड़े फाड़ कर जमीन पर गिरा दिया .. महिला के गिर जाने से काफ़ी चोट आ गयी लेकिन पब्लिक और पुलिस ख़डी देखती रही कोई बीच बचाव करने नहीं आये जिसकी सूचना 112 नंबर मे भी दर्ज किया गया उसी समय पुलिस आकर मामला शांत कर चली गयी लेकिन घंटो थाना और हटिया छेत्र मे अधिवक्ताओ जम आकड़ा लगा रहा!4
- 55 साल राज करने वाली कांग्रेस के बैंक अकाउंट में मात्र 133 करोड़ सिर्फ 11 साल सत्ता में रहकर बीजेपी के बैंक अकाउंट में 10,000 करोड़, दिल्ली समेत देश भर लगभग 700 फाइव स्टार दफ़्तर भ्रष्टाचार किसे कहते हैं? असल भ्रष्टाचारी कौन है? पहले जो लोग भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते थे, आजकल मास्टरस्ट्रोक पर निबंध लिखते हैं।1
- UP: आगरा एयरपोर्ट के सिविल टर्मिनल पर सुरक्षा जांच के दौरान CISF ने डेनमार्क के एक विदेशी पर्यटक को तीन जिंदा कारतूसों के साथ पकड़ा है।1
- प्रेमी से मिलने आई प्रेमिका का प्रेमी के घर में ही क़त्ल जिला संवाददाता -विशाल गुप्ता बाराबंकी जनपद के मसौली थाना क्षेत्र में प्रेम संबंध के विवाद ने खौफनाक मोड़ ले लिया। शहाबपुर चौराहे पर एक विवाहिता महिला की हत्या कर दी गई। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और देर तक लोगों की भीड़ जुटी रही। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार मृतक मूल रूप से गोरखपुर की रहने वाली बताई जा रही है। वह अपने प्रेमी संदीप कुमार से मिलने मसौली थाना क्षेत्र के शहाबपुर चौराहे स्थित उसके घर आई थी। महिला के विवाहित होने की बात सामने आई है, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया है। मृतक के प्रेमी संदीप कुमार पुत्र कमलेश कुमार ने गंभीर आरोप लगाएं है। संदीप का कहना है कि महिला देर रात उससे मिलने उसके घर पहुंची थी।इसी दौरान घर के अंदर किसी बात को लेकर विवाद हो गया।घटना की जानकारी मिलते ही मसौली थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्मार्टम के लिए भेज दिया। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई और मौके से जरुरी साक्ष्य जुटाए गए4
- Post by Rakesh kumar Rakesh1
- सर्दी में नंगे पैर स्कूली बच्चे ढो रहे गैस सिलेंडर1
- सिरोंज में एक भीषण सड़क हादसा हुआ है। ग्राम सुगना खेड़ी से सब्जी मंडी की ओर जा रहे एक मोटरसाइकिल की सिरोंज से भोपाल जा रही पाटीदार बस से जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसे में मोटरसाइकिल चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठा दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है। उसे शासकीय राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। हादसे में सड़क पर चर रही चार-पांच गायें भी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं और एक भैंस की भी मौत हो गई है। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद के लिए पहुंचकर घायलों को निकाला। सिरोंज थाने ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दुर्घटना का सही कारण जांच का विषय है।1
- यूपी- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव जिले में हादसा, 4 लोगों की मौत हुई। टायर फटने से फॉर्च्यूनर गाड़ी दूसरी गाड़ी से टकराई।1