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मनोहर अग्रवाल की रिपोर्ट कुर्सियों से लदा पिकअप वाहन बीच से टूटकर दो खंड हुआ बैतूल के दामजीपूरा रोड पर आज सुबह एक महेंद्रा पिकअप वाहन जो कि कुर्सियों से भरा हुआ था अधिक वजन होने के कारण वाहन का चेचिस बीच से टूट गया जिसमे कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन बड़ी दुर्घटना हो सकती थी अगर समय पर ब्रेक लगाकर चालक ने कंट्रोल नहीं किया होता तो अनहोनी होने से नहीं रुकती ऐसे वाहनों।पर यातायात पुलिस ने ध्यान देना चाहिए

1 hr ago
user_Manohar agrval Agrawal
Manohar agrval Agrawal
Betul•
1 hr ago
5776ad42-7046-4884-83da-915d4a689a07

मनोहर अग्रवाल की रिपोर्ट कुर्सियों से लदा पिकअप वाहन बीच से टूटकर दो खंड हुआ बैतूल के दामजीपूरा रोड पर आज सुबह एक महेंद्रा पिकअप वाहन जो कि कुर्सियों से भरा हुआ था अधिक वजन होने के कारण वाहन का चेचिस बीच से टूट गया जिसमे कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन बड़ी दुर्घटना हो सकती थी अगर समय पर ब्रेक लगाकर चालक ने कंट्रोल नहीं किया होता तो अनहोनी होने से नहीं रुकती ऐसे वाहनों।पर यातायात पुलिस ने ध्यान देना चाहिए

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  • जिले के खिवनी अभ्यारण में पहली बार दिखा सोन कुत्ता, दूसरे चरण के बाघ आकलन के पहले दिन बाघ भी आया नजर देवास, देवास व सीहोर जिले में फैले खिवनी अभ्यारण में पहली बार वन अमले को सोनकुत्ता (एशियन वाइल्ड डॉग) नजर आया है इसके साथ ही एक अन्य स्थान पर कर्मचारियों को बाघ भी दिखा जिसे अधिक दूरी से मोबाइल फोन के कमरे में कैद किया गया है सोनकुत्ता की उपस्थिति को लेकर अभ्यारण प्रबंधन भी उत्साहित है क्योंकि यह विलुप्त हो रही प्रजाति में शामिल है यह दोनों वन्य जीव गुरुवार को उस समय नजर आए जब अभ्यारण की टीम अखिल भारतीय बाघ गणना के दूसरे चरण के पहले दिन गुरुवार को जंगल भमण कर रही थी अभ्यारण प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले तक जहां पर गांव की बसाहट थी वहां बाद में झाड़ियां की सफाई आदि करके घास लगाई गई थी वर्तमान में यहां घास का मैदान है गुरुवार को जब टीम इस क्षेत्र में पहुंची तो दो सोनकुत्ते अलग-अलग नजर आए जिनके जोड़ा होने की संभावना है वहीं अभ्यारण के एक नाले में बाघ भी पानी पीते वह विचरण करते हुए वन अमले को नजर आया है इसे कैमरे में कैद किया गया है खिवनी अभ्यारण कन्नौद के रेंजर भीम सिंह सिसोदिया ने शुक्रवार सुबह 11:00 बजे बताया कि अभ्यारण के फोटोग्राफिक रिकॉर्ड में पहले कभी सोनकुत्ता का उल्लेख नहीं है संभव है की यह घने जंगलों में रहे होंगे किसी को नजर नहीं आए या फिर नौरादेही या सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ओर से आए हो अभ्यारण की 18 बीट में लगाई है 18 टीमेः खिवनी अभ्यारण में कुल 18 बीट है बाघ गणना के दूसरे चरण के लिए प्रत्येक बीट में एक-एक टीम को लगाया गया है दूसरा चरण एक सप्ताह तक चलना प्रस्तावित है, पहले दिन सोन कुत्ता बाघ के अलावा कई अन्य प्रजातियों के वन्य जीव भी नजर आए हैं लुप्त प्रजाति का कुशल शिकारी कुत्ता झुंड में रहना पसंद, वन अधिकारियों के अनुसार सोन कुत्ता कुशल शिकारी होता है सामान्यतःवह अकेले नहीं रहता पांच से लेकर कई बार 30 से अधिक तक का झुंड रहता है इसे सोन कुत्ता ढोल भारतीय जंगली कुत्ते के साथ ही विसलिंग डाग भी कहा जाता है यह कई बार सिटी जैसी आवाज निकालता है कुछ क्षेत्रों में इसे ढोल भी कहा जाता है इसके प्रति जागरूकता व संरक्षण के लिए हर साल 28 मई को सोन कुत्ता दिवस भी मनाया जाता है,
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    जिले के खिवनी अभ्यारण में पहली बार दिखा सोन कुत्ता, दूसरे चरण के बाघ आकलन के पहले दिन बाघ भी आया नजर
देवास, देवास व सीहोर जिले में फैले खिवनी अभ्यारण  में पहली बार वन अमले को सोनकुत्ता (एशियन वाइल्ड डॉग) नजर आया है इसके साथ ही एक अन्य स्थान पर कर्मचारियों को बाघ भी दिखा जिसे अधिक दूरी से मोबाइल फोन के कमरे में कैद किया गया है सोनकुत्ता की उपस्थिति को लेकर अभ्यारण प्रबंधन भी उत्साहित है क्योंकि यह विलुप्त हो रही प्रजाति में शामिल है यह दोनों वन्य जीव गुरुवार को उस समय नजर आए जब अभ्यारण की टीम अखिल भारतीय बाघ गणना के दूसरे चरण के पहले दिन गुरुवार को जंगल भमण कर रही थी अभ्यारण प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले तक जहां पर गांव की बसाहट थी वहां बाद में झाड़ियां की सफाई आदि करके घास लगाई गई थी वर्तमान में यहां घास का मैदान है गुरुवार को जब टीम इस क्षेत्र में पहुंची तो दो सोनकुत्ते अलग-अलग नजर आए जिनके जोड़ा होने की संभावना है वहीं अभ्यारण के एक नाले में बाघ भी पानी पीते वह विचरण करते हुए वन अमले को नजर आया है इसे कैमरे में कैद किया गया है
खिवनी अभ्यारण कन्नौद के रेंजर भीम सिंह सिसोदिया ने शुक्रवार सुबह 11:00 बजे बताया कि अभ्यारण के फोटोग्राफिक रिकॉर्ड में पहले कभी सोनकुत्ता का उल्लेख नहीं है संभव है की यह घने जंगलों में रहे होंगे किसी को नजर नहीं आए या फिर नौरादेही या सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ओर से आए हो
अभ्यारण की 18 बीट में लगाई है 18 टीमेः
खिवनी अभ्यारण में कुल 18 बीट है बाघ गणना के दूसरे चरण के लिए प्रत्येक बीट में एक-एक टीम को लगाया गया है
दूसरा चरण एक सप्ताह तक चलना प्रस्तावित है, पहले दिन सोन कुत्ता बाघ के अलावा कई अन्य प्रजातियों के वन्य जीव भी नजर आए हैं
लुप्त प्रजाति का कुशल शिकारी कुत्ता झुंड में रहना पसंद,
वन अधिकारियों के अनुसार सोन कुत्ता कुशल शिकारी होता है सामान्यतःवह अकेले नहीं रहता पांच से लेकर कई बार 30 से अधिक तक का झुंड रहता है इसे सोन कुत्ता ढोल भारतीय जंगली कुत्ते के साथ ही विसलिंग  डाग भी कहा जाता है यह कई बार सिटी जैसी आवाज निकालता है कुछ क्षेत्रों में इसे ढोल भी कहा जाता है इसके प्रति जागरूकता व संरक्षण के लिए हर साल 28 मई को सोन कुत्ता दिवस भी मनाया जाता है,
    user_Rajendra shreevas
    Rajendra shreevas
    Journalist Dewas•
    17 min ago
  • जामगढ़ जिला रायसेन को मध्य प्रदेश सरकार ध्यान से देखें,, पुरानी प्राचीन चीज टूट रहे आप दूसरी जगह पैसा लगा रहे,, ध्यान दें इधर मुख्यमंत्री जी मंत्री जी
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    जामगढ़ जिला रायसेन  को मध्य प्रदेश सरकार ध्यान से देखें,, पुरानी प्राचीन चीज टूट रहे आप दूसरी जगह पैसा लगा रहे,, ध्यान दें इधर मुख्यमंत्री जी मंत्री जी
    user_विनायक न्यूज़ मध्य प्रदेश
    विनायक न्यूज़ मध्य प्रदेश
    Journalist Narsinghpur•
    17 hrs ago
  • भोपाल मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी सबसे ज्यादा ठंड मालवा निमाड़ इंदौर उज्जैन संभाग में भोपाल में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री
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    भोपाल मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी सबसे ज्यादा ठंड मालवा निमाड़ इंदौर उज्जैन संभाग में भोपाल में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री
    user_अटल प्रदेश न्यूज़
    अटल प्रदेश न्यूज़
    Bhopal•
    7 hrs ago
  • सी-टाइम्स का असर *सुकतरा एयरस्ट्रिप पर प्रशासन की सख्ती, मेस्को एयरोस्पेस की हवाई पट्टी सील* सरवन वर्मा (रिपोर्टर) कुरई - ग्राम सुकतरा में स्थित मेस्को एयरोस्पेस द्वारा संचालित हवाई पट्टी को लेकर सी-टाइम्स द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित की गई खबरों का सीधा असर सामने आया है। मध्य प्रदेश शासन भोपाल एवं कलेक्टर सिवनी के निर्देश पर गुरुवार को प्रशासन ने एयरस्ट्रिप को सील कर दिया। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कुरई, थाना प्रभारी कुरई, तहसीलदार कुरई, राजस्व निरीक्षक सुकतरा एवं पटवारियों की उपस्थिति में की गई कार्रवाई के दौरान हवाई पट्टी से जुड़ी समस्त संपत्ति को सील करते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को प्रभार सौंपा गया। हाल ही में रेडवर्ड कंपनी का प्रशिक्षण विमान उड़ान के दौरान 33 केवी हाईटेंशन लाइन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे बड़े हादसे की आशंका गहरा गई थी। इससे पहले भी दो बार प्रशिक्षण विमान उड़ान से पहले क्रैश होते-होते बचा था। इन घटनाओं के बावजूद हवाई पट्टी का संचालन जारी रहना कई सवाल खड़े कर रहा था। प्रशासनिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी द्वारा निर्धारित विमानन नियमों एवं सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा था। लगातार सामने आ रही लापरवाहियों को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से संचालन पर रोक लगा दी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सभी नियमों की पूर्ति एवं सुरक्षा मानकों की जांच पूरी होने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।
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    सी-टाइम्स का असर
*सुकतरा एयरस्ट्रिप पर प्रशासन की सख्ती, मेस्को एयरोस्पेस की हवाई पट्टी सील*
सरवन वर्मा (रिपोर्टर)
कुरई - ग्राम सुकतरा में स्थित मेस्को एयरोस्पेस द्वारा संचालित हवाई पट्टी को लेकर सी-टाइम्स द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित की गई खबरों का सीधा असर सामने आया है। मध्य प्रदेश शासन भोपाल एवं कलेक्टर सिवनी के निर्देश पर गुरुवार को प्रशासन ने एयरस्ट्रिप को सील कर दिया।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कुरई, थाना प्रभारी कुरई, तहसीलदार कुरई, राजस्व निरीक्षक सुकतरा एवं पटवारियों की उपस्थिति में की गई कार्रवाई के दौरान हवाई पट्टी से जुड़ी समस्त संपत्ति को सील करते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को प्रभार सौंपा गया।
हाल ही में रेडवर्ड कंपनी का प्रशिक्षण विमान उड़ान के दौरान 33 केवी हाईटेंशन लाइन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे बड़े हादसे की आशंका गहरा गई थी। इससे पहले भी दो बार प्रशिक्षण विमान उड़ान से पहले क्रैश होते-होते बचा था। इन घटनाओं के बावजूद हवाई पट्टी का संचालन जारी रहना कई सवाल खड़े कर रहा था।
प्रशासनिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी द्वारा निर्धारित विमानन नियमों एवं सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा था। लगातार सामने आ रही लापरवाहियों को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से संचालन पर रोक लगा दी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सभी नियमों की पूर्ति एवं सुरक्षा मानकों की जांच पूरी होने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।
    user_सरवन वर्मा पत्रकार
    सरवन वर्मा पत्रकार
    Journalist Seoni•
    19 hrs ago
  • Post by SWADESH KI AWAZ NEWS
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    Post by SWADESH KI AWAZ NEWS
    user_SWADESH KI AWAZ NEWS
    SWADESH KI AWAZ NEWS
    News Publisher Bhopal•
    19 hrs ago
  • जिले में जल सरंक्षरण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को किया पुरस्कृत आप देखिए पूरी खबर सी न्यूज़ भारत पर साजिद पठान की रिपोर्ट
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    जिले में जल सरंक्षरण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को किया पुरस्कृत
आप देखिए पूरी खबर सी न्यूज़ भारत पर साजिद पठान की रिपोर्ट
    user_Sajid Pathan
    Sajid Pathan
    Dewas•
    23 hrs ago
  • कन्नौद मे है मुक्ति धाम जहा मिलती है आध्यात्मिक शांति और जीवन से मुक्ति कन्नौद,मध्यप्रदेश के देवास जिले का कन्नौद नगर मैं चार इंसान के अंतिम विश्राम के स्थान है जहां नगर के नगरवासी अपने प्रियजनों के अंतिम विदाई देने आते हैं। इन चारों जीवन मुक्ति के स्थान में एक है भूतेश्वर मुक्ति धाम जहां इस आधुनिक युग में वह सब समुचित व्यवस्था मिलती है जो अंतिम विदाई के समय लगती है। अपने प्रियजन को कांधे पर रखकर लाने के लिए सीढ़ी , कपाल क्रिया से लेकर दाह संस्कार के लिए नाम मात्र के शुल्क पर लकड़ी उपलब्ध होती है। कोई पांच एकड़ भूमि में फैले यह धाम में गुलाव वाटिका,पितृ पर्वत,पक्की सिमेंट की सडक ,चारों तरफ हरियाली,शब रखने और श्रृद्धांजलि देने का बड़ा हाल , दो शिवालय , अस्थियां रखने का लाकर, चौबीस घंटे चौकीदार, गर्म और ठंडे पानी की मशीन,तीन जलस्त्रोत आमजन को गर्मी के समय गला तर करने की बड़ी पानी की टंकी,के साथ बहुत कुछ सुविधाएं आज यहा पर आप देख सकते हैं। सन 1976 तक उजाड़ पड़ा यह स्थान नगर की प्रगति का उपहास का केंद्र रहा पर उसके बाद नगर से ही तीन लोगों ने इसको संवारने के लिए मुक्ति धाम में अमावस की काली रात में सत्यकथा रखी और इस स्थान को संवारने का काम शुरू किया अनेक बाधा को पार करते हुए इस भूमि को चारों तरफ से तार फेंसिंग किया यह स्थान नगर से वाहर होने से इमारती लकड़ी चोरी से ले जाने का रास्ता रहा कारण इस भूमि के तीन ओर शासकीय सड़क मार्ग है। मुख्य गेट के सामने इन्दौर बेतूल मार्ग,एक तरफ पुराने स्टेट के समय हरदा से इन्दौर जाने का झुनझुना मार्ग तक जाने का मार्ग और पीछे ना झुनझुना मार्ग जो सीधे पानीगांव होते हुए कमलापुर जाता था इस मार्ग का उपयोग चोरी से माल परिवहन होता था इस कारण मुक्ति धाम उन लोगों की शरणार्थी रहा है उनको रोकना भी अनेक बार सीधे मौत से साक्षात्कार था किन्तु किसी नेक काम का हौसला हो तो मौत से भी लड़कर जीत हो सकती है और हुआ भी यही । इस भूमि को अपराधियों से मुक्त कराने में तत्कालीन पुलिस अधिकारीयो का सहयोग आज की शान बनी है।‌इस भूमि पर आज हरे भरे छायादार और फलदार वृक्ष लगे हुए हैं। इस भूमि के संरक्षण में तीन से दो हुए फिर भी अविरल यह कारवां चलता रहा और सन दो हज़ार में नगर के कुछ लोग इस पुनीत सेवा में आगे बढ़े जिसमें प्रमुख रूप से श्री जोरावरसिह फौजी जो तभी से आज तक समिति के अध्यक्ष हैं श्री रमेशचन्द्र डाबी,श्री नरसिंह धूत,श्री राधेश्याम खत्री वार्ड पार्षद,श्री शंकरलाल दलवी लेखा-जोखा अधिकारी,श्री रमेश डाबी मुख्य पर्यावरण,श्री रमेश राठौर , श्री मधुर अग्रवाल, बृजेश धूत ,श्री संतोष पंडा ,पंडित प्रमोद मेहता आज इस अभियान के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस भूमि के देखरेख नगर पंचायत अधिकारी श्री अनिल जोशी का सदैव विशेष सहयोग बना हुआ है। इस तरह से एक समिति के सदस्य तन-मन-धन से कार्यरत हैं। इस समिति के कुछ सदस्य पूर्व में अपने जीवन काल तक जुड़े रहे उसमें श्रीरामचंद्र जी अग्रवाल,श्री ब्यकंटेश सिंगी का सहयोग आज उनकी स्मृति करा रहा है। इसी के साथ असंख्य उन दानवीर भामाशाह पुरुष जिन्होंने इस समिति पर भरोसा कर अपनी ओर से अनेक सुविधाएं संस्था के नाम की है। भूतेश्वर मुक्ति धाम की अलौकिक यात्रा की एक झलक इस समाचार के साथ सभी के समक्ष साझा की जा रही है।
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    कन्नौद मे है मुक्ति धाम जहा मिलती है आध्यात्मिक शांति और जीवन से मुक्ति 
कन्नौद,मध्यप्रदेश के देवास जिले  का कन्नौद नगर मैं चार इंसान के अंतिम विश्राम के स्थान है जहां नगर के नगरवासी अपने प्रियजनों के अंतिम विदाई देने आते हैं।
इन चारों जीवन मुक्ति के स्थान में एक है भूतेश्वर मुक्ति धाम जहां इस आधुनिक युग में वह सब समुचित व्यवस्था मिलती है जो अंतिम विदाई के समय लगती है। अपने प्रियजन को कांधे पर रखकर लाने के लिए सीढ़ी , कपाल क्रिया से लेकर दाह संस्कार के लिए नाम मात्र के शुल्क पर लकड़ी उपलब्ध होती है। कोई पांच एकड़ भूमि में फैले यह धाम में गुलाव वाटिका,पितृ पर्वत,पक्की सिमेंट की सडक ,चारों तरफ हरियाली,शब रखने और श्रृद्धांजलि देने का बड़ा हाल , दो शिवालय , अस्थियां रखने का लाकर, चौबीस घंटे चौकीदार, गर्म और ठंडे पानी की मशीन,तीन जलस्त्रोत आमजन को गर्मी के समय गला तर करने की बड़ी पानी की टंकी,के साथ बहुत कुछ सुविधाएं आज यहा पर आप देख सकते हैं। सन 1976 तक उजाड़ पड़ा यह स्थान नगर  की प्रगति का उपहास का केंद्र रहा पर उसके बाद नगर से ही तीन लोगों ने इसको संवारने के लिए मुक्ति धाम में अमावस की काली रात में सत्यकथा रखी और इस स्थान को संवारने का काम शुरू किया अनेक बाधा को पार करते हुए इस भूमि को चारों तरफ से तार फेंसिंग किया यह स्थान नगर से वाहर होने से इमारती लकड़ी चोरी से ले जाने का रास्ता रहा कारण इस भूमि के तीन ओर शासकीय सड़क मार्ग है। मुख्य गेट के सामने इन्दौर बेतूल मार्ग,एक तरफ पुराने स्टेट के समय हरदा से इन्दौर जाने का झुनझुना मार्ग तक जाने का मार्ग और पीछे ना झुनझुना मार्ग जो सीधे पानीगांव होते हुए कमलापुर जाता  था इस मार्ग का उपयोग चोरी से माल परिवहन होता था इस कारण मुक्ति धाम उन लोगों की शरणार्थी रहा है उनको रोकना भी अनेक बार सीधे मौत से साक्षात्कार था किन्तु किसी नेक काम का हौसला हो तो मौत से भी लड़कर जीत हो सकती है और हुआ भी यही । इस भूमि को अपराधियों से मुक्त कराने में तत्कालीन पुलिस अधिकारीयो का सहयोग आज की शान बनी है।‌इस भूमि पर आज हरे भरे छायादार और फलदार वृक्ष लगे हुए हैं।  इस भूमि के संरक्षण में तीन से दो हुए फिर भी अविरल यह कारवां चलता रहा और सन दो हज़ार में नगर के कुछ लोग इस पुनीत सेवा में आगे बढ़े जिसमें प्रमुख रूप से श्री जोरावरसिह फौजी जो तभी से आज तक समिति के अध्यक्ष हैं श्री रमेशचन्द्र डाबी,श्री नरसिंह धूत,श्री राधेश्याम खत्री वार्ड पार्षद,श्री शंकरलाल दलवी लेखा-जोखा अधिकारी,श्री रमेश डाबी मुख्य पर्यावरण,श्री रमेश राठौर , श्री मधुर अग्रवाल, बृजेश धूत ,श्री संतोष पंडा ,पंडित प्रमोद मेहता आज इस अभियान के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस भूमि के देखरेख नगर पंचायत अधिकारी श्री अनिल जोशी का सदैव विशेष सहयोग बना हुआ है। इस तरह से एक समिति के सदस्य तन-मन-धन से कार्यरत हैं। इस समिति के कुछ सदस्य पूर्व में अपने जीवन काल तक जुड़े रहे उसमें श्रीरामचंद्र जी अग्रवाल,श्री ब्यकंटेश सिंगी का सहयोग आज उनकी स्मृति करा रहा है। इसी के साथ असंख्य उन दानवीर भामाशाह पुरुष जिन्होंने इस समिति पर भरोसा कर अपनी ओर से अनेक सुविधाएं संस्था के नाम की है। भूतेश्वर मुक्ति धाम की अलौकिक यात्रा की एक झलक इस समाचार के साथ सभी के समक्ष साझा की जा रही है।
    user_Rajendra shreevas
    Rajendra shreevas
    Journalist Dewas•
    11 hrs ago
  • Post by Kedar purbiya
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    Post by Kedar purbiya
    user_Kedar purbiya
    Kedar purbiya
    Samaj Sevak Shajapur•
    18 hrs ago
  • “हम मर जाएंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे” — दमोह के आदिवासियों की आख़िरी आवाज़
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    “हम मर जाएंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे” — दमोह के आदिवासियों की आख़िरी आवाज़
    user_पुष्पेंद्र लोधी
    पुष्पेंद्र लोधी
    Journalist Damoh•
    7 hrs ago
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