हजारीबाग में जल सत्याग्रह का असर: फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक की पहल से सड़क और नाला निर्माण कार्य का शुभारंभ पगमिल के आला हजरत मस्जिद के पास जल जमाव की समस्या से निपटने के लिए संजर मलिक के अनोखे विरोध प्रदर्शन ने जिला प्रशासन और झारखंड सरकार को मजबूर किया। करोड़ों रुपये के टेंडर पास होकर सड़क और नाला निर्माण कार्य आज से शुरू हुआ। झारखंड : हजारीबाग के इंद्रपुरी से छड़वा जाने वाले रास्ते पर पगमिल के आला हजरत मस्जिद के पास जल जमाव की समस्या ने वर्षों से लोगों को परेशान कर रखा था। इस समस्या को समाप्त करने के उद्देश्य से समाज सेवी और शांति समिति के सदस्य, फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जल सत्याग्रह के तहत सड़े गले बदबूदार पानी में सो कर अपना विरोध दर्ज किया। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन का असर पूरे जिला प्रशासन से लेकर झारखंड सरकार तक महसूस हुआ। नगर निगम के अधिकारियों ने भी इस पर तुरंत ध्यान दिया। विरोध प्रदर्शन का परिणाम यह हुआ कि उसी वक्त उपायुक्त ने इस समस्या का प्राकलण तैयार कर मुख्यालय भेजा। नाला की सफाई और सड़क निर्माण के लिए करोड़ों रुपये के टेंडर पास हुए और काम जल्द ही शुरू कर दिया गया। इस कार्य के शुरू होने पर सड़क से गुजरने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं ने संजर मलिक की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सही मायनों में आज के दिन अगर कोई नेता है तो वह संजर मलिक जैसा होना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन अपनी बहनों की रक्षा के लिए संजर मलिक ने घर से यह कसम खा कर निकले थे कि जब तक इस जल जमाव की समस्या से निजात नहीं दिला देता, चैन से नहीं बैठूंगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए वह जो भी लोकतांत्रिक तरीके अपनाने पड़े, उन्होंने अपनाए और सफलता हासिल की। संजर मलिक ने झारखंड आंदोलनकारी की भूमिका निभाते हुए वह कार्य कर दिखाया, जो पिछले दस वर्षों से न तो कोई सांसद, न मंत्री, न विधायक, न मेयर, न उप मेयर, न ही पार्षद या कोई अन्य जन प्रतिनिधि कर सका था। संजर मलिक ने इस समस्या का समाधान केवल कुछ दिनों में कर दिखाया। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें ढेरों दुआएं, बधाइयां और शुभकामनाएं दी जा रही हैं। आज, संजर मलिक ने स्वयं स्थल पर जाकर जनता को सूचित किया कि उनके द्वारा किया गया वादा अब पूरा हो रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घर के सामने हो रहे निर्माण कार्य की निगरानी करें ताकि किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई ठेकेदार काम में फांकी मारने की कोशिश करता है, तो उसका विरोध किया जाए। संजर मलिक ने जनता के सामने यह बात रखी कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से समाज के हित में यह कदम उठाया है और अब उनकी मेहनत का परिणाम सबके सामने है। उनका यह प्रयास समाज के लिए एक मिसाल बन गया है कि कैसे एक व्यक्ति की दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से किया गया संघर्ष पूरे समुदाय के जीवन को बेहतर बना सकता है। इस पूरे घटनाक्रम से यह साबित होता है कि जब जनता और प्रशासन एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी समस्या असंभव नहीं रह जाती। संजर मलिक के इस साहसिक कदम ने न केवल जल जमाव की समस्या को हल किया, बल्कि अन्य समाजसेवियों और नागरिकों के लिए एक प्रेरणा भी प्रस्तुत की है कि वे भी अपने क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
हजारीबाग में जल सत्याग्रह का असर: फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक की पहल से सड़क और नाला निर्माण कार्य का शुभारंभ पगमिल के आला हजरत मस्जिद के पास जल जमाव की समस्या से निपटने के लिए संजर मलिक के अनोखे विरोध प्रदर्शन ने जिला प्रशासन और झारखंड सरकार को मजबूर किया। करोड़ों रुपये के टेंडर पास होकर सड़क और नाला निर्माण कार्य आज से शुरू हुआ। झारखंड : हजारीबाग के इंद्रपुरी से छड़वा जाने वाले रास्ते पर पगमिल के आला हजरत मस्जिद के पास जल जमाव की समस्या ने वर्षों से लोगों को परेशान कर रखा था। इस समस्या को समाप्त करने के उद्देश्य से समाज सेवी और शांति समिति के सदस्य, फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जल सत्याग्रह के तहत सड़े गले बदबूदार पानी में सो कर अपना विरोध दर्ज किया। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन का असर पूरे जिला प्रशासन से लेकर झारखंड सरकार तक महसूस हुआ। नगर निगम के अधिकारियों ने भी इस पर तुरंत ध्यान दिया। विरोध प्रदर्शन का परिणाम यह हुआ कि उसी वक्त उपायुक्त ने इस समस्या का प्राकलण तैयार कर मुख्यालय भेजा। नाला की सफाई और सड़क निर्माण के लिए करोड़ों रुपये के टेंडर पास हुए और काम जल्द ही शुरू कर दिया गया। इस कार्य के शुरू होने पर सड़क से गुजरने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं ने संजर मलिक की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सही मायनों में आज के दिन अगर कोई नेता है तो वह संजर मलिक जैसा होना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन अपनी बहनों की रक्षा के लिए संजर मलिक ने घर से यह कसम खा कर निकले थे कि जब तक इस जल जमाव की समस्या से निजात नहीं दिला देता, चैन से नहीं बैठूंगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए वह जो भी लोकतांत्रिक तरीके अपनाने पड़े, उन्होंने अपनाए और सफलता हासिल की। संजर मलिक ने झारखंड आंदोलनकारी की भूमिका निभाते हुए वह कार्य कर दिखाया, जो पिछले दस वर्षों से न तो कोई सांसद, न मंत्री, न विधायक, न मेयर, न उप मेयर, न ही पार्षद या कोई अन्य जन प्रतिनिधि कर सका था। संजर मलिक ने इस समस्या का समाधान केवल कुछ दिनों में कर दिखाया। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें ढेरों दुआएं, बधाइयां और शुभकामनाएं दी जा रही हैं। आज, संजर मलिक ने स्वयं स्थल पर जाकर जनता को सूचित किया कि उनके द्वारा किया गया वादा अब पूरा हो रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घर के सामने हो रहे निर्माण कार्य की निगरानी करें ताकि किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई ठेकेदार काम में फांकी मारने की कोशिश करता है, तो उसका विरोध किया जाए। संजर मलिक ने जनता के सामने यह बात रखी कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से समाज के हित में यह कदम उठाया है और अब उनकी मेहनत का परिणाम सबके सामने है। उनका यह प्रयास समाज के लिए एक मिसाल बन गया है कि कैसे एक व्यक्ति की दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से किया गया संघर्ष पूरे समुदाय के जीवन को बेहतर बना सकता है। इस पूरे घटनाक्रम से यह साबित होता है कि जब जनता और प्रशासन एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी समस्या असंभव नहीं रह जाती। संजर मलिक के इस साहसिक कदम ने न केवल जल जमाव की समस्या को हल किया, बल्कि अन्य समाजसेवियों और नागरिकों के लिए एक प्रेरणा भी प्रस्तुत की है कि वे भी अपने क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
- मैं हूँ तरसा हुआ… 🫂1
- Post by Jamadar Prasad1
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- Beer 🍺 party1
- Post by Vimal ganjhu1
- ||vande Bharat in hazaribagh 😱😱||1
- Some Glimpses Of Demotand Park Hazaribagh 😍1