Shuru
Apke Nagar Ki App…
Bangladesh mein Hindu ke sath bahut bura hua Hai
भारत कि सान
Bangladesh mein Hindu ke sath bahut bura hua Hai
More news from Chittorgarh and nearby areas
- Bangladesh mein Hindu ke sath bahut bura hua Hai2
- स्वदेशी मेला और संभागीय स्तरीय आरोग्य मेले में स्टॉल नंबर 9 पर आयुष हॉस्पिटल आकाशवाणी चौराहा गांधी नगर चितौड़गढ़ की ओर से निशुल्क सेवाएं प्रदान की जा रही है4
- श्री लक्ष्मी नाथ भगवान जी आपकी जय हो गांव पुठोंली चंदेरिया चित्तौरगढ़ राजस्थान में निवास करने वाले दुखियों का दुख दूर करने वाले सुख संपत्ति बरसाने वाले आपकी जय हो हरि ॐ ॐ नमो भगवते वासुयदेवाय हरि ॐ ॐ नमो भगवते वासुयदेवाय हरि ॐ ॐ नमो भगवते वासुयदेवाय हरि ॐ1
- मंदिर में भक्त असुरक्षित! सरकार जवाब दे | Sanwaliya Seth Temple Controversy1
- चारभुजा नाथ दर्शन मुरली वाले सांवरिया सेठ दर्शन संवाददाता नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा4
- 26/12/2025 रावतभाटा बालाराम चौराहा पर 2 कारों में हुई आमने-सामने टक्कर। गनीमत यह रही कि किसी प्रकार की नहीं हुई जनहानि। लेकिन कुछ समय के लिए हुआ ट्राफिक जाम।1
- मगरमच्छों के बीच नदी में फंसा परिवार, डेढ़ घंटे तक नहीं पहुंची रेस्क्यू बोट -जवाहर सागर डैम का मामला, चंबल सफारी की सुरक्षा पर बड़ा सवाल कोटा। जवाहर सागर डैम क्षेत्र में संचालित चंबल सफारी की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। शनिवार सुबह चंबल नदी के बीचोंबीच एक पर्यटक बोट अचानक खराब हो गई। जिसमें सवार कोटा के बजरंग नगर निवासी आशीष जैन का परिवार करीब डेढ़ घंटे तक मगरमच्छों से घिरा दहशत की स्थिति में फंसा रहा। इस दौरान नदी में 12 से 15 फीट लंबे विशाल मगरमच्छ साफ नजर आए। जिससे परिवार के सदस्यों में दहशत फैल गई। जानकारी के अनुसार आशीष जैन का परिवार, जिसमें 10-11 सदस्य शामिल थे, सुबह करीब 10 बजे चंबल सफारी के लिए रवाना हुआ था। नदी के बीच पहुंचते ही बोट का इंजन खराब हो गया। बोट चालक ने तुरंत संचालक बनवारी यादव को सूचना दी, लेकिन इसके बावजूद कोई वैकल्पिक रेस्क्यू बोट एक से डेढ़ घंटे तक नहीं पहुंची। इस दौरान परिवार को चप्पुओं की मदद से किसी तरह बोट को किनारे की ओर खींचना पड़ा।परिवार ने वीडियो बनाकर घटना को रिकॉर्ड किया, जिसमें मगरमच्छ बोट के आसपास मंडराते दिखाई दे रहे हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर इस दौरान कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इतनी देरी में रेस्क्यू पहुंचने की स्थिति में उनके परिवार के सदस्यों के अवशेष भी शायद नहीं मिलते। महंगे टिकट, लेकिन सुरक्षा के नाम पर खोखले इंतजाम परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चंबल सफारी के नाम पर प्रति व्यक्ति करीब 2 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था नाम मात्र की है। इस क्षेत्र में टाइगर, पैंथर और भालू जैसे जंगली जानवरों की साइटिंग भी आम है। ऐसे में अगर कोई जानवर हमला कर दे तो जिम्मेदारी कौन लेगा? परिवार ने चंबल सफारी के रेस्क्यू सिस्टम, सेफ्टी इंतजामों और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वन विभाग की लापरवाही जैन ने कहा कि यह घटना चंबल सफारी की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है और पर्यटकों की जान को खतरे में डालने वाले लापरवाही के मुद्दे को उजागर करती है। वन विभाग से उम्मीद की जाती है कि जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। --- चंबल सफारी में चलने वाली सभी बोट्स का हर छह महीने में आरटीओ द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। बोट ऑपरेटर और संचालक से बात कर जांच कराई जाएगी कि रेस्क्यू में इतनी देरी क्यों हुई। -एस मुथु, डीएफओ, वन विभाग4
- रावतभाटा तेंदुआ बस्ती वार्ड 10 जोगणिया माता मंदिर तोड़ा 20253