*रेल कोच कारखाने में लापरवाही के चलते डीसीएम के ड्राइवर की हुई दर्दनाक मौत* लालगंजरायबरेली। आधुनिक रेल कोच कारखाने में सेफ्टी की कमी के चलते डीसीएम ड्राइवर दीपू यादव 25 पुत्र रामधनी यादव निवासी दुर्जन का पुरवा मजरे सुल्तानपुर खेड़ा थाना गुरबक्श गंज की दर्दनाक मौत हो गई है। दीपू यादव रेल कोच कारखाने में कॉन्टैक्टर के तौर पर काम करने वाली शक्ति ट्रैवल्स में ड्राइवर के पद पर काम करता था। गुरुवार को सायं स्टोर यार्ड में एक ट्रक से 8- 8 टन के फ्रेम उतर रहे थे। तभी फ्रेम उतरने वाले क्रेन की चैन टूटी और नीचे खड़ा दीपू यादव फ्रेम के नीचे दब कर गंभीर रूप से घायल होगया। साथी श्रमिकों ने आनन-फानन उसे रेल कोच के अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक दीपू यादव की मौत से पिता समेत मां राम श्री और छोटे भाई अभिषेक का रो रो कर बुरा हाल है। दीपू 5 वर्षों से शक्ति ट्रैवल्स में नौकरी करता था और घर की रोजी-रोटी चलता था ।
*रेल कोच कारखाने में लापरवाही के चलते डीसीएम के ड्राइवर की हुई दर्दनाक मौत* लालगंजरायबरेली। आधुनिक रेल कोच कारखाने में सेफ्टी की कमी के चलते डीसीएम ड्राइवर दीपू यादव 25 पुत्र रामधनी यादव निवासी दुर्जन का पुरवा मजरे सुल्तानपुर खेड़ा थाना गुरबक्श गंज की दर्दनाक मौत हो गई है। दीपू यादव रेल कोच कारखाने में कॉन्टैक्टर के तौर पर काम करने वाली शक्ति ट्रैवल्स में ड्राइवर के पद पर काम करता था। गुरुवार को सायं स्टोर यार्ड में एक ट्रक से 8- 8 टन के फ्रेम उतर रहे थे। तभी फ्रेम उतरने वाले क्रेन की चैन टूटी और नीचे खड़ा दीपू यादव फ्रेम के नीचे दब कर गंभीर रूप से घायल होगया। साथी श्रमिकों ने आनन-फानन उसे रेल कोच के अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक दीपू यादव की मौत से पिता समेत मां राम श्री और छोटे भाई अभिषेक का रो रो कर बुरा हाल है। दीपू 5 वर्षों से शक्ति ट्रैवल्स में नौकरी करता था और घर की रोजी-रोटी चलता था ।
- Vandana TiwariRae Bareli, Uttar Pradesh💣1 hr ago
- यह MGNREGA का केवल नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी रोज़गार योजना की योजनाबद्ध हत्या है। - मल्लिकार्जुन खड़गे जी1
- Post by Vinod Shrivastava1
- Post by Bablu singh Raftaar media4
- सरकारी तालाब पर कब्जे का खेल: लेखपाल की निष्क्रियता से फल-फूल रहे भूमाफिया, प्रशासनिक संरक्षण के गंभीर आरोप सिराथू तहसील क्षेत्र के ग्राम करेटी में सरकारी तालाब की भूमि पर चल रहा अवैध कब्जे का खेल अब प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। गाटा संख्या 265, जो राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से सरकारी जलमग्न (तालाब) भूमि दर्ज है, उस पर दबंग भूमाफियाओं द्वारा खुलेआम कब्जा किया जा रहा है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जिम्मेदार लेखपाल की भूमिका अब तक पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि सतीश पुत्र रामभवन द्वारा तालाब की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। इस संबंध में लेखपाल और कानूनगो को बार-बार अवगत कराया गया, बावजूद इसके न तो मौके पर कोई सख्त कार्रवाई हुई और न ही कब्जा रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए। इससे ग्रामीणों के बीच यह चर्चा आम हो चली है कि क्या राजस्व अमले की चुप्पी भूमाफियाओं को परोक्ष संरक्षण दे रही है? स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला केवल जमीन कब्जाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति की लूट, पर्यावरण के विनाश और ग्रामीण भविष्य के साथ खिलवाड़ है। तालाब को पाटे जाने से गांव की जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई है और आने वाले समय में गंभीर जल संकट की आशंका गहरा गई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लेखपाल की भूमिका की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा भूमाफियाओं के साथ-साथ लापरवाह अथवा संदिग्ध भूमिका निभाने वाले अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का साफ कहना है कि यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला प्रशासनिक संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण बन जाएगा। अब सवाल प्रशासन के सामने सीधा और तीखा है— सरकारी तालाब बचेगा या लेखपाल की खामोशी में भूमाफियाओं का कब्जा स्थायी रूप ले लेगा?1
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- Post by Jagram1
- Post by Vinod Shrivastava1
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